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Deep Ayurveda Chandraprabha Vati बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः यूरिन इन्फेक्शन, मांसपेशियों में दर्द, प्रोस्टेट बढ़ना, बार-बार पेशाब आना, नेफ्रोटिक सिंड्रोम और किडनी में सूजन के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावाइसकाउपयोग कुछ दूसरी समस्याओं के लिए भी किया जा सकता है। इनके बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी गयी है। Deep Ayurveda Chandraprabha Vati के मुख्य घटक हैं पिप्पली, अदरक, वाचा, शिलाजीत, स्वर्ण भसमा, बंग भस्म (वंग भस्म), अभ्रक भस्म, पारा, शुद्ध गंधक और ताम्र भस्म जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Deep Ayurveda Chandraprabha Vati की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
पिप्पली |
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अदरक |
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वाचा |
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शिलाजीत |
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स्वर्ण भसमा |
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बंग भस्म (वंग भस्म) |
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अभ्रक भस्म |
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पारा |
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शुद्ध गंधक |
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ताम्र भस्म |
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Deep Ayurveda Chandraprabha Vati इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
अन्य लाभ
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Deep Ayurveda Chandraprabha Vati की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Deep Ayurveda Chandraprabha Vati की खुराक अलग हो सकती है।
आयु वर्ग | खुराक |
व्यस्क |
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चिकित्सा साहित्य में Deep Ayurveda Chandraprabha Vati के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Deep Ayurveda Chandraprabha Vati का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
इस जानकारी के लेखक है -
BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
10 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 4. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2004: Page No - 105 - 106
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No - 138 -139
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 2. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 177 - 179