आयुर्वेद में च्यवनप्राश का बड़ा महत्व बताया गया है। यह एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है जो बच्चे से लेकर बूढ़े तक सबको निरोगी रखती है। च्यवनप्राश को बनाने के लिए 40-50 घटकों की जरूरत पड़ती है। इसमें मुख्य घटक आंवला होता है। ताजा आंवला विटामिन सी का बहुत ही अच्छा स्रोत होता है। इसे सुखाने या जलाने के बावजूद इसमें मौजूद विटामिन सी की मात्रा कम नहीं होती है। च्यवनप्राश में औषधीय गुणों से भरपूर लगभग 36 तरह की जड़ी-बूटियां होती हैं। केशर, नागकेशर, पिप्पली, छोटी इलायची, दालचीनी, शहद और तेजपत्ता, पाटला, अरणी, गंभारी, विल्व और श्योनक की छाल, नागमोथा, पुष्करमूल, कमल गट्टा, सफेद मूसली सहित कई वनस्पतियों को मिलाकर च्यवनप्राश तैयार किया जाता है।

ऐसा कहा जाता हैं कि च्यवनप्राश की खोज ‘च्यवन’ नामक एक ऋषि ने की थी। पर एक और कहानी के अनुसार च्यवन ऋषि के लिए च्यवनप्राश की खोज अश्विनी कुमारों ने की थी। जब च्यवन ऋषि बहुत बूढ़े हो गए तो उन्होंने अश्विनी कुमारों से कोई ऐसी औषधि बनाने का आग्रह किया, जिससे वे अपना यौवन फिर से पा सकें। उसके बाद अश्विनी कुमारों ने च्यवन ऋषि के लिए च्यवनप्राश बनाया, जिसके सेवन के बाद ऋषि च्यवन ने फिर से अपने यौवन को प्राप्त कर लिया। इसलिए “च्यवन ऋषि” के नाम पर ही च्यवनप्राश का नाम पड़ा है

  1. च्यवनप्राश के फायदे - Chyawanprash ke Fayde in Hindi
  2. च्यवनप्राश के नुकसान - Chyawanprash ke Nuksan in Hindi
  3. चवनप्राश बनाने की विधि - How to Make Chyawanprash at Home in Hindi
  4. च्यवनप्राश की पहचान - Chyawanprash Identification in Hindi
  5. चवनप्राश खाने का तरीका - How to Take Chyawanprash in Hindi
  6. च्यवनप्राश खाने का समय - Chyawanprash Eating Time in Hindi
  7. च्यवनप्राश की खुराक - Chyawanprash Dosage in Hindi

चवनप्राश खाने के लाभ हैं बढ़ती उम्र को रोकने के लिए - Chyawanprash for Anti Aging in Hindi

च्यवनप्राश उम्र को कम करने वाली औषधि है, जिसमे बहुत सारे एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो हमारी त्वचा को फ्री-रैडिकल्स से होने वाले नुकसानों से बचाते हैं। ये कोशिकाओं में पोषक तत्वों को सुधारने का काम करते हैं। यह दिल को मजबूत बनाते हैं और दिमाग में ऑक्सीजन की आपूर्ति करते हैं। इसमें मौजूद आँवले में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है और ये एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट है। इसलिए इसको नियमित रूप से खाने से चहरे पर झुरियाँ और फाइन लाइन्स की मात्रा कम हो जाती है। इसलिए अगर आप हमेशा खूबसूरत और जवान दिखना चाहते हैं तो च्यवनप्राश का भरपूर सेवन करें।

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च्यवनप्राश के अन्य लाभ - Other Benefits of Chyawanprash in Hindi

च्यवनप्राश के सेवन से शरीर की हड्डियों में कैल्शियम का अवशोषण बढ़ता हैं जिससे हड्डियां और दांत मजबूत होते हैं।

च्यवनप्राश में प्रोटीन की मात्रा कम होती है, फिर भी यह शरीर में प्रोटीन के संश्लेषण को बढ़ाता है जिससे मांसपेशियों में लचीलापन बढ़ता है।

यह प्रजनन क्षमता को सुधारता है। महिलाओं में मासिक धर्म को नियमित करने में मदद करता है।

गर्भवती महिलाओं में, च्यवनप्राश हीमोग्लोबिन के स्तर (hemoglobin level) को बढ़ाता है और पोषक तत्वों की ज़रूरत को पूरा करता है। च्यवनप्राश में रक्तवर्धक गुण होते हैं जिससे यह रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा को भी बढ़ाता है। इसके अलावा यह खून को भी साफ करने में भी सहायक होता है।

च्यवनप्राश घाव भरने की प्रक्रिया को बढ़ाता है।

च्यवनप्राश का सेवन है पुराने रोगों में लाभकारी - Chyawanprash for Disease in Hindi

च्यवनप्राश एक रसायन औषधि है जो कोशिकाओं और ऊतकों का उत्थान (रीजेनरेशन) करती है और पुराने रोगों के उपचार में सहायक होती है। रोग अनुसार औषधि देने के साथ साथ यदि च्यवनप्राश का प्रयोग भी किया जाए तो यह उस रोग को और जल्दी ठीक करता है।

चवनप्राश करें त्रिदोष को संतुलित - Chyawanprash ke Fayde for TriDosha in Hindi

च्यवनप्राश शरीर के तीनो दोषों (त्रिदोष – वात पित्त कफ) को संतुलित करता है। हालांकि इसका विशेष प्रभाव पित्त दोष पर होता है और यह पित्त दोष को ठीक करने में मदद करता है। पर यह सभी दोषों में संतुलन बना कर शरीर और मन को स्वस्थ व निरोग रखने में सहायता करता है। 

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च्यवनप्राश रखें त्वचा को चमकदार - Chyawanprash Benefits for skin in Hindi

च्यवनप्राश पोषक तत्वो और विटामिन सी से पूर्ण होने की वजह से त्वचा को निखारता है और चमकदार बनाता है। इसके रोज़ सेवन से साफ और चमकदार त्वचा प्राप्त होती है। 

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च्यवनप्राश खाने के फायदे श्वसन प्रणाली के लिए - Chyawanprash for Cough in Hindi

च्यवनप्राश श्वसन प्रणाली के संक्रमणों पर प्रतिबंध लगाता है। सर्दी जुकाम को होने से रोकता है। खांसी को ठीक करता है। फेफड़ों को बल देकर फेफड़ों के कार्य में सुधार लाता है। जो लोग साँस के रोगों या दमे से परेशान है, यह उन के लिए भी उत्तम है। (और पढ़ें - खांसी के घरेलू उपचार)

च्यवनप्राश में पाए जाने वाला आंवला शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) को तो मजबूत करता ही है साथ ही बार-बार होने वाले जुकाम या एलर्जी से भी छुटकारा दिलाता है। जो लोग बार-बार जुकाम से पीड़ित रहते हैं खास कर सर्दी में उन के लिए च्यवनप्राश एक वरदान की तरह है। 

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पेट के कैंसर के खतरे को कम करता है च्यवनप्राश - Chyawanprash for Cancer in Hindi

च्यवनप्राश में सैपोनिन्स की अच्छी मात्रा होती है जो पेट के कैंसर के खतरे को कम करती है। सैपोनिन्स पित्त के लवणों को बांधता है और जिससे पेट के कैंसर के होने का खतरा कम हो जाता है। 

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च्यवनप्राश के लाभ हैं पाचन तंत्र के लिए उपयोगी - Chyawanprash for Digestion in Hindi

च्यवनप्राश पाचन शक्ति में सुधार करता है। यह आमाशय, आंतों, जिगर आदि अंगो को शक्ति प्रदान करता है और उनका पोषण करता है। यह कब्ज के लिए भी उपयोगी होता है। यह आंतो को भी मजबूत करता है। 

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च्यवनप्राश का उपयोग करे मस्तिष्क के लिए - Chyawanprash for Memory in Hindi

यह मानसिक क्षमताओं को बढ़ाने के साथ ही अनिद्रा, स्मरण शक्ति, पागलपन, अल्जाइमर रोग और अन्य मस्तिष्क संबंधी बीमारियों के लिए फायदेमंद है। च्यवनप्राश दिमाग को तेज़ करता है और स्मरण शक्ति बढ़ाता है। यह मस्तिष्क के कार्य को ओर भी बेहतर बनाने में मदद करता है। 

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च्यवनप्राश के गुण हैं हृदय के लिए फायदेमंद - Chyawanprash Good for Heart in Hindi

आजकल के खाने में कोलेस्ट्रोल बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। जिससे दिल को नुकसान पहुँचता है और ऐसा देखा गया है कि आजकल युवको में हृदय की बीमारियाँ बहुत अधिक हो रही है। चवनप्राश में ऐसे जड़ी बूटियां पाई जाती है जो रक्त परिसंचरण (ब्लड सर्क्युलेशन) को सही करती है और शरीर से गंदगी को बाहर निकालने में सहायता करती है। च्यवनप्राश हृदय की मांसपेशियों को शक्ति प्रदान करता है। यह दिल की धड़कन को भी नियंत्रित करता है।

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च्यवनप्राश है एक कायाकल्प औषधि - Chyawanprash ke Labh for Skin Rejuvenation in Hindi

च्यवनप्राश आयुर्वेदिक चिकित्सा विज्ञान में एक बहुत ही अच्छी कायाकल्प करने वाली औषधि है। आजकल की इस भागदौड़ वाली ज़िन्दगी में हर व्यक्ति तनाव और थकान से गुजरता है। आजकल लोग स्वस्थ रहने के लिए कई तरह के पूरक का उपयोग करते हैं ताकि शरीर से विषाक्त पदार्थों और दिमाग से तनाव को बाहर निकाला जा सके। च्यवनप्राश भोजन सम्बन्धी आदतों, दूषित वातावरण और जंक फ़ूड की वजह से होने वाली पोषण संबंधी विकारो को दूर कर पोषण की आवश्कता को पूरा करता है।

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च्यवनप्राश के फायदे बढ़ाएँ रोग प्रतिरोधक क्षमता - Chyawanprash for Immunity in Hindi

च्यवनप्राश एक आयुर्वेदिक स्वास्थ्य टॉनिक है जो स्वास्थ्य को बनाए रखने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए उपयोगी है। ऋषि चरक के अनुसार च्यवनप्राश एक पूर्ण स्वास्थ्य सप्लीमेंट है जो बीमारियों से लड़ने और रोगों से रोकथाम के लिए बहुत मददगार है। जैसा कि पहले भी बताया हैं कि च्यवनप्राश की मुख्य सामग्री हैं “आंवला” जिसमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता हैं और जो इम्युनिटी बढ़ाने के लिए सहायक है।

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हालांकि च्यवनप्राश से कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं होते हैं, पर कुछ लोगों के अनुभव के आधार पर यहां कुछ दुष्प्रभावों के बारे में बताया जा रहा है।

कुछ लोगों को अधिक मात्रा में च्यवनप्राश सही से नहीं पचता है। ऐसे लोगों को च्यवनप्राश का कम मात्रा में सेवन करना चाहिए।

इसके उपयोग से कुछ लोगों को दस्त लग सकते हैं। (और पढ़ें –  डायरिया का इलाज)

जो लोग च्यवनप्राश दूध के साथ लेते हैं, उनको अपच या गैस आदि पेट की समस्याएं हो सकती हैं। ऐसा देखा गया है कि च्यवनप्राश के ज्यादातर साइड इफ़ेक्ट तब सामने आते हैं जब च्यवनप्राश का सेवन दूध के साथ किया जाता है। ऐसी हालत में च्यवनप्राश का सेवन दूध के साथ करना छोड़ देना चाहिए। (और पढ़ें - बदहजमी के घरेलू उपाय)

कुछ लोगों को पेट में जलन रहती है। ऐसा नहीं है कि इसका मुख्य कारण च्यवनप्राश है। बल्कि ज्यादातर वह पहले से ही इस तकलीफ से पीड़ित रहते हैं। ऐसे लोगों को च्यवनप्राश सेवन के आधे घंटे बाद दूध लेना चाहिए।

च्यवनप्राश में चीनी की भी कुछ मात्रा होती है तो मधुमेह से पीड़ित लोगों को या तो इसका सेवन ही नहीं करना चाहिए या फिर इसके सेवन से पहले डॉक्टर से एक बार सलाह ले लेनी चाहिए।

मधुमेह, गैस और उदर-वायु, उदर का बढ़ना, रात में बार बार पेशाब जाना, पुरूषों में स्‍वप्‍नदोष आदि में च्यवनप्राश इन लक्षणों को बढ़ा देता है। इसलिए इसका इनमें प्रयोग हितकारी नहीं माना गया है।

च्यवनप्राश को मुख्यतः 50 आयुर्वेदिक द्रव्यों को मिलाकर बनाया जाता है। ताज़ा आँवला फल और सभी औषध द्रव्य को 13 लिटर पानी में डाल कर एक बड़े बर्तन में उबालें। जब पानी का आठवाँ हिस्सा रह जाए तो आंवले के बीजों को अलग करें और आंवले के गूदे को अलग निकालें। इस तरह बाकी बचे हुए पानी को छान कर सुरक्षित रख लें। अब आंवला के गूदे को अच्छी तरह से 300 ml घी और तिल के तेल में भून लें और जब घी तेल अलग हो जाए तो इसको एक तरफ रख दें। अब बचे हुए पानी को दोबारा गरम करें और जब यह आधा रह जाए तो 2.5 किलोग्राम चीनी डाल कर दोबारा पका कर चाशनी बना लें। अब भून कर सुरक्षित रखे हुए आंवला के गूदे को इस चाशनी में मिलाकर गाड़ा होने तक पकाएँ। अब इस मिश्रण में 300 ग्राम शहद, 200 ग्राम तुगाक्षिरी, 100 ग्राम पिप्पली, 50 ग्राम तेजपत्र और 50 ग्राम छोटी इलायची और 50 ग्राम नागकेसर को मिलाएँ। इस प्रकार आपका च्यवनप्राश बनकर तैयार है।

सही च्यवनप्राश को पहचानना बहुत ही ज़रूरी है और इसे पहचानने के भी कई तरीके हैं। उनमें से कुछ इस प्रकार हैं :

सही च्यवनप्राश में दालचीनी, इलायची और पिप्पली की खुशबु आती है। आमतौर पर च्यवनप्राश का स्वाद हल्का खट्टा होता है। इसमें दालचीनी और पिप्पली का स्वाद और मीठा कम होता है। च्यवनप्राश को पानी के साथ भी जाँचा जा सकता है। आप च्यवनप्राश के कुछ भाग को पानी में डालें, अगर च्यवनप्राश डूब जाता है तो ये सही है और अगर नहीं डूबता है और उसके कुछ भाग पानी में तैरते रहें तो च्यवनप्राश को सही से पकाया नहीं गया है।

च्यवनप्राश को ऐसे भी खाया जा सकता है या फिर आप इसका सेवन दूध के साथ भी कर सकते हैं। और आप जीवन भर के लिए इसका सेवन कर सकतहैं। खट्टी और मसालेदार वस्तुओं का सेवन च्यवनप्राश खाने के आधे घंटे बाद ही करें क्योंकि मसालेदार खाना जड़ी-बूटियों के प्रभाव को कम कर देता है।

च्यवनप्राश खाने का उचित समय सुबह खाली पेट होता है, सामान्य रूप में च्यवनप्राश एक बार ही लेना पर्याप्त है। स्वास्थ्य अनुसार इसे दिन में दो बार भी लिया जा सकता है। वैसे तो च्यवनप्राश हर मौसम में सेहत के लिए लाभकारी होता है पर सर्दियों के मौसम में इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि यह सर्दियों में ठंडी हवा के कारण होने वाली सर्दी जुकाम की रोकथाम के लिए बहुत ही अच्छी औषधि है।

च्यवनप्राश की खुराक व्यक्ति के पचाने की क्षमता पर निर्भर करती है। च्यवनप्राश की सामान्य औषधीय मात्रा व खुराक इस प्रकार है

  • 0 से 1 साल की उम्र के बच्चों को च्यवनप्राश का सेवन नहीं कराना चाहिए, लेकिन स्तनपान कराने वाली माताओं के द्वारा इसके सेवन से बच्चे और माता दोनों को लाभ होगा।
  • 1 से 5 साल की उम्र के बच्चों को 2.5 से 5 ग्राम यानि आधा चम्मच दिया जा सकता है।
  • 6 से 12 साल की उम्र के बच्चों को 5 तो 7.5 ग्राम यानि की लगभग एक चम्मच दिया जा सकता है।
  • 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को 5 तो 15 ग्राम यानि दिन में एक से दो चम्मच दिए जा सकते हैं।
  • गर्भवती महिलाओं को च्यवनप्राश का आधा चम्मच ही काफी होता है। पर गर्भावस्था के दिनों में 2 चम्मच से ज्यादा च्यवनप्राश लाभकारी नहीं माना जाता है।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें च्यवनप्राश है

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