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एंडोमेट्रियल एब्लेशन एक सर्जरी प्रोसीजर है, जिसे अधिक मासिक धर्म होने के इलाज के लिए किया जाता है। इस प्रोसीजर में सर्जन एंडोमेट्रियम या गर्भाशय की आंतरिक परत को हटा देते हैं। एंडोमेट्रियम को हटाने के लिए इस सर्जरी में आमतौर पर तीन अलग-अलग तकनीकों में से एक का इस्तेमाल किया जाता है, जिन्हें क्रायोएब्लेशन (अत्यधिक ठंडे तापमान के संपर्क में लाना), इलेक्ट्रोक्युटरी (इलेक्ट्रिक करंट के संपर्क में लाना) और हाइड्रोथर्मल (गर्म द्रव के संपर्क में लाना) के नाम से जाना जाता है। एंडोमेट्रियल एब्लेशन में कोई चीरा लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है, इसमें हिस्टेरोस्कोप या अन्य उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है, जिन्हें योनि के अंदर से टारगेट तक पहुंचाया जाता है।

सर्जरी से पहले आपकी बायोप्सी की जाती है। साथ ही आपको सर्जरी के लिए खाली पेट रहने की सलाह दी जाती है, जिसके लिए डॉक्टर ऑपरेशन से कम से कम आठ घंटे पहले तक कुछ भी न खाने या पीने की सलाह देते हैं। सर्जरी वाले दिन डॉक्टर आपको अपने साथ सैनिटरी पैड साथ लाने की सलाह भी देते हैं, ताकि सर्जरी के बाद ब्लीडिंग को रोका जाए। हालांकि, जो महिला यह सर्जरी करवा लेती है उसके बाद वह गर्भधारण नहीं कर पाती है।

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सर्जरी के बाद कुछ दिनों तक भी आपको मासिक धर्म में अधिक रक्त आता है। हालांकि, रक्त की मात्रा हर महीने कम होती जाएगी। सर्जरी के बाद आपको कुछ हफ्तों तक भारी वस्तु उठाने, अधिक मेहनत वाली एक्सरसाइज करने और यौन संबंध बनाने से मना किया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि सर्जरी के बाद आपके घाव सामान्य रूप से ठीक हो सकें।

(और पढ़ें - घाव भरने के उपाय)

  1. एंडोमेट्रियल एब्लेशन क्या है - What is Endometrial ablation in Hindi
  2. एंडोमेट्रियल एब्लेशन किसलिए की जाती है - Why is Endometrial ablation done in Hindi
  3. एंडोमेट्रियल एब्लेशन से पहले - Before Endometrial ablation in Hindi
  4. एंडोमेट्रियल एब्लेशन के दौरान - During Endometrial ablation in Hindi
  5. एंडोमेट्रियल एब्लेशन के बाद - After Endometrial ablation in Hindi
  6. एंडोमेट्रियल एब्लेशन की जटिलताएं - Complications of Endometrial ablation in Hindi

एंडोमेट्रियल एब्लेशन सर्जरी क्या है?

एंडोमेट्रियल एब्लेशन सर्जरी में गर्भाशय की अंदरूनी परत (एंडोमेट्रियम) को नष्ट किया जाता है। यह सर्जरी आमतौर पर अधिक मासिक धर्म होने की स्थिति (मेनोरेजिया) का इलाज करने के लिए की जाती है। यह सर्जरी आमतौर पर सिर्फ उन महिलाओं में की जा सकती है, जो गर्भधारण करना नहीं चाहती हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इस सर्जरी के बाद अंडा गर्भाशय की परत से जुड़ नहीं पाता है और परिणामस्वरूप महिला गर्भवती नहीं हो पाती है। (और पढ़ें - प्रेगनेंसी रोकने के घरेलू उपाय)

शुरुआत में डॉक्टर इस स्थिति का इलाज करने के लिए विशेष प्रकार की हार्मोनल व नॉन-हार्मोनल दवाओं और यूराइन हार्मोनल डिवाइस आदि का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, यदि ये सभी इलाज प्रक्रियाएं काम न कर पाएं, तो एंडोमेट्रियल एब्लेशन सर्जरी करने पर विचार किया जाता है। इस सर्जरी के बाद मासिक धर्म या तो कम आते हैं या फिर बिल्कुल नहीं आते हैं। एंडोमेट्रियल एब्लेशन सर्जरी में कोई चीरा आदि लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है, इसकी बजाय इस सर्जरी प्रोसीजर में एक विशेष उपकरण को योनि के अदंर से गर्भाशय में डाला जाता है।

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एंडोमेट्रियल एब्लेशन सर्जरी क्यों की जाती है?

यह सर्जरी मेनोरेजिया नामक रोग से ग्रस्त महिलाओं के लिए की जाती है, जिसमें उनके मासिक धर्म में अधिक रक्त आने लगता है। मेनोरेजिया से आमतौर पर निम्न लक्षण होते हैं -

  • अत्यधिक रक्तस्राव होना, जिससे कपड़े भी खराब हो जाते हैं
  • सैनिटरी पैड और टैम्पोन को एक साथ इस्तेमाल करने की आवश्यकता पड़ना
  • रक्त के साथ रक्त के बड़े-बड़े थक्के निकलना
  • हर दो घंटे में पैड या टैम्पोन बदलने की आवश्यकता पड़ना

कुछ स्थितियां हैं, जिनके लक्षण के रूप में मेनोरेजिया हो सकता है -

  • हार्मोन संबंधी समस्याएं
  • एंडोमेट्रिओसिस (एंडोमेट्रियम से ऊतक गर्भाशय से बाहर की तरफ दिखना)
  • फाइब्रॉयड्स (गर्भाशय के अंदर व आस-पास चर्बी बढ़ना)
  • गर्भाशय कैंसर
  • पोलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (एक सामान्य समस्या जो महिलाओं में अनियमित मासिक धर्म का कारण बनती है)
  • पोलिप्स (गर्भाशय की अंदरूनी परत में बिना कैंसर के चर्बी बढ़ना)

एंडोमेट्रियल एब्लेशन सर्जरी किसे नहीं करवानी चाहिए?

कुछ स्थितियां हैं जिनमें सर्जन एंडोमेट्रियल एब्लेशन सर्जरी करने से मना कर सकते हैं -

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एंडोमेट्रियल एब्लेशन सर्जरी से पहले क्या तैयारी की जाती है?

आपको सर्जरी से कुछ दिन पहले अस्पताल बुलाया जाता है, जहां पर निम्न तैयारियां की जाती हैं -

  • आपको कुछ विशेष टेस्ट करवाने को कहा जाएगा, जिनमें एंडोमेट्रियम की बायोप्सी भी शामिल है। बायोप्सी की मदद से डॉक्टर एंडोमेट्रियम के ऊतकों में कैंसर व पोलिप्स आदि का पता लगा पाते हैं।
  • यदि आपको स्वास्थ्य संबंधी कोई रोग या एलर्जी है, तो इस बारे में डॉक्टर को बता दें।
  • यदि आप गर्भवती हैं या फिर गर्भधारण की योजना बना रही हैं, तो डॉक्टर को इस बारे में सूचित करें।
  • यदि आप किसी भी प्रकार की कोई दवा, हर्बल उत्पाद, विटामिन, मिनरल या अन्य कोई सप्लीमेंट ले रहे हैं, तो इस बारे में डॉक्टर को बता दें। डॉक्टर आपको इनमें से कुछ दवाएं सर्जरी से एक निश्चित समय पहले ही छोड़ने को कह सकते हैं, इनमें मुख्य रूप से रक्त पतला करने वाली दवाएं शामिल हैं जैसे आइबुप्रोफेन, वारफेरिन और एस्पिरिन आदि।
  • यदि आप धूम्रपान या शराब का सेवन करती हैं, तो सर्जरी से पहले इनका सेवन बंद करने की सलाह दी जाती है। सिगरेट व शराब के सेवन से सर्जरी के बाद कई जटिलताएं विकसित हो सकती हैं। (और पढ़ें - धूम्रपान छोड़ने के घरेलू उपाय)
  • आपको हार्मोन संबंधी कुछ दवाएं दी जाती हैं, जो एस्ट्रोजन (फीमेल सेक्स हार्मोन) को बनने से रोकता है। ये दवाएं गर्भाशय की परत को पतली बना देती हैं, जिससे सर्जरी करने में आसानी रहती है। ये दवाएं आमतौर पर सर्जरी से एक महीना पहले शुरू करनी पड़ती हैं। (और पढ़ें - एस्ट्रोजन स्तर बढ़ने के लक्षण)
  • आपको सर्जरी से 12 घंटे पहले कुछ विशेष दवाएं दी जाती हैं, जो सर्विक्स को खोलने का काम करती हैं।
  • सर्जरी के लिए आपको खाली पेट रहने को कहा जाता है, इसके लिए आपको सर्जरी से आठ घंटे पहले कुछ भी खाने या पीने से मना किया जा सकता है।
  • ऑपरेशन वाले दिन अस्पताल जाने से पहले आपको नहाने की सलाह दी जाती है। नहाने के बाद मेकअप न करें और यदि आपने कोई आभूषण या गैजेट पहना है तो उसे घर पर ही छोड़ दें। अपने साथ अस्पताल में कुछ सैनिटरी पैड्स भी लेकर जाएं।
  • अस्पताल में अपने साथ किसी करीबी रिश्तेदार या मित्र को लेकर जाएं, जो सर्जरी से पहले और बाद के कार्यों में आपकी मदद कर सकें।

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एंडोमेट्रियल एब्लेशन सर्जरी कैसे की जाती है?

जब ऑपरेशन के लिए आप अस्पताल पहुंच जाते हैं, तो मेडिकल स्टाफ आपको एक विशेष ड्रेस पहनने को देते हैं, जिसे “हॉस्पिटल गाउन” कहा जाता है। आपकी बांह या हाथ की नस में सुई लगाकर उसे इंट्रावेनस लाइन से जोड़ दिया जाता है, जिसकी मदद से आपको सर्जरी के दौरान दवाएं व आवश्यक द्रव दिए जाते हैं। एंडोमेट्रियल एब्लेशन की सर्जरी प्रोसीजर कुछ इस प्रकार शुरू की जाती है -

  • आपको टेबल पर बिठाया जाएगा और आपके पैरों को टेबल पर लगे रकाब (स्टीरप्स) पर रखने को कहा जाएगा।
  • सर्जरी के दौरान होने वाले दर्द को कम करने के लिए आपको जनरल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगा दिया जाता है, जिससे आप गहरी नींद में सो जाते हैं।
  • आपके मूत्राशय में कैथेटर लगा दिया जाता है, ताकि सर्जरी के दौरान आपका पेशाब निकलता रहे।
  • योनिद्वार को खोलने के लिए स्पेक्युलम नामक एक विशेष उपकरण का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे सर्जन सर्विक्स तक पहुंच पाते हैं।
  • फॉर्सेप नामक उपकरण की मदद से सर्विक्स को एक ही जगह पर स्थिर रखा जाता है और अलग-अलग आकार की छड़ों का इस्तेमाल करके सर्विक्स में पर्याप्त जगह बनाई जाती है, ताकि हिस्टेरोस्कोप को अंदर डाला जा सके। हिस्टेरोस्कोप एक छड़ जैसा उपकरण होता है, जिसके सिरे पर कैमरा व लाइट लगी होती हैं। हिस्टेरोस्कोप को कंप्यूटर स्क्रीन से जोड़ा जाता है, जिससे सर्विक्स के अंदर की तस्वीर बाहर स्क्रीन पर दिखती हैं।
  • इसके बाद उपकरणों के आधार पर निम्न प्रक्रियाओं की मदद से एंडोमेट्रियल एब्लेशन सर्जरी की जाती है -
    • माइक्रोवेव एब्लेशन -
      इसमें सर्जन एक पतले प्रोब का इस्तेमाल करते हैं, जो माइक्रोवेव एनर्जी को टारगेट तक भेजता है। इससे पैदा होने वाली एनर्जी से गर्मी पैदा होती है, जिससे एंडोमेट्रियम को नष्ट किया जाता है।
    • इलेक्ट्रिक एब्लेशन -
      इसमें सर्जन हिस्टेरोस्कोप की मदद से एक रोलरबॉल या वायर लूप को गर्भाशय के अंदर भेजते हैं। इन उपकरणों की मदद से अंदर इलेक्ट्रिक करंट भेजा जाता है, जिससे गर्भाशय की अंदरूनी परत को नष्ट किया जाता है।
    • हाइड्रोथर्मल एब्लेशन -
      इस प्रक्रिया में एंडोमेट्रियम को गर्म द्रव के संपर्क में लाकर उसे नष्ट किया जाता है। प्रक्रिया के पूरा होने के बाद द्रव को वापस बाहर निकाल दिया जाता है।
  • जब यह सर्जरी हो जाती है, जो सर्जन ध्यानपूर्वक सभी उपकरणों को बाहर निकाल देते हैं।

एंडोमेट्रियल एब्लेशन सर्जरी को हिस्टेरोस्कोप की मदद के बिना भी किया जा सकता है। इस प्रोसीजर को लोकल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाकर किया जाता है। इसका सर्जिकल प्रोसीजर कुछ इस प्रकार है -

  • सर्जन यूटेराइन साउंड का इस्तेमाल करते हैं, जो एक पतली छड़ जैसा उपकरण होता है। इसकी मदद से गर्भाशय और सर्विक्स की लंबाई का पता लगाया जाता है।
  • इसके बाद छड़ को निकाल लिया जाता है और निम्न में से किसी एक तकनीक की मदद से एंडोमेट्रियम को नष्ट किया जाता है -
    • बैलून एब्लेशन -
      इसमें गर्भाशय के अंदर एक छोटा थर्मल बैलून डाला जाता है और फिर इसमें गर्म द्रव भर दिया जाता है। गर्म बैलून एंडोमेट्रियम को नष्ट कर देता है। इस बैलून का तापमान, दबाव और समय कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
    • क्रायोब्लेशन -
      सर्जन गर्भाशय में क्रायोब्लेशन प्रोब डालते हैं। प्रोब को टारगेट तक पहुंचाने के लिए अल्ट्रासोनोग्राफी की मदद ली जाती है। प्रोब से निकलने वाला अत्यधिक ठंडा तापमान गर्भाशय की परत को नष्ट कर देता है।
    • रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन -
      सर्जन आपके गर्भाशय में एक विशेष जाली डालते हैं, जो अंदर जाकर फैल जाती है और पूरे गर्भाशय से मिल जाती है। इसके बाद इस जाली में रेडियोवेव एनर्जी छोड़ी जाती है, जो गर्भाशय की परत को क्षतिग्रस्त कर देती है।
  • इसके बाद सक्शन तकनीक की मदद से गर्भाशय से परत के क्षतिग्रस्त टुकड़ों को बाहर निकाला जाता है। सर्जरी पूरी होने के बाद सभी उपकरणों को बाहर निकाल लिया जाता है।

सर्जरी प्रोसीजर को पूरा करने में 15 से 45 मिनट का समय लग सकता है। यदि सर्जरी के दौरान जनरल एनेस्थीसिया का इस्तेमाल किया गया था, तो मेडिकल टीम आपको रिकवरी रूम में शिफ्ट कर देती है, जहां पर आपके शारीरिक संकेतों पर नजर रखी जाती है। आमतौर पर मरीज को सर्जरी वाले दिन ही घर के लिए छुट्टी दे दी जाती है।

(और पढ़ें - कार्डियक एब्लेशन क्या है)

एंडोमेट्रियल एब्लेशन के बाद की देखभाल कैसे की जाती है?

जब आपको सर्जरी के बाद छुट्टी मिल जाती है, आपको घर पर निम्न देखभाल करने की आवश्यकता पड़ती है -

  • दवाएं -
    • सर्जरी के बाद आपको कुछ दिन तक दर्द रह सकता है, जिसके लिए डॉक्टर आपको दर्दनिवारक दवाएं देते हैं। जिन्हें डॉक्टर की सलाह के अनुसार लेना चाहिए
    • संक्रमण होने से बचाने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती है, इन्हें भी डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लेना चाहिए
       
  • नहाना -
    • सर्जरी के बाद आपको नहाने की सलाह दी जा सकती है।
    • जब तक डॉक्टर अनुमति न दें बाथटब या पूल में न नहाएं
       
  • ब्लीडिंग -
    • एंडोमेट्रियल एब्लेशन के बाद कम से कम छह से आठ घंटों तक रक्तस्राव की समस्या हो सकती है जो कि सामान्य है। कुछ दिनों तक आपको योनि से द्रव का रिसाव भी महसूस हो सकता है।
    • शुरुआत में आपको मासिक धर्म में अधिक रक्त आएगा, जो हर महीने थोड़ा-थोड़ा कम होता रहेगा।
       
  • आहार -
    • आपको सर्जरी के बाद कुछ दिनों तक स्वास्थ्यकर आहार लेने की सलाह दी जाती है।
    • पर्याप्त मात्रा में पानी पिए और शरीर में पानी की कमी न होने दें
       
  • गतिविधियां -
    • सर्जरी के दो दिन बाद आपको अपनी सामान्य शारीरिक गतिविधियां करने की अनुमति दी जा सकती है।
    • जब तक डॉक्टर अनुमति न दें ड्राइविंग न करें और न ही कोई अन्य मशीन ऑपरेट करें।
    • एंडोमेट्रियल एब्लेशन सर्जरी के बाद कम से कम 2 हफ्तों तक टैम्पोन और ड्यूस बैग आदि का इस्तेमाल न करें।
    • सर्जरी के बाद कम से कम एक हफ्ते तक यौन संबंध न बनाएं और उसके बाद भी गर्भ निरोधकों का इस्तेमाल करते रहें।
    • जब तक डॉक्टर अनुमति न दें कोई भी भारी वस्तु न उठाएं और न ही कोई अधिक मेहनत वाली शारीरिक गतिविधि करें (जैसे व्यायाम आदि)।
       

डॉक्टर को कब दिखाएं?

एंडोमेट्रियल एब्लेशन सर्जरी के बाद यदि आपको निम्न में से कोई भी लक्षण महसूस हो रहा है, तो डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए -

(और पढ़ें - टांगों में दर्द के लक्षण)

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एंडोमेट्रियल एब्लेशन से क्या जोखिम हो सकते हैं?

एंडोमेट्रियल एब्लेशन सर्जरी से निम्न जोखिम व जटिलताएं हो सकती हैं -

  • संक्रमण
  • आंतों को नुकसान पहुंचना
  • रक्तस्राव
  • सर्जरी के दौरान पेट दर्द व ऐंठन
  • गर्भाशय की परत क्षतिग्रस्त हो जाना
  • रक्त में अधिक मात्रा में द्रव मिल जाना
  • सर्विक्स को नुकसान पहुंचना
  • एलर्जिक रिएक्शन होना
  • गर्भाशय की परत में स्कार ऊतक बन जाना
  • गर्मी के कारण ऊतक जल या क्षतिग्रस्त हो जाना

(और पढ़ें - पेट दर्द के घरेलू उपाय)

संदर्भ

  1. Johns Hopkins Medicine [Internet]. The Johns Hopkins University, The Johns Hopkins Hospital, and Johns Hopkins Health System; Endometrial Ablation
  2. South Tees Hospitals [Internet]. National Health Service. NHS Foundation Trust. UK; Endometrial Ablation
  3. National Health Service [Internet]. UK; Heavy periods
  4. Minalt N, Canela CD, Marino S. Endometrial Ablation. [Updated 2020 Nov 3]. In: StatPearls [Internet]. Treasure Island (FL): StatPearls Publishing; 2020 Jan
  5. Carlson SM, Goldberg J, Lentz GM. Endoscopy, hysteroscopy and laparoscopy: indications, contraindications, and complications. In: Lobo RA, Gershenson DM, Lentz GM, Valea FA, eds. Comprehensive Gynecology. 7th ed. Philadelphia, PA: Elsevier; 2017:chap 10
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