Baidyanath Haridra (Haritaki) Khand Vrihat 50gm

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    • मूल का देश: India

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    Baidyanath Haridra (Haritaki) Khand Vrihat 50gm की जानकारी

    Baidyanath Haridra Khand (Br) बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः एलर्जी, कब्ज के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा Baidyanath Haridra Khand (Br) का उपयोग कुछ दूसरी समस्याओं के लिए भी किया जा सकता है। इनके बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी गयी है। Baidyanath Haridra Khand (Br) के मुख्य घटक हैं आंवला, गिलोय, हल्दी, हरीतकी (हरड़), पिप्पली, दालचीनी, बहेड़ा, विडंग, लौह भस्म, निशोथ, चव्या जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Baidyanath Haridra Khand (Br) की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।

    Baidyanath Haridra (Haritaki) Khand Vrihat 50gm की सामग्री - Baidyanath Haridra (Haritaki) Khand Vrihat 50gm Active Ingredients in Hindi

    आंवला
    • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • भूख बढ़ाने में मददगार तत्‍व।
    • पाचन क्रिया को सुधारने व खाने को ठीक से अवशोषित करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं।
    • वो दवा जिससे बार-बार पेशाब आता है, इसका उपयोग रक्तचाप को कम करने या डिटाॅक्स (शरीर से विषाक्त पदार्थ को बाहर निकालना) करने के लिए किया जाता है।
    • ये दवाएं लिवर के कार्य में सुधार करते हैं और इसे संक्रमण से बचाते हैं।
    गिलोय
    • ये दवाएं रोगी की जागृत अवस्था को प्रभावित किए बिना दर्द को कम कर सकती हैं।
    • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • यह दवा कुष्ठ रोग (लेप्रोसी) के उपचार में इस्तेमाल की जाती है।
    • प्रभावित ऊतक को संकुचित करके रक्तस्त्राव को कम करने वाले एजेंट।
    • एलर्जी के लक्षणों से राहत दिलाने के लिए उपयोगी तत्व।
    हल्दी
    • एजेंट या तत्‍व जो सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
    • क्रीम या घोल के रूप में माइक्रोबियल विकास को रोकने वाले घटक।
    • ये दवाएं लिवर के कार्य में सुधार करते हैं और इसे संक्रमण से बचाते हैं।
    • ये एजेंट प्रतिरक्षा प्रणाली पर प्रभाव डालते हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्यों को बदलने में मदद करते हैं।
    • बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने और उन्हें मारने वाली दवाएं।
    • वो दवा या एजेंट जो सूक्ष्म जीवों को नष्ट और उन्हें बढ़ने से रोकता है।
    • एलर्जी को कम करने के लिए हिस्टामाइन (जो धूल-मिटटी जैसे बाहरी तत्वों से शरीर की रक्षा करता है) के स्त्राव को रोकने वाले घटक।
    • एलर्जी के लक्षणों से राहत दिलाने वाले घटक।
    हरीतकी (हरड़)
    • सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • वो दवा जो पेट और आंत के काम को आसान कर पाचन तंत्र को बेहतर करती है।
    • ये दवाएं मल त्याग करने की प्रक्रिया में सुधार करती हैं और कब्ज से राहत प्रदान करने में उपयोगी हैं।
    • शरीर से मल के निष्‍कासन के लिए मल त्‍याग की क्रिया में सुधार लाने वाली दवाएं। कब्‍ज को नियंत्रित करने में भी इनका इस्‍तेमाल किया जाता है।
    • फंगस को बढ़ने से रोकने या खत्म करने वाले पदार्थ।
    • बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने या खत्म करने वाले पदार्थ।
    पिप्पली
    • ये दवाएं चोट के कारण होने वाली सूजन को कम करती हैं।
    • ये एजेंट फंगल सूक्ष्मजीवों को प्रभावित करके फंगल विकास को रोकने में मदद करते हैं।
    • वो दवा या एजेंट जो सूक्ष्म जीवों को नष्ट और उन्हें बढ़ने से रोकता है।
    दालचीनी
    • ये दवाएं चोट के कारण होने वाली सूजन को कम करती हैं।
    • संक्रमित रोगाणुओं को खत्म करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाले दवाएं।
    • फंगस को बढ़ने से रोकने या खत्म करने वाले पदार्थ।
    • वे एजेंट्स जो सूक्ष्‍म जीवों को नष्‍ट या उनके कार्य को रोक कर माइक्रोबियल रेप्लिका (सूक्ष्‍म जीवों की प्रतिकृति) और इसको बढ़ने से बचाते हैं।
    बहेड़ा
    • ये दवाएं लिवर के कार्य में सुधार करते हैं और इसे संक्रमण से बचाते हैं।
    • वे दवाएं जो प्रतिरक्षा प्रणाली पर काम कर इम्‍यून की प्रतिक्रिया में सुधार लाती हैं।
    • वो दवा या एजेंट जो बैक्टीरिया को नष्‍ट या उसे बढ़ने से रोकती है।
    विडंग
    • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • फंगस को बढ़ने से रोकने या खत्म करने वाले पदार्थ।
    • ये एजेंट सूक्ष्मजीवों के विकास और कार्यों के खिलाफ सहायक होते हैं।
    लौह भस्म
    • ये दवाएं बैक्टीरिया को मारती हैं या उनकी गतिविधियों को रोकती हैं।
    निशोथ
    • वो दवा जो कब्ज का इलाज कर मल त्‍याग में मदद करती है।
    • वो पदार्थ जो एसिडिटी को खत्म करने के लिए इस्‍तेमाल किया जाता है।
    चव्या
    • एजेंट या तत्‍व जो सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
    • वो दवा या एजेंट जो बैक्टीरिया को नष्‍ट या उसे बढ़ने से रोकती है।

    Baidyanath Haridra (Haritaki) Khand Vrihat 50gm के लाभ - Baidyanath Haridra (Haritaki) Khand Vrihat 50gm Benefits in Hindi

    Baidyanath Haridra (Haritaki) Khand Vrihat 50gm इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -

    मुख्य लाभ

    एलर्जी | कब्ज

    अन्य लाभ



    Baidyanath Haridra (Haritaki) Khand Vrihat 50gm की खुराक - Baidyanath Haridra (Haritaki) Khand Vrihat 50gm Dosage in Hindi

    यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Baidyanath Haridra (Haritaki) Khand Vrihat 50gm की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Baidyanath Haridra (Haritaki) Khand Vrihat 50gm की खुराक अलग हो सकती है।

    आयु वर्ग खुराक
    बच्चे(2 से 12 वर्ष)
    • मात्रा: निर्धारित खुराक का उपयोग करें
    • खाने के बाद या पहले: कभी भी दवा ले सकते हैं
    • अधिकतम मात्रा: 2 g
    • लेने का तरीका: शहद
    • दवा का प्रकार: ग्रैन्युल्स
    • दवा लेने का माध्यम: मुँह
    • आवृत्ति (दवा कितनी बार लेनी है): दिन में दो बार
    • दवा लेने की अवधि: 1 महीने
    बच्चे(2 से 12 वर्ष)
    • मात्रा: निर्धारित खुराक का उपयोग करें
    • खाने के बाद या पहले: कभी भी दवा ले सकते हैं
    • अधिकतम मात्रा: 5 g
    • लेने का तरीका: शहद
    • दवा का प्रकार: ग्रैन्युल्स
    • दवा लेने का माध्यम: मुँह
    • आवृत्ति (दवा कितनी बार लेनी है): दिन में दो बार
    • दवा लेने की अवधि: 1 महीने
    व्यस्क
    • मात्रा: निर्धारित खुराक का उपयोग करें
    • खाने के बाद या पहले: कभी भी दवा ले सकते हैं
    • अधिकतम मात्रा: 10 g
    • लेने का तरीका: दूध
    • दवा का प्रकार: ग्रैन्युल्स
    • दवा लेने का माध्यम: मुँह
    • आवृत्ति (दवा कितनी बार लेनी है): दिन में दो बार
    • दवा लेने की अवधि: 1 महीने
    बुजुर्ग
    • मात्रा: निर्धारित खुराक का उपयोग करें
    • खाने के बाद या पहले: कभी भी दवा ले सकते हैं
    • अधिकतम मात्रा: 10 g
    • लेने का तरीका: दूध
    • दवा का प्रकार: ग्रैन्युल्स
    • दवा लेने का माध्यम: मुँह
    • आवृत्ति (दवा कितनी बार लेनी है): दिन में दो बार
    • दवा लेने की अवधि: 1 महीने


    Baidyanath Haridra (Haritaki) Khand Vrihat 50gm के नुकसान, दुष्प्रभाव और साइड इफेक्ट्स - Baidyanath Haridra (Haritaki) Khand Vrihat 50gm Side Effects in Hindi

    चिकित्सा साहित्य में Baidyanath Haridra Khand (Br) के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Baidyanath Haridra Khand (Br) का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।



    Baidyanath Haridra (Haritaki) Khand Vrihat 50gm से सम्बंधित चेतावनी - Baidyanath Haridra (Haritaki) Khand Vrihat 50gm Related Warnings in Hindi

    • क्या Baidyanath Haridra (Haritaki) Khand Vrihat 50gm का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?


      यदि Baidyanath Haridra Khand (Br) का कोई दुष्प्रभाव प्रेग्नेंट महिला के स्वास्थ्य पर होता है तो इसका सेवन करना तुरंत बंद कर दें। इसके बाद चिकित्सक से सलाह के लेने पर ही इसको दोबारा शुरू करें।

      मध्यम
    • क्या Baidyanath Haridra (Haritaki) Khand Vrihat 50gm का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?


      स्तनपाान कराने वाली मुहिलाओं पर Baidyanath Haridra Khand (Br) का दुष्प्रभाव बेहद ही कम होता है।

      हल्का
    • Baidyanath Haridra (Haritaki) Khand Vrihat 50gm का पेट पर क्या असर होता है?


      Baidyanath Haridra Khand (Br) का पेट पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता।

      सुरक्षित
    • क्या Baidyanath Haridra (Haritaki) Khand Vrihat 50gm का उपयोग बच्चों के लिए ठीक है?


      दुष्प्रभावों की चिंता किए बिना बच्चों को Baidyanath Haridra Khand (Br) दी जा सकती है।

      सुरक्षित
    • क्या Baidyanath Haridra (Haritaki) Khand Vrihat 50gm का उपयोग शराब का सेवन करने वालों के लिए सही है


      इसके बारे में फिलहाल कोई शोध कार्य नहीं किया गया है। सही जानकारी मौजूद न होने की वजह से Baidyanath Haridra Khand (Br) का क्या असर होगा इस विषय पर अनुमान लगा पाना मुश्किल होगा।

      अज्ञात
    • क्या Baidyanath Haridra (Haritaki) Khand Vrihat 50gm शरीर को सुस्त तो नहीं कर देती है?


      Baidyanath Haridra Khand (Br) लेने पर आपको झपकी या नींद नहीं आएगी। इसलिए आप ड्राइव कर सकते हैं या मशीनरी का इस्तेमाल कर सकते हैं।

      नहीं
    • क्या Baidyanath Haridra (Haritaki) Khand Vrihat 50gm का उपयोग करने से आदत तो नहीं लग जाती है?


      नहीं, लेकिन फिर भी आप Baidyanath Haridra Khand (Br) को लेने से पहले डॉक्टर से जरूर पूछें।

      नहीं


    इस जानकारी के लेखक है -

    Dr. Braj Bhushan Ojha

    BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
    10 वर्षों का अनुभव



    संदर्भ

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 5-8

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 53-55

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 60-61

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 62-63

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 4. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2004: Page No - 105 - 106

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No - 151 - 152

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 33 - 34

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 33 - 34

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No163 - 165



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