आंतों से जुड़ी समस्याओं का सामना किसी को भी करना पड़ सकता है. इसी में से एक है आंतों में सूजन आना, जिसे अल्सरेटिव कोलाइटिस कहा जाता है. कई लोगों को लगता है कि इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन एलोपैथी दवाओं के जरिए इसे कुछ हद तक ठीक किया जा सकता है. एलोपैथी में ऐसी कई दवाइयां हैं, जो सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं. साथ ही प्रतिरक्षा प्रणाली को आंतों पर हमला करने से रोकने में मदद करती हैं.

आज इस लेख में आप आंतों में सूजन के लिए एलोपैथिक दवाइयों के बारे में जानेंगे -

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  1. अल्सरेटिव कोलाइटिस के लिए एलोपैथिक दवा
  2. सारांश
आंतों में सूजन की एलोपैथिक दवा के डॉक्टर

आंतों में सूजन का इलाज करने में कई तरह की दवाइयां कारगर हो सकती हैं. अब किसे कौन सी दवा देनी है, ये आंतों में सूजन की स्थिति पर निर्भर करता है. इसलिए, मरीज की अवस्था देखने के बाद ही डॉक्टर तय करते हैं कौन-सी दवा देनी चाहिए -

एंटीइंफ्लेमेटरी दवाइयां

एंटीइंफ्लेमेटरी दवाइयां आंतों में सूजन के इलाज का पहला स्टेप होती हैं. ये दवाइयां अल्सरसेटिव कोलाइटिस से पीड़ित लोगों के लिए कारगर साबित हो सकती हैं. एंटीइंफ्लेमेटरी दवाइयों में शामिल हैं -

  • 5 अमीनोसैलिसिलेट्स - अमीनोसैलिसिलेट्स दवाइयां अल्सरेटिव कोलाइटिस के लिए असरदार साबित हो सकती है. दरअसल, अल्सरेटिव कोलाइटिस के चलते पाचन तंत्र में सूजन आ सकती है या अल्सर का कारण बन सकता है. ऐसे में अगर अमीनोसैलिसिलेट्स दवा ली जाए, तो गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है. अमीनोसैलिसिलेट्स दवाइयों में सल्फासालाजीन, मेसालामिन व बालसलाजाइड शामिल है.
  • कोर्टिकोस्टेरॉइड - कोर्टिकोस्टेरॉइड दवाइयों में प्रेडनिसोन और बुडेसोनाइड शामिल हैं. इन दवाइयों का उपयोग गंभीर अल्सरेटिव कोलाइटिस का इलाज करने के लिए किया जा सकता है. इन दवाइयों का सेवन लंबे समय तक नहीं किया जाना चाहिए, वरना गंभीर साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं.

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इम्यून सिस्टम स्प्रेस दवाइयां

इम्यून सिस्टम स्प्रेस दवाइयां भी अल्सरेटिव कोलाइटिस के इलाज में कारगर साबित हो सकती हैं. ये दवाइयां सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं. एंटीइंफ्लेमेटरी और इम्यून सिस्टम स्प्रेस दवाइयों का कॉम्बिनेशन सही तरीके से काम कर सकता है. इम्यूनोसप्रेसेंट दवाइयों में शामिल हैं -

  • अज़थियोप्रीन और मर्केप्टोप्यूरिन - ये दवाइयां आंतों में सूजन का इलाज करने में असरदार हो सकती हैं. इन दवाइयों का उपयोग इम्यूनोसप्रेसेंट के रूप में किया जाता है. इन दवाइयों को लेने से पहले डॉक्टर की राय जरूर लें. इस स्थिति में डॉक्टर आपके लिवर और पैन्क्रियाज पर इन दवाइयों के प्रभाव या साइड इफेक्ट जानने के लिए ब्लड टेस्ट कर सकते हैं.
  • साइक्लोस्पोरिन - आंतों में सूजन का इलाज करने के लिए साइक्लोस्पोरिन दवा का भी सेवन किया जा सकता है. साइक्लोस्पोरिन दवा उन लोगों के लिए कारगर साबित हो सकती है, जिन्हें दूसरी दवाइयों से कोई फर्क नहीं पड़ता है. इस दवा के गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, इसलिए इसका सेवन लंबे समय तक नहीं करना चाहिए. 
  • टोफासिटिनीब - टोफासिटिनीब को एक छोटा अणु भी कहा जाता है. यह दवा सूजन की प्रक्रिया को रोकने का कारण करती है. जब अल्सरेटिव कोलाइटिस के इलाज में अन्य दवाइयां काम नहीं करती हैं, तो टोफासिटिनीब प्रभावी हो सकती है. इस दवा को भी लंबे समय तक लेने से दाद संक्रमण और रक्त के थक्कों का जोखिम बढ़ सकता है. इतना ही नहीं अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के अनुसार टोफासिटिनीब दवा लेने से हृदय संबंधी समस्याएं और कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है. इसलिए, बिना डॉक्टर की सलाह के इस दवा को न लें.

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बायोलॉजिक्स

अल्सरेटिव कोलाइटिस के इलाज के लिए बायोलॉजिक्स दवाइयां भी इस्तेमाल की जा सकती हैं. ये दवाइयां इम्यून सिस्टम द्वारा बनाए गए प्रोटीन पर काम करती हैं - 

  • इन्फ्लिक्सिमैब, एडालिमुमैब और गोलिमुमैब - अल्सरेटिव कोलाइटिस यानी आंतों में सूजन के इलाज के लिए इन दवाइयों का भी उपयोग किया जा सकता है. इन दवाइयों को ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर (TNF) इनहिबिटर या बायोलॉजिक्स कहा जाता है. ये दवाइयां इम्यून सिस्टम द्वारा बनाए गए प्रोटीन को बेअसर करने का काम करती हैं. इन दवाइयों का इस्तेमाल गंभीर अल्सरेटिव कोलाइटिस वाले लोगों के लिए किया जा सकता है.
  • वेडोलिजुमैब - अगर किसी के आंतों में सूजन हो गई है, तो वेडोलिजुमैब दवा का सेवन कर सकते हैं. ये दवाइयां अल्सरेटिव कोलाइटिस के इलाज में काफी प्रभावी साबित होती हैं. ये दवाइयां सूजन वाली कोशिकाओं को सूजन वाली जगह पर जाने से रोकती हैं.  
  • उस्तेकिनुमाब - उस्तेकिनुमाब दवा ऐसे प्रोटीन को अवरुद्ध करके काम करता है, जो सूजन का कारण बनता है. इसलिए, अगर आंतों में सूजन हो गई है, तो उस्तेकिनुमाब दवा का उपयोग किया जा सकता है.

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अन्य दवाइयां

अल्सरेटिव कोलाइटिस के लक्षणों को कम करने के लिए कुछ अन्य दवाइयों की भी जरूरत पड़ सकती है, जो इस प्रकार है -

  • एंटी डायरियल दवाइयां - ये दवा दस्त में प्रभावी साबित हो सकती है, लेकिन इन दवाइयों का उपयोग पूरी सावधानी से करना चाहिए, क्योंकि ये दवाइयां कोलन के आकार को बढ़ा सकती हैं.
  • पेन किलर - अगर आपको हल्का दर्द महसूस हो, तो आप पेन किलर भी ले सकते हैं. इसके लिए एसिटामिनोफेन दवा ली जा सकती है, लेकिन इबुप्रोफेन, नेप्रोक्सन सोडियम और डाइक्लोफेनाक सोडियम नहीं लेनी चाहिए. ये दवाएं लक्षणों की गंभीरता को बढ़ा सकती हैं.
  • एंटीस्पास्मोडिक - अल्सरेटिव कोलाइटिस होने पर कई बार ऐंठन भी महसूस हो सकती है. ऐसे में डॉक्टर एंटीस्पास्मोडिक दवा लिख सकते हैं.
  • आयरन सप्लीमेंट्स - कई बार अल्सरेटिव होने पर आंतों से खून भी बहने लगता है. इस स्थिति में आयरन की कमी होने लगती है और एनीमिया हो सकता है. ऐसे में आयरन सप्लीमेंट लिया जा सकता है. इससे शरीर में खून बढ़ेगा.

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आंतों में सूजन का इलाज एलोपैथी में उपलब्ध है, लेकिन कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करना चाहिए. आंतों में सूजन होने पर कौन-सी दवा कारगर साबित हो सकती हैं, इस बारे में डॉक्टर ही बेहतर तरीके से बता सकते हैं. इसलिए, अगर किसी में अल्सरेटिव कोलाइटिस के लक्षण नजर आते हैं, तो सबसे पहले डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए. डॉक्टर मरीज की अवस्था को देखने के बाद ही बता सकते हैं कि कौन-सी दवा लेनी चाहिए. 

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