सर्जरी की जानकारी के लिए फॉर्म भरें।
हम 48 घंटों के भीतर आपसे संपर्क करेंगे।

वर्टेब्रेक्टॉमी एक सर्जरी प्रोसीजर है, जिसकी मदद से रीढ़ की हड्डी के कुछ हिस्से को हटाया जाता है और साथ ही कशेरुकाओं के कुछ हिस्सों को भी हटा दिया जाता है। यह सर्जरी तब की जाती है, जब व्यक्ति को न्यूरोलॉजिकल समस्याएं होने लगती हैं या फिर शारीरिक हलचल संबंधी समस्याएं होने लगती हैं। ये लक्षण आमतौर पर स्पाइनल कम्प्रेशन या रीढ़ की हड्डी के पास ट्यूमर होने के कारण विकसित होते हैं। इसके अलावा यदि रीढ़ की हड्डी के आसपास कोई चोट लगी है, तो उसके कारण भी न्यूरोलॉजिकल समस्याएं होने लगती हैं।

(और पढ़ें - रीढ़ की हड्डी में ट्यूमर के लक्षण)

सर्जरी के लिए आपको खाली पेट अस्पताल बुलाया जाता है, जिसके लिए आपको सर्जरी वाले दिन से पहली आधी रात के बाद कुछ भी न खाने या पीने की सलाह दी जाती है। वर्टेब्रेक्टॉमी सर्जरी को एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाकर किया जाता है। सर्जरी के चार से छह हफ्तों बाद आपको फिर से अस्पताल बुलाया जाता है, जिस दौरान कुछ विशेष टेस्ट किए जाते हैं।

(और पढ़ें - रीढ़ की हड्डी में चोट का इलाज)

  1. वर्टेब्रेक्टॉमी क्या है - What is Vertebrectomy in Hindi
  2. वर्टेब्रेक्टॉमी किसलिए की जाती है - Why is Vertebrectomy done in Hindi
  3. वर्टेब्रेक्टॉमी से पहले - Before Vertebrectomy in Hindi
  4. वर्टेब्रेक्टॉमी के दौरान - During Vertebrectomy in Hindi
  5. वर्टेब्रेक्टॉमी के बाद - After Vertebrectomy in Hindi
  6. वर्टेब्रेक्टॉमी की जटिलताएं - Complications of Vertebrectomy in Hindi
वर्टेब्रेक्टॉमी के डॉक्टर

वर्टेब्रेक्टॉमी सर्जरी क्या है?

रीढ़ कशेरुकाओं से बनी एक स्तंभनुमा संरचना है, जो मानव शरीर के बीच वाले हिस्से को सहारा प्रदान करती है, जिससे शरीर के हिस्से को खड़ा रहने में मदद मिलती है। रीढ़ की हड्डी चार अलग-अलग हिस्सों से मिलकर बनी है। गर्दन में मौजूद हड्डी में सर्वाइकल स्पाइन (Cervical spine), छाती के पिछले हिस्से में मौजूद रीढ़ की हड्डी में थोरेसिक स्पाइन (Thoracic), पीठ के निचले हिस्से में लंबर स्पाइन (Lumbar spine) और सबसे नीचे वाले हिस्से में सैक्रल स्पाइन (Sacral spine) मौजूद होती है। रीढ़ की हड्डी में 26 कशेरुकाएं (Vertebae) होती हैं। ये कशेरुकाएं गुदास्थि (गुदा की हड्डी) से लेकर खोपड़ी तक एक-दूसरे के ऊपर टिकी होती हैं।

मेरुरज्जु कशेरुकाओं के बीच खोखली जगह से निकली होती हैं और पिछले हिस्से में कशेरुकाओं पर आकृति बनी होती है। वर्टिब्रा के पिछले हिस्से को “आर्क” कहा जाता है, जो कई छोटे-छोटे हिस्सों से मिलकर बनी है। वर्टिब्रा आर्क को बनाने वाले मुख्य हिस्सों में ट्रांसवर्स प्रोसेस और स्पाइनस प्रोसेस होता है। वर्टेब्रल बॉडी से ट्रांसवर्स प्रोसेस दो पेडिकल्स (Pedicles) और स्पाइनस प्रोसेस से लेमिना (Laminae) के माध्यम से जुड़ा होता है। वर्टेब्रल आर्क के दोनों तरफ लेमिना और पेडिकल्स के ठीक बीच में आर्टिक्युलर प्रोसेस होती है। एक कशेरुका में लगभग चार आर्टिक्युलर प्रोसेस होती हैं। यह कशेरुकाओं को आपस में जुड़ने में मदद करती है।

वर्टेब्रेक्टॉमी सर्जरी की मदद से रीढ़ की हड्डी के पिछले हिस्से को हटाया जाता है जैसे स्पाइनस प्रोसेस, लेमिना और पेडिकल्स। साथ ही इस सर्जरी में वर्टेब्रल बॉडी को भी निकाल दिया जाता है।

यह सर्जरी प्रोसीजर आमतौर पर रीढ़ की हड्डी के सर्वाइकल, थोरेसिक या लंबर हिस्से में की जा सकती है। इस प्रोसीजर के दौरान बनाई गई जगह पर इंप्लांट लगा दिया जाता है। इसके अलावा, कशेरुकाओं के ऊपर व नीचे बोन स्टेबलाइजिंग डाली जाती है, जिससे रीढ़ की हड्डी को सहारा मिलता है और वह स्थिर होती है।

(और पढ़ें - गुदा की हड्डी में दर्द के लक्षण)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Long Time Capsule
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

वर्टेब्रेक्टॉमी क्यों की जाती है?

डॉक्टर आमतौर पर निम्न स्थितियों में यह सर्जरी करवाने की सलाह देते हैं -

  • यदि कशेरुका का अगला हिस्सा (वर्टेब्रल बॉडी) टूट गया हो, जिससे हड्डी अपनी सामान्य जगह से हिल जाती है और खोखले हिस्से से निकली नसों पर दबाव पड़ जाता है।
  • वर्टेब्रल बॉडी में ट्यूमर बनना जो रीढ़ की हड्डी के खोखले हिस्से तक फैल जाता है और नसों पर दबाव पड़ने लगता है।
  • काइफोसिस से ग्रस्त लोगों में पोस्टीरियर लॉन्गिट्यूडिनल लिगामेंट सख्त होकर हड्डी जैसा बन जाना, जिसके लिए सर्वाइकल वर्टेब्रेक्टॉमी सर्जरी की जा सकती है।
  • रीढ़ की हड्डी और नसों पर दबाव पड़ना
  • स्यूडोआर्थ्रोसिस
  • हर्निएटेड डिस्क या डिस्क क्षतिग्रस्त होना
  • लंबे समय से कशेरुकाएं अस्थिर रहना
  • रीढ़ की हड्डी में संक्रमण होना जिससे वर्टेब्रल बॉडी क्षतिग्रस्त हो जाती हैं

रीढ़ की हड्डी में समस्याएं होने पर निम्न लक्षण देखे जा सकते हैं -

  • पीठ के निचले हिस्से में अकड़न महसूस होना
  • लगातार 10 दिन से अधिक समय तक दर्द रहना
  • मांसपेशियों में ऐंठन होना
  • दर्द रीढ़ की हड्डी से छाती तक महसूस होना
  • हिलने-ढुलने में भी समस्या होना

वर्टेब्रेक्टॉमी सर्जरी किसे नहीं करवानी चाहिए?

कुछ स्थितियां हैं, जिनसे ग्रस्त लोगों की वर्टेब्रेक्टॉमी सर्जरी नहीं की जा सकती है और यदि किसी कारण से यह सर्जरी करनी जरूरी है, तो विशेष ध्यान दिया जाता है -

(और पढ़ें - ऑस्टियोपोरोसिस की होम्योपैथिक दवा)

वर्टेब्रेक्टॉमी सर्जरी से पहले क्या तैयारी की जाती है?

वर्टेब्रेक्टॉमी सर्जरी से एक या दो दिन पहले आपका शारीरिक परीक्षण किया जाता है और साथ ही कुछ टेस्ट किए जाते हैं -

इन सभी टेस्टों के अलावा डॉक्टर कुछ अन्य बातों का ध्यान रखने की सलाह भी दे सकते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं -

  • यदि आप किसी भी प्रकार की दवा, हर्बल उत्पाद, विटामिन, मिनरल या अन्य कोई भी सप्लीमेंट लेते हैं, तो इस बारे में डॉक्टर को बता दें। डॉक्टर सर्जरी से पहले कुछ दवाओं का सेवन बंद करने की सलाह दे सकते हैं, जिनमें मुख्य रूप से रक्त पतला करने वाली दवाएं शामिल हैं, जैसे एस्पिरिन, आइबुप्रोफेन और वारफेरिन आदि।
  • यदि आपको स्वास्थ्य संबंधी कोई रोग या फिर किसी चीज से एलर्जी है, तो इस बारे में डॉक्टर को बता दें।
  • यदि आप गर्भवती हैं या फिर आपको इस बारे में पुष्टि नहीं है, तो डॉक्टर को बता दें। ऐसा इसलिए क्योंकि सर्जरी से पहले किए जाने वाले एक्स रे बच्चे के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
  • यदि आप धूम्रपान या शराब का सेवन करते हैं, तो डॉक्टर आपको कुछ समय के लिए इनका सेवन बंद करने की सलाह दे सकते हैं। धूम्रपान व शराब आदि के सेवन करने से सर्जरी के दौरान जटिलताएं होने का खतरा बढ़ जाता है और साथ ही सर्जरी के घाव भरने में भी अधिक समय लगता है।
  • आपको सर्जरी वाले दिन खाली पेट अस्पताल आने को कहा जाता है, जिसके लिए आपको ऑपरेशन वाले दिन से पहली आधी रात के बाद कुछ भी न खाने या पीने की सलाह दी जाती है।
  • आपको सर्जरी वाले दिन सहमति पत्र दिया जाता है, जिसपर हस्ताक्षर करके आप सर्जन को सर्जरी करने की अनुमति देते हैं। 
  • सर्जरी वाले दिन अस्पताल जाने से पहले सभी प्रकार के आभूषण, गैजेट व मेकअप आदि उतार दें। यदि आपके नकली दांत (डेन्चर) लगे हैं, तो उन्हें भी उतार दें।

(और पढ़ें - सिगरेट छोड़ने के टिप्स)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Kesh Art Hair Oil बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने 1 लाख से अधिक लोगों को बालों से जुड़ी कई समस्याओं (बालों का झड़ना, सफेद बाल और डैंड्रफ) के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Bhringraj Hair Oil
₹599  ₹850  29% छूट
खरीदें

वर्टेब्रेक्टॉमी सर्जरी कैसे की जाती है?

जब आप सर्जरी के लिए अस्पताल पहुंच जाते हैं, तो आपको हॉस्पिटल गाउन और स्टॉकिंग्स पहनने को दी जाती हैं। आपको जनरल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाया जाता है, जिससे आप सर्जरी के दौरान गहरी नींद में सो जाते हैं और आपको कुछ महसूस नहीं होता है।

सर्जरी को दो अलग-अलग सर्जिकल प्रक्रियाओं के अनुसार किया जाता है, जिन्हें एंटीरियर एप्रोच और पोस्टीरियर एप्रोच कहा जाता है। ये सर्जिकल प्रोसीजर कुछ इस प्रकार हैं -

  • इवोक्ड पोटेन्शियल नामक टेस्ट किया जाता है, जिसकी मदद से रीढ़ की हड्डी की कार्य प्रक्रिया की जांच की जाती है। इस टेस्ट की मदद से यह पता लगाया जाता है, कि शरीर के किसी हिस्से की उत्तेजना की जानकारी को मस्तिष्क तक पहुंचने में कितना समय लगता है। इस टेस्ट की मदद से सर्जरी के दौरान रीढ़ की हड्डी में मौजूद तंत्रिकाओं को सुरक्षित रखा जाता है।
  • आपको एक टेबल पर पेट के बल लिटाया जाता है और जब एनेस्थीसिया का प्रभाव शुरू हो जाता है, तो उस हिस्से में चीरा लगाया जाता है, जिसकी सर्जरी की जानी है।
  • जिस कशेरुका की सर्जरी की जानी है उसके ऊपर व नीचे विशेष प्रकार के पेच लगा दिए जाते हैं, जिन्हें “पेडिकल स्क्रू” कहा जाता है।
  • इसके बाद सर्जरी का मुख्य प्रोसीजर शुरू किया जाता है, जिसमें प्रभावित कशेरुका से क्षतिग्रस्त या बढ़े हुए हिस्से को बाहर निकाल दिया जाता है।
  • धीरे-धीरे लेमिना और छोटे-छोटे उन जोड़ों (फेसेट जॉइंट) को भी निकाल दिया जाता है, जो कशेरुका के पिछले हिस्से से जुड़े होते हैं।
  • इसके बाद पेडिकल को निकाला जाता है और फिर वर्टेब्रल बॉडी का एक तरफा हिस्सा निकाल देते हैं।
  • कुछ समय के लिए सर्जरी वाले हिस्से में एक छड़ लगा दी जाती है, जिसे पेडिकल स्क्रू से जोड़कर स्थिर कर दिया जाता है।
  • इस प्रक्रिया से एक कशेरुका को निकाला जाता है, यदि एक से अधिक कशेरुकाएं निकालनी हैं तो फिर उसे भी इसी प्रक्रिया के अनुसार किया जाता है।
  • सर्जरी के बाद सर्जन रीढ़ की हड्डी को सीधा करते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि रीढ़ की हड्डी में सामान्य से अधिक खिंचाव या दबाव नहीं आया है।
  • रीढ़ की हड्डी सीधी होने के बाद उसके खाली हिस्से में इंप्लांट लगा दिया जाता है। यह इंप्लांट कृत्रिम हड्डी, टाइटेनियम या फिर शरीर के किसी अन्य हिस्से से ली गई हड्डी से बना होता है।
  • यदि रीढ़ की हड्डी में अधिक रिक्त स्थान है, तो पिछले हिस्से में अतिरिक्त बोन ग्राफ्ट लगाया जा सकता है।
  • छड़ व पेडिकल स्क्रू रीढ़ की हड्डी को स्थिर और सीधा रखते हैं।
  • अंत में सर्जन लगाए गए चीरे को टांके लगाकर बंद कर देते हैं और फिर उसके ऊपर पट्टी लगा दी जाती है।

जब ऑपरेशन प्रोसीजर पूरा हो जाता है, तो आपको ऑपरेशन थिएटर से रिकवरी रूम में शिफ्ट कर दिया जाता है। रिकवरी रूम में निम्न प्रक्रियाएं की जा सकती हैं -

  • सर्जरी के बाद आपको कुछ समय तक दर्द रह सकता है, जिसके लिए आपको इंजेक्शन व इंट्रावेनस के द्वारा दवाएं दी जाएंगी।
  • सर्जरी वाले हिस्से में ड्रेनेज ट्यूब लगा दी जाती है, घाव में जमा होने वाला द्रव साथ ही साथ निकलता रहता है। इस ट्यूब को आमतौर पर अगले दिन ही निकाल दिया जाता है।
  • सर्जरी के कुछ दिन बाद कैथेटर को निकाल दिया जाता है।
  • डॉक्टर व फीजियोथेरेपिस्ट आपको कुछ एक्सरसाइज सिखाएंगे जो वर्टेब्रेक्टॉमी सर्जरी के बाद आपको जल्दी स्वस्थ होने में मदद करेंगी।
  • आपको सर्जरी के बाद लगभग तीन से पांच दिन तक अस्पताल में रहना पड़ सकता है।
  • यदि थोरेसिक सर्जरी की गई है, तो आपको कुछ दिन तक बैक ब्रेस (कमर पर लगाने की पट्टी) पहनने की सलाह दी जा सकती है।

(और पढ़ें - कमर दर्द का कारण)

वर्टेब्रेक्टॉमी सर्जरी के बाद क्या देखभाल की जाती है?

वर्टेब्रेक्टॉमी सर्जरी के बाद जब अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है, तो आपको घर पर निम्न बातों का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है -

  • आपको दर्द, सूजनकब्ज आदि की दवाएं दी जाती हैं, जिन्हें डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लेना चाहिए।
  • डॉक्टर आपको आहार में कुछ बदलाव करने की सलाह भी देते हैं, जिनमें फाइबर व अन्य पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करने की सलाह दी जाती है।
  • सर्जरी के लगभग एक हफ्ते बाद फिजियोथेरेपी शुरू की जाती है, जिससे पीठ व आसपास के हिस्से मजबूत होते हैं और साथ ही हिलने-ढुलने की क्षमता में भी सुधार आता है।
  • आपको नहाने की अनुमति दी जा सकती है, लेकिन आपको इस दौरान घाव को गीला होने से बचाने को कहा जाता है।
  • सर्जरी के बाद अपनी दिनचर्या फिर से शुरू करने से पहले कम से कम 12 हफ्ते आराम करने को कहा जाता है।
  • वर्टेब्रेक्टॉमी के बाद पहले हफ्ते आपको धीरे-धीरे चलने-फिरने को कहा जाता है और फिर धीरे-धीरे शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाया जाता है।
  • सर्जरी के बाद आपको जो भी सलाह व परहेज बताए जाएं उन्हें याद रखें और उनका ध्यानपूर्वक पालन करें। जब तक डॉक्टर अनुमति न दें तब तक आगे या पीछे की तरफ न झुकें। 5 किलोग्राम से अधिक भारी वस्तु न उठाएं। जब तक घाव न भरें तब तक रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने की कोशिश करें।

डॉक्टर को कब दिखाएं

यदि आपको वर्टेब्रेक्टॉमी सर्जरी के बाद निम्न में से कोई भी समस्या होने लगती है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से बात करें -

  • अचानक से शरीर का कोई हिस्सा सुन्न हो जाना
  • पेशाब या मल को कंट्रोल न कर पाना
  • तेज बुखार होना
  • सर्जरी वाले घाव में सूजन व लालिमा होना और साथ ही द्रव का रिसाव होना
  • अचानक से तेज दर्द होना जो दवाएं लेने के बाद भी कम न हो रहा हो
  • लगातार तेज सिरदर्द होना

(और पढ़ें - पेशाब न रोक पाने का इलाज)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Energy & Power Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शारीरिक व यौन कमजोरी और थकान जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Power Capsule For Men
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

वर्टेब्रेक्टॉमी सर्जरी से क्या जोखिम हो सकते हैं?

वर्टेब्रेक्टॉमी सर्जरी से कुछ जोखिम व जटिलताएं हो सकती हैं -

  • नसें क्षतिग्रस्त होना
  • घाव में संक्रमण होना
  • स्यूडोआर्थ्रोसिस
  • ड्यूरल टियर (सर्जरी से होने वाली एक जटिलता, जिसमें ड्यूरा मेटर नामक परत क्षतिग्रस्त हो जाती है)
  • हीमोन्यूमोथोरेक्स (छाती के रिक्त स्थान में रक्त व हवा फंस जाना)
  • फिर से सर्जरी करने या कुछ बदलाव करने की आवश्यकता पड़ना

(और पढ़ें - बैक्टीरियल संक्रमण का इलाज)

Dr. G Sowrabh Kulkarni

Dr. G Sowrabh Kulkarni

ओर्थोपेडिक्स
1 वर्षों का अनुभव

Dr. Shivanshu Mittal

Dr. Shivanshu Mittal

ओर्थोपेडिक्स
10 वर्षों का अनुभव

Dr. Saumya Agarwal

Dr. Saumya Agarwal

ओर्थोपेडिक्स
9 वर्षों का अनुभव

Dr Srinivas Bandam

Dr Srinivas Bandam

ओर्थोपेडिक्स
2 वर्षों का अनुभव

संदर्भ

  1. Gupta MC, Devlin VJ, GogiaJS. Procedures for decompression of spinal cord and nerve roots. In: Devlin VJ. Spine Secrets Plus, 2nd ed. Elsevier Mosby; 2012. p. 165
  2. Waxenbaum JA, Reddy V, Williams C, et al. Anatomy, Back, Lumbar Vertebrae. [Updated 2020 Aug 10]. In: StatPearls [Internet]. Treasure Island (FL): StatPearls Publishing; 2020 Jan
  3. The Spine Hospital: The Neurological Institute of New York [Internet]. Department of Neurological Surgery. Columbia University. US; Vertebral Column Resection
  4. American Association of Neurological Surgeons [Internet]. Illinois. US; Spinal Pain
  5. Guy's and St. Thomas' Hospital: NHS Foundation Trust [Internet]. National Health Service. UK; Anterior Cervical Surgery
  6. Johns Hopkins Medicine [Internet]. The Johns Hopkins University, The Johns Hopkins Hospital, and Johns Hopkins Health System; The Road to Recovery After Cervical Spine Surgery
  7. Brighton and Sussex University Hospitals [Internet]. NHS Foundation Trust. National Health Service. US; Information and Guidance for Patients following Lumbar spinal surgery
  8. Saifi C, Laratta JL, Petridis P, Shillingford JN, Lehman RA, Lenke LG. Vertebral column resection for rigid spinal deformity. Global Spine J. 2017;7(3):280–290. PMID: 28660112.
  9. Gokaslan ZL, York JE, Walsh GL, McCutcheon IE, Lang FF, Putnam JB Jr, Wildrick DM, Swisher SG, Abi-Said D, Sawaya R. Transthoracic vertebrectomy for metastatic spinal tumors. J Neurosurg. 1998 Oct;89(4):599-609. PMID: 9761054.
ऐप पर पढ़ें
cross
डॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ