आयरन हमारे शरीर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह हमारे शरीर के रक्त में हीमोग्लोबिन का सबसे महत्वपूर्ण घटक (component) है।

हमारे पूरे शरीर में आयरन ऑक्सीजन पहुँचाने का काम करता है। जब हमारे पूरे शरीर में ऑक्सीजन फेफड़ों से होकर हमारें रक्त में जाता है उस समय आयरन लाल रक्त कोशिकाओं को ऑक्सीजन को अवशोषित करने में सहायता करता है और फिर पूरे शरीर में फैलाता है। जब आयरन पर्याप्त मात्रा में हमारे शरीर में होता है तब हमारे शरीर की सारी कोशिकाएं पूरी तरह से ऊर्जा से भरी हुई होती है।

  1. आयरन के स्रोत - Source of Iron in Hindi
  2. आयरन के फायदे - Benefits of Iron in Hindi
  3. आयरन की अधिकता से नुकसान - Disadvantages of Iron in High Doses in Hindi
  4. कमी के लक्षण और नुकसान - Deficiency symptoms and side effects in Hindi
  5. कितनी मात्रा में आयरन की जरूरत है - Daily required dosage of iron in Hindi

आयरन हमारे सम्पूर्ण शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरूरी है। हम अपने शरीर में आयरन की कमी को खान पान के माध्यम से दूर कर सकते हैं। आयरन के प्राकृतिक और अच्छे स्रोत हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ, मेथी और सरसों का साग, आटा, हरी बीन्स, पालक, ब्रोकली, शलजम, शकरकंद, बादाम, किशमिश, चुकंदर, काबुली चना, राजमा, सोयाबीन, खजूर, तरबूज, सेब, अंगूर, अनार, बादाम, सूखे मेवे, मसूर की दाल, अंडा, मछली आदि। अंकुरित दाल का सेवन हमारे शरीर में खून की मात्रा बढ़ाने के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है।

(और पढ़ें - अनार के फायदे)

आयरन मानव शरीर के लिये अत्यंत जरूरी है। आयरन हमारे जीवन के लिये जरूरी ऑक्सीजन को फेफड़ों से शरीर के अन्य अंगों तक पहुँचाने में मदद करता है। हमारे शरीर में कभी-कभी रक्त की कमी हो जाती है। चिकित्सीय भाषा में हम इसे अनीमिया कहते हैं। आयरन हमारे रक्त में हेमोग्लोबिन का निर्माण करता है तथा इस रोग को होने से रोकता है।

आयरन हमारी माँसपेशियों में ऑक्सीजन का उपयोग तथा उसे शरीर में सहेज कर रखने में भी मदद करता है। आयरन बच्चों के विकास तथा गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे बच्चे के सम्पूर्ण विकास में बहुत बड़ा योगदान देता है।

आयरन जैसे मानव शरीर के लिए जरूरी है। वैसे ही शरीर में आयरन की अधिक मात्रा बहुत ही नुकसानदायक है। शरीर में आयरन की मात्रा अधिक होने से दिल की बीमारियां, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। लीवर डैमेज, कैंसर, ऑस्टियोपोरोसिस आदि रोग होने का खतरा रहता है।

आयरन की कमी के कारण हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार समस्याएं होने लगती हैं। जब हमारे शरीर में आयरन की कमी होती है तो बैठे बैठे आंखों के सामने अंधेरा छा जाता है। अत्यधिक कमजोरी व थकावट, शरीर का रंग पीला पड़ना, जीभ में सूजन, दिल की धड़कन तेज़ होना, साँस लेने में दिक्कत, हाथों व पैरों में दर्द और ठंडा, सिरदर्द, बाल झड़ना, भूख ना लगना, खून की कमी, जल्दी-जल्दी बीमार होना, ये सारी समस्याएं आयरन की कमी के कारण होती हैं।

अतः आप अपने शरीर को स्वस्थ और रोग मुक्त बनाने के लिए आयरन की सम्पूर्ण मात्रा युक्त दैनिक आहार का उपयोग करें।

आयरन की दैनिक जरूरत उम्र, लिंग, और स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार होती है:

  • जन्म से 6 महीने के उम्र के शिशु को 0.27 मिली ग्राम के करीब लेना चाहिए। 
  • 9 से 13 साल के बच्चे को 8 मिली ग्राम के करीब लेना चाहिए। 
  • 14 से 18 साल के पुरुष को 11 मिली ग्राम के करीब लेना चाहिए। 
  • 14 से 18 साल की महिला को 15 मिली ग्राम के करीब लेना चाहिए। 
  • 19 से 50 साल के पुरुष को 8 मिली ग्राम के करीब लेना चाहिए। 
  • 19 से 50 साल की महिला को 8 मिली ग्राम के करीब लेना चाहिए। 
  • गर्भवती महिला को 27 मिली ग्राम के करीब लेना चाहिए और स्तनपान कराने वाली महिला को 9 मिली ग्राम के करीब लेना चाहिए।

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