अकरकरा औषधीय गुणों से भरपूर भारतीय पौधा है जिसका उपयोग आयुर्वेदिक, यूनानी और अन्य जड़ी-बूटी आधारित चिकित्सा पद्धतियों में पुरुषों के रोग, सर्दी-जुकाम, दांतों के दर्द और पायरिया के इलाज में होता है। इसका वैज्ञानिक नाम एनेसाइक्लस पायरेथ्रम (Anacyclus Pyrethrum) है।

अकरकरा में कामेच्छा को बढ़ाने वाले गुण होते हैं। इससे शारीरिक शक्ति भी बढ़ती है। औषधि के तौर पर मुख्य रूप से इस पौधे की जड़ का इस्तेमाल होता है। यह औषधि कई ऐसी शारीरिक परेशानियों को दूर कर सकती है, जिनके इलाज के लिए लोग परेशान होते हैं। वैसे तो अकरकरा का स्वाद कड़वा होता है, लेकिन अनेकों गुणों से भरपूर भी होता है। जानते हैं इसके फायदों के बारे में -

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  1. अकरकरा के फायदे - Akarkara ke Fayde
  2. अकरकरा के नुकसान - Akarkara Ke Nuksan

कुछ अध्ययनों के अनुसार अकरकरा की जड़ अल्काइल अमाइड, पेलिटोरिन टायरामाइन (TYRAMINE) अमाइड और आईसोब्यूटिलामाइड (ISOBUTYLAMIDES) से बना होता है। अल्काइल अमाइड में कामेच्छा को बढ़ाने वाले और तंत्रिका तंत्र को सुरक्षा प्रदान करने वाले गुण होते हैं। अकरकरा पुरुषों की समस्याओं के लिए मुख्य रूप से लाभकारी होती है। (और पढ़ें - यौनशक्ति कम होने के कारण)

तो आइये जानें इसके लाभ के बारे में - 

अकरकरा है कामेच्छा बढ़ाने में उपयोगी - Akarkara ke fayde badhayen kamicha

अकरकरा (Anacyclus pyrethrum) में कामेच्छा को बढ़ाने वाले और शुक्राणु बढ़ाने वाले गुण होते हैं। यह एंड्रोजन के स्राव को प्रभावित करने के साथ-साथ एंड्रोजन अधिक बनाने में भी मदद करता है। अकरकरा की जड़ में अल्काइल-अमाइड (यह एक क्षारीय तत्व है) की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो टेस्टोस्टेरोन की मात्र बढ़ाने में सहायक होती है। अकरकरा प्रजनन क्षमता, शुक्राणु की मात्रा और पुरुषों में कामेच्छा बढ़ाता है।

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अकरकरा दूर करे स्तम्भन दोष - Akarkara khane ke fayde karen shigrpatan ki samasya dur

नपुंसकता और स्तंभन दोष के इलाज के लिए अकरकरा अच्छा उपाय है। इसमें सिल्डेनाफिल के (स्तंभन दोष के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली दवा) जैसे ही गुण होते हैं, लेकिन यह ब्लड प्रेशर नहीं बढ़ाता है। सिल्डेनाफिल की तुलना में अकरकरा में दुष्प्रभाव कम होते हैं।

यदि इलाज के लिए सिर्फ अकरकरा का ही उपयोग किया जाए तो कुछ सप्ताह बाद इसका असर कम होने लगता है। इसलिए अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए इसका उपयोग अश्वगंधा और कौंच के बीज के चूर्ण के साथ किया जाना चाहिए।

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अकरकरा से करे गले की खराश ठीक - Gale ki kharash ko thik karen akarkara ke pruog se

अकरकरा के पानी के साथ गरारा करने से गले की खराश ठीक होती है। गरारे का पानी तैयार करने के लिए 250 मिलीलीटर पानी में 10 ग्राम अकरकरा की जड़ को उबालें। इस पानी से गरारे करने से फैरिन्जाइटिस (गले में दर्द और सूजन होना) की समस्या से भी राहत मिल सकती है। यह दांत दर्द और मसूड़ों की समस्याओं के लिए भी फायदेमंद है।

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अकरकरा है दांतों के लिए लाभकारी - Akarakara ke labh danton ke liye

इसका उपयोग दांतों के लिए भी लाभकारी साबित हो सकता है। कपूर के साथ अकरकरा की जड़ का चूर्ण मिलकर दांतों की मालिश करने से दांत का दर्द दूर होता है। दांत के दर्द से आराम पाने के लिए इसका इस्तेमाल काली मिर्च,  खुरासानी अजवाइन (हाइसीसिमस नाइजर) और इम्बेलिया राइबेस (Embelia Ribes) को मिलाकर भी किया जा सकता है।

(और पढ़ें - दांत दर्द के घरेलू उपाय)

अकरकरा दिलाए पायरिया से छुटकारा - Akarkara churan ke fayde bachayen pyorrhea se

यह जड़ी-बूटी पायरिया के इलाज में भी उपयोगी है। अकरकरा की जड़ का चूर्ण सरसों के तेल के साथ मिलाकर मसूढ़ों पर लगाने से पायरिया ठीक होता है।

(और पढ़ें - पायरिया के घरेलू उपाय)

अकरकरा है सर्दी-जुकाम का दुश्मन - Akarkara ke ayurvedik labh khansi ke liye

सर्दी-जुकाम में अकरकरा की जड़ का चूर्ण काली मिर्च और पिप्पली के साथ लेने से आराम मिलता है  अकरकरा में एंटीवायरल गुण होते हैं इसलिए यह फ्लू के लक्षणों को कम करने के साथ साथ बंद नाक को खोलने में भी सहायक होता है।

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हकलाने की समस्या दूर करे - Akarkara ka upyog kare speech threpy

कई बच्चों को बड़े होने पर भी हकलाने की आदत होती है, उनकी यह समस्या दूर करने के लिए अकरकरा के मूल का चूर्ण, काली मिर्च और बहेड़ा का छिलका मिलाकर अच्छी तरह पीस लें। फिर इसकी 1 से 2 ग्राम मात्रा दिन में दो-तीन बार शहद के साथ बच्चों को दें। इससे उनके टॉन्सिल की परेशानी भी ठीक होगी। इसके अतिरिक्त इसी मिश्रण की कुछ मात्रा बच्चों की जुबान पर प्रतिदिन मलते रहें। इससे उनके तोतलापन या हकलाने की समस्या ठीक हो जाएगी।

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अकरकरा है मिर्गी में उपयोगी - Mirgi ko roken akarkara ke sewan se

आयुर्वेद में अकरकरा की जड़ का उपयोग मिर्गी और दौरे पड़ने की समस्या को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। कुछ अध्ययनों के मुताबिक इसकी जड़ के अर्क में सुरक्षात्मक गुण होते हैं, इसलिए यह दौरे पड़ने की समस्या को रोकने में मदद कर सकता है।

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सूखी खांसी से दिलाए मुक्ति - Sookhi Khansi se Rahat Dilata hai

www.myupchar.com से जुड़े डॉ. लक्ष्मीदत्ता शुक्ला के अनुसार, मौसम के परिवर्तन के कारण सूखी खांसी से कई लोग परेशान होते हैं, इसके लिए अकरकरा बहुत ही फायदेमंद जड़ी बूटी है। 2 ग्राम अकरकरा और 1 ग्राम सोंठ मिलाकर काढ़ा तैयार करें और इसकी 10 से 20 मिलीलीटर मात्रा सुबह-शाम लेते रहें तो खांसी ठीक होगी।

सायटिका के दर्द को दूर करने में सहायक - Sciatica ki Samsya se Milegi Mukti

ज्यादातर लोग ऑफिस में एक ही पोजीशन में बैठने से कमर दर्द की परेशानी से जूझते रहते हैं। इसके लिए अकरकरा के जड़ के चूर्ण को अखरोट के तेल के साथ मिलाकर कमर में नियमित रूप से मालिश करें। इससे कमर दर्द की परेशानी दूर होगी या जिन्हें साइटिका की समस्या है, उन्हें इससे मुक्ति मिलेगी।

गठिया के रोग में लाभदायक - Gathia ke Dard se Dilayega Rahat

गलत दिनचर्या के कारण अर्थराइटिस यानी गठिया रोग की परेशानी का सामना कई लोगों को करना पड़ता है। ऐसे में अकरकरा जड़ी-बूटी काफी कारगर होती है। जोड़ों के दर्द को ठीक करने के लिए अकरकरा की जड़ का पेस्ट जोड़ों पर लगाएं और फिर सिकाई करें। इससे गठिया रोग के दर्द में राहत मिलेगी।

लकवा के लिए फायदेमंद - Lakwa ke liye Kargar Ilaz hai

लकवा के इलाज में भी अकरकरा महत्वपूर्ण औषधि है। अकरकरा के मूल को बारीक पीसकर तिल के तेल के साथ मिलाकर नियमित रूप से मालिश करने से लकवा के रोगी को फायदा होगा। अकरकरा की जड़ के चूर्ण को 1 ग्राम शहद के साथ लकवा के रोगी को सुबह-शाम चटाने से लकवा में लाभ होता है।

वेसे तो इसके नुकसान के बारे में कोई जायदा जानकारी नहीं है पर अकरकरा का अधिक मात्रा में सेवन करने से यह नुकसानदायक को सकता है जैसे

  • अकरकरा का अधिक मात्रा में सेवन करने से लार की मात्रा बढ़ जाती है। 
  • इसके अधिक सेवन से मुंह में छाले (जब अकेले रूप से इसका उपयोग किया जाता है) हो सकते हैं। इससे छाती में जलन हो सकती है। 
  • सीने में जलन
  • पेट की गैस

(और पढ़ें - मुंह के छाले को ठीक करने के उपाय)


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें अकरकरा है

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