हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसियां मुख्यत: दो (फिक्स बेनिफिट और इंडेमिनिटी) प्रकार की होती हैं। फिक्स्ड बेनिफिट पॉलिसी वह पॉलिसी होती हैं, जिनमें क्लेम के ऐवज में इन्शुरन्स कंपनियां एक निश्चित राशि का भुगतान करती हैं। जबकि इंडेमिनिटी यानी क्षतिपूर्ति आधारित हेल्थ इन्शुरन्स वह हैं जो मेडिकल ट्रीटमेंट पर होने वाले वास्तविक खर्च की भरपायी करती हैं। 

आज के दौर में स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती महंगाई और निष्क्रिय जीवनशैली के चलते एक अच्छी हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी लेना बहुत जरूरी हो गया है। निष्क्रिय जीवनशैली यानी लगातार बैठे-बैठे काम करने की वजह से कई बीमारियां लग जाती हैं और इमरजेंसी में भर्ती होने की नौबत भी आ जाती है। आज देश में दो दर्जन से ज्यादा इन्शुरन्स कंपनियां हैं, जो हेल्थ प्लान बेचती हैं। आप चाहें तो प्राइवेट इन्शुरन्स कंपनियों से अपने लिए अच्छा प्लान ले सकते हैं और सरकारी इन्शुरन्स कंपनियों से भी अपने लिए बेस्ट चुन सकते हैं। आपको किस तरह के कवरेज प्लान की आवश्यकता है, आप कितना प्रीमियम चुकाना चाहते हैं, यह सब बातें भी हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी चुनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। अगर आप एक सस्ती और अच्छी हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी लेना चाहते हैं तो आपको myUpchar बीमा प्लस के बारे में विचार करना चाहिए। myUpchar बीमा प्लस पॉलिसी कम प्रीमियम में बेहतरीन फीचर्स और 24x7 फ्री टेली ओपीडी की भी सुविधा देती है।

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चूंकि हेल्थ इन्शुरन्स ऐसे समय पर ली जाती है जब हमें अपने स्वास्थ्य पर बिल्कुल भी खर्च करने की मजबूरी नहीं होती है। इसलिए बहुत से लोग ज्यादा प्रीमियम की हेल्थ पॉलिसी लेने से कतराते हैं। क्योंकि यह तो स्पष्ट है कि यदि प्रीमियम ज्यादा लिया जा रहा है तो उस हेल्थ इन्शुरन्स की कवरेज भी ज्यादा होगी और फायदे भी अधिक ही होंगे। ऐसे लोग जो कम प्रीमियम में बेहतर हेल्थ कवरेज चाहते हैं उनके लिए इन्शुरन्स प्लान को फिक्स और इंडेमिनिटी दो हिस्सों में बांटा गया है।

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  1. फिक्स बेनिफिट हेल्थ इन्शुरन्स क्या है - What is a Fixed Benefit Health Insurance Plan in Hindi?
  2. फिक्स बेनिफिट हेल्थ इन्शुरन्स के लाभ - Benefits of Fixed Benefit Health Plans in Hindi
  3. फिक्स बेनिफिट हेल्थ इन्शुरन्स प्लान की कमियां - Drawbacks of Fixed Benefit Health Policies in Hindi
  4. क्षतिपूर्ति आधारित हेल्थ इन्शुरन्स क्या है - What is an Indemnity Based Health Insurance Plan in Hindi?
  5. इंडेमिनिटी आधारित हेल्थ इन्शुरन्स के लाभ - Benefits of Indemnity Based Health Plans in Hindi
  6. इंडेमिनिटी आधारित हेल्थ इन्शुरन्स की खामियां - Drawbacks of Indemnity-Based Health Policies in Hindi

फिक्स बेनिफिट हेल्थ इन्शुरन्स प्लान के तहत किसी भी स्वास्थ्य स्थिति के लिए एक निश्चित राशि का भुगतान बीमाधारक को कर दिया जाता है। इस प्लान के तहत यह मायने नहीं रखता कि आपको उक्त स्वास्थ्य स्थिति के लिए कितना खर्च करना पड़ रहा है, आप सिर्फ एक निश्चित राशि (सम-इनश्योर्ड) ही पा सकते हैं। फिक्स बेनिफिट हेल्थ इन्शुरन्स आपको किसी भी स्वास्थ्य स्थिति में धन का सिर्फ एक अतिरिक्त स्रोत उपलब्ध करवा देता है।

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फिक्स बेनेफिट प्लान का उपयोग कई तरह की सेवाओं का लाभ उठाने के लिए किया जा सकता है। इसमें हॉस्पिटल कैश पॉलिसी, क्रिटिकल इलनेस कवर और पर्सनल एक्सीडेंट कवर जैसी बीमा योजनाएं आती हैं। कोई भी व्यक्ति अपनी मौजूदा हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी के प्रावधानों के आधार पर फिक्स बेनिफिट हेल्थ इन्शुरन्स के प्रावधानों का चुनाव कर सकता है। इस तरह से फिक्स बेनिफिट हेल्थ प्लान ऐसे किसी भी संभावित खर्च को कवर करने के लिए एक फिलर के रूप में काम करता है जो आपकी हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी में कवर नहीं होता है।

फिक्स बेनिफिट हेल्थ इन्शुरन्स में नियमित हेल्थ इन्शुरन्स की तरह बीमा लाभ को नियंत्रित करने वाली शर्तें नहीं होती हैं। इसलिए यदि आपकी नियमित हेल्थ इन्शुरन्स में पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन कवरेज शामिल नहीं है या तय समय के बाद भी कुछ खर्च होते हैं जैसे दवाओं व अन्य टेस्ट आदि पर तो आप फिक्स बेनिफिट हेल्थ इन्शुरन्स प्लान की मदद से उन खर्चों को पूरा कर सकते हैं।

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फिक्स बेनिफिट हेल्थ इन्शुरन्स प्लान के तहत क्लेम के लिए दस्तावेजों और अन्य कागजातों की लंबी-चौड़ी फेहरिस्त की आवश्यकता नहीं होती। पूर्व निर्धारित बीमारी, फिजिशियन की तरफ से निदान की रिपोर्ट या पॉलिसीधारक के उक्त बीमारी से ग्रसित होते ही फिक्स बेनिफिट हेल्थ इन्शुरन्स की क्लेम राशि का लाभ बीमाधारक को दे दिया जाता है।

फिक्स बेनिफिट हेल्थ इन्शुरन्स प्लान के लाभ आपने जान लिए, लेकिन हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। इसी तरह फिक्स बेनिफिट हेल्थ इन्शुरन्स प्लान में भी कई कमियां हैं। कई बार यह कमियां बीमाधारक पर नकारात्मक असर भी डालती हैं। उदाहरण के लिए मान लें कि आपने फिक्स बेनिफिट हेल्थ इन्शुरन्स प्लान के तहत हॉस्पिटल कैश कवर लिया है, जिसमें 2000 रुपये प्रतिदिन का भुगतान इन्शुरन्स कंपनी आपको करेगी। आपको 11 दिन के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है और इस दौरान अस्पताल का बिल 80 हजार रुपये आता है, तो फिक्स बेनिफिट हेल्थ इन्शुरन्स प्लान के तहत आपको प्रति दिन 2000 के हिसाब से 10 दिन का सिर्फ 20 हजार रुपये ही मिलेगा। यदि आपके पास नियमित स्वास्थ्य बीमा नहीं है तो इलाज पर खर्च हुए 80 हजार रुपये आपको अपनी पॉकेट से चुकाने पड़ेंगे। इसलिए सलाह ये है कि आप फिक्स बेनिफिट हेल्थ इन्शुरन्स प्लान जरूर लें, लेकिन नियमित हेल्थ इन्शुरन्स (इंडेमिनिटी पॉलिसी) को कतई नजरअंदाज न करें।

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क्षतिपूर्ति आधारित (इंडेमिनिटी बेस्ड) हेल्थ इन्शुरन्स प्लान के तहत बीमाधारक द्वारा किए जाने वाले चिकित्सीय खर्चों की क्षतिपूर्ति की जाती है। इस तरह की हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी में पॉलिसी धारक के अस्पताल में भर्ती होने पर सम-इनश्योर्ड की राशि तक वास्तविक खर्चों को कवर किया जाता है। इसे एक उदाहरण से समझते हैं - मान लें कि एक बीमाधारक के पास इंडेमिनिटी आधारित हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी में 3 लाख के सम-इनश्योर्ड का कवरेज उपलब्ध है। अब यदि उस व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है और इसका बिल 2 लाख रुपये आता है तो इन्शुरन्स कंपनी उस दो लाख के बिल को चुकाएगी। बाकी बचे एक लाख रुपये के सम-इनश्योर्ड को बीमाधारक पॉलिसी वर्ष में कभी भी क्लेम कर सकता है या पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन कवरेज के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है।

इंडेमिनिटी आधारित प्लान के तहत बीमाधारक को अस्पताल के बिल और अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान हुए अन्य खर्चों की पूरी रिपोर्ट इन्शुरन्स कंपनी में जमा करनी होती है, जिसके आधार पर वास्तविक क्लेम को सेटल किया जाता है। इस तरह के प्लान के उदाहरण मेडिक्लेम इन्शुरन्स और अन्य पॉपुलर हेल्थ इन्शुरन्स प्लान हैं। इंडेमिनिटी आधारित हेल्थ प्लान में आमतौर पर डिडक्टिबल भी होते हैं, जो एक निश्चित राशि होती है और इसका निर्धारण पहले ही कर लिया जाता है।  अस्पताल के खर्चों में डिडिक्टिबल राशि का भुगतान बीमाधारक करता है और बाकी के बिल का भुगतान इन्शुरन्स (सम-इनश्योर्ड राशि तक) कंपनी करती है। हालांकि, इंडेमिनिटी आधारित बहुत से प्लान ऐसे भी होते हैं जिनमें डिडक्टिबल नहीं होते हैं।

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इंडेमिनिटी आधारित हेल्थ इन्शुरन्स एक आम व्यक्ति को अस्पताल में होने वाले खर्चों के प्रति निश्चिंत कर देता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस तरह के इन्शुरन्स प्लान के लिए हेल्थ इन्शुरन्स कंपनियां कई हेल्थ केयर प्रोफेशनल और अस्पतालों के साथ साझेदारी करके रखते हैं। इसका फायदा यह होता है कि पॉलिसीधारक को ऐसे अस्पताल या डॉक्टर के पास जाने पर कैशलेस इलाज की सुविधा मिल जाती है। यह पॉलिसी धारक और उस समय की जरूरत पर निर्भर करता कि वह इन्शुरन्स कंपनी के नेटवर्क अस्पताल में जाकर इलाज करवाता है या कहीं और। इस तरह के प्लान में कई तरह के ट्रीटमेंट कवर होते हैं, जिनका इलाज पूरी तरह से इनके अंतर्गत कवर होता है।

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हालांकि, इंडेमिनिटी आधारित हेल्थ इन्शुरन्स प्लान अस्पताल में भर्ती होने से संबंधित खर्चों को कवर करता है, लेकिन फिर भी कई ऐसे खर्चे होते हैं जिन्हें इस प्लान के अंतर्गत कवर नहीं किया जाता। इसमें ऑपरेशन के बाद की देखभाल और दवाएं भी शामिल हैं। बहुत से इंडेमिनिटी आधारित हेल्थ इन्शुरन्स में डिडक्टिबल राशि भी होती है, जिसे बीमाधारक को पहले अपनी पॉकेट से चुकाना होता है, इसके बाद ही इन्शुरन्स कंपनी बाकी की राशि जारी करती है।

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अंत में इतना समझ लें कि अस्पताल में होने वाले खर्चों, प्री और पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन के लिए आपके पास इंडेमिनिटी आधारित हेल्थ इन्शुरन्स होना जरूरी है। यदि आप अन्य खर्चों को लेकर चिंतित रहते हैं तो इंडेमिनिटी आधारित हेल्थ इन्शुरन्स के अलावा आपके पास फिक्स बेनिफिट हेल्थ इन्शुरन्स प्लान भी होना चाहिए। फिक्स बेनिफिट हेल्थ इन्शुरन्स प्लान अस्पताल के खर्चों के अलावा आपकी मदद करेगा।

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