खून बहने का मतलब होता है शरीर के किसी हिस्से में रक्त वाहिकाओं से खून निकलना जिसे अंग्रेजी में “ब्लीडिंग” (Bleeding) कहा जाता है। ब्लीडिंग शरीर के बाहर भी हो सकती है या ये अंदरूनी भी हो सकती है। त्वचा में कट लगने के कारण खून शरीर से बाहर आने लगता है या ये खून मुंह, योनि, गुदा या नाक से भी बाहर आ सकता है। ब्लीडिंग शरीर के किसी भी हिस्से से हो सकती है।

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अगर किसी को चोट लगी है और खून बह रहा है, तो ये महत्वपूर्ण है कि उसे जल्द ही प्राथमिक चिकित्सा दी जाए। ज़्यादातर मामलों में, सही तरीके से फर्स्ट ऐड देकर ब्लीडिंग रोकी जा सकती है। कुछ मामलों में, जयदा ब्लीडिंग होने के कारण शरीर के अंगों को नुक्सान होता है और व्यक्ति की मौत हो सकती है।

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इस लेख में खून बहने (Bleeding) की क्या वजह होती हैं, ब्लीडिंग के प्रकार, खून बहने से रोकने के उपाय और ब्लीडिंग होने पर डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए के बारे में बताया गया है।

  1. खून बहने की क्या वजह होती हैं - Khoon behne ki kya kya wajah hoti hai
  2. ब्लीडिंग कितनी तरह की होती है - Bleeding kitni tarah ki hoti hai
  3. ब्लीडिंग बंद करने के उपाय - Bleeding kaise roke
  4. खून बहने पर डॉक्टर के पास कब जाएं - Bleeding hone par doctor ke pas kab jana chahiye

खून बहने या ब्लीडिंग के सबसे आम कारण होते हैं चोट लगना या कोई बीमारी। चोट लगने से कोई भी रक्त वाहिका फट सकती है, जिससे शरीर के बाहर खून निकलना शुरू हो सकता है। कभी-कभी चोट के कारण बाहर की त्वचा नहीं कटती लेकिन रक्त वाहिका के फटने से त्वचा के अंदर ही खून बहने लगता है और हमें त्वचा पर धब्बा सा दिखने लगता है, जिसे हम आम भाषा में नील पड़ना कहते हैं।

(और पढ़ें - नील पड़ने पर प्राथमिक उपचार)

शरीर के बाहर खून निकलने के आम कारण होते हैं त्वचा का छिलना या कटना, जो एक्सीडेंट या त्वचा में सुई या चाकू जैसी चीजों के घुसने के कारण होता है।

अगर घाव छोटा है, तो शरीर अपने आप ही खून के थक्के बनाने लगता है, ताकि घाव से ज्यादा खून न निकले, लेकिन अगर घाव ज्यादा बड़ा है, तो खून के थक्के ब्लीडिंग नहीं रोक पाते और हमें फर्स्ट ऐड की आवश्यकता होती है।

ल्यूकेमिया, फेफड़ों का कैंसर और लिवर रोग जैसी बिमारियों के कारण शरीर में अंदरूनी ब्लीडिंग हो सकती है।

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ब्लीडिंग के मुख्य दो प्रकार होते हैं -

  • इंटरनल ब्लीडिंग (Internal Bleeding)
    इंटरनल ब्लीडिंग का अर्थ होता है किसी वजह से शरीर के अंदर रक्तस्त्राव होना। ये कई रोगों के कारण हो सकता है, जैसे हीमोफीलिया, एंडोमेट्रिओसिस, लंग कैंसर, विटामिन K की कमी और मस्तिष्क की चोट अदि।
     
  • एक्सटरनल ब्लीडिंग (External Bleeding)
    एक्सटरनल ब्लीडिंग का अर्थ होता है त्वचा के कटने के कारण शरीर के बाहर खून निकलना। इसके कुछ कारण होते हैंएक्सीडेंट, शरीर में कोई नोकीली चीज घुसना या गोली लगना अदि।

घाव से खून बहना कैसे रोकें - Ghav se bleeding kaise roke

अगर आपको या आपके आस-पास किसी व्यक्ति को चोट लग गई है और खून बह रहा है, तो आप निम्नलिखित तरीके से फर्स्ट ऐड कर सकते हैं -

  • सबसे पहले घायल व्यक्ति का शांत रहना आवश्यक है क्योंकि घबराहट से दिल की धड़कन तेज हो जाती है और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाती है, जिससे खून और तेजी से बहने लगता है। (और पढ़ें - घबराहट कम करने के उपाय)
  • घायल व्यक्ति को शांत करें और उन्हें आश्वासन दें।
  • अगर बहुत अधिक खून बह रहा है, तो एम्बुलेंस को बुलाएं या व्यक्ति को अस्पताल ले जाएं।
  • जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी व्यक्ति को लिटा दें।
  • घाव वाली जगह को हिलाए नहीं।
  • अगर घाव व्यक्ति के सिर, गर्दन, पीठ या पैर में है, तो उस व्यक्ति को बिलकुल न हिलाएं। (और पढ़ें - सिर की चोट का इलाज)
  • अगर घाव पर धूल-मिट्टी या कपड़ा है, तो उसे हटाने का प्रयास करें। (और पढ़ें - रीढ़ की हड्डी की चोट के लक्षण)
  • त्वचा में अंदर तक घुसे हुए हथियार या अन्य चीजें जैसे सुई या कील निकालने की कोशिश न करें।  ऐसा करने से और अधिक नुकसान हो सकता है और ब्लीडिंग बढ़ सकती है।
  • खून को रोकने के लिए घाव पर बैंडेज, पट्टी या एक साफ़ कपडा रखें और उसपर दबाव बनाएं।
  • अगर घाव आंख पर है, तो उसपर दबाव न बनाएं। (और पढ़ें - आंखों में दर्द का इलाज)
  • अगर त्वचा में कोई वस्तु अंदर तक घुस गई है, तो न उसे निकालने का प्रयास करें और न उसपर दबाव बनाएं।
  • हो सके तो घाव वाले क्षेत्र को दिल के स्तर से ऊपर उठा लें।
  • अगर खून पट्टी लगाने के बाद भी बाहर आ रहा है, तो पट्टी को निकाले नहीं बल्कि उसके ऊपर और पट्टी लगाकर दबाव बनाएं।
  • अगर ब्लीडिंग रुक गई है, तो पट्टी को हटाकर घाव को देखने का प्रयास न करें। ऐसा करने से खून बहना फिर से शुरू हो सकता है।
  • खून बहना बंद होने के बाद पट्टी के ऊपर कपड़ा या बैंडेज लगा दें ताकि पट्टी अपनी जगह से हिले नहीं। इसके बाद पट्टी के ऊपर आइस पैक रखें।

(और पढ़ें - फर्स्ट ऐड बॉक्स में क्या क्या होना चाहिए)

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अन्य प्रकार की ब्लीडिंग रोकने के उपाय - Anya tarah ki bleeding kaise roke

नाक से खून आना कैसे रोकें

(और पढ़ें - नाक से खून आने पर प्राथमिक उपचार)

योनि से खून आना कैसे रोकें

  • सबसे पहले ये सुनिश्चित करें कि खून योनि से ही आ रहा है या गुदा से।
  • ये सुनिश्चित करने के लिए आप योनि में टैम्पोन भी लगा सकते हैं।
  • अगर अधिक खून निकल रहा है, तो आराम करें और टैम्पोन या पैड लगा कर रखें ताकि आपके कपड़े खराब न हों। (और पढ़ें - सेनेटरी पैड का उपयोग)
  • जितनी जल्दी हो सके अपने डॉक्टर के पास जाएं।
  • याद रखें कि आपने कितने पैड या टैम्पोन इस्तेमाल किए थे ताकि आप डॉक्टर को बता सकें। (और पढ़ें - योनि से रक्तस्राव के कारण
  • एस्पिरिन न लें। इससे रक्तस्त्राव बढ़ सकता है।

(और पढ़ें - सेक्स के बाद योनी से ब्लीडिंग)

गुदा से खून आना कैसे रोकें

  • गुदा से खून आना किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है, इसीलिए जल्द-से-जल्द अपने डॉक्टर के पास जाएं। (और पढ़ें - गुदा कैंसर के लक्षण)
  • टॉयलेट में ज्यादा देर तक न बैठें।
  • अगर मल आ रहा है, तो उसे रोके नहीं।
  • प्रभावित क्षेत्र पर आइस पैक रखें।

(और पढ़ें - मल में खून आने के कारण)

मुंह से खून आना कैसे रोकें

  • हर 1 से 2 घंटों में ठन्डे पानी से कुल्ला करें।
  • अगर मुंह में टूटे हुए दांत या किसी घाव के कारण खून आ रहा है, तो वहां साफ़ कपडा या टिशू रखकर दबाव बनाएं। (और पढ़ें - मुंह के छालों का इलाज)
  • उस कपडे या टिशू को 8 से 10 मिनट तक मुंह में ही पकड़ कर रखें।
  • अगर होंठ फटने के कारण खून निकल रहा है, तो एक नम टिशू या कपडे को कुछ देर तक अपने होठों पर रखें। (और पढ़ें - फटे होंठ के घरेलू उपाय)

(और पढ़ें - मसूड़ों से खून आने के कारण)

खून बहने पर निम्नलिखित स्थितियों में अपने डॉक्टर के पास अवश्य जाएं -

  • अगर आपको रक्तस्त्राव से सम्बंधित विकार है।
  • अगर आप खून पतला करने वाली दवाएं लेते हैं।
  • अगर घाव गहरा है या खुला है। (और पढ़ें - घाव भरने के घरेलू उपाय)
  • अगर घायल व्यक्ति सदमे में चला गया है या उसे बुखार है। (और पढ़ें - बुखार भगाने के घरेलू उपाय)
  • अगर घाव व्यक्ति के चहरे पर है।
  • अगर दबाव बनाने से भी खून रुक नहीं रहा है।
  • अगर घाव से धूल-मिट्टी निकल नहीं रही है।
  • अगर एक गंभीर चोट लगने के कारण खून बह रहा है।
  • अगर घाव में इन्फेक्शन के लक्षण, जैसे लाली, स्त्राव या हाथ लगाने पर दर्द अनुभव हो रहे हैं। (और पढ़ें - बैक्टीरियल संक्रमण के लक्षण)
  • अगर खून रोकने के लिए टांकों की आवश्यकता हो सकती है।
  • अगर घाव के आस-पास का क्षेत्र सुन्न है।
  • अगर घाव में हथियार या अन्य वस्तुएं फसी हुई हैं।
  • अगर घाव के आस-पास लाल धारियां दिख रही हैं।
  • अगर किसी जानवर के काटने के कारण खून निकल रहा है। (और पढ़ें - कुत्ते के काटने पर क्या करे)
  • अगर घाव गहरा है और व्यक्ति ने पिछले 5 सालों में टिटनस का इंजेक्शन नहीं लगवाया है। (और पढ़ें - टिटनेस के लक्षण)
  • अगर व्यक्ति को पिछले 10 सालों में टिटनस का इंजेक्शन नहीं लगा है।

नोट: प्राथमिक चिकित्सा या फर्स्ट ऐड देने से पहले आपको इसकी ट्रेनिंग लेनी चाहिए। अगर आपको या आपके आस-पास किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर या अस्पताल​ से तुरंत संपर्क करें। यह लेख केवल जानकारी के लिए है। 

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