हाई क्रिएटिनिन - High Creatinine in Hindi

Dr. Rajalakshmi VK (AIIMS)MBBS

March 04, 2022

December 20, 2023

हाई क्रिएटिनिन
हाई क्रिएटिनिन

क्रिएटिनिन एक तरह का केमिकल कंपाउंड है. यह मांसपेशियों के एनर्जी प्रोडक्शन से जुड़ी प्रक्रियाओं के बाद बच जाने वाला एक प्रकार का वेस्ट प्रोडक्ट है. किडनी इसे व अन्य वेस्ट पदार्थों को रक्त से फिल्टर करके पेशाब के जरिए शरीर से बाहर निकाल देती है.

वहीं, जब किडनी ठीक तरह से काम नहीं करती, तो हाई क्रिएटिनिन की समस्या उत्पन्न हो जाती है. शरीर में क्रिएटिनिन की मात्रा बढ़ने से कमजोरी, थकान, सांस लेने में परेशानीसीने में दर्द जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं.

आज इस लेख में आप क्रिएटिनिन बढ़ने के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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क्रिएटिनिन बढ़ने के लक्षण - High Creatinine Symptoms in Hindi

क्रिएटिनिन लेवल बढ़ने के लक्षण को इसके कारण के आधार पर बताया जा सकता है. इन लक्षणों में थकान महसूस होना, मतली, सांस लेने में परेशानी और छाती में दर्द आदि शामिल है. आइए, विस्तार से जानें क्रिएटिनिन बढ़ने के लक्षणों के बारे में -

किडनी फेल्योर व हृदय रोग के चलते

(और पढ़ें - क्रिएटिनिन क्लीयरेंस टेस्ट)

यूरिनरी ट्रैक्ट ब्लॉकेज के कारण

ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस के कारण

डायबिटीज के कारण

(और पढ़ें - प्रोटीन क्रिएटिनिन रेश्यो टेस्ट)

हाई क्रिएटिनिन के कारण - High Creatinine Causes in Hindi

वैज्ञानिक आधार पर ऐसा माना जाता है कि शरीर में क्रिएटिनन का स्तर बढ़ने का मतलब यह है कि किडनी ठीक प्रकार से काम नहीं कर रही है. डिहाइड्रेशन, अधिक मात्रा में प्रोटीन और क्रिएटिनन सप्लीमेंट्स लेना आदि कारण हैं, जिनकी वजह से किडनी प्रभावित हो सकती है और शरीर में क्रिएटिनन का लेवल बढ़ सकता है.

इनके अलावा कुछ मेडिकल कंडिशन भी हैं, जो किडनी की कार्यप्रणाली पर असर डालती हैं. इसके चलते शरीर में क्रिएटिनिन का लेवल बढ़ सकता है. ये मेडिकल कंडिशन कुछ इस प्रकार हैं -

किडनी फेलियर

किडनी फेल होने के कारण इसकी कार्य क्षमता कम हो जाती है, जिससे रक्त से अच्छी तरह क्रिएटिनिन फिल्टरेशन नहीं हो पाता है. नतीजन हाई क्रिएटिनिन की समस्या उत्पन्न हो जाती है.

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हृदय रोग

क्रिएटिनिन बढ़ने का एक कारण हृदय से जुड़ी समस्या को भी माना जाता है. एक रिसर्च की मानें, तो थेरोस्क्लेरोसिस और कंजेस्टिव हार्ट फेलियर जैसी समस्या होने पर किडनी की कार्य क्षमता प्रभावित हो सकती है. इससे क्रिएटिनिन का लेवल बढ़ सकता है.  

यूरिनरी ट्रैक्ट ब्लॉकेज

किडनी स्टोन, बढ़ा हुआ प्रोस्टेट और ट्यूमर जैसी समस्याओं के कारण यूरिनरी ट्रैक्ट में रुकावट आ सकती है. इससे पेशाब के जरिए क्रिएटिनिन ठीक से बाहर नहीं निकल पाता है, जिससे हाई क्रिएटिनिन की समस्या उत्पन्न हो सकती है.

(और पढ़ें - कैल्शियम/क्रिएटिनिन रेश्यो टेस्ट)

हाई ब्लड प्रेशर

उच्च रक्तचाप की समस्या तब उत्पन्न होती है, जब आर्टरीज की दीवारों पर रक्त का दबाव ज्यादा होता है. यह किडनी के आसपास के ब्लड वेसल्स को कमजोर कर सकती है. इससे किडनी की कार्यक्षमता पर असर पड़ सकता है और क्रिएटिनिन का लेवल बढ़ सकता है.

ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस

ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस ऐसी स्थिति है, जिसमें किडनी के रक्त को फिल्टर करने वाले भाग में सूजन हो जाती है. इस समस्या में किडनी ठीक तरह से क्रिएटिनिन को फिल्टर नहीं कर पाती है, जिससे क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ने लगता है.

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डायबिटीज

यह समस्या रक्त में शुगर का लेवल बढ़ने पर उत्पन्न होती है, जो किडनी को भी प्रभावित कर सकती है. इससे क्रिएटिनिन की फिल्टरेशन की प्रक्रिया धीमी हो सकती है, जिससे क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ सकता है.

ड्रग्स टॉक्सिटी

कुछ दवाओं को लेने से किडनी को नुकसान पहुंच सकता है. इससे किडनी की कार्य करने की क्षमता कम हो सकती है, जो हाई क्रिएटिनिन का कारण बन सकती है. इन दवाओं में वैंकोमाइसिन, कीमोथेरेपी दवाएं और लिथियम शामिल है.

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क्रिएटिनिन बढ़ने का इलाज - High Creatinine Treatment in Hindi

हाई क्रिएटिनिन से राहत पाने के लिए इसके कारणों को ठीक करने की सलाह दी जाती है. इसके स्तर बढ़ने के कारणों के आधार पर एंटीबायोटिक और इंसुलिन, कैप्टोप्रिल और लिसीनोप्रिल जैसी दवाइयों का इस्तेमाल कर सकते हैं. आइए, विस्तार से जानें क्रिएटिनिन बढ़ने के इलाज के बारे में -

एंटीबायोटिक

किडनी इंफेक्शन के कारण होने वाली हाई क्रिएटिनिन की समस्या को ठीक करने के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाई दे सकते हैं. इससे इंफेक्शन से राहत मिल सकती है और क्रिएटिनिन का स्तर सामान्य हो सकता है.

(और पढ़ें - किडनी इंफेक्शन का आयुर्वेदिक उपचार)

उच्च रक्तचाप की दवाएं

उच्च रक्तचाप को कम करने के लिए कैप्टोप्रिल, लिसीनोप्रिल और बेनाजिप्रिल दवाइयों का उपयोग कर सकते हैं. ये दवाएं ब्लड वेसल्स को आराम देती हैं. इससे उच्च रक्तचाप की स्थिति में सुधार हो सकता है, जिससे क्रिएटिनिन का स्तर कम हो सकता है.

डायबिटीज की दवाई

क्रिएटिनिन के लेवल को कम करने के लिए डायबिटीज के इलाज पर ध्यान देना जरूरी होता है. इसके लिए इंसुलिन का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो रक्त शुगर के स्तर को कम कर सकता है। इसका सकारात्मक असर क्रिएटिनिन पर भी नजर आ सकता है.

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(और पढ़ें - किडनी साफ करने के उपाय)

सारांश – Summary

क्रिएटिनिन लेवल बढ़ने पर गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है. इसलिए, समय रहते इसके स्तर को कम करने के तरीकों को अपनाना चाहिए. क्रिएटिनिन लेवल बढ़ने के पीछे किडनी की समस्या, हृदय रोग और डायबिटीज आदि हो सकते हैं. साथ ही उल्टी-मतली, थकान, चेस्ट पेन और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं. इस समस्या के इलाज में एंटीबायोटिक, इंसुलिन और उच्च रक्तचाप की दवाई मदद कर सकती हैं.



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