सर्जरी की जानकारी के लिए फॉर्म भरें।
हम 48 घंटों के भीतर आपसे संपर्क करेंगे।
  1. यूरेटेरोस्कोपी क्या होता है? - URS kya hai in Hindi?
  2. यूरेटेरोस्कोपी क्यों की जाती है? - Ureteroscopy surgery kab ki jati hai?
  3. यूरेटेरोस्कोपी होने से पहले की तैयारी - URS procedure ki taiyari
  4. यूरेटेरोस्कोपी कैसे किया जाता है? - Ureteroscopy operation kaise hota hai?
  5. यूरेटेरोस्कोपी के बाद देखभाल - Ureteroscopy hone ke baad dekhbhal
  6. यूरेटेरोस्कोपी के बाद सावधानियां - Ureteroscopy surgery hone ke baad savdhaniya
  7. यूरेटेरोस्कोपी की जटिलताएं - URS surgery me jatilta

यूरेटेरोस्कोपी (Ureteroscope) मूत्रनली (Ureter) और गुर्दे (Kidney) के अंदर देखने के लिए यूरेटेरोस्कोप (Ureteroscope) का उपयोग करता है। यूरेटेरोस्कोप में एक छोर पर एक आईपीस (Eyepiece) होता है, मध्य में एक कठोर या लचीली ट्यूब, और ट्यूब के दूसरे छोर पर एक छोटा लेंस और लाइट होती है। हालांकि, यूरेटेरोस्कोप एक सिस्टोस्कोप की तुलना में अधिक लंबा और पतला होता है ताकि यूरोलॉजिस्ट (Urologist; मूत्र रोग विशेषज्ञ) मूत्रनली और गुर्दे की लाइनिंग के विस्तृत चित्र देख सकें। मूत्रनली और गुर्दे भी मूत्र पथ के भाग हैं।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Manamrit Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को तनाव, चिंता और अनिद्रा जैसी समस्याओं में सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Brahmi Tablets
₹899  ₹999  10% छूट
खरीदें

यूरोलॉजिस्ट मूत्रनली में मूत्र के ब्लॉकेज या मूत्रनली या गुर्दे की असामान्यताएं का आंकलन करने हेतु युरेटेरस्कोपी करते हैं। 
युरेटेरस्कोपी के दौरान, यूरोलॉजिस्ट मूत्रनली या गुर्दे का स्टोन, या गुर्दे या मूत्रनली की लाइनिंग पर असामन्य ऊतकों, जंतु, ट्यूमर या कैंसर को देख सकते हैं और इन समस्याओं का इलाज भी कर सकते हैं।

इस प्रक्रिया का उपयोग मूत्रनली या गुर्दे की बायोप्सी करने के लिए भी किया जाता है। बायोप्सी या स्टोन रिमूवल के लिए की गयी युरेटेरेस्कोपी में लगाए हुए स्टेंट को हटाने के लिए सिस्टोस्कोपी (Cystoscopy) का उपयोग कर सकते हैं।

सर्जरी की तैयारी के लिए आपको निम्न कुछ बातों का ध्यान रखना होगा और जैसा आपका डॉक्टर कहे उन सभी सलाहों का पालन करना होगा: 

  1. सर्जरी से पहले किये जाने वाले टेस्ट्स/ जांच (Tests Before Surgery)
  2. सर्जरी से पहले एनेस्थीसिया की जांच (Anesthesia Testing Before Surgery)
  3. सर्जरी की योजना (Surgery Planning)
  4. सर्जरी से पहले निर्धारित की गयी दवाइयाँ (Medication Before Surgery)
  5. सर्जरी से पहले फास्टिंग खाली पेट रहना (Fasting Before Surgery)
  6. सर्जरी का दिन (Day Of Surgery)
  7. सामान्य सलाह (General Advice Before Surgery)
  8. ध्यान देने योग्य अन्य बातें (Other Things To Be Kept In Mind Before Ureterscopy)
    युरेटेरेस्कोपी से पहले मरीज़ों को डॉक्टर द्वारा विशेष तैयारी करने के लिए कहा जा सकता है। डॉक्टर द्वारा बताई हर सलाह का पालन करें। अगर आपको मूत्र पथ का संक्रमण (Urinary Tract Infection) है तो आपको युरेटेरेस्कोपी से पहले एंटीबायोटिक दवाएं निर्धारित की जा सकती हैं। यह प्रक्रिया आउट-पेशेंट (जब मरीज़ को प्रक्रिया के बाद अस्पताल में भर्ती होने की ज़रुरत नहीं होती) आधार पर की जा सकती है। प्रक्रिया में एनेस्थीसिया के लिए एनेस्थेटिक जेल का प्रयोग किया जा सकता है। डॉक्टर के हर निर्देश जैसे कब मूत्राशय को खाली करना है या अन्य निर्देशों का पालन करें। 

इन सभी के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लिंक पर जाएँ - सर्जरी से पहले की तैयारी

अनिद्रा से छुटकारा पाने और अच्छी नींद के लिए Melatonin Sleep Support Tablets का उपयोग करें -
Sleeping Tablets
₹499  ₹549  9% छूट
खरीदें

युरेटेरेस्कोपी के दौरान, महिलाएं पीठ के बल घुटने ऊपर की तरफ करके (टाँगे फैलाकर) लेटेंगी।

एनेस्थीसिया का असर शुरू होने पर, यूरोलॉजिस्ट धीरे-धीरे युरेटेरेस्कोप की टिप को मूत्रमार्ग में डालेंगे। फिर धीरे से उसे मूत्रमार्ग से खिसकाकर मूत्राशय की तरफ ले जायेंगे। यूरेटेरोस्कोप द्वारा एक संक्रमण रहित द्रव (Sterile Liquid), जिसे सेलाइन (Saline) कहा जाता है, से मूत्राशय को भरा जाता है जिससे मूत्राशय स्ट्रेच (फ़ैल) हो जाए और मूत्राशय भित्ति (Bladder Wall) को ढंग से देखा जा सके। यूरोलॉजिस्ट मूत्रनली की लाइनिंग की जांच करते हैं। वे युरेटेरेस्कोप को गुर्दे तक भी ले जा सकते हैं। मूत्रनली या गुर्दे की परेशानियों के उपचार के लिए युरेटेरेस्कोप के साथ छोटे उपकरण भी लगाए जा सकते हैं।

मूत्रशय के द्रव से भर जाने से रोगी को बेचैनी या परेशानी हो सकती है और मूत्रत्याग करने की इच्छा हो सकती है। प्रक्रिया के दौरान, यूरोलॉजिस्ट थोड़ा द्रव निकाल सकते हैं। प्रक्रिया के समाप्त होने पर, यूरोलॉजिस्ट द्वारा मूत्राशय से द्रव निकाल दिया जायेगा या मरीज़ को स्वयं ही मूत्राशय खाली करने के लिए कह दिया जाएगा।

इस प्रक्रिया में 15 से 30 मिनट लग सकते हैं। यह समय बढ़ सकता है अगर युरेटेरेस्कोपी का प्रयोग स्टोन के उपचार या बायोप्सी के लिए किया जा रहा हो।

प्रक्रिया के बाद, आम तौर पर मरीज़ सीधा घर जा सकते हैं। हालांकि अस्पताल में कितने समय तक रुकना होगा, यह एनेस्थीसिया के प्रभाव पर निर्भर करता है। अपने चिकित्सक द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें।

प्रक्रिया के बाद समस्याएं

युरेटेरस्कोपी के बाद मरीज़ों को निम्न समस्याएं हो सकतीं हैं। आम तौर पर ये परेशानियां 24 घंटों में ठीक हो जाएँगी लेकिन अगर समस्याएं गंभीर हैं या 24 घंटों में ठीक नहीं होती तो अपने चिकित्सक को अवश्य सूचित करें। 

  1. मूत्रत्याग करने में हल्की जलन
  2. मूत्र में रक्तस्त्राव
  3. मूत्रत्याग करने में मूत्राशय या गुर्दे के आसपास बेचैनी या कठिनाई
  4. बार बार मूत्रत्याग करने की इच्छा होना 

प्रक्रिया के बाद आम सलाह

  1. प्रक्रिया के बाद, दो घंटे के लिए हर घंटे 16 अउंस पानी पियें। 
  2. जलन से निजात पाने के लिए हलके गरम पानी से नहाएं। 
  3. बेचैनी न हो इसके लिए एक कपड़े या टॉवल को हलके गरम पानी से गीला करके मूत्रमार्ग के छिद्र पर लगाकर सिकाई करें। 
  4. दर्द से बचने के लिए दर्द निवारक लें।

संक्रमण

संक्रमण न हो इसके लिए आपको 1 या 2 दिन के लिए एंटीबायोटिक निर्धारित की जा सकती है। संक्रमण के लक्षण जैसे दर्द, ठंड लगना या बुखार दिखने पर चिकित्सक से परामर्श करें। (और पढ़ें – बुखार के घरेलू उपचार)

Badam Rogan Oil
₹539  ₹599  9% छूट
खरीदें

युरेटेरोस्कोपी से जुड़े जोखिम निम्न हैं:

  1. मूत्र पथ संक्रमण (और पढ़ें – यूरिन इन्फेक्शन का इलाज)
  2. असामान्य रक्तस्त्राव 
  3. पेट में दर्द (और पढ़ें – पेट दर्द के घरेलू उपचार)
  4. मूत्रत्याग के दौरान जलन या दर्द
  5. मूत्रमार्ग, मूत्राशय, या मूत्रनली में चोट
  6. स्कार ऊतक (Scar Tissue) के गठन के कारण मूत्रमार्ग सिकुड़ जाना
  7. आसपास के ऊतकों की सूजन के कारण मूत्रत्याग करने में असमर्थता
  8. एनेस्थीसिया से जुड़ी जटिलताएं

निम्न समस्याएं या जटिलताएं होने पर तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क करें:

  1. मूत्र त्याग करने में अक्षमता और मूत्राशय का भरा हुआ लगना
  2. मूत्र त्याग करने में दर्द या जलन (जो 2 दिन से ज़्यादा समय तक रहे)
  3. मूत्र का रंग लाल होना या मूत्र में रक्त के थक्के होना
  4. बुखार (जिसमें ठण्ड भी लग सकती है)
  5. अत्यधिक बेचैनी  

संदर्भ

  1. Oitchayomi A, Doerfler A, Le Gal S, Chawhan C, Tillou X. Flexible and rigid ureteroscopy in outpatient surgery. 2016 Jan 28. BMC Urology;16:6. PubMed PMID: 26822017.
  2. Wright AE, Rukin NJ, Somani BK. Ureteroscopy and stones: Current status and future expectations. 2014 Nov 6. World Journal of Nephrology;3(4):243-8. PubMed PMID: 25374818.
  3. U.S. National Library of Medicine. Ureteroscopy. 2017 Aug 26. National Institute of Health. MedlinePlus.
  4. U.S. Department of Health & Human Services. Cystoscopy and Ureteroscopy. 2015 Jun. National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases.
  5. U. S. Department of Health and Human Services. Ureteral Stenting After Ureteroscopy for Stone Treatment, A Global Perspective on Indications and Outcomes. 2018 Jun 25. Study Record Detail. ClinicalTrials.gov Identifier: NCT03567421.
  6. Brisbane W, Bailey MR, Sorensen MD. An overview of kidney stone imaging techniques. Epub 2016 Aug 31. National Reviews Urology. 2016 Nov;13(11):654-662. PubMed PMID: 27578040.
  7. Ghosh A, Somani BK. Safety and feasibility of day case ureteroscopy and laser lithotripsy (URSL) in patients with a solitary kidney. Epub 2016 Jan 11. Central European Journal of Urology. 2016;69(1):91-5. PubMed PMID: 27123333.
  8. Takazawa R, Kitayama S, Tsujii T. Appropriate kidney stone size for ureteroscopic lithotripsy: When to switch to a percutaneous approach. 2015 Feb 6. World Journal of Nephrology. 4(1):111-7. PubMed PMID: 25664253.
  9. Reddy TG, Assimos DG. Optimizing Stone-free Rates With Ureteroscopy. 2015. Reviews in Urology. 17(3):160-4. PubMed PMID: 26543430.
ऐप पर पढ़ें
cross
डॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ