विषाक्त एपिडर्मल नेक्लोलिसिस - Toxic Epidermal Necrolysis in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

June 28, 2017

April 12, 2021

विषाक्त एपिडर्मल नेक्लोलिसिस
विषाक्त एपिडर्मल नेक्लोलिसिस

विषाक्त एपिडर्मल नेक्लोलिसिस विकार क्या है?

विषाक्त एपिडर्मल नेक्लोलिसिस (Toxic epidermal necrolysis;TEN;टीईएन) एक दुर्लभ त्वचा के प्रतिरक्षा से जुड़ा विकार होता है, जिसका सही से इलाज न किया जाए तो यह हमारे जीवन के लिए खतरा बन सकता है। इसे हम छाला या फफोले भी कह सकते हैं, यह शरीर के पर्याप्त हिस्से (30% और अधिक) को एक-दूसरे से संगठित कर में ढक लेता है, इससे त्वचा छिल जाती है और मृत त्वचा हटने लगती है। इसके नीचे की त्वचा की परत लाल होती है, जिसमें गंभीर जलन भी होती है। अक्सर इसमें चिपचिपी झिल्ली (mucous membranes) विशेष रूप से आंखों (conjunctivitis) के आसपास के क्षेत्र के अलावा मुंह, गले और ब्रोन्कियल ट्री में भी शामिल पाई जाती है।

किसी भी उम्र में इसकी शुरुआत हो सकती है। शिशु में इससे अक्सर संक्रमण होने लगते है। जबकि वयस्कों में यह विकार आमतौर पर एंटीकनवलसंट्स (anticonvulsants), नॉन स्टेरॉयड एंटी-इन्फ्लैमेटरीज(non-steroid anti-inflammatories) और कुछ एंटीबायोटिक दवाइयां लेने की प्रतिक्रिया के कारण होता है।

विषाक्त एपिडर्मल नेक्लोलिसिस को एक प्रतिरक्षाविज्ञानी विकार माना जाता है,जो त्वचा विकारों के समूह में से एक है। विषाक्त एपिडर्मल नेक्लोलिसिस रोग को स्टीवनस-जॉनसन सिंड्रोम (Stevens-Johnson syndrome) और इरिथेमा मल्टीफोर्म (erythema multiforme) के बाद सबसे गंभीर माना जाता है।



संदर्भ

  1. American Academy of Allergy, Asthma & Immunology. STEVENS-JOHNSON SYNDROME (TOXIC EPIDERMAL NECROLYSIS) DEFINITION. Milwaukee, WI [Internet]
  2. Wolfram Hoetzenecker et al. Toxic epidermal necrolysis. Version 1. F1000Res. 2016; 5: F1000 Faculty Rev-951. PMID: 27239294
  3. Alfonso Estrella-Alonso et al. Toxic epidermal necrolysis: a paradigm of critical illness. Rev Bras Ter Intensiva. 2017 Oct-Dec; 29(4): 499–508. PMID: 29340540
  4. National Institutes of Health; [Internet]. U.S. Department of Health & Human Services; Stevens-Johnson syndrome/toxic epidermal necrolysis.
  5. National Organization for Rare Disorders [Internet], Stevens-Johnson syndrome/toxic epidermal necrolysis