myUpchar Call

वीर्य आम तौर पर गाढ़ा एवं सफेद तरल पदार्थ होता है, लेकिन इसके कलर और थिकनेस अलग-अलग हो सकते हैं. वीर्य के बदले हुए रंग या फिर वीर्य का जरूरत से ज्यादा गाढ़ा होना या पतला होना शारीरिक परेशानियों की ओर इशारा करता है. हालांकि, ऐसा नहीं है कि वीर्य से जुड़ी समस्याओं को दूर नहीं किया जा सकता है. दरअसल ऐसी परेशानियों को नजरअंदाज करने की बजाए डॉक्टर से सलाह ली जाए, तो जल्द राहत मिल सकती है. 

आज इस लेख में आप विस्तार से जानेंगे कि पानी जैसे पतले वीर्य के कारण और प्रजनन क्षमता पर इसका असर क्या होता है और कैसे किया जाता है इसका इलाज -

परफॉर्मेंस को लंबे समय तक चलाने के लिए आप यूज करें एक्स्ट्रा टाइम स्प्रे, जो ऑनलाइन बेस्ट ऑफर में उपलब्ध है.

  1. वीर्य क्या है?
  2. पानी जैसे पतले वीर्य के कारण
  3. पानी जैसे पतले वीर्य का प्रजनन क्षमता पर असर
  4. पानी जैसे पतले वीर्य का इलाज
  5. स्वस्थ्य वीर्य के लिए किन-किन बातों का ध्यान रखें?
  6. सारांश
यौन रोग के डॉक्टर

वीर्य यानी सीमेन को सेमिनल फ्लूइड भी कहा जाता है. यह फ्लूइड यानी तरल पदार्थ मेल रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट से श्रवित होता है, जिसमें स्पर्म सेल्स मौजूद होते हैं. इसी स्पर्म सेल से फीमेल एग फर्टिलाइज होता है. वीर्य में तरल पदार्थ भी होते हैं, जो मिलकर वीर्य प्लाज्मा बनाते हैं, जो शुक्राणु कोशिकाओं को जीवित बनाए रखने में मदद करते हैं. अगर वीर्य पानी जैसा पतला है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और इसके कारणों को समझकर इस परेशानी से बचने में मदद मिल सकती है.

(और पढ़ें - वीर्य और शुक्राणु में अंतर)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Long Time Capsule
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

पानी जैसे वीर्य के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं -

वीर्य की मात्रा कम होना

पानी जैसे वीर्य के सबसे आम कारणों में से एक है शुक्राणुओं की संख्या में कमी, जिसे चिकित्सकीय भाषा में ओलिगोस्पर्मिया कहा जाता है. यदि शुक्राणुओं की संख्या कम है, तो इसका मतलब है कि वीर्य में सामान्य से कम शुक्राणु है. रिसर्च के अनुसार प्रति मिलीलीटर वीर्य में 15 मिलियन से कम शुक्राणुओं की संख्या सामान्य से कम मानी जाती है, जिसके कई कारण हो सकते हैं. जैसे -

  • वेरीकोसील - वेरीकोसील पुरुषों के अंडकोष की नसों में सूजन की समस्या है, जो पुरुष बांझपन का प्रमुख कारण हो सकता है. लेकिन इसका इलाज संभव है.
  • इंफेक्शन - सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज की लिस्ट में शामिल गोनोरिया या अन्य इंफेक्शन की वजह से इनफर्टिलिटी की समस्या को दावत दे सकते हैं.
  • ट्यूमर - अंडकोष में होने वाले ट्यूमर पानी जैसे पतले वीर्य का कारण बन सकते हैं, जिसके कारण स्पर्म के निर्माण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
  • हार्मोनल असंतुलन - अंडकोष, पिट्यूटरी ग्रंथि और हाइपोथैलेमस में बनने वाले हार्मोन स्वस्थ शुक्राणुओं की संख्या उत्पन्न करने के लिए आवश्यक हैं. इनमें से किसी भी हार्मोन में परिवर्तन शुक्राणु उत्पादन को प्रभावित कर सकता है.

शुक्राणु के कम संख्या के अन्य संभावित कारणों में शामिल हैं -

  • स्खलन संबंधी समस्याएं, जैसे रेट्रोगेट इजैक्युलेशन की समस्या होना.
  • प्रतिरक्षा प्रणाली में शुक्राणु-विरोधी एंटीबॉडीज का होना.
  • शुक्राणु से जुड़ी नसों में समस्या होना.

टेस्टोस्टेरोन का स्तर बेहतर कर वीर्य बनाने में मदद करने वाले टी बूस्टर कैप्सूल काे अभी खरीदें.

बार-बार वीर्यपात होना

बार-बार स्खलन के कारण भी पानी जैसे पतले वीर्य को नोटिस किया जा सकता है. यदि दिन में कई बार हस्तमैथुन किया जाए, तो पहले स्खलन के बाद वीर्य की गुणवत्ता पतली और पानी जैसी हो जाने की संभावना बनी रहती है. दरअसल, शरीर को सामान्य, स्वस्थ मात्रा में वीर्य के बनने में कम से कम कुछ घंटों की आवश्यकता हो सकती है.

(और पढ़ें - वीर्य की कमी का इलाज)

 

स्किन को हल्का-सा सुन्न कर मेल ऑर्गेज्म का टाइम बढ़ाने के लिए डिले स्प्रे फॉर मैन ट्राइ करें जो स्पर्म के रिलीज में देरी करता है और असरकारी, लंबे समय तक चलने वाला फार्मूला है।  

 

जिंक की कमी

पानी जैसे वीर्य का एक और संभावित कारण है जिंक की कमी. रिसर्च के अनुसार, जिन पुरुषों में जिंक का पर्याप्त स्तर होता है या जो पुरुष जिंक सल्फेट के सप्लीमेंट लेते हैं, वे शुक्राणु-विरोधी एंटीबॉडी के प्रभाव से बेहतर तरीके से लड़ सकते हैं. ये एंटीबॉडी प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा निर्मित होते हैं, जो गलती से शुक्राणु को फॉरेन बॉडी समझकर प्रतिक्रिया करते हैं.

(और पढ़ें - वीर्य की जांच)

पूर्व स्खलन

यदि वीर्य पानी जैसा दिखाई देता है, तो यह ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि वीर्य का रंग क्या है. दरअसल, फोरप्ले के दौरान तरल पदार्थ निकलता है, जिसमें शुक्रणुओं की संख्या कम हो सकती है.

(और पढ़ें - वीर्य पीला होने का इलाज)

पानी जैसे पतले वीर्य की समस्या सामान्य हो सकती है और यह अपने आप ठीक भी हो सकती है. हालांकि, लगातार पानी जैसा वीर्य कभी-कभी कम शुक्राणुओं की संख्या या किसी अन्य स्थिति का संकेत दे सकता है, जो प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है. यह ध्यान रखें कि कम शुक्राणु संख्या होने का मतलब यह नहीं है कि कोई व्यक्ति बांझ है, लेकिन इससे गर्भधारण करना थोड़ा कठिन हो सकता है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ एंड ह्यूमन डेवलपमेंट ट्रस्टेड सोसर्स के अनुसार, अधिकांश पुरुषों को प्रजनन समस्याएं अंडकोष के काम करने के तरीके को प्रभावित करने वाले मुद्दों के कारण होती हैं. 

(और पढ़ें - सीमेन रिटेंशन के फायदे)

पानी जैसे पतले वीर्य का इलाज इसके कारणों पर निर्भर होता है. आइए, इसके इलाज के बारे में विस्तार से समझते हैं -

  • अगर पेशेंट को बैक्टीरियल इंफेक्शन की समस्या होती है, तो ऐसी स्थिति में एंटीबायोटिक मेडिसिन प्रिस्क्राइब की जा सकती है.
  • हार्मोनल असंतुलन के कारण पानी जैसे पतले वीर्य की समस्या हुई है, तो ऐसे में हार्मोन थेरेपी लेने की सलाह डॉक्टर द्वारा दी जाती है. 
  • वेरीकोसील की स्थिति में डॉक्टर लेप्रोस्कोपिक सर्जरी या परक्यूटेनियस एम्बोलिजेशन की सलाह देते हैं.

(और पढ़ें - शुक्राणु की जांच)

स्वस्थ्य वीर्य के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए -

  • शरीर का वजन संतुलित रखना चाहिए.
  • तनाव से बचें.
  • रोजाना अच्छी नींद लें.
  • तंबाकू या किसी खाद्य पदार्थों का सेवन न करें.
  • शराब का सेवन बिल्कुल बंद कर दें.

(और पढ़ें - सीमेन फ्रुक्टोज टेस्ट)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Energy & Power Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शारीरिक व यौन कमजोरी और थकान जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Power Capsule For Men
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

पानी जैसे पतले वीर्य के एक नहीं, बल्कि कई अलग-अलग कारण हैं. अगर मरीज को यह समझ नहीं आ रहा है कि ऐसा किस कारण से हो रहा है, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से बात करना बेहतर विकल्प है. दरअसल, मरीज की मेडिकल कंडीशन और शारीरिक अवश्यकताओं को ध्यान में रखकर ही डॉक्टर दवा देते हैं, ताकि मरीज को बेहतर लाभ मिल सके.

(और पढ़ें - सीमेन (वीर्य) में खून आना)

Dr. Ashok kesarwani

Dr. Ashok kesarwani

सेक्सोलोजी
12 वर्षों का अनुभव

Dr. Hemant Sharma

Dr. Hemant Sharma

सेक्सोलोजी
11 वर्षों का अनुभव

Dr. Zeeshan Khan

Dr. Zeeshan Khan

सेक्सोलोजी
9 वर्षों का अनुभव

Dr. Nizamuddin

Dr. Nizamuddin

सेक्सोलोजी
5 वर्षों का अनुभव

ऐप पर पढ़ें