आयुर्वेद का मूल उद्देश्य बीमारी के मूल कारणों की पहचान कर उनका इलाज करना है, ताकि समस्या को जड़ से खत्म किया जा सके. आयुर्वेद में मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं व व्हाइट डिस्चार्ज जैसे समस्याओं का बेहतर इलाज बताया गया है.
myUpchar के डॉक्टरों ने महिला स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या पर कई वर्षों की रिसर्च के बाद 100% आयुर्वेदिक myUpchar Ayurveda Ashokarishta को बनाया है.
आयुर्वेदक में मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं के लिए अशोक, दारुहरिद्रा, हरीतकी व बिभीतकी जैसी 15 जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है. myUpchar Ayurveda Ashokarishta को बनाने के लिए इन जड़ी-बूटियों को ऑर्गेनिक तरीके से उगाया जाता है. इन औषधियों की शुद्धता कायम रहे, इसलिए इन्हें खेतों से निकालने के लिए मशीन की जगह हाथों का इस्तेमाल किया जाता है और आयुर्वेद के पारपंरिक तरीके से इन औषधियों का अर्क निकाल कर दवा बनाई जाती है. इस पूरी प्रक्रिया में समय और मेहनत दोनों लगती हैं. प्राचीन वैज्ञानिक पद्धति से बनी इस आयुर्वेदिक दवा का किसी भी मेडिकल रिसर्च में साइड इफेक्ट नजर नहीं आया है.
100% आयुर्वेदिक myUpchar Ayurveda Ashokarishta अन्य दवाओं के मुकाबले बिल्कुल अलग है. जहां अन्य दवाओं के निर्माण में जड़ी-बूटियों का पाउडर इस्तेमाल होता है, वहीं myUpchar Ayurveda Ashokarishta को औषधियों से निकले अर्क से तैयार किया जाता है. इसलिए, एक छोटे-से कैप्सूल में सभी हर्ब्स के गुण समाहित होते हैं. इस दवा को लेने से मासिक धर्म के समय होने वाले दर्द, वजाइनल पेन, व्हाइट डिस्चार्ज, मासिक धर्म के समय होने वाली हैवी ब्लीडिंग आदि समस्याएं ठीक होती हैं.
अशोक को जड़ी-बूटियों की रानी कहा जाता है. यह खास आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से स्त्री रोग से जुड़ी समस्याओं में किया जाता है. यह औषधि पीरियड्स के दौरान होने वाली ऐंठन, पेट दर्द, त्वचा रोग, हार्मोनल असंतुलन, मेनोपॉज और यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन आदि समस्याओं में रामबाण इलाज साबित होती है.
यह औषधि पीरियडस् के समय होने वाले दर्द को कम कर सकती है. साथ ही मेनोरेजिया यानी पीरियड्स के समय होने वाली ज्यादा ब्लीडिंग और ल्यूकोरिया यानी व्हाइट डिस्चार्ज के रोगियों के लिए बहुत ही फायदेमंद है. इसके अलावा, यह गर्भाशय में होने वाले संक्रमण और सूजन की समस्या में भी फायदेमंद है.
यह औषधि इम्यून को बढ़ाने का काम करती है. साथ ही पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को कम करती है. आयुर्वेदक के अनुसार, धातकी में एस्ट्रिजेंट और कूलेंट गुण होता है, जिस कारण पीरियड्स के समय होने वाले हैवी ब्लीडिंग को ठीक करती है.
यह शरीर को एनर्जी देने में मदद करता है और ब्लड को साफ भी करता है. गुड़ के सेवन से शरीर में एंडोर्फिन रिलीज होता है, जो एक हैप्पी हार्मोन होता है. यह हार्मोन मूड स्विंग जैसे पीएमएस के लक्षणों को कम करने में मदद करता है. इसे रोज लेने से इर्रेगुलर पीरियड्स को भी नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है.
जिन्हें ये समस्या हो:-
नोट
6 महीने तक या फिर बीमारी की गंभीरता के अनुसार डॉक्टर की सलाह पर.