जोड़ों में दर्द होना सामान्य स्थिति, जो आमतौर पर अधिक उम्र के लोगों में ज्यादा नजर आती है. जोड़ों में होने वाला दर्द किसी भी समय शुरू हो सकता है. इस समस्या से ग्रस्त अधिकतर लोग डॉक्टर की सलाह पर दवा लेते हैं. इसके अलावा, अच्छी जीवनशैली और सही डाइट लेने से भी इस समस्या को कुछ हद तक कम किया जा सकता है. जोड़ों में दर्द से परेशान लोग अगर अपनी डाइट में फिश ऑयल, ब्रोकली, गोभी और ग्रीन टी को शामिल करते हैं, तो उन्हें कुछ फायदा हो सकता है.

आज इस लेख में आप विस्तार से जानेंगे कि जोड़ों में दर्द के लिए क्या खाना चाहिए और क्या नहीं -

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  1. जोड़ों में दर्द के लिए क्या खाएं?
  2. जोड़ों में दर्द के लिए क्या न खाएं?
  3. सारांश
जोड़ों के दर्द के लिए क्या खाएं और क्या नहीं के डॉक्टर

अगर कोई व्यक्ति जोड़ों में दर्द की समस्या का सामना कर रहा, तो उसे यहां बताए गए खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए -

मेडिटेरेनियन डाइट

कई रिसर्च में माना गया है कि मेडिटेरेनियन डाइट के विभिन्न स्वास्थ्य लाभ हैं, जिसमें जोड़ों के दर्द को कम करना भी शामिल है. इसमें लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स की फलसब्जियां व फलियां, उच्च स्तर का अनसैचुरेटेड फैट जिसमें मुख्य रूप से जैतून का तेल शामिल होता है. इसके अलावा, मेडिटेरेनियन डाइट के अंतर्गत मध्यम से उच्च स्तर की जंगली मछली और निम्न स्तर के डेयरी उत्पाद व रेड मीट को भी शामिल किया जाता है.

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फिश ऑयल

फिश ऑयल में ओमेगा-3 फैटी एसिड प्रमुख रूप से पाया जाता है. इस ऑयल के संबंध में हुई रिसर्च से पता चलता है कि इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी यानी सूजन को खत्म करने के गुण होते हैं, जिस कारण से यह जोड़ों के दर्द में सबसे ज्यादा फायदेमंद है. इसके लिए साल्मन, ट्राउट और सार्डिन मछली से बने तेल को सबसे बेस्ट माना गया है. शाकाहारी लोग फिश ऑयल की जगह अलसी के बीजचिया के बीज और ऑर्गेनिक सोयाबीन का सेवन कर सकते हैं.

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क्रूसिफेरस सब्जियां

क्रूसिफेरस सब्जियों में ब्रोकलीफूलगोभी, ब्रसेल्स स्प्राउट्स और केल जैसी पत्तेदार सब्जियां शामिल होती हैं. इनमें एंटीऑक्सीडेंटविटामिन और फाइबर की मात्रा पाई जाती है. इनका सेवन करने से भी जोड़ों के दर्द में राहत मिल सकती है. 

2005 में मैरीलैंड में शोधकर्ताओं की एक टीम ने क्रूसिफेरस सब्जियों में पाए जाने वाले एक एंटीऑक्सीडेंट यौगिक सल्फोराफेन के प्रभावों का अध्ययन किया था. इस रिसर्च के दौरान उन्होंने पाया कि यह जोड़ों के दर्द और सूजन का कारण बनने वाले एंजाइम को रोक सकता है.

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भारतीय मसाले

हल्दी और अदरक ऐसे मसाले हैं, जिनमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं. भारतीय व्यंजनों में तो इनका खासतौर से प्रयोग किया जाता है. हल्दी का उपयोग तो कई पारंपरिक दवाएं बनाने में भी किया जाता है. 2006 में हल्दी पर हुए एक वैज्ञानिक अध्ययन में पाया गया कि यह ऑस्टियोपोरोसिस और रूमेटाइड अर्थराइटिस से बचाने में मदद कर सकती है.

ग्रीन टी

ग्रीन टी दुनिया में सबसे ज्यादा पी जाने वाली चाय में से एक है. साथ ही कई रिसर्च में भी माना गया है कि ग्रीन टी के कई स्वास्थ्य लाभ हैं. मैरीलैंड में 2008 के एक अध्ययन से पता चला है कि ग्रीन टी गठिया से संबंधित इम्यून रिस्पॉन्स को कम कर सकती है. वहीं, NSAIDs का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से प्रतिकूल असर पड़ सकता है, जबकि इसके मुकाबले ग्रीन टी में पाए जाने वाले पॉलीफेनोलिक कंपाउंड में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होता है. इस लिहाज से ग्रीन टी जोड़ों में दर्द का प्रभावी प्राकृतिक उपचार हो सकती है.

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कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे हैं, जो जोड़ों के दर्द और बढ़ा सकते हैं, इसलिए अगर कोई इस समस्या से ग्रस्त है, तो उसे निम्न चीजों से परहेज करना चाहिए -

अंडे

अंडे की जर्दी में एराकिडोनिक एसिड होता है, जो शरीर में सूजन को ट्रिगर करने का काम कर सकता है. अंडे में सैचुरेटेड फैट भी होता है, जो जोड़ों के दर्द को बढ़ा सकता है. अगर फिर भी अंडा खाना ही है, तो इसका सिर्फ सफेदी हिस्सा ही खाएं.

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डेयरी

डेयरी उत्पादों में उच्च स्तर का प्रोटीन कैसिइन होता है, जो जोड़ों में सूजन और दर्द को ट्रिगर कर सकता है. कुछ डेयरी उत्पाद, जैसे - मक्खन में उच्च मात्रा में सैचुरेटेड फैट होता है, जो जोड़ों में दर्द का कारण बनता है. डेयरी उत्पादों के तहत सोया दूध और बादाम का दूध लेना सबसे सही है.

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प्रोसेस्ड मीट

प्रोसेस्ड मीट में नाइट्राइट्स और प्यूरीन होते हैं. ये रसायन सूजन को बढ़ाते हैं और जोड़ों के दर्द का कारण बनते हैं.

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मीठा

मीठी चीजें खाने से शरीर में साइटोकिन्स रिलीज होता है, जिससे सूजन बढ़ती है और जोड़ों में दर्द शुरू होता है. साथ ही मीठा खाने से वजन भी बढ़ाता है. वजन बढ़ने से जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और जोड़ों में दर्द होने लगता है.

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तली हुई चीजें

तले हुए खाद्य पदार्थ में सैचुरेटेड फैट ज्यादा और ओमेगा - 3 फैटी एसिड कम होता है. इससे शरीर में सूजन बढ़ती है और जोड़ों का दर्द गंभीर रूप ले सकता है.

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रिफाइंड अनाज

जब अनाज को प्रोसेस्ड और रिफाइंड किया जाता है, तो उसमें मौजूद फाइबरमिनरलविटामिन और फैटी एसिड खत्म हो जाते हैं. ऐसे अनाज को खाने से शरीर में सूजन की स्थिति बनती है, जो जोड़ों में दर्द का कारण बनती है.

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शरीर में सूजन के कारण जोड़ों में होने वाले दर्द को कम करने का बेहतरीन तरीका अच्छी डाइट. अगर कोई इस समस्या से परेशान है, तो वो फिश ऑयल, क्रूसिफेरस सब्जियों, मसाले व जड़ी-बूटियों को अपनी डाइट में शामिल कर सकता है. इसके अलावा, मीठा, तली हुई चीजें और रिफाइंड अनाज से दूर रहकर इस समस्या को कुछ हद तक कम किया जा सकता है. अगर डाइट को कंट्रोल करने के बावजूद जोड़ों में दर्द कम नहीं होता है, तो बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

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