शुद्ध हिमालयन शिलाजीत - पाएं 50% की छूट X
आयुर्वेद का मूल उद्देश्य बीमारी के मूल कारणों की पहचान कर उनका इलाज करना है, ताकि समस्या को जड़ से खत्म किया जा सके. इसलिए, आयुर्वेद में त्वचा रोग का बेहतर इलाज बताया गया है.
myUpchar के डॉक्टरों ने स्किन डिजीज पर कई वर्षों की रिसर्च के बाद 100% आयुर्वेदिक myUpchar Ayurveda Nalpamaradi Ointment को बनाया है.
आयुर्वेद में स्किन डिजीज के लिए नलपमारादि तैलम का उल्लेख मुख्य रूप से किया गया है. myUpchar Ayurveda Nalpamaradi Ointment को बनाने के लिए इस आयुर्वेदिक तेल के अलावा, 10 अन्य जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया गया है. इन औषधियों को ऑर्गेनिक तरीके से उगाया जाता है और इनकी शुद्धता कायम रहे, इसलिए इन्हें खेतों से निकालने के लिए मशीन की जगह हाथों का इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही आयुर्वेद के पारपंरिक तरीके से इन औषधियों का अर्क निकाल कर आइंटमेंट को बनाया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया में समय और मेहनत दोनों लगती हैं. प्राचीन वैज्ञानिक पद्धति से बने इस आयुर्वेदिक ऑइंटमेंट का किसी भी मेडिकल रिसर्च में साइड इफेक्ट नजर नहीं आया है.
100% आयुर्वेदिक myUpchar Ayurveda Nalpamaradi Ointment सबसे अलग है. जहां अन्य ऑइंटमेंट को जड़ी-बूटियों का पाउडर इस्तेमाल कर तैयार किया जाता है, वहीं myUpchar Ayurveda Nalpamaradi Ointment को औषधियों से निकले अर्क से तैयार किया जाता है. आयुर्वेदिक होकर भी इसकी सुगंध मनमोहक है और यह बिल्कुल भी चिपचिपी नहीं है. इसे लगाना आसान है और तुरंत आराम मिलता है. इस ऑइंटमेंट को लगाने से मुंहासे, डी-पिगमेंटेशन व डार्क सर्कल आदि को ठीक किया जा सकता है.
सामग्रियां : दारु हरिद्रा, हरिद्रा, करंज, आरग्वध, लहसुन, नलपमारादि तैलम, हल्दी, टी ट्री, नीम, शिया बटर, यशद भस्म
आयुर्वेद में कहा गया है कि इस हर्ब का इस्तेमाल करके त्वचा की सूजन को कम किया जा सकता है. साथ ही खून को साफ करने और शरीर में होने वाले दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है. यह औषधि कील-मुंहासों व डार्क स्पॉट का कारण बनने वाले पित्त दोष को कम करने का भी काम करती है.
यह औषधि सूरज की हानिकारक यूवी किरणों और फ्री रेडिकल्स से रक्षा करती है. साथ ही इस औषधि का इस्तेमाल करके त्वचा पर नजर आने वाले बढ़ती उम्र के लक्षणों जैसे - झुर्रियां, फाइन लाइंस, निशान व डार्क सर्कल्स आदि को रोका जा सकता है. यह जड़ी-बूटी सोरायसिस, स्केबीज, एक्जिमा व मुंहासे आदि स्किन एलर्जी को भी इलाज कर सकती है. यहां तक कि इसके प्रयोग से घाव व जलने के निशान आदि को ठीक किया जा सकता है.
यह आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी इम्यून सिस्टम को बेहतर करने का काम करती है. जब इससे निकले अर्क को त्वचा पर लगाया जाता है, तो त्वचा की सूजन को ठीक किया जा सकता है. कई मेडिकल रिसर्च में भी कहा गया है कि हरिद्रा में मौजूद करक्यूमिन नामक कंपाउंड पूरी तरह से प्राकृतिक और सुरक्षित है. इसमें एंटी-माइक्रोबियल प्रभाव भी होता है, जो बैक्टीरिया से त्वचा की रक्षा करता है.
आयुर्वेद कहता है कि लहसुन में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटीवायरल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारते हैं. साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है, जिस कारण यह त्वचा पर आई सूजन को कम करता है और ब्लड सर्कुलेशन को भी बेहतर करता है. इसे लगातार इस्तेमाल करने से स्किन साफ हो जाती है. लहसुन में कई विटामिन और मिनरल भी होते हैं, जो मुंहासों को जड़ से खत्म करने का काम करते हैं.
अगर किसी को है -
इसे प्रभावित जगह पर हल्के हाथों से लगाएं.
बेहतर परिणाम के लिए कम से कम 3 महीने तक इस्तेमाल करें या फिर जिस तरह से डॉक्टर कहे.