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बोन ग्राफ्टिंग सर्जरी एक सर्जरी प्रोसीजर है, जिसमें रोगग्रस्त या किसी अन्य कारण से क्षतिग्रस्त हड्डी की जगह पर एक स्वस्थ हड्डी को ट्रांसप्लांट किया जाता है। ट्रांसप्लांट के लिए स्वस्थ हड्डी आमतौर पर शरीर के किसी दूसरे हिस्से से ली जाती है। इसके अलावा नई हड्डी को एक मृत मानव शरीर से या फिर सिंथेटिक हड्डी को लिया जा सकता है। बोन ग्राफ्टिंग सर्जरी से हड्डी के खाली स्थान को भरने, स्वस्थ होने की प्रक्रिया को तेज करने और हड्डियों की संरचना को सहारा प्रदान करने में मदद मिलती है।

सर्जरी से पहले आपका शारीरिक परीक्षण किया जाएगा और एक्स रेसीटी स्कैन जैसे टेस्ट करवाने की आवश्यकता पड़ती है। इन सभी परीक्षणों की मदद से हड्डी में क्षति के प्रकार व गंभीरता की जांच की जाती है। आपको सर्जरी से पहली रात के बाद कुछ भी खाने या पीने से मना किया जाता है। बोन ग्राफ्टिंग सर्जरी को आमतौर पर जनरल या लोकल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाकर किया जाता है। जनरल एनेस्थीसिया से आप गहरी नींद में सो जाते हैं और लोकल एनेस्थीसिया सिर्फ वह हिस्सा सुन्न करती है, जिसकी सर्जरी की जानी है। सर्जरी के बाद आप कितने दिन तक अस्पताल में भर्ती रहेंगे यह आपकी स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। सर्जरी के बाद आपको कुछ दवाएं भी दी जाती हैं, जैसे  ब्लड थिनर, एंटीबायोटिक और दर्द निवारक दवाएं। अस्पताल से छुट्टी मिलने के एक हफ्ते बाद आपको फिर से अस्पताल बुलाया जाता है, जिस दौरान सर्जरी के टांके खोले जाते हैं और यह देखा जाता है कि सर्जरी के बाद आप सामान्य रूप से स्वस्थ हो रहे हैं या नहीं।

(और पढ़ें - बोन मैरो ट्रांसप्लांट कैसे होती है)

  1. बोन ग्राफ्टिंग सर्जरी क्या है - What is Bone grafting in Hindi
  2. बोन ग्राफ्टिंग सर्जरी किसलिए की जाती है - Why is Bone grafting done in Hindi
  3. बोन ग्राफ्टिंग सर्जरी से पहले - Before Bone grafting in Hindi
  4. बोन ग्राफ्टिंग सर्जरी के दौरान - During Bone grafting in Hindi
  5. बोन ग्राफ्टिंग सर्जरी के बाद - After Bone grafting in Hindi
  6. बोन ग्राफ्टिंग सर्जरी की जटिलताएं - Complications of Bone grafting in Hindi

अस्थि निरोपण सर्जरी किसे कहते हैं?

बोन ग्राफ्टिंग हड्डियों की एक सर्जरी प्रोसीजर है, जिसमें शरीर की किसी क्षतिग्रस्त हड्डी को रिपेयर या उसे फिर से बनाने के लिए किसी अन्य हड्डी को ट्रांसप्लांट किया जाता है। हमारी हड्डियां क्षतिग्रस्त होने पर अपने आप से ठीक हो जाती हैं। हालांकि, यदि हड्डी अधिक क्षतिग्रस्त हो गई है, तो हो सकता है हड्डी पूरी तरह से ठीक न हो पाए। ऐसा होने पर हड्डी के दो टूटे हुए हिस्सों के बीच में रिक्त स्थान रह जाता है। ऐसी स्थितियों में सर्जन बोन ग्राफ्टिंग सर्जरी करते हैं, जिसकी मदद से हड्डी के दो टूटे हुए टुकड़ों के बीच हड्डी का एक अन्य टुकड़ा लगाकर रिक्त स्थान को भर दिया जाता है।

(और पढ़ें - हड्डी टूटने के लक्षण)

इस सर्जरी प्रोसीजर में सर्जन शरीर के किसी अन्य हिस्से (कूल्हे, पसलियां या टांग) से हड्डियों के टुकड़े निकालते हैं और उन्हें क्षतिग्रस्त हिस्से पर लगा देते हैं। इसके अलावा मृत मानव शरीर से भी हड्डी को निकाला जा सकता है और सिंथेटिक बोन का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।

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बोन ग्राफ्टिंग सर्जरी क्यों की जाती है?

यदि आपको निम्न में से कोई भी समस्या है, तो सर्जन आपको बोन ग्राफ्टिंग करवाने की सलाह दे सकते हैं -

  • बोन कैंसर
  • टूटी हुई हड्डी को फिर से बनाना
  • टूटी हुई हड्डी का इलाज करना जो लंबे समय से ठीक नहीं हो रही हो
  • टूटे हुए दांत के हिस्से को बदलने के लिए (डेंटल इंप्लांट सर्जरी)
  • पहले लगी हुई कोई हड्डी की चोट जो ठीक न हुई हो
  • ट्यूमर या सिस्ट के कारण हड्डी के खोखलेपन को भरने के लिए
  • अस्थिर रीढ़ की हड्डी के लिए स्पाइन फ्यूजन सर्जरी के रूप में
  • हड्डी के विकास को तेज करने के लिए
  • जोड़ों के आसपास हड्डी के विकास को शुरू करने के लिए (टोटल नी रिप्लेसमेंट सर्जरी के रूप में)
  • क्लेफ्ट पैलेट का इलाज करने के लिए एल्वियोलर बोन ग्राफ्टिंग

बोन ग्राफ्टिंग सर्जरी किसे नहीं करवानी चाहिए?

निम्न समस्याओं से  पीड़ित लोगों को बोन ग्राफ्टिंग सर्जरी नहीं करवानी चाहिए -

  • सेप्सिस (संक्रमण की गंभीर स्टेज)
  • एनेस्थीसिया से एलर्जी होना
  • उसी जगह से पहले ही बोन ग्राफ्ट लिया गया हो
  • किसी अंग या संरचना की कार्य प्रक्रिया बिगड़ना (डिकॉम्पनसेशन)

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बोन ग्राफ्टिंग सर्जरी से पहले क्या तैयारी की जाती है?

बोन ग्राफ्टिंग से पहले निम्न तैयारियां की जा सकती हैं -

  • डॉक्टर सर्जरी से पहले आपका शारीरिक परीक्षण करते हैं और साथ ही आपके स्वास्थ्य संबंधी कुछ सवाल पूछते हैं।
  • इसके अलावा डॉक्टर आपको कुछ नैदानिक परीक्षण करवाने की सलाह दे सकते हैं, जिनमें एक्स रे, एमआरआई और सीटी स्कैन आदि शामिल हैं।
  • यदि आप किसी भी प्रकार की दवा, हर्बल उत्पाद, विटामिन, मिनरल या अन्य कोई सप्लीमेंट ले रहे हैं, तो इस बारे में डॉक्टर को बता दें। डॉक्टर कुछ दवाओं का सेवन न करने की सलाह दे सकते हैं, जिनमें रक्त को पतला करने वाली दवाएं शामिल हैं जैसे एस्पिरिन, वारफेरिन, आइबुप्रोफेन और विटामिन ई आदि।
  • आपको ऑपरेशन के लिए खाली पेट अस्पताल आने को कहा जाता है। इसके लिए आपको सर्जरी वाले दिन से पहली आधी रात के बाद कुछ भी न खाने या पीने की सलाह दी जाती है।
  • यदि आप धूम्रपान या शराब का सेवन करते हैं, तो डॉक्टर सर्जरी से कुछ दिन पहले और बाद तक इनका सेवन बंद करने की सलाह दे सकते हैं।
  • ऑपरेशन वाले दिन आपको अपने साथ किसी करीबी रिश्तेदार या मित्र को लाने की सलाह दी जाती है, जो सर्जरी से पहले और बाद में आपकी मदद कर सकें।
  • जब आप अस्पताल पहुंच जाते हैं, तो आपको एक सहमति पत्र दिया जाता है, जिस पर हस्ताक्षर करके आप सर्जन को सर्जरी करने की अनुमति दे देते हैं। हालांकि, सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने से पहले उसे एक बार अच्छे से पढ़ लेना चाहिए।

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बोन ग्राफ्टिंग सर्जरी कैसे की जाती है?

जब आप अस्पताल पहुंच जाते हैं, तो ऑपरेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है, जो कुछ इस प्रकार हैं -

  • आपको एक विशेष ड्रेस पहनने को दी जाती है, जिसे हॉस्पिटल गाउन कहा जाता है
  • इसके बाद आपको ऑपरेशन थिएटर में ले जाया जाता है और जिस हिस्से की सर्जरी करनी है उसे एंटीसेप्टिक से साफ किया जाता है।
  • आपको जनरल या लोकल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाया जाता है, जिसका चुनाव स्थिति के अनुसार ही किया जाता है। जनरल एनेस्थीसिया के आपको गहरी नींद आ जाती है और लोकल एनेस्थीसिया से सिर्फ वही हिस्सा सुन्न होता है, जिसकी सर्जरी करनी है।

साथ ही साथ आपके सभी शारीरिक संकेतों (बीपी व हार्ट रेट आदि) पर नजर रखते हुए, सर्जरी प्रोसीजर शुरू कर दी जाती है, जो इस प्रकार है -

  • सर्जरी वाले स्थान की त्वचा पर मांसपेशियों में चीरा लगाया जाता है।
  • इसके बाद उस हिस्से पर कट लगाया जाता है, जहां से ग्राफ्ट के लिए हड्डी को लेना है, जो आमतौर पर टांग, कूल्हे या पसलियों से ली जाती है।
  • एक विशेष उपकरण की मदद से सर्जन हड्डी के टुकड़े को निकालते हैं और उसे जिस जगह लगाना है उसके अनुसार आकृति देते हैं।
  • हड्डी को एक जगह पर स्थिर रखने के लिए पेच, पिन और प्लेट आदि का इस्तेमाल किया जाता है।
  • जब हड्डी लग जाती है, तो दोनों सर्जरी के दोनों चीरों को बंद करके टांके लगा दिए जाते हैं।

बोन ग्राफ्टिंग सर्जरी में लगने वाला समय निर्भर करता है कि किस हिस्से की हड्डी को बदला गया है।

ऑपरेशन के बाद की प्रक्रियाएं?

बोन ग्राफ्टिंग सर्जरी के कुछ मामलो में आपको सर्जरी वाले दिन ही अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है, जबकि अन्य मामलों में आपको तीन से चार दिन तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ सकता है। हालांकि, यह निर्भर करता है कि आपके किस हिस्से की सर्जरी की गई है और आपका स्वास्थ्य कितना स्थिर है।

सर्जरी के बाद आपको कुछ समय तक दर्द रह सकता है, जिसके लिए नर्स आपको दर्द निवारक दवाएं देती हैं। डॉक्टर आपका एक्स रे स्कैन भी कर सकते हैं, जिससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि ऑपरेशन से हड्डी ठीक से लग गई है या नहीं।

यदि संभव हो तो सर्जरी वाले हिस्से को सुरक्षित रखने के लिए डॉक्टर प्लास्टर या ब्रेसेस भी लगा सकते हैं।

(और पढ़ें - हड्डी के संक्रमण का इलाज)

बोन ग्राफ्टिंग सर्जरी के बाद क्या देखभाल की जाती है?

बोन ग्राफ्टिंग सर्जरी होने के बाद आपको स्वस्थ होने में लगने वाला समय आपकी हड्डी की क्षति पर निर्भर करता है। आमतौर पर इस सर्जरी प्रोसीजर के बाद पूरी तरह से स्वस्थ होने में आपको दो हफ्ते से तीन महीने तक के बीच का समय लग सकता है।

बोन ग्राफ्टिंग सर्जरी के बाद जब आपको अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है, तो आपको घर पर निम्न बातों का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है -

  • दवाएं
    • सर्जरी के बाद कुछ दिन तक आपको दर्द रह सकता है, जिसके लिए डॉक्टर आपको दर्द निवारक दवाएं देते हैं।
    • रक्त को पतला करने वाली दवाएं दी जाती हैं, ताकि रक्त के थक्के न बन पाएं
    • सर्जरी के बाद संक्रमण होने के खतरे को कम करने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं दी जा सकती हैं
       
  • घाव की देखभाल
    • आपको कम से कम सात दिन तक अपने सर्जरी वाले घाव को सूखा व साफ रखने की सलाह दी जाती है
    • सर्जरी के बाद नहाना व शावर लेना शुरू करने से पहले डॉक्टर से अनुमति अवश्य ले लें। डॉक्टर आपको नहाते समय सर्जरी के घाव को प्लास्टिक कवर से ढकने की सलाह दे सकते हैं।
    • यदि सर्जरी मुंह के अंदरूनी हिस्से की हुई है, तो आपको मुंह की स्वच्छता को बनाए रखने की सलाह दी जाती है।
       
  • आहार
    • सर्जरी के बाद आपको अपने आहार में विटामिन डीकैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करने की सलाह दी जाती है, ताकि आपकी हड्डी जल्दी स्वस्थ हो सके
    • मुंह की सर्जरी के बाद आपको शुरुआत में नरम खाद्य पदार्थ खाने की सलाह दी जाती है। खाना खाने के बाद हर बार अपने मुंह को कुल्ला करके साफ करें।
       
  • शारीरिक गतिविधियां
    • सर्जरी के बाद कम से कम छह महीनों तक कोई भी अधिक मेहनत वाली शारीरिक गतिविधि या व्यायाम न करें
    • सर्जरी के बाद जब तक डॉक्टर अनुमति न दें ड्राइविंग या अन्य कोई मशीन ऑपरेट न करें
    • शुरुआत में कम शारीरिक मेहनत वाली गतिविधियां करने की सलाह दी जाती है, जैसे चलना-फिरना आदि। हालांकि, धीरे-धीरे गति को बढ़ाया जा सकता है।
    • डॉक्टर आपको फीजियोथेरेपिस्ट को रेफर कर सकते हैं, जो आपको मांसपेशियों को मजबूत बनाने और शारीरिक लचीलेपन में सुधार करने की तकनीक सिखाते हैं।
    • साथ ही डॉक्टर आपको धूम्रपान न करने की सलाह दे सकते हैं, जिससे हड्डियों को जल्दी स्वस्थ होने में मदद मिलती है।

डॉक्टर को कब दिखाएं?

यदि आपको सर्जरी के बाद निम्न में से कोई भी समस्या महसूस हो रही है, तो डॉक्टर से इस बारे में बात कर लेनी चाहिए -

(और पढ़ें - सूजन कम करने के उपाय)

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बोन ग्राफ्टिंग सर्जरी से क्या जोखिम हो सकते हैं?

बोन ग्राफ्टिंग से निम्न जोखिम व जटिलताएं हो सकती हैं -

  • संक्रमण
  • सर्जरी वाले हिस्से में अकड़न होना
  • रक्त के थक्के बनना
  • ग्राफ्ट रिजेक्शन (शरीर द्वारा ग्राफ्ट को स्वीकार न करने के कारण एलर्जी जैसे समस्याएं होना)
  • दवाओं से एलर्जी होना
  • सर्जरी के घाव से रक्तस्राव
  • सर्जरी वाले हिस्से के आस-पास की नस क्षतिग्रस्त होना
  • जहां से ग्राफ्ट निकाला गया था उस हिस्से में दर्द होना

(और पढ़ें - घाव भरने के घरेलू उपाय)

संदर्भ

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  2. Beth Israel Lahey Health: Winchester Hospital [Internet]. Winchester. Maryland. US; Bone Graft
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  4. Brinker MR, O'Connor DP. Nonunions: evaluation and treatment. In: Browner BD, Jupiter JB, Krettek C, Anderson PA, eds. Skeletal Trauma: Basic Science, Management, and Reconstruction. 5th ed. Philadelphia, PA: Elsevier Saunders; 2015:chap 25.
  5. Seitz IA, Teven CM, Reid RR. Repair and grafting of bone. In: Gurtner GC, Neligan PC, eds. Plastic Surgery, Volume 1: Principles. 4th ed. Philadelphia, PA: Elsevier; 2018:chap 18.
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  7. Reddy MG, Babu VR, Rao VE, Chaitanya JJ, Allareddy S, Reddy CC. Prospective analysis of secondary alveolar bone grafting in cleft lip and palate patients. J Int Oral Health. 2015;7(4):73–77. PMID: 25954076.
  8. Hamilton KM, Trost GR. Perioperative management. In: Steinmetz MP, Benzel EC, eds. Benzel's Spine Surgery. 4th ed. Philadelphia, PA: Elsevier; 2017:chap 195.
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