चीन समेत पूरे विश्व में नए कोरोना वायरस के मामलों और मौतों का बढ़ना जारी है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इस वायरस से चीन समेत पूरी दुनिया में अब तक 427 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 425 मौतें अकेले चीन में हुई हैं। बाकी दो मौतें हांगकांग और फिलीपींस में हुईं। खबरों के मुताबिक मंगलवार को हांगकांग में वायरस की चपेट में आए 39 वर्षीय व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। यह व्यक्ति हाल में चीन के वुहान शहर से लौटा था। इससे पहले रविवार को फिलीपींस में कोरोना वायरस से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। वहीं, एक जानकारी यह भी सामने आई है कि कोरोना वायरस के मरीजों में वह चीनी डॉक्टर भी शामिल है, जिसने इस विषाणु के बारे में सबसे पहले जानकारी दी थी।

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संक्रमित लोगों की संख्या 20,000 के पार
कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 20,000 के पार जा चुकी है। ताजा अपडेट के मुताबिक, अभी तक इस वायरस के कुल 20,638 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 20,444 मामले अकेले चीन के हैं। वहीं, गंभीर हालत वाले मरीजों की संख्या 2,790 है। हालात के बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि उनकी सरकार ने संक्रामक रोग की रोकथाम के लिए कई लोगों को तैयार किया है।

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पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा कोरोना
चीन के अलावा कोरोना वायरस जापान (20), थाइलैंड (19), सिंगापुर (18), दक्षिण कोरिया (16), हांगकांग (15), ऑस्ट्रेलिया (12), जर्मनी (12), अमेरिका (11), मलेशिया (10), ताइवान (10), मकाऊ (10), वियतनाम (9), फ्रांस (6), संयुक्त अरब अमीरात (5), कनाडा (4), भारत (3), फिलीपींस (2), ब्रिटेन (2), रूस (2), इटली (2), स्वीडन (1), फिनलैंड (1), कंबोडिया (1), नेपाल (1), श्रीलंका (1) और स्पेन (1) में भी फैल चुका है। इनमें से सबसे ज्यादा मामले जापान, थाइलैंड, दक्षिण कोरिया और हांगकांग में सामने आए हैं।

कोरोना के बारे में बताने वाला डॉक्टर भी बीमार
चीन में कोरोना वायरस से ग्रसित लोगों का इलाज कर रहे 34 वर्षीय डॉक्टर ली वेनलियांग भी इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आ गए हैं। बता दें कि वेनलियांग वही डॉक्टर हैं जिन्होंने बीते दिसंबर महीने में नए कोरोना वायरस के बारे में सबसे पहले आगाह किया था। उन्होंने एक ऑनलाइन चैट के जरिये अपने साथियों से कहा था कि उन्हें 2003 में सामने आए कोरोना वायरस 'सार्स' (सेवर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) जैसे विषाणु का पता चला है। तब इस विषाणु ने चीन में सैकड़ों लोगों की जान ले ली थी।

डॉक्टर ली ने अपने दोस्तों को नए कोरोना वायरस को लेकर सतर्कता बरतने को कहा था। हालांकि उनकी बात को चीन की सरकार ने अनदेखा कर दिया था। अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक चीन की पुलिस ने उन पर कई तरह से दबाव भी बनाया था। उसने ली और अन्य कई डॉक्टरों पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया और जबरन कागजों पर हस्ताक्षर कराए। हालांकि अब साबित हो चुका है कि ली वेनलियांग सही थे। फिलहाल वे खुद अस्पताल में भर्ती हैं। खबरों के मुताबिक उनके बारे में जान कर चीन में काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है।

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