कैल्शियम एक जरूरी मिनरल है, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है. इसके अलावा, कैल्शियम नसों व मांसपेशियों को अच्छी तरह से काम करने में मदद करता है. यह हृदय को स्वस्थ रखने के लिए भी जरूरी होता है. शरीर में कैल्शियम का उचित स्तर होना सभी उम्र के लोगों के लिए जरूरी होता है. जब शरीर में कैल्शियम की कमी होती है, तो इस स्थिति को मेडिकल टर्म में हाइपोकैल्सीमिया कहा जाता है. बच्चे भी हाइपोकैल्सीमिया का शिकार हो सकते हैं, जिसे कुछ बातों का पालन करने से ठीक किया जा सकता है.

आज इस लेख में हम बच्चों में कैल्शियम की कमी के लक्षण, कारण व इलाज के बारे में बताएंगे -

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  1. बच्चों के लिए कैल्शियम क्यों जरूरी है?
  2. बच्चों के लिए कैल्शियम की कितनी मात्रा जरूरी है?
  3. बच्चों में कैल्शियम की कमी के लक्षण
  4. बच्चों में कैल्शियम की कमी के कारण
  5. बच्चों में कैल्शियम की कमी का इलाज
  6. सारांश
बच्चों में कैल्शियम की कमी के लक्षण, कारण व इलाज के डॉक्टर

कैल्शियम बच्चों की हड्डियों का निर्माण करने में मदद करता है. जिन बच्चों को पर्याप्त कैल्शियम मिलता है, उन्हें वयस्क जीवन में हड्डियों से जुड़ी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है. इससे उनकी हड्डियां ताउम्र मजबूत बनी रहती हैं. इसके अलावा, कैल्शियम बच्चों को रिकेट्स नामक बीमारी से भी बचाता है. इस बीमारी में बच्चों की हड्डियां नरम हो जाती हैं और हड्डियों का विकास रुक जाता है. इसकी वजह से बच्चों को कभी-कभी मांसपेशियों में दर्द हो सकता है.

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हड्डियों व दांतों को मजबूत बनाने के लिए बच्चों को अधिक कैल्शियम की जरूरत होती है. 1 से 3 वर्ष के बच्चों को एक दिन में करीब 700 मिलीग्राम कैल्शियम की आवश्यकता होती है. वहीं 4 से 8 वर्ष के बच्चों को 1000 मिलीग्राम कैल्शियम और 9 साल से अधिक उम्र के बच्चों को 1300 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है. इसलिए, अपने बच्चों को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ जरूर खिलाएं.

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बच्चों के हाइपोकैल्सीमिया से ग्रस्त होने पर निम्न प्रकार के लक्षण नजर आ सकते हैं -

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बच्चों में कैल्शियम की कमी कुछ सामान्य कारणों की वजह से हो सकती है, जैसे -

इनके अलावा, कुछ ऐसी दुर्लभ बीमारियां भी हैं, जो बच्चों में कैल्शियम के स्तर को कम कर सकती हैं, जैसे -

  • डिजॉर्ज सिंड्रोम, यह एक जेनेटिक डिसऑर्डर है.
  • अंडरएक्टिव पैराथायराइड ग्रंथियों के साथ पैदा होना. सामान्य रूप से ये ग्रंथियां कैल्शियम के उपयोग को नियंत्रित करने में मदद करती हैं.

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बच्चों के शरीर में कैल्शियम के स्तर की जांच करने के लिए ब्लड टेस्ट किया जा सकता है. अगर बच्चों के शरीर में कैल्शियम की कमी पाई जाती है, तो निम्न प्रकार के इलाज किए जा सकते हैं -

  • डॉक्टर कुछ कैल्शियम सप्लीमेंट दे सकते हैं.
  • बच्चे को कुछ हाई कैल्शियम फूड्स खिलाने की भी सलाह दी जा सकती है. कुछ खाद्य पदार्थों में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है.
  • अगर शिशु को जन्म से ही हाइपोकैल्सीमिया है, तो डॉक्टर उसे कुछ दिन नर्सरी में रखकर उसका इलाज कर सकते हैं.
  • बच्चे को सुबह-सुबह की धूप में कुछ देर बैठाने से शरीर को विटामिन-डी मिलता है, इससे भी कैल्शियम की मात्रा कुछ हद तक बढ़ सकती है.
  • अगर बच्चा ठोस पदार्थ खा सकता है, तो उसे दूधदहीपनीरबादाम, सफेद तिल, लाल बीन्स, अंजीर व आलूबुखारा आदि खिलाया जा सकता है.

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बच्चों के शारीरिक विकास के लिए कैल्शियम जरूरी होता है. जब बच्चों के शरीर में कैल्शियम की कमी होती है, तो उन्हें कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में आपको हमेशा बच्चों को कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थों को खिलाना चाहिए. अगर बच्चे बार-बार शरीर में दर्द की शिकायत करें, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं. इस स्थिति में डॉक्टर बच्चों के शरीर में कैल्शियम की जांच कर सकते हैं.

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