आधुनिक जीवनशैली की वजह से लोगों को कई तरह की परेशानियां हो रही हैं. खराब खानपान की वजह से सबसे ज्यादा आंतों में परेशानियां होती हैं. इन्हीं परेशानियों में लोगों को सबसे ज्यादा आंतों में सूजन की परेशानी हो रही है. मेडिकल भाषा में इसे अल्सरेटिव कोलाइटिस कहा जाता है.

आंतों में सूजन को कम करने के लिए बेहतर खानपान के साथ-साथ सही उपचारों की भी आवश्यकता होती है. इन्हीं उपचारों में आयुर्वेदिक इलाज आपके लिए काफी असरकारी साबित हो सकता है. आंतों में सूजन को कम करने के लिए आप आयुर्वेदिक इलाज का सहारा ले सकते हैं.

आयुर्वेद में खानपान में बदलाव, योग, मसाज और कुछ जड़ी-बूटियां जैसे - एलोवेरा जेल, व्हीटग्रास जूस, प्लांटैगो ओवाटा बीज इत्यादि के इस्तेमाल से आंतों में सूजन को कम करने की कोशिश की जा सकती है.

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आज हम इस लेख में आंतों में सूजन के आयुर्वेदिक इलाज के बारे में जानेंगे.

  1. आंतों में सूजन का आयुर्वेदिक इलाज
  2. आंतों में सूजन के लिए जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल
  3. सारांश
आंतों में सूजन का आयुर्वेदिक इलाज और दवा के डॉक्टर

आंतों में सूजन को कम करने के लिए आयुर्वेद में कुछ प्राकृतिक तरीकों को अपनाया जाता है. खासतौर पर खानपान और कुछ विशेष तरह की जड़ी-बूटियों से आंतों में सूजन को कम करने की कोशिश की जाती है. इन जड़ी-बूटियों में अदरक, हल्दी, एलोवेरा जेल, व्हीटग्रास जूस इत्यादि शामिल हैं.

आइए विस्तार से जानते हैं आंतों में सूजन का आयुर्वेदिक इलाज के बारे में-

आहार पर विशेष ध्यान

आयुर्वेद में आंतों में सूजन को कम करने के लिए सबसे पहले आपके आहार में कुछ बदलाव किया जाता है क्योंकि आयुर्वेद में आहार को संतुलित करके ही आपके शारीरिक दोष को कम करने की कोशिश की जाती है। आयुर्वेद के मुताबिक, पित्त दोष को कम करने आंतों की परेशानी को कम किया जा सकता है. इसके लिए आपको अंडा खाने की सलाह दी जा सकती है. अंडा एक ऐसा आहार है, जो पित्त दोष को संतुलित करने में आपकी मदद कर सकता है.

यदि आप लैक्टोज असहिष्णु ( lactose intolerant) नहीं हैं, तो आपको दूध, घी, सोया दूध और मक्खन भी शामिल करने की सलाह दी जा सकती है. इसके अलावा आप इस दौरान अपने डाइट में सेब, नाशपाती, अनानास, खरबूजा और आम जैसे पके हुए फलों को भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.

इसके अलावा आपको सब्जियों में शतावरी, ब्रोकली, पत्ता गोभी और तोरई को शामिल करने की सलाह दी जा सकती है. मसालों की बात कि जाए, तो इस दौरान आपको धनिया, दालचीनी, हल्दी, इलायची, सौंफ और काली मिर्च को छोड़कर अधिकतर मसाले न खाने की सलाह दी जाती है.

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एक्यूपंक्चर

आंतों के सूजन को कम करने के लिए आयुर्वेद में एक्यूपंक्चर का भी सहारा लिया जाता है. इसमें शरीर के कुछ विशिष्ट बिंदुओं पर दबाव डाला जाता है, जिसके परिणामस्वरूप आंतों के सूजन को कम करने की कोशिश की जाती है.

क्रॉन्स एंड कोलाइटिस फाउंडेशन के मुताबिक, एक्यूपंक्चर से शरीर की कई परेशानियों को दूर किया जा सकता है. यह आंतों में सूजन को कम करने के साथ-साथ इसके अन्य लक्षणों को सुधारने में भी मददगार है.

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यहां हम कुछ ऐसी जड़ी-बूटियों के बारे में बताया गया है, जो इस समस्या को कुछ हद तक कम कर सकती हैं-

हल्दी

रोजाना खाने में हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है. इसके सेवन से कई तरह की परेशानियां दूर होती है. आंतों में सूजन को कम करने के लिए भी आयुर्वेद में हल्दी का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है. हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी का गुण पाया जाता है. इसके अलावा यह रोगाणुरोधी और कैंसर-रोधी गुणों से भी भरपूर होता है. हल्दी में करक्यूमिन नामक एक सक्रिय तत्व होता है, जिसके इस्तेमाल से आंतों के सूजन को कम किया जा सकता है. अध्ययन में पाया गया है कि सामान्य और मध्यम रूप से प्रभावित आंतों में सूजन के रोगियों को करक्यूमिन देने से आंतों के सूजन को कम किया जा सकता है.

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अदरक

आंतों के सूजन को कम करने के लिए आयुर्वेद में अदरक का भी इस्तेमाल किया जाता है. कई अध्ययनों में इस बात को साबित किया जा चुका है कि अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण भरपूर रूप से होता है. इसके इस्तेमाल से मलती, उल्टी और गैस जैसी परेशानी दूर हो सकती है. ऐसे में आंतों में सूजन को कम करने के लिए आप अदरक का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

लैवेंडर

पाचन से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए लैवेंडर का इस्तेमाल किया जा सकता है. यह चिंता को कम करके आपके दिमाग को शांत रखता है. इसके इस्तेमाल से आपको नींद भी अच्छी है. आंतों में सूजन होने पर नींद न आने की परेशानी को दूर करने में लैवेंडर आपकी मदद कर सकता है. इससे नींद की गुणवत्ता को सुधारने में लैवेंडर ऑयल प्रभावी साबित हो सकता है. रिसर्च में पाया गया है कि लैवेंडर ऑयल का इस्तेमाल करने से आंतों में सूजन की वजह से होने वाले दर्द को कम किया जा सकता है. इसके अलावा यह नींद लाने में भी सहायक होता है.

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पुदीना

आयुर्वेद में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारियों के लक्षणों को दूर करने के लिए पेपरमिंट ऑयल का काफी लंबे समय से इस्तेमाल किया जा रहा है. पेपरमिंट को एंटीस्पास्मोडिक (अनैच्छिक मांसपेशियों की ऐंठन से राहत) और आंतों में सूजन को कम करने के लिए प्रभावी माना जाता है.

रिसर्च से पता चला है कि यह पेट में दर्द और ऐंठन को कम करने में असरदार हो सकता है. साथ ही आंतों में सूजन की वजह से मतली और उल्टी की संभावना को भी कम करने में आपकी मदद करता है. अरोमाथेरेपी में इसका काफी ज्यादा इस्तेमाल होता है. आंतों में सूजन को कम करने के लिए आप पुदीने की पत्तियों या तेलों का इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे आपको काफी लाभ होगा.

आंतों में सूजन को कम करने के लिए आयुर्वेद में आहार और जड़ी-बूटियों के अलावा योग और मसाज का भी सहारा लिया जाता है. इन विधियों से आंतों में सूजन को कम करने की काफी हद तक कोशिश की जाती है.

आंतों में सूजन को कम करने के लिए आयुर्वेद में सही डाइट और कुछ विशेष तरह की जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा योग और मसाज से भी आंतों में सूजन को कम करने की कोशिश की जाती है, लेकिन ध्यान रखें कि आंतों में या पेट में किसी तरह की परेशानी महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. घर पर खुद का इलाज करने से बचें. क्योंकि आपकी लापरवाही गंभीर समस्या उत्पन्न कर सकती है.

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