विटामिन सी टेस्ट क्या है?

विटामिन सी या एस्कॉर्बिक अम्ल टेस्ट रक्त में विटामिन सी के  स्तर की जांच करने के लिए किया जाता है। यह एक ऐसा विटामिन है जो पानी में घुल जाता है और सिट्रस फ्रूट्स जैसे संतरे, नींबू, कीवी, चकोतरा और सब्जियों में भरपूर मात्रा में पाया जाता है। विटामिन सी के शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्य हैं:

  • यह एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट है यह शरीर की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल डैमेज और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाता है। फ्री रेडिकल सिंगल ऑक्सीजन के अणु होते हैं जो कि विभिन्न मेटाबॉलिज्म प्रक्रियाओं के कारण बनते हैं जिससे शरीर की सामान्य क्रियाओं का धीरे धीरे क्षय होने लगता है। 
  • विटामिन सी कोलेजन के संश्लेषण में मदद करता है, कोलेजन एक प्रोटीन है जो घाव भरने में मदद करता है। 
  • यह भोजन से आयरन के अवशोषण की मात्रा को बढ़ा देता है और यह शरीर को कुछ बिमारियों से बचाकर प्रतिरक्षा तंत्र की भी मदद करता है।
  • यह भी जाना जाता है कि विटामिन सी शरीर को कुछ प्रकार के कैंसर से भी बचाता है और हृदय रोगों के खतरे को कम करता है।
  • यह ऊतकों और दवाओं के चयापचय में मदद करता है जिससे उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी होती है और व्यक्ति को जवान दिखाने में मदद करती है। 

(और पढ़ें - ब्लड टेस्ट क्या है)

  1. विटामिन सी टेस्ट क्यों किया जाता है - Vitamin C Test Kyu Kiya Jata Hai
  2. विटामिन सी टेस्ट से पहले - Vitamin C Test Se Pahle
  3. विटामिन सी टेस्ट के दौरान - Vitamin C Test Ke Dauran
  4. विटामिन सी टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज - Vitamin C Test Result and Normal Range

विटामिन सी टेस्ट किसलिए किया जाता है?

विटामिन सी ब्लड टेस्ट व्यक्ति के शरीर विटामिन के सामान्य स्तर की जांच करने के लिए किया जाता है। यह टेस्ट मुख्य रूप से स्कर्वी (विटामिन सी की कमी से होने वाली बीमारी) के परीक्षण के लिए किया जाता है। 

इस टेस्ट की सलाह उन लोगों को दी जाती है जिनमें निम्न लक्षण दिखाई देते हैं:

विटामिन सी टेस्ट करवाने के लिए उन लोगों को कहा जाता है जिनका विटामिन सी की कमी का इलाज चल रहा होता है। इस मामले में, टेस्ट थेरेपी का प्रभाव जानने में मदद करता है और विटामिन सी के स्तर का पता करने में भी मदद करता है। 

यदि स्कर्वी या कुपोषण से ग्रस्त व्यक्ति अस्पताल में सामान्य चेक अप के लिए जाता है तो डॉक्टर बीमारी की स्थिति जानने के लिए भी इस टेस्ट की सलाह दे सकते हैं। ज्यादातर, यह टेस्ट बाकि विटामिन के टेस्ट के साथ भी करवाने के लिए कहा जाता है ताकि परीक्षण की पुष्टि की जा सके।

विटामिन सी टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

इस टेस्ट के लिए रात भर भूखे रहने की सलाह दी जाती है। यह जरूरी है कि आप यदि किसी बीमारी, मेडिकल स्थिति या एलर्जी से ग्रस्त हैं तो इसके बारे में डॉक्टर को बता दें। डॉक्टर आपको सभी निर्देश देंगे। यदि आप विटामिन सी के सप्लीमेंट ले रहें हैं तो डॉक्टर आपसे यह सप्लीमेंट लेने को मना कर सकते हैं।

विटामिन सी टेस्ट कैसे किया जाता है?

एक लैब असिस्टेंट बांह की जांच करेगा ताकि इंजेक्शन लगाने के लिए एक सही नस मिल जाए। 

जरुरत होने पर बांह में टूनिकेट बांधा जाता है जिससे नस साफ दिखाई देती है।

नस के ऊपर की त्वचा को एंटीसेप्टिक दवा लगाकर साफ किया जाएगा।

नस में सुई लगाकर ब्लड सैंपल ले लिया जाएगा। इस प्रक्रिया के दौरान आपको हल्की सी चुभन हो सकती है। 

इस के बाद ब्लड को एक ट्यूब में डाल दिया जाएगा और लेबल लगाकर ट्यूब को आगे के परीक्षण के लिए लैब में भेज दिया जाएगा।

टेस्ट के बाद, इंजेक्शन वाली जगह को हल्का सा दबाव लगाकर उस पर पट्टी लगाई जाएगी जिससे संक्रमण से बचा जा सके। टेस्ट के तुरंत बाद आपको घर जा कर आराम करने के लिए कहा जाएगा।

विटामिन सी टेस्ट के रिजल्ट और नॉर्मल रेंज

सामान्य परिणाम :
प्लाज्मा में विटामिन सी के जमाव की नॉर्मल रेंज 6.3-14 mg/L के बीच होती है। 

असामान्य परिणाम :
विटामिन सी के बढ़े  हुए स्तर के निम्न कारण हो सकते हैं :

  • थक्कारोधी दवा का असर कम होना 
  • दस्त 
  • आयरन का अत्यधिक अवशोषण 
  • डायबिटीज के सप्लीमेंट 
  • जी मिचलाना 
  • व्यक्ति को पहले पथरी होना, जिन लोगों को पहले पथरी हो चुकी है उनके द्वारा आहार में अधिक विटामिन सी लेने के कारण ऑक्सेलेट स्टोन बनने का खतरा बढ़ जाता है।

विटामिन  सी के कम स्तर निम्न के कारण हो सकते हैं:

द्रवों और ऊतकों में विटामिन सी का स्तर पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक होता है। विटामिन सी की वर्तमान मात्रा जानने का अच्छा तरीका प्लाज्मा की वैल्यू होती है।

सफ़ेद रक्त कोशिकाओं में विटामिन सी का स्तर यह बताता है कि शरीर व कोशिकाओं में इसकी कितनी मात्रा है। लार में विटामिन सी के स्तर अधिक संगत नहीं होते।

नोट : टेस्‍ट के रिजल्‍ट और व्‍यक्‍ति के लक्षणों के आधार पर ही उचित निदान किया जाना चाहिए। उपरोक्त जानकारी पूरी तरह से शैक्षिक दृष्टिकोण से दी गई है और यह किसी भी तरह से डॉक्‍टर की चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Madhurodh Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को डायबिटीज के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Sugar Tablet
₹899  ₹999  10% छूट
खरीदें

संदर्भ

  1. John Edward Hall, Arthur C. Guyton. Guyton and Hall Textbook of Medical Physiology. Saunders/Elsevier, 2011; ISBN 0808924001, 9780808924005
  2. Juanita Watson, Marie S. Jaffe, June H. Cella. Nurse's manual of laboratory and diagnostic tests. F.A. Davis,1995; ISBN; 0803691017, 9780803691018
  3. Frances Talaska Fischbach, Marshall Barnett. A Manual of Laboratory and Diagnostic Tests. McGraw-Hill Education; Medical; 1 edition (October 29, 2007); ISBN-10: 0071481524
  4. BMJ Best Practice. Vitamin C deficiency. BMJ Publishing Group [Internet]
  5. Joël Pincemail et al. Lifestyle Behaviours and Plasma Vitamin C and Beta-Carotene Levels from the ELAN Population (Liège, Belgium). Journal of Nutrition and Metabolism Volume 2011, Article ID 494370, 10 pages
  6. Nagel D et al. Investigations of ascorbic acid interference in urine test strips. Clin Lab. 2006;52(3-4):149-53. PMID: 16584061
ऐप पर पढ़ें
cross
डॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ