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SYSCAN 0.3% EYE DROP डॉक्टर के द्वारा निर्धारित की जाने वाली दवा है, जो मेडिकल स्टोर से ड्रौप दवाओं के रूप में मिलती है। यह दवाई खासतौर से फंगल इन्फेक्शन, कैंडिडा संक्रमण, यूरिन इन्फेक्शन के उपचार के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसके अलावा, SYSCAN 0.3% EYE DROP के कुछ अन्य प्रयोग भी हैं, जिनके बारें में आगे बताया गया है।
SYSCAN 0.3% EYE DROP को कितनी मात्रा में लेना है, यह पूर्ण रूप से रोगी के वजन, लिंग, आयु और पिछले चिकित्सकीय इतिहास पर निर्भर करता है। इसकी सही मात्रा इस पर भी निर्भर करती है, कि मरीज की मुख्य समस्या क्या है और उसे किस तरीके से दवा दी जा रही है। नीचे दिए गए खुराक के खंड में इस बारे में पूरी जानकारी के साथ बताया गया है।
कुछ मामलों में SYSCAN 0.3% EYE DROP के कुछ अन्य साइड इफेक्ट भी देखे जा सकते हैं, जो नीचे दिए गए हैं। SYSCAN 0.3% EYE DROP के इस तरह के साइड इफेक्ट सामान्यतः लंबे समय तक नहीं रहते और एक बार इलाज पूरा होने जाने के बाद अपने आप खत्म हो जाते हैं। हालांकि अगर ये समस्याएं लंबे समय तक बनी रहती हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
इसके अलावा SYSCAN 0.3% EYE DROP को गर्भावस्था के दौरान लेने पर प्रभाव गंभीर होता है और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए इसका प्रभाव सुरक्षित है। आगे SYSCAN 0.3% EYE DROP से जुड़ी चेतावनियों के सेक्शन में बताया गया है कि SYSCAN 0.3% EYE DROP का लिवर, हार्ट, किडनी पर क्या असर होता है।
अगर आपको पहले से ही कुछ समस्याएं हैं तो इस दवा का उपयोग न करें, इससे दुष्परिणाम हो सकते हैं। लिवर रोग इन समस्याओं के कुछ उदाहरण हैं। इनके आलावा कुछ अन्य समस्याएं भी हैं जिनमें SYSCAN 0.3% EYE DROP लेने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। इसके बारे में जानकरी के लिए आगे पढ़ें।
SYSCAN 0.3% EYE DROP के साथ कुछ अन्य दवाएं लेने से शरीर में गंभीर प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं। नीचे ऐसी दवाओं की पूरी लिस्ट दी गई है।
इन सभी सावधानियों के अलावा याद रखें कि वाहन चलाते समय SYSCAN 0.3% EYE DROP को लेना असुरक्षित है, साथ ही इस की लत लगने की संभावना नहीं है।
SYSCAN 0.3% EYE DROP इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
अन्य लाभ
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली SYSCAN 0.3% EYE DROP की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर SYSCAN 0.3% EYE DROP की खुराक अलग हो सकती है।
दवाई की खुराक बीमारी और उम्र के हिसाब से जानें
आयु वर्ग | खुराक |
क्या SYSCAN 0.3% EYE DROP का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?
जो महिलाएं गर्भवती हैं, उनको Syscan लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करती हैं तो आपके शरीर पर इसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
क्या SYSCAN 0.3% EYE DROP का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?
स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए Syscan पूरी तरह सुरक्षित है।
SYSCAN 0.3% EYE DROP का प्रभाव गुर्दे पर क्या होता है?
Syscan से किडनी पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। यदि आपके शरीर पर भी दवा से कोई भी दुष्प्रभाव हो तो आप इसको लेना बंद कर दें और डॉक्टर से पूछ लेने के बाद ही इसका सेवन करें।
SYSCAN 0.3% EYE DROP का जिगर (लिवर) पर क्या असर होता है?
Syscan का लीवर पर हानिकारक प्रभाव बहुत ही कम होता है, जो आपको महसूस भी नहीं होता।
क्या ह्रदय पर SYSCAN 0.3% EYE DROP का प्रभाव पड़ता है?
हृदय के लिए Syscan के साइड इफेक्ट बहुत ही कम मिलते हैं।
अगर आपको इनमें से कोई भी रोग है तो, SYSCAN 0.3% EYE DROP को न लें क्योंकि इससे आपकी स्थिति और बिगड़ सकती है। अगर आपके डॉक्टर उचित समझें तो आप इन रोग से ग्रसित होने के बावजूद SYSCAN 0.3% EYE DROP ले सकते हैं -
क्या SYSCAN 0.3% EYE DROP आदत या लत बन सकती है?
SYSCAN 0.3% EYE DROP की लत नहीं लगती, लेकिन फिर भी आपको इसे लेने से पहले सर्तकता बरतनी बेहद जरूरी है और इस विषय पर डॉक्टरी सलाह अवश्य लें।
क्या SYSCAN 0.3% EYE DROP को लेते समय गाड़ी चलाना या कैसी भी बड़ी मशीन संचालित करना सुरक्षित है?
नहीं, आप ऐसा कोई भी काम न करें, जिसमें दिमाग के सक्रिय होने की आवश्यकता होती हो। SYSCAN 0.3% EYE DROP लेने के बाद किसी मशीन पर काम करने या वाहन चलाने से आपको दूरी बनानी होगी।
क्या SYSCAN 0.3% EYE DROP को लेना सुरखित है?
हां, परंतु इसको लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।
क्या मनोवैज्ञानिक विकार या मानसिक समस्याओं के इलाज में SYSCAN 0.3% EYE DROP इस्तेमाल की जा सकती है?
नहीं, मस्तिष्क विकार में SYSCAN 0.3% EYE DROP का उपयोग कारगर नहीं है।
क्या SYSCAN 0.3% EYE DROP को कुछ खाद्य पदार्थों के साथ लेने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है?
कई दवाओं को खाने के साथ ही लिया जाता है। SYSCAN 0.3% EYE DROP को भी आप भोजन के साथ ले सकते हैं।
जब SYSCAN 0.3% EYE DROP ले रहे हों, तब शराब पीने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है क्या?
SYSCAN 0.3% EYE DROP का शरीर पर क्या असर होता है इस बारे में कुछ कह पाना मुश्किल है। इस पर कोई रिसर्च नहीं हो पाई है।
Syscan एक प्रिस्क्रिप्शन दवा है इसलिए डॉक्टर से परामर्श किए बिना Syscan नहीं खानी चाहिए। बेवजह Syscan खाने से शरीर को नुकसान पहुंच सकता है।
Syscan के साथ इबूप्रोफेन नहीं लेनी चाहिए क्योंकि Syscan के साथ इबूप्रोफेन लेने की वजह से पेट से संबंधित समस्याएं जैसे कि अपच, पेट दर्द और पेट फूलने का खतरा बढ़ सकता है।
Syscan, फ्लुकोनाज़ोल ब्रांड है। ये एक प्रिस्किप्शन दवा है जोकि एंटी-फंगल दवाओं के समूह से संबंधित है। Syscan का इस्तेमाल वजाईना में यीस्ट इंफेक्शन (वजाइनल कैंडिडायसिस), मुंह और गले में फंगल इंफेक्शन (इसोफेगल कैंडिडायसिस), मुंह के छाले, पेनिस इंफेक्शन, फंगल निमोनिया, सिस्टेमिक कैंडिडायसिस (पूरे शरीर में फैलने वाला इंफेक्शन), मूत्र मार्ग में संक्रमण, फंगल पेरिटोनिटिस (पेट की परत में झिल्ली की लाइनिंग में सूजन), क्रिप्टोकोक्कल मेनिंगाइटिस (मस्तिष्क में फंगल संक्रमण), क्रिप्टोकोक्कोसिस (दुर्लभ फंगल संक्रमण), फंगल इंफेक्शन प्रोफिलेक्सिस, कोक्सीडिओडोमाइकोसिस (एचआईवी मरीजों को प्रभावित करने वाला फंगस), हिस्टोप्लासमोसिस (एचआईवी मरीजों को प्रभावित करने वाला फंगस), ब्लास्टोमाइसोसिस (फंगस का एक प्रकार), ओनिकोमीकोसिस (नाखूनों में होने वाला फंगल संक्रमण) के इलाज में किया जाता है।
Syscan एंटी-बैक्टीरियल दवा नहीं है। Syscan एक एंटी-फंगल दवा है और इसका इस्तेमाल सिर्फ कुछ विशिष्ट फंगल इंफेक्शन के इलाज में किया जाता है।
Syscan के कारण किडनी को नुकसान नहीं होता है। लेकिन अमेरिका की प्रसिद्ध दवा संस्थान-एफडीए की रिपोर्ट के अनुसार 65 साल की उम्र से अधिक लोगों की Syscan के कारण किडनी फेल हो सकती है इसलिए वृद्ध मरीजों को डॉक्टर के प्रिस्किप्शन पर ही Syscan लेनी चाहिए। हालांकि, Syscan के कारण किडनी फेल होने का स्पष्ट कारण अब तक पता नहीं चल पाया है।
इस जानकारी के लेखक है -
B.Pharma, फार्मेसी
5 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
US Food and Drug Administration (FDA) [Internet]. Maryland. USA; Package leaflet information for the user; Diflucan® (fluconazole)
KD Tripathi. [link]. Seventh Edition. New Delhi, India: Jaypee Brothers Medical Publishers; 2013: Page No 793-794