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एओर्टिक वाल्व रिपेयर एक सर्जिकल प्रोसीजर है, जिसे एओर्टिक वाल्व में होने वाली क्षति को ठीक करने के लिए किया जाता है। एओर्टिक वाल्व तीन पल्ले-नुमा ऊतकों से मिलकर बनी होती है, जो हृदय में महाधमनी से बाएं वेंट्रिकल तक रक्त के प्रवाह को रोकते हैं। एओर्टा वह धमनी है, जो रक्त को हृदय से शरीर के अन्य हिस्सों तक पहुंचाती है। यदि एओर्टिक वाल्व ठीक से काम न कर पाए या उसमें किसी प्रकार की क्षति हो जाए तो उससे हृदय सामान्य रूप से काम करना बंद कर देता है।

एओर्टिक वाल्व रिपेयर सर्जरी से पहले डॉक्टर आपके कुछ आवश्यक टेस्ट करते हैं, जिनसे समस्या की लोकेशन और कारण का पता चलता है। इसके अलावा कुछ अन्य टेस्ट भी किए जा सकते हैं, जिनसे सुनिश्चित किया जाता है कि आप सर्जरी के लिए स्वास्थ्य की दृष्टि से फिट हैं या नहीं। सर्जरी के लिए आपको घर से खाली पेट आने को कहा जाता है। इस सर्जरी ऑपरेशन को जनरल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाकर किया जाता है, जिस दौरान आप गहरी नींद में रहते हैं। सर्जरी के बाद आपको शारीरिक रूप से गतिशील रहने और जीवनशैली संबंधी अच्छी आदतें अपनाने की सलाह दी जाती है।

(और पढ़ें - हार्ट वाल्व रोग का इलाज)

  1. महाधमनी वाल्व रिपेयर सर्जरी क्या है - What is Aortic valve repair in Hindi
  2. महाधमनी वाल्व रिपेयर सर्जरी किसलिए की जाती है - Why is Aortic valve repair done in Hindi
  3. महाधमनी वाल्व रिपेयर सर्जरी से पहले - Before Aortic valve repair in Hindi
  4. महाधमनी वाल्व रिपेयर सर्जरी के दौरान - During Aortic valve repair in Hindi
  5. महाधमनी वाल्व रिपेयर सर्जरी के बाद - After Aortic valve repair in Hindi
  6. महाधमनी वाल्व रिपेयर सर्जरी की जटिलताएं - Complications of After Aortic valve repair in Hindi
महाधमनी वाल्व रिपेयर सर्जरी के डॉक्टर

एओर्टिक वाल्व रिपेयर सर्जरी किसे कहते हैं?

हृदय रक्त को पंप करने वाली एक मशीन है, जो चार अलग-अलग कक्षों (चैम्बर) से मिलकर बनी होती है। ऊपरी दो चैम्बर "एट्रिया" और दो निचले चैम्बर "वेंट्रिकल" के नाम से जाने जाते हैं। दाहिनी तरफ का एट्रियम और वेंट्रिकल शरीर से बिना ऑक्सीजन वाला रक्त प्राप्त करता है और फेफड़ों में भेज देता है। फेफड़ों में रक्त ऑक्सीजन युक्त हो जाता है, तो बाएं एंट्रियम में पहुंचता है और फिर इसके बाद रक्त बाएं एट्रियम से बाएं वेंट्रिकल में जाता है। ऑक्सीजन युक्त रक्त हृदय से निकल कर महाधमनी (एओर्टा) में जाता है, जो शरीर की सबसे बड़ी धमनी होती है। इस धमनी से रक्त शरीर के सभी हिस्सों में वितरित होता है। धमनी की वाल्व ऊतकों के तीन पल्लों से मिलकर बनी होती है और बाएं वेंट्रिकल व एओर्टा के बीच स्थित होती है। यह वाल्व समय पर खुलती व बंद होती रहती है, ताकि रक्त आगे बढ़ता रहे और पीछे की तरफ न जाए।

(और पढ़ें - ऑक्सीजन की कमी का इलाज)

यदि यह वाल्व रोग-ग्रस्त या इसमें अन्य कोई क्षति हो गई है, तो यह पूरी तरह से खुल व बंद नहीं हो पाती है, रक्त पीछे की तरफ बहने लगता है या फिर रिगर्जिटेशन विकसित हो सकता है। इन दोनों स्थितियों में क्षति को ठीक करने के लिए सर्जरी की जा सकती है।

महाधमनी वाल्व रिपेयर सर्जरी को एओर्टिक वाल्व संबंधी समस्याओं का इलाज करने के लिए किया जाता है।

(और पढ़ें - धमनी की बीमारी के लक्षण)

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एओर्टिक वाल्व रिपेयर सर्जरी क्यों की जाती है?

यदि आपको एओर्टिक स्टेनोसिस या रिगर्जिटेशन की समस्या हुई है, तो डॉक्टर आपको एओर्टिक वाल्व रिपेयर सर्जरी करवाने की सलाह दे सकते हैं। एओर्टिक वाल्व से संबंधी समस्याओं में निम्न लक्षण देखे जा सकते हैं -

महाधमनी वाल्व रिपेयर सर्जरी किसे नहीं करवानी चाहिए?

यदि हृदय की कोई वाल्व गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो चुकी है, तो हो सकता है डॉक्टर महाधमनी वाल्व रिपेयर सर्जरी न करवाने की सलाह दें। ऐसी स्थितियों में आपको वाल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी करवाने की आवश्यकता पड़ सकती है।

स्वास्थ्य से संबंधी कुछ ऐसी समस्याएं भी हैं, जिनमें या तो महाधमनी वाल्व रिपेयर सर्जरी नहीं की जाती है और यदि करना आवश्यक है तो बहुत ही ध्यानपूर्वक की जाती है। इनमें निम्न शामिल है -

  • वाल्व में अत्यधिक कैल्शियम जमा होना
  • वाल्व के पल्लों में अकड़न आ जाना
  • वाल्व के पल्ले पीछे की तरफ मुड़ जाना

(और पढ़ें - कैल्शियम की अधिकता के कारण)

महाधमनी वाल्व रिपेयर सर्जरी से पहले क्या तैयारी की जाती है?

एओर्टिक वाल्व रिपेयर सर्जरी से पहले डॉक्टर आपको कुछ विशेष बातों का ध्यान रखने की सलाह देते हैं -

  • आपको सर्जरी से एक दो दिन पहले अस्पताल बुलाया जाता है, जिस दौरान आपके लक्षणों की जांच व शारीरिक परीक्षण किया जाता है। इसके अलावा कुछ अन्य टेस्ट व स्कैन भी किए जा सकते हैं, जैसे ब्लड टेस्ट और इकोकार्डियोग्राम आदि।
  • आपको ऑपरेशन वाले दिन अस्पताल खाली पेट आने की सलाह दी जाती है। इसके लिए आपको सर्जरी वाले दिन से पहली आधी रात के बाद कुछ भी न खाने या पीने की सलाह दी जाती है।
  • यदि आप किसी भी प्रकार की दवा, हर्बल उत्पाद, मिनरल, विटामिन या अन्य कोई सप्लीमेंट लेते हैं या पहले लेते थे तो इस बारे में डॉक्टर को बता दें। ऐसा इसलिए है, क्योंकि कुछ प्रकार की दवाएं व उत्पाद रक्त को पतला करने का काम करते हैं, जो सर्जरी के दौरान व बाद में जटिलताएं पैदा कर सकता है। रक्त को पतला करने वाली दवाओं में आमतौर पर एस्पिरिन, वारफेरिन और विटामिन ई आदि शामिल हैं।
  • यदि आप धूम्रपान या शराब का सेवन करते हैं, तो आपको सर्जरी से कुछ समय पहले और बाद तक इनका सेवन बंद करने की सलाह भी दी जा सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सिगरेट या शराब पीने से सर्जरी के बाद आपके स्वस्थ होने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है और अन्य कई जटिलताएं होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
  • आपको अपने साथ किसी करीबी रिश्तेदार या मित्र को लाने की सलाह दी जाती है, ताकि सर्जरी से पहले के कार्यों में वे आपकी मदद कर सकें और सर्जरी के बाद आपको घर पहुंचा सकें।
  • सर्जरी वाले दिन आपको एक सहमति पत्र दिया जाता है, जिस पर हस्ताक्षर करके आप सर्जन को सर्जरी करने की अनुमति दे देते हैं। 

निम्न के बारे में डॉक्टर को बता दें -

  • यदि आपको पेसमेकर या अन्य कोई हार्ट डिवाइस लगवाया हुआ है
  • यदि आपको किसी प्रकार की दवा, भोजन या अन्य किसी चीज से एलर्जी है
  • यदि आप गर्भवती हैं या गर्भधारण करने की योजना बना रही हैं।
  • यदि सर्जरी से एक या दो दिन पहले ही आपको जुकाम, खांसीबुखार आदि लक्षण होने लगे हैं।

(और पढ़ें - खांसी के लिए घरेलू उपाय)

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एओर्टिक वाल्व रिपेयर सर्जरी कैसे की जाती है?

जब सर्जरी के लिए आप अस्पताल पहुंच जाते हैं, तो मेडिकल स्टाफ आपको एक विशेष ड्रेस पहनने को देते हैं, जिसे हॉस्पिटल गाउन कहा जाता है। सर्जरी से पहले आपको ब्लैडर खाली करने की सलाह दी जाती है। महाधमनी वाल्व रिपेयर के लिए इस्तेमाल की गई सर्जिकल प्रोसीजर में निम्न शामिल हैं -

  • आपको पीठ के बल लेटने को कहा जाता है
  • आपकी बांह या हाथ की नस में सुई लगाकर इंट्रावेनस लाइन शुरू की जाती है, जिसकी मदद से आपको दवाएं और अन्य आवश्यक द्रव दिए जाते हैं।
  • जिस हिस्से की सर्जरी की जानी है, उसे एंटीसेप्टिकल सॉल्यूशन से साफ किया जाता है और यदि उस हिस्से में बाल हैं तो उन्हें भी शेव कर दिया जाता है।
  • आपको एनेस्थीसिया का इंजेक्शन भी दिया जा सकता है, ताकि आप सर्जरी के दौरान सोते रहें और आपको कुछ महसूस न हो। (और पढ़ें - इंजेक्शन लगाने का तरीका)

इसके बाद आपके शरीर में कई ट्यूब लगाई जाती हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं -

  • फेफड़ों में ब्रीथिंग ट्यूब डाली जाती है, जो एक विशेष मशीन से जुड़ी होती हैं। यह ट्यूब आपको सांस लेने में मदद करती हैं। (और पढ़ें - सांस फूलने का इलाज)
  • ब्लैडर में एक कैथेटर लगाया जाता है, जो पेशाब निकालने में मदद करता है।
  • एक विशेष ट्यूब पेट में भी लगाई जा सकती है, जिससे पेट की सामग्री को बाहर निकाला जाता है।
  • एओर्टिक वाल्व रिपेयर को आमतौर पर दो सर्जिकल प्रोसीजर के अनुसार किया जाता है, जिन्हें ओपन व मिनीमली इनवेसिव सर्जरी के नाम से जाना जाता है।

महाधमनी वाल्व रिपेयर को ओपन सर्जरी के रूप में निम्न तरीके से किया जाता है -

  • इसमें सीने के बीच में एक बड़ा चीरा लगाया जाता है। ब्रेस्टबोन को भी कट लगाकर अलग कर दिया जाता है और हृदय व महाधमनी तक पहुंचा जाता है।
  • इस सर्जरी के दौरान हृदय बंद रहेगा, इसलिए आपके हृदय में एक ट्यूब लगाते हैं, जो हार्ट-लंग बाईपास सर्जरी से जोड़ती है। हार्ट-लंग बाईपास मशीन सर्जरी के दौरान हृदय का काम करती है। (और पड़ें - हार्ट बाईपास सर्जरी कैसे होती है)
  • इसके बाद वाल्व के क्षतिग्रस्त हिस्सों या वाल्व के पल्लों को फिर से आकृति देकर उन्हें रिपेयर किया जाता है।

महाधमनी वाल्व रिपेयर को मिनीमली इनवेसिव सर्जरी प्रोसीजर के तहत इस प्रकार किया जाता है -

  • सर्जन सीने के दाईं तरफ एक छोटा सा कट लगाते हैं और उसके नीचे की मांसपेशियों को एक तरफ करते हैं।
  • यदि यह प्रोसीजर रोबोटिक मशीन से किया जा रहा है, तो सर्जन कंप्यूटर की मदद से दो रोबोट बांहों को कंट्रोल करते हैं, जिसकी मदद से सीने पर छोटे-छोटे दो से चार कट लगाए जाते हैं।
  • इस सर्जरी में भी ब्रेस्टबोन के ऊपरी हिस्से को काट दिया  जाता है, ताकि एओर्टिक वाल्व तक पहुंचा जा सके।
  • हृदय को हार्ट-लंग बाईपास मशीन से जोड़ दिया जाता है, ताकि हृदय के बंद करने के दौरान रक्त का संचरण चलता रहे
  • इसके बाद एओर्टिक वाल्व को फिर से आकृति देकर या फिर वाल्व के पल्लों वाले हिस्सों को ठीक करके वाल्व की रिपेयर करते हैं।

सर्जिकल रिपेयर के बाद निम्न प्रक्रियाएं की जाती हैं -

  • आपके हृदय को फिर से शुरू किया जाता है
  • हार्ट-लंग बाईपास मशीन को हटा दिया जाता है और रक्त को हृदय के माध्यम से बहने की प्रक्रिया फिर से चालू हो जाती है
  • वाल्व व हृदय की कार्य प्रक्रिया की जांच की जाती है।
  • ब्रेस्टबोन को छोटे तारों की मदद से फिर से जोड़ दिया जाता है
  • सर्जरी वाले हिस्से में ड्रेनेज ट्यूब लगा दी जाती है, ताकि जमा होने वाला द्रव साथ ही साथ निकलता रहे
  • मांसपेशियों और त्वचा में लगाए गए चीरों को बंद करके टांके लगा दिए जाते हैं

इस सर्जरी को पूरा होने में कम से कम 3 से 6 घंटे का समय लगता है। मिनीमली इनवेसिव सर्जरी में ओपन सर्जरी की तुलना में कम समय लगता है।

सर्जरी प्रोसीजर पूरा होने के बाद मेडिकल टीम आपको आईसीयू में शिफ्ट कर देती है, जहां कुछ दिन तक आपके हृदय व अन्य शारीरिक संकेतों पर बारीकी से नजर रखी जाती है। इस सर्जरी के बाद आमतौर पर आपको तीन से सात दिन तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ सकता है।

अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान निम्न प्रक्रियाएं की जा सकती हैं -

  • आपके शारीरिक संकेतों पर नजर रखी जाएगी, जैसे ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट और ऑक्सीजन स्तर आदि।
  • आपके सांस लेने की प्रक्रिया की जांच भी की जाएगी। शुरुआत में आपको वेंटिलेटर पर रखा जाएगा। जब आप सामान्य रूप से सांस लेना शुरू कर देते हैं, तो ब्रीथिंग ट्यूब को निकाल दिया जाता है।
  • आपका स्वास्थ्य स्थिर होने पर आपको धीरे-धीरे तरल आहार दिए जाते हैं और फिर धीरे-धीरे ठोस खाद्य पदार्थ भी देना शुरू किया जाता है।
  • अंत में आपको रिकवरी रूमें शिफ्ट कर दिया जाता है, जहां पर भी नियमित रूप से आपकी शारीरिक जांच की जाती है। अस्पताल से छुट्टी मिलने से पहले आपकी सारी ट्यूब निकाल दी जाती हैं।

एओर्टिक वाल्व रिपेयर सर्जरी के बाद क्या देखभाल की जाती है?

जब सर्जरी के बाद आप घर आ जाते हैं, तो आपको निम्न का ध्यान रखने सलाह दी जाती है -

  • घाव की देखभाल -
    सर्जरी के घाव को पूरी तरह से ठीक होने में छह से आठ हफ्तों का समय लगता है। इस दौरान आपको शरीर की गतिविधि संबंधी कुछ विशेष देखभाल रखने की आवश्यकता पड़ती है। पानी व साबुन की मदद से अपने घाव को नियमित रूप से धोते रहें। जब तक आपका घाव पूरी तरह से नहीं भर जाता है, निम्न गतिविधियां न करें -
    • अधिक वजन न उठाएं, इससे छाती के आसपास के हिस्से में दबाव बढ़ सकता है
    • अपने हाथों को पीछे की तरफ लेकर जाने की कोशिश न करें
    • कोई भी ऐसी गतिविधि न करना जिसमें बांह उठानी पड़ें
  • आहार -
    • ऐसे आहार लें, जिनमें कोलेस्ट्रॉलवसा कम मात्रा में हो और फाइबर अधिक मात्रा में
    • सर्जरी के बाद आपको विशेष डाईट प्लान दिया जा सकता है। यदि न दिया जाए तो संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए, जो घाव को भरने और जल्दी स्वस्थ होने में मदद करता है।
       
  • दवाएं -
    • यदि आप डायबिटीज, हाई बीपी या हृदय रोगों संबंधी कोई दवा ले रहे हैं, तो डॉक्टर से इस बारे में बताएं, डॉक्टर उनका सेवन जारी रखने या कुछ समय के लिए बंद करने की सलाह दे सकते हैं। हालांकि, डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी दवा का सेवन बंद या चालू न करें।
    • आपको रक्त पतला करने वाली दवाएं दी जाती हैं, जो रक्त के थक्के बनने से रोकती है।
       
  • गतिविधियां -
    • सर्जरी के बाद शारीरिक रूप से गतिशील रहें, जिससे आपको जल्दी स्वस्थ होने में मदद मिलती है। हालांकि, कोई अधिक मेहनत वाली एक्सरसाइज या शारीरिक गतिविधि न करें।
    • एक हफ्ते में कम से कम 150 मिनट तक चलें, जिससे आपके फेफड़े व हृदय स्वस्थ रहते हैं।
    • डॉक्टर आपको लंबे समय तक एक ही स्थान पर बैठने या खड़े रहने से मना कर सकते हैं।
    • यदि आपको सिर चकराना, सांस फूलना या सीने में दर्द महसूस होता है, तो शारीरिक गतिविधि न करें
    • सर्जरी के छह से आठ हफ्ते बाद आपको फिर से शारीरिक गतिविधि शुरू करने की सलाह दी जा सकती है।
  • नहाना -
    • आपको हल्के गुनगुने पानी में नहाने की सलाह दी जा सकती है, जिसमें आप दस मिनट से अधिक समय तक नहीं नहा सकते हैं। आपको कुछ समय के लिए बाथटब या स्विमिंग पूल में न नहाने की सलाह दी जाती है। (और पढ़ें - गुनगुने पानी में नहाने के फायदे)

डॉक्टर को कब दिखाएं?

यदि महाधमनी वाल्व रिपेयर सर्जरी के बाद आपको निम्न में से कोई भी लक्षण महसूस होता है, तो डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए -

(और पढ़ें - बैक्टीरियल संक्रमण का इलाज)

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एओर्टिक वाल्व रिपेयर सर्जरी से क्या जोखिम हो सकते हैं?

  • हार्ट अटैक
  • स्ट्रोक
  • दिल की धड़कन असामान्य होना, जिनमें पेसमेकर या दवाओं की आवश्यकता पड़े
  • सर्जरी के दौरान अंग, हड्डी या नस संबंधी कोई क्षति होना
  • पोस्ट पेरिकार्डियोटोमी सिंड्रोम, जिसमें सर्जरी के लगभग छह महीनों बाद तक सीने में दर्द व हल्का बुखार रहता है
  • हृदय, वाल्व, किडनी, ब्लैडर या सीने में संक्रमण होना
  • घाव सामान्य रूप से ठीक न हो पाना
  • गुर्दे खराब होना
  • मानसिक रूप से कमजोर होना और याददाश्त खो देना

(और पढ़ें - मानसिक कमजोरी का इलाज)

 

Dr. Farhan Shikoh

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संदर्भ

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