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हृदय ट्रांसप्लांट सर्जरी रुके हुए हृदय को एक स्वस्थ हृदय से बदलने के लिए की जाती है। जब कोई भी ट्रीटमेंट कारगर न हो तब अंत में हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी ही अंतिम विकल्प होता है। हर व्यक्ति हार्ट ट्रांसप्लांट नहीं करवा सकता है। यह सर्जरी करवाने के लिए कुछ स्थितियां व्यक्ति के शरीर में मौजूद नहीं होनी चाहिए जैसे - व्यक्ति की उम्र 65 वर्ष से अधिक न हो, व्यक्ति को अन्य गंभीर फेफड़ों, लिवर या गुर्दे के रोग न हो और व्यक्ति शराब आदि कोई नशा न करता हो।

इन स्थितियों की जांच करने के लिए डॉक्टर कई सारे टेस्ट करते हैं। एक बार ट्रांसप्लांट हो जाने के बाद व्यक्ति को कई सारे टेस्ट करवाने पड़ते हैं। एक बार ट्रांसप्लांट टीम आपके परिणामों की जांच कर लेती है तो आपका नाम वोटिंग लिस्ट में डाल दिया जाता है, इसके बाद आपके शरीर के लिए उपयुक्त डोनर मिल जाने पर आपको अस्पताल बुलाया जाता है। जिस दिन आपको अस्पताल बुलाया जाता है उसी दिन आपकी सर्जरी की जाती है। ट्रांसप्लांट के बाद आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि आपको कोई भी संक्रमण न लगे, क्योंकि इस समय आपकी इम्यूनिटी कम होगी।

यदि आपको घाव के स्थान पर रक्तस्त्राव दिखाई दे या फिर बुखार महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर को सूचित करें।

  1. हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी क्या है - Heart Transplant Surgery kya hai
  2. हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी क्यों की जाती है - Heart Transplant Surgery kyon ki jati hai
  3. हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी से पहले की तैयारी - Heart Transplant Surgery ki taiyari
  4. हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी कैसे होती है - Heart Transplant Surgery kaise hoti hai
  5. हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद देखभाल कैसे करें - Heart Transplant Surgery ke baad dekhbhal kaise karein
  6. हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी में क्या जटिलताएं हैं - Heart Transplant Surgery mein kya jatiltayein hain
  7. हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद डॉक्टर के पास कब जाएं - Heart Transplant Surgery ke baad doctor ke paas kab jayein

हार्ट ट्रांसप्लांट एक ऐसी सर्जरी है जो रोगग्रस्त हृदय या फेल हो चुके हृदय को स्वस्थ हृदय से बदलने के लिए की जाती है। सभी प्रकार के ट्रीटमेंट व दवाएं फेल हो जाने के बाद यह सर्जरी अंतिम विकल्प बचती है।

हृदय का फेल होना एक मेडिकल स्थिति है, जिसमें हृदय ठीक तरह से रक्त पंप नहीं कर पाता है। चूंकि, शरीर के सभी अंगों को ठीक तरह से कार्य करने के लिए रक्त की आवश्यकता होती है। ऐसे में यदि हृदय ठीक तरह से रक्त को पंप नहीं कर पाता है तो अन्य अंगों की कार्य प्रक्रिया भी इससे प्रभावित होती है। हार्ट फेलियर हृदय को केवल एक तरफ से या फिर पूरे हृदय को प्रभावित कर सकता है।

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यदि आपका हार्ट फेलियर अंतिम अवस्था में होता है तो आपको हार्ट ट्रांस्प्लांट सर्जरी करवाने की सलाह दी जाती है। अंतिम अवस्था का हृदय फेलियर का मतलब है कि हृदय की रक्त को पंप न कर पाने की अक्षमता अत्यधिक गंभीर है और अन्य कोई भी ट्रीटमेंट काम नहीं कर पा रहा है।

हार्ट फेलियर के निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं -

हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी कौन नहीं करवा सकता है?

निम्न स्थितियों में व्यक्ति हार्ट ट्रांसप्लांट नहीं करवा सकता है -

  • एचआईवी 
  • कुपोषण 
  • जिस व्यक्ति को दो साल पहले कैंसर हुआ हो 
  • डिमेंशिया 
  • 65 से अधिक उम्र 
  • हेपेटाइटिस जैसा संक्रमण होना 
  • लिवर, नसों, किडनी या फेफड़ों से जुड़ी कोई स्थिति होना 
  • इन्सुलिन आधारित मधुमेह होना 
  • ऐसा कोई रोग होना जिसमें गले व पैरों की रक्त वाहिकाएं प्रभावित हों 
  • परिवार से कोई भी सहारा न होना और ट्रीटमेंट को फॉलो न कर पाना 
  • धूम्रपान, ड्रग्स, शराब आदि का प्रयोग करना क्योंकि इससे नया हृदय भी प्रभावित होता है 
  • पल्मोनरी हाइपरटेंशन होना
  • दवा समय पर न ले पाना और समय-समय पर अस्पताल न पहुंच पाना

हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी से पहले निम्न तैयारी करने की आवश्यकता होती है -

  • हार्ट ट्रांसप्लांट करने से पहले ट्रांसप्लांट टीम आपके शरीर की जांच करेगी। जिसमें निम्न शामिल होंगे -
    • शारीरिक चेक अप 
    • ब्लड टेस्ट - इससे उपयुक्त डोनर ढूंढने में मदद मिलती है और ऑर्गन रिजेक्शन का खतरा कम हो जाता है 
    • परीक्षण टेस्ट - यह टेस्ट आपकी सम्पूर्ण स्वास्थ्य की जांच करते हैं जैसे अल्ट्रासाउंड, सिटी स्कैन, एक्स रे, पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट और डेंटल एग्जाम। महिलाओं में मेम्मोग्राम, पेप स्मीयर और गायनेकोलॉजी परीक्षण भी किए जाएंगे 
    • शारीरिक परीक्षण - कुछ शारीरिक समस्याओं के चलते भी कई बार ट्रांसप्लांट नहीं किया जाता है। इसमें व्यक्ति के तनाव, आर्थिक समस्या, मित्रों व परिवार से संबंधों की जांच होती है
  • आपको संक्रमण का खतरा कम करने के लिए अन्य दवाएं भी दी जा सकती हैं
  • सर्जरी से पहले आप जो भी दवाएं ले रहे हैं उनके बारे में डॉक्टर को अवश्य बता दें
  • एक बार सभी टेस्ट हो जाने पर आपके पूर्ण मेडिकल और सर्जिकल स्थिति की जांच की जाएगी
  • एक बार सभी टेस्ट हो जाने पर आपको कुछ दिनों से लेकर एक साल तक नए डोनर का इंतज़ार करना पड़ सकता है
  • जैसे ही आपको ट्रांसप्लांट करवाने के लिए सूचित किया जाता है वैसे ही आपको अस्पताल आना होता है। ऐसे में कुछ भी खाएं पिएं नहीं। तुरंत अस्पताल जाएं क्योंकि डोनर से हृदय लिए जाने के चार घंटों में ऑपरेशन होना ज़रूरी होता है
  • सर्जरी से पहले आपको अनुमति फॉर्म भरना होगा
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जैसे ही अस्पताल पहुंचते हैं, आपको अस्पताल का गाउन पहनाया जाता है। सर्जरी में निम्न चरणों का पालन किया जाता है -

  • डॉक्टर आपको सामान्य एनेस्थीसिया देंगे और आपकी छाती पर शेव किया जाएगा 
  • आपकी छाती को एंटीसेप्टिक दवा से साफ किया जाएगा 
  • सर्जन ऊर्ध्वाधर (वर्टीकल) दिशा में एक चीरा लगाएंगे जो कि गले के सिरे से पेट की तरफ (नाभि) तक लगाया जाएगा
  • इसके बाद सर्जन सर्जरी के लिए आपके हृदय को रोकेंगे। इस प्रक्रिया के दौरान आपके शरीर में संचरण जारी रखने के लिए सर्जन बाईपास मशीन द्वारा आपके छाती में ट्यूब लगाएंगे। यह मशीन आपके शरीर में हृदय की ही तरह रक्त का संचरण करेगी
  • एक बार मशीन पम्पिंग कार्य शुरू कर देती है तो सर्जन रोगी हृदय को स्वस्थ हृदय से बदल देते हैं
  • इसके बाद सभी रक्त वाहिकाओं को नए हृदय से जोड़ दिया जाता है और हृदय को शुरू करने के लिए हल्का सा इलेक्ट्रिक शॉक दिया जाता है। इससे पहले वेंटीलेटर की ट्यूब को निकाल दिया जाता है
  • सर्जन आपके हृदय में तारों को लगा सकते हैं जो कि आपके शरीर के बाहर पेस मेकर से जुड़े होंगे इससे रिकवरी के समय तक हृदय की गति को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी
  • इसके बाद डॉक्टर आपकी छाती की हड्डी को वापस तारों से जोड़ देंगे और आपकी त्वचा को टांकों से सिल देंगे
  • डॉक्टर आपकी छाती पर एक ड्रेन लगाएंगे ताकि जमा हुआ रक्त निकाल दिया जाए और इसके बाद चीरे के स्थान पर पट्टी कर दी जाती है।

हृदय ट्रांसप्लांट में चार घंटे तक लग सकते हैं।

ऑपरेशन के बाद आपको कुछ दिनों के लिए इंटेंसिव केयर यूनिट में निगरानी के लिए रखा जाएगा। नर्स दर्द  के लिए शरीर में दवा लगा सकती हैं।

यदि हृदय और अन्य अंग ठीक तरह से कार्य रहे हैं तो आपको कुछ ब्लड टेस्ट करवाने के लिए कहा जायेगा। आपको रक्त स्त्राव संबंधी समस्याओं और रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए कुछ दवाएं दी जाएंगी। डॉक्टर पेसमेकर से जुड़ी तारों को निकाल देंगे और इम्यूनोसप्रेसेंट की खुराक पर नज़र रखी जाएगी।

आप धीरे-धीरे द्रव पीने से शुरू करेंगे और फिर आपको हल्का नरम भोजन दिया आएगा। एक बार आपके वाइटल स्थिर हो जाएं तो आपको आईसीयू से आगे की रिकवरी के लिए सामान्य कमरे में रखा जाएगा। डॉक्टर आपको आसपास थोड़ा चलने और स्वस्थ आहार लेने की सलाह देंगे।

आपको सात से चौदह दिनों में डिस्चार्ज दे दिया जाएगा।

हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद जब आप घर जाते हैं तो निम्न बातों को ध्यान में रखें -

  • आपको जीवनभर के लिए इम्यूनोसप्रेसेंट दवाएं लेनी होंगी जो कि डॉक्टर द्वारा बताई गयी होंगी 
  • आपको अपना रोजाना का एक रिकॉर्ड बनाने को कहा जाएगा। जिसे डॉक्टर अगले अपॉइंटमेंट के समय देखेंगे -
    • हृदय की दर
    • वजन
    • तापमान
    • ब्लड प्रेशर
    • ब्लड ग्लूकोस
  • घाव को सूखा रखें
  • रिकवरी के शुरुआती महीनों में भीड़ भरे इलाकों में ना जाएं और ऐसे लोगों से दूर रहें, जिन्हें किसी भी प्रकार का संक्रमण हो
  • सर्जरी के बाद छह हफ्तों तक गाड़ी न चलाएं
  • आप ट्रांसप्लांट सर्जरी के तीन महीने बाद काम पर लौट सकते हैं
  • सर्जरी के बाद छह हफ्तों तक कुछ भी भारी सामान न उठाएं
  • हॉट टब, स्विमिंग पूल या बाथटब आदि से दूर रहें, जब तक कि आपका संक्रमण ठीक नहीं हो जाता है
  • किसी भी तरह के संक्रमण से बचने के लिए सर्जरी के तीन महीने तक अधिक दूरी तक यात्रा करने से बचें
  • सर्जरी के तीन महीने बाद आप घरेलू यात्राएं कर सकते हैं, लेकिन अंतराष्ट्रीय यात्राएं करने के लिए आपको छह महीने तक इंतज़ार करना पड़ेगा
  • छह महीने तक पौधे आदि न लगाएं
  • यदि किसी कंस्ट्रक्शन साइट (जहां मकान आदि कोई ईमारत बन रही हो) से निकले तो मास्क का प्रयोग करें
  • आप ऐसे लोगों से मिल सकते हैं, जिन्होंने हार्ट ट्रांसप्लांट करवाया हो। उनसे आप अपने प्रश्नों के बारे में बातचीत कर सकते हैं

हार्ट ट्रांसप्लांट से व्यक्ति की आयु बढ़ जाती है जो कि बिना ट्रांस्प्लांट के खत्म हो सकती थी। 

डॉक्टर के पास कब जाएं?

यदि आपको निम्न में से कोई भी संक्रमण दिखाई दे तो डॉक्टर के पास जाएं -

  • सर्जरी के स्थान पर अत्यधिक दर्द
  • निम्न रक्त चाप
  • बुखार,कंपकंपी या दोनों
  • अत्यधिक थकान
  • सांस लेने में तकलीफ
  • घाव के स्थान से लालिमा, सूजन, पास निकलना या रक्तस्त्राव

हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद व्यक्ति को निम्न जटिलताएं या खतरे हो सकते हैं -

  • एनेस्थिसिया से प्रतिक्रिया
  • दिल का दौरा
  • रक्त स्त्राव
  • संक्रमण
  • रक्त के थक्के जमना
  • सांस लेने में समस्या
  • हृदय की दर में समस्या
  • एंटी-रिजेक्शन दवाओं के कारण कैंसर या लिवर, किडनी या अन्य अंगों का क्षतिग्रस्त होना
  • किडनी या लंग फेलियर
  • रिजेक्शन की दवाओं के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ जाना
  • रिजेक्शन की दवाओं के कारण उच्च कोलेस्ट्रॉल, हड्डियों का पतला होना या मधुमेह
  • नया हृदय बिल्कुल काम न करे
  • गंभीर कोरोनरी आर्टरी रोग
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डिस्चार्ज के बाद दो महीने तक आपको हर हफ्ते क्लिनिक जाना होगा।

यहां तक कि ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद शुरुआती महीनों में आपको बार-बार अस्पताल जाना होगा। वहां डॉक्टर आपके शरीर पर कुछ टेस्ट करेंगे, ताकि यह देखा जा सके कि आपके शरीर ने नए हृदय को अपना लिया है। इन टेस्ट में इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम और हृदय की बायोप्सी शामिल हैं।

संदर्भ

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