दांत में दर्द - Toothache in Hindi

Dr Razi AhsanBDS,MDS

August 19, 2018

April 24, 2023

दांत में दर्द
दांत में दर्द

दांत में दर्द होना क्या है?

दांत में दर्द तब शुरू होता है जब दांत की जड़ के आसपास की नसों में किसी प्रकार की समस्या होने लगती है। 

दांतों में दर्द, दांतों की सामान्य समस्या होती है, जिसको प्रभावित दांत में महसूस किया जाता है। कुछ लोगों को दांतो का दर्द उनके सिर, जबड़े या कान से आता हुआ प्रतीत होता है। कुछ लोगों को दांत में पीड़ा को झटके की तरह महसूस होती है तो कुछ लोगों को निरंतर दर्द महसूस होता है। कई बार दर्द बढ़कर जबड़े तक चला जाता है जो सूजन और फोड़े का कारण भी बनता है।

आमतौर पर दांतों में सड़न और गंदगी इकट्ठा होने के कारण होता है, क्योंकि सड़न अम्ल पैदा करने वाले बैक्टिरिया में बदल जाती है। ये अम्ल शर्करा को तोड़कर दांतों की परत पर हमला करते हैं। दांतों की परत पर सड़न फैलने के बाद यह दांतों की जड़ की तरफ बढ़ती है। दांतों की जड़ें प्रभावित होने से दांतों में दर्द होने लगता है। दांत टूटने या नया दांत आने से भी दांतों में दर्द हो सकता है। इसके अलावा साइनसाइटिस के कारण भी कई बार दांतों में दर्द होने लगता है।

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जब कोई ज्यादा ठंडी या गर्म चीज को चबाया जाता है, तो उसके ज्यादा ठंडा और गर्म होने के कारण दांत संवेदनशील हो जाते हैं तो भी दर्द महसूस होने लगता है। कई बार लोगों के दांतों और मसूड़ों से खून भी निकलने लगता है, हालांकि यह संक्रमण की गंभीरता पर आधारित होता है। अगर दर्द बढ़ता जा रहा है, तो दांतों की ज़ड़ों से नसें नष्ट हो सकती हैं। लेकिन इसके बाद भी दांतों में सड़न कम नहीं होगी, बल्कि बढ़ती रहेगी, जब तक दांतों का डॉक्टर इसका इलाज ना कर दे। अगर दर्द तीव्र होता जा रहा है या आसपास सूजन होने लगी है तो दांतों के आसपास के ऊतकों में संक्रमण हो सकता है, इसलिए इसका तुरंत इलाज करवाना चाहिए।

हालांकि, एक अच्छी मौखिक स्वच्छता दांतों में सड़न होने से रोकथाम करती है, अन्य कारणों में, जैसे पारिवारिक आदतें और लार की कमी भी कई बार इसका कारण बन जाती है। लार दांतों को सड़ने से बचाती है, क्योंकि यह अम्लों और बैक्टिरिया को मुंह से साफ करती हैं। इसके साथ ही लार बैक्टिरिया और अम्ल के हमले को बेअसर करती है।

नियमित रूप से दांतों का चेक-अप, दातों को सड़ने से और दातों की सर्जरी पर रोकथाम लगा सकता है, जैसे रूट कैनाल।​

(और पढ़ें - दांत में कीड़े का इलाज)

दांत में दर्द के प्रकार - Types of Toothache in Hindi

दांत दर्द कितने प्रकार के होते हैं?

दांत के विशेषज्ञों द्वारा मूल्यांकन और निदान के लिए दांत में दर्द के उस प्रकार को समझना होना है, जिस दर्द को मरीज अनुभव कर रहे होते हैं। इससे दर्द के मूल कारण का भी पता चलता है, जिसके आधार पर दंत रोग विशेषज्ञ रोगी को चिकित्सा सुविधा प्रदान करते हैं। 

  1. तेज और रुक-रुक कर दर्द और संवेदनशीलता: इसके तहत ठंडी या गर्म चीजों को खाने से होने वाली संवेदनशीलता, उम्र बढ़ने से या बहुत ज्यादा ब्रश घिसने से दांतों की परत उतरना, दांतों में टूट-फूट या कैविटी जैसे कारक जिम्मेदार होते हैं।
     
  2. दांतो में पुराना दर्द: अगर एक या इससे ज्यादा दांतों में काफी पहले से दर्द हो रहा है, तो इसका कारण नस का खराब होना हो सकता है। नसों के नष्ट होने का मुख्य कारण दांतों को पीसना, दांतों में सड़न की कठोर परत का जमना आदि समस्याएं हो सकती हैं। (और पढ़ें - मुंह के छाले का इलाज)
     
  3. निरंतर या रूक-रूक कर दर्द होना – यह दर्द चेहरे और जबड़े में सूजन के साथ होता है, अक्सर इसके कारण दांतों में संक्रमण या फोड़ा होने के संकेत भी दिखने लगते हैं।
     
  4. खाते या चबाते समय दर्द – अगर खाना खाते समय या उसे चबाने में दांतों में दर्द हो रहा है, तो उसका कारण दांतों में सड़न या फ्रैक्चर (दरार आदि) हो सकता है।
     
  5. पीछे के जबड़े में दर्द – दांतों के पीछे के जबड़े में दर्द का कारण अक्ल दांत का प्रभावित होना हो सकता है। इसके अलावा दांत घिसने (पीसने) और टीएमडी (TMD/टेंपरोमेंडिबुलर डिसऑर्डर), ये दोनों संकेत भी जबड़े के दर्द में दिख सकते हैं। यह दर्द बढ़कर चेहरे की हड्डी तक भी फैल सकता है।

दांत दर्द की तीव्रता की सीमा, विशेष रूप से प्रभावित दांत की संवेदनशीलता और उसके दर्द के स्तर के अनुसार आंकी जाती है। रूक-रूक कर होने वाला दर्द कभी-कभी ज्यादा परेशान करता है, जबकि एक लंबे समय से चल रहा दर्द रोगी को जल्द से जल्द इलाज कराने के लिए मजबूर कर सकता है।

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दांत में दर्द के लक्षण - Toothache Symptoms in Hindi

दांत में दर्द के लक्षण क्या हैं? 

दांत में दर्द या जबड़े का दर्द ये दोनों आम प्रकार की समस्याएं हैं। गर्म या ठंडी चीजों के सेवन से होने वाली उत्तेजना (प्रतिक्रिया) ही बढ़कर दर्द का रूप ले लेती है। उत्तेजना खत्म होने के बाद भी दांतों में कुछ देर तक दर्द होता रहता है। दर्द की जगह पर सूजन बढ़ने के साथ-साथ दर्द और भी गंभीर हो सकता है। इसका दर्द और सूजन गाल, कान और जबड़े तक फैल जाता है।

(और पढ़ें - पायरिया का इलाज)

इसके अलावा कुछ अन्य संकेत और लक्षण जिनमें ज्यादा देखभाल करने की जरूरत हो सकती है, जैसे - 

  1. कुछ चबाने के दौरान दर्द
  2. ठंडी और गर्म चीजों से ज्यादा संवेदनशीलता
  3. दांतों और मसूड़ों के बीच की पकड़ कमजोर होना और खून बहना
  4. दांतों के चारों तरफ या जबड़े में सूजन आना
  5. दांत की जगह पर चोट या आघात

कई बार ये संकेत और लक्षण, दांतों में सड़न, फ्रैक्चर या मसूड़ों के रोगों से जुड़े होते हैं। दांतों के चारों तरफ मसूड़ों का लाल होना या दांतों में सड़न, आम तौर पर ये दोनों ही दर्द के मूल कारण होते हैं। अगर आप संक्रमित दांत को दबाते हैं या उसे हिलाने की कोशिश करते हैं तो इस स्थिति में दर्द और तीव्र हो जाता है।

(और पढ़ें - दांतों में इन्फेक्शन का इलाज)

दांत में दर्द के कारण - Tooth Pain Causes in Hindi

दांत के दर्द के कारण क्या -क्या हैं?

दांत में दर्द होने के कारणों में निम्नलिखित शामिल है -

  1. दांतो की बाहरी परत में कमजोरी: अधिक अम्लीय भोजन का सेवन करना, कठोरता से ब्रश करना, दातों में टूट-फूट आदि के कारण दांतों की परत कमजोर पड़ जाती है। परत हटने के बाद डेंटिन (दांत के अंदर का भाग) बाहर दिखने लगता है, जो बहुत ही संवेदनशील होता है तथा ठंडा और गर्म महसूस होने पर उत्तेजित हो जाता है और दर्द करने लगता है।
  2. संक्रमण या फोड़ा होना: मसूड़ों में या दांत के आसपास फोड़ा होने पर या संक्रमण फैलने के कारण भी दांतों में दर्द हो सकता है। (और पढ़ें - दांत का फोड़ा)
  3. अक्ल दाढ़: पीछे के दांतो को अक्ल दाढ़ कहा जाता है। जिसके निकलते समय मसूड़ों में दबाव बढ़ जाता है, इसके परिणास्वरूप दर्द होने लगता है। (और पढ़ें - अक्ल दाढ़ का दर्द
  4. दांतों की संवेदनशीलता: बहुत ज्यादा गर्म या ठंडा खाने से दांत संवेदनशील हो जाते हैं, जिससे दर्द होने लगता है।
  5. दांत पीसना: दांत पीसने/ दांत चबाने की आदत से दांतों में फ्रैक्चर आ जाता है, जिससे दर्द होने लगता है। इसके अलावा दांत छोटे-बड़े आकार के हो जाते हैं और उनके काटने और चबाने की प्रक्रिया में भी बदलाव आ जाता है।
  6. डेंटल सीलेंट (Dental Sealants): दांतों में फ्रैक्चर, गड्ढे और अन्य खांचों को भरने के लिए डेंटल सीलेंट (Dental Sealants) का प्रयोग किया जाता है। जिसमें दांतो के कमजोर हिस्सों को कवर करके बचाया जाता है। जब यह परत नष्ट हो जाए तो दांतों के कमजोर हिस्से बाहर दिखने लगते हैं। जिसके बाद ये कमजोर हिस्से तापमान, भोजन के कण और बैक्टीरिया के संपर्क में आने लगते हैं और संवेदनशील होकर दर्द करने लगते हैं।
  7. मसूड़ों के रोग: मुंह मे हल्का दर्द, मसूड़ों का लाल होना, मसूड़ों से खून निकलना और कई बार दांतों में दर्द होना, इन सभी को मसूड़ों के रोग की विशेषताओं में गिना जाता है। जबड़े की हड्डी और मसूड़ों में सूजन आना भी इसके सामान्य कारणों में आते हैं। अगर इनका इलाज ना किया जाए तो प्रभावित दांत, मसूड़ों और जबड़े की हड्डी को भी नुकसान पहुंच सकता है। इसके अलावा मुंह से संक्रमण खत्म करने के लिए सर्जरी की भी जरूरत पड़ सकती है। (और पढ़ें - मसूड़ों की सूजन का उपचार)
  8. दांतों में फ्रैक्चर: दांतों में दरार आने या टूटने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे गिरने से, फेंकी गई कोई चीज लगने से, खेल-कूद के दौरान और किसी कठोर चीज को दांतों से काटने की कोशिश आदि। अगर फ्रैक्चर हुए दांत में लगातार दर्द हो रहा है तो इसका मतलब है कि फ्रैक्चर ने दांत के बीच से होते हुऐ नसों तक अपना रास्ता बना दिया है। जिसके कारण असहनीय दर्द हो रहा है।
  9. अनुचित ब्रश और फ्लॉसिंग करना: अक्सर ब्रश और फ्लॉस करते समय बहुत ही कम लोग दबाव पर ध्यान देते हैं और अनुचित तरीके से दबाव के साथ दांतों पर ब्रश रगड़ते रहते हैं। इस कारण से मसूड़ों में सूजन, खून निकलना और अन्य समस्याएं होने लगती हैं। अगर इस दबाव के साथ रोज ब्रश किया जाए, तो इसके कारण मसूड़े पीछे हटने लगेंगे और दांत में दर्द होगा।  (और पढ़ें - मसूड़ों से खून आने के कारण)
  10. संक्रमित या अवशोषित दांत: दांतों में फोड़ा या इन्फेक्शन होने के चलते दांतों का क्षय हो जाता है या फिर वे क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।

(और पढ़ें - दांतों का पीलापन दूर करने के उपाय)

दांत में दर्द से बचाव - Prevention of Toothache in Hindi

दांतों में दर्द से कैसे बचा जाएं? 

नियमित रूप से दांतों की देखभाल करने वाले लोगों में से ज्यादातर दांतों में होने वाले दर्द और अन्य गंभीर समस्याओं से बच सकते हैं। डेंटिस्ट का टेलीफोन नंबर हमेशा संभालकर रखना चाहिए ताकि आपात स्थिति में उनसे सहायता मांगी जा सके।

दांतों में दर्द की रोकथाम के लिए निम्न टिप्स महत्वपूर्ण है -

  1. अपने डेन्चर (दांतों की पंक्ति) को साफ रखें: डेंटिस्ट हमेशा लोगों को अपने डेन्चर को साफ रखने की सलाह देते हैं यहां तक कि अगर उनके अपने वयस्क दांतों का क्षय भी हो चुका है और वे कृत्रिम दांत पहन रहें है तब भी। डेंन्चर की सफाई दांतों में होने वाली नई बीमारियों की रोकथाम करती है। (और पढ़े - मसूड़ों में सूजन के घरेलू उपाय)
  2. जरूरत पड़ने पर दांतों का गार्ड पहने: स्पोर्ट्स या इस तरह की अन्य गतिविधियों के दौरान डेंटल गार्ड या हेडगियर पहनें। ऐसा करने से दांतों में चोट या घाव होने से बचा जा सकता है।
  3. दांतों से भोजन के कण निकालना: भोजन करने के बाद अपने दांतो में फंसे भोजन के कणों को निकालने के लिए एक बेहतर प्रक्रिया प्रयोग करें। खाने के बाद दांतों के साथ मसूड़ों को भी ब्रश से साफ करें और उन्हें स्वस्थ बनाएं रखें। दांतों के लिए नरम ब्रश और फ्लोराइड युक्त टुथपेस्ट का इस्तेमाल करें। दांतों को रोज फ्लॉस (दांत साफ करने का धागा) करें। फंसे हुए भोजन कणों को निकालने के लिए वॉटर जेट (water jets) का इस्तेमाल भी किया जा सकता है लेकिन, फ्लॉस के साथ अगर सावधानी से दांत साफ किए जाए तो यह वॉटर जेट्स से बेहतर काम कर सकता है। मुंह में पनप रहे बैक्टीरिया से छुटकारा पाने के लिए रोज एंटिसेप्टिक माउथवॉश से कुल्ला करें। 
  4. दांतों  की सड़न को रोकने के लिए फ्लोराइड: खासतौर पर बच्चों के दांतों में कैविटी (सड़न) होने से रोकने में फ्लोराइड काफी असरकारक माना जाता है। फ्लोराइड एक प्राकृतिक तत्व होता है जो खासतौर पर कई प्रकार की सब्जियों और जल आपूर्ति में पाया जाता है। अपने नल के पानी की जांच करें कि वह फ्लोराइडयुक्त है या नहीं और अगर नहीं है तो डॉक्टर से बात करें। अगर आपका पानी फ्लोराइडयुक्त नहीं है तो आपके डॉक्टर 10 साल से छोटे बच्चों के लिए फ्लोराइड की टेबलेट और अन्य सप्लिमेंट्स लिख सकते हैं। (और पढ़ें - बच्चों के दांत कब निकलते हैं
  5. स्वस्थ आहार खाएं: बैक्टिरिया चीनी और स्टार्च के पदार्थों में पनपते हैं और इन पदार्थों की मदद से वे दांतों की परत में छेद करने में कामयाब हो जाते हैं। खाते समय हमेशा ध्यान रखें कि आप क्या खा रहे हैं और क्या वह भोजन आपके दांतों पर चिपकेगा यदि हां तो उस तरह के भोजन को सावधानी से खाएं। भोजन करने के बाद नियमित रूप से ब्रश करें।
  6. नियमित रूप से डेंटिस्ट से चेकअप: अपने दांतो को साल में कम से कम दो बार डेंटिस्ट या डेंटल हाइजिनिस्ट से सफाई करवाएं। ऐसा करने से दांतों में सड़न और अन्य मसूड़ों से जुड़ी बीमारियों के खिलाफ प्रतिरक्षा बनी रहती है। हर 3 से 5 सालों के अंदर दांतों का एक्स-रे करवा लेना चाहिए जिस से समस्या वाली जगह पर नजर रखी जा सकती है।
  7. धूम्रपान ना करेंधूम्रपान दांतों के लिए बहुत हानिकारक होता है, यह दांतों की हालत को बदतर बना देता है। (और पढ़ें - धूम्रपान छोड़ने के तरीके)

(और पढ़ें - गलतियां जो करती हैं दांतों को खराब)

दांत में दर्द का परीक्षण - Diagnosis of Toothache in Hindi

दांतों के दर्द का निदान कैसे होता है? 

  • पहले ली गई दवाइयों की जानकारी और शारीरिक परिक्षण से आम तौर पर दांत के दर्द का उचित निदान किया जा सकता है।
  • इसके निदान के लिए कई बार रेडियोग्राफ (एक्स रे द्वारा ली गई एक खास तस्वीर) को अन्य तकनीकों सहित प्रयोग किया जाता है। पैनोरैमिक रेडियोग्राफ (Panoramic radiographs) और कोन बीम कंप्यूटेड टोमोग्राफी (cone beam computed tomography) की तस्वीरों से पूरे मुंह के अंदर दांतों और हड्डियों का आंकलन किया जाता है।
  • कभी-कभी लैब में मरीज का परीक्षण करते समय दिल की ईसीजी ट्रेसिंग (ECG tracings) डॉक्टर की सहायता कर सकती है। क्योंकि अगर समस्या दांतों और मसूड़ों की समस्या के अलावा कुछ और है, तो डॉक्टर समस्या पर निर्देशित दवाएं लिख सकते हैं। अगर स्थिति गंभीर है तो डॉक्टर मरीज की अधिक देखभाल करने के लिए उसको अस्पताल में एडमिट कर सकते हैं। अच्छे इलाज के लिए मरीज को डेंटिस्ट के पास भी रेफर किया जा सकता है। (और पढ़ें - ईसीजी क्या है

(और पढ़ें - मुंह के कैंसर के लक्षण)

दांत में दर्द का इलाज - Tooth Pain Treatment in Hindi

दांत दर्द का उपचार कैसे होता है? 

जब तक रोगी डेंटिस्ट तक पहुंच ना पाए, तब तक इन नियमों का पालन करके दांत में दर्द पर निययंत्र रखा जा सकता है।

  1. दांतों के बीच फंसे भोजन के कणों को निकालने के लिए डेंटल फ्लॉस (दांत साफ करने का धागा) का प्रयोग करें।
  2. हल्के गुनगुने पानी में नमक मिलाकर कुल्ला करें।
  3. तीव्र दर्द से राहत पाने के लिए कुछ टेबलेट ली जा सकती हैं जिनमें, एसिटामिनोफिन (Acetaminophen), एसपिरिन (Aspirin), या आईबुप्रोफेन (Ibuprofen) आदि शामिल है।
  4. दांत के दर्द वाली जगह पर लौंग का तेल एक रूई के टुकड़े की सहायता से लगाया जा सकता है। इसको लगाने से दर्द में आराम मिलता है।
  5. दर्द को आराम (लेटने) की सही सुविधा से भी कम किया जा सकता है, बेड पर लेटने के बाद अपने सिर को उंचाई वाले स्थान पर रखने से दांत के दर्द और दबाव को कम किया जा सकता है।

(और पढ़ें - दाढ़ में दर्द का इलाज)

नीचे दिए गए लक्षणों में से अगर कुछ लक्षण दिखें तो जल्द से जल्द डेंटिस्ट को दिखाएं -

  1. अगर मुंह खोलने पर दर्द महसूस हो रहा हो।
  2. अगर दांत में दर्द को एक, दो या उससे भी ज्यादा समय हो गया हो।
  3. अगर दांत में गंभीर और असहनीय दर्द होने लगा हो।
  4. दांत के दर्द के कारण अगर, कान में दर्द हो जाए या बुखार चढ़ जाए।

चेहरे और खोपड़ी के अन्य भागों में और यहां तक की खून प्रवाह में दर्द फैलने से रोकने के लिए जरूरी है कि समय पर दांत के संक्रमण की सही पहचान करके उसका इलाज किया जाए।

दांत दर्द के लिए मेडिकल उपचार -

ज्यादातर मामलों में दांत और जबड़े का दर्द एक ऐसी समस्या बन जाता है, जिसकी देखभाल डेंटिस्ट के द्वारा ही की जाती है।

कुछ मामलों में डॉक्टर दर्द को निंयत्रित करने के लिए दांत में दर्द वाली जगह पर इन्जेक्शन लगाने की कोशिश कर सकते हैं। अगर दर्द के साथ-साथ मसूड़ों में या चेहरे पर सूजन आ चुकी है, तो डॉक्टर कुछ एंटीबायोटिक्स भी मरीज को दे सकते हैं।

  1. जरूरत पड़ने पर डेंटिस्ट मरीज के दांतों को खींचना, हिलाना आदि अन्य प्रक्रियाएं करके जांच कर सकते हैं। अगर दूध के दांत हैं, तो डेंटिस्ट आम तौर पर दांत को निकाल ही देते हैं। स्थायी (पक्के) दांत होने के मामले में डेंटिस्ट सामान्य रूप से रूट कैनाल थेरेपी (Root canal therapy/ नसों और रक्त वाहिकाओं को साफ करना और जड़ों में कैनाल को बंद करना) और क्राउन प्रक्रिया का प्रयोग करते हैं।
  2. अगर दर्द के साथ जबड़ों में सूजन और बुखार हो गया है तो डेंटिस्ट मरीज को कुछ एंटीबायोटिक दवाइयां दे सकते हैं। 
  3. अगर दांतो में दर्द का कारण दांतों या जबड़ें से अलग है, तो स्थिति के अनुसार उसका आंकलन किया जाता है।

दांत दर्द के उपचार के बाद का फॉलो-अप

अस्पताल में दांत दर्द के उपचार के बाद, दांतों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए उनकी देखभाल जारी रखें। डेंटिस्ट के साथ शीघ्र और नियमित रूप से अपॉइंटमेंट्स का पालन करते रहें। इससे दांतों से संबंधित परेशानियों से जल्दी छुटकारा पाया जा सकता है। 

दांत दर्द में कौन सी दवा लेनी चाहिए?

दांत में दर्द की कई वजह हो सकती है जैसे कि बैक्टीरीयल इंफेक्शन, कैल्शियम की कमी या कमजोर मसूड़े. दर्द अगर ज्यादा ना हो तो इसका इलाज घर पर ही किया जा सकता है. एसिटामिनोफेन या इबुप्रोफेन दवाओं का इस्तेमाल हल्के दांत दर्द में किया जा सकता है. ये बिना डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन के केमिस्ट के यहाँ मिल सकती है. इसके पैकेजिंग पर लिखें अनुसार ही खुराक लेनी चाहिए. तेज दर्द हो या इन दवाओं से ठीक ना हो रहा हो, तो डेंटिस्ट को दिखाएँ.

दांत दर्द में परहेज़ - What to avoid during Toothache in Hindi?

दांत के दर्द के दौरान किन चीजों से परहेज करना चाहिए? 

दांत में दर्द के मरीजों को निम्न चीजों से बचने की कोशिश करनी चाहिए -

  1. एस्पिरिन या अन्य पेन किलर दवाओं को सीधे अपने मसूड़ों में ना लगाएं। एस्पिरिन जैसी दवाएं मसूड़ों को जला सकती हैं या उन दवाइयों में शामिल रासायनिक पदार्थ मसूड़ों के ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।  
  2. प्रभावित जगहों को सीधे गर्म चीजों के संपर्क में न आने दें।
  3. उपचार चलने के दौरान मीठा खाना सीमित कर दें या छोड़ दें। क्योंकि, मीठे खाद्य पदार्थ बैक्टिरिया के लिए भोजन का काम करता है। इससे बैक्टिरिया क्रियाशील हो जाते हैं और दांतों के कमजोर हिस्सों में हमला करते हैं, जिससे दर्द होने लगता है। (और पढ़ें - मीठे की लत छोड़ने के उपाय)
  4. बच्चों को डॉक्टरों द्वारा सुझाई गई दवाइयां ही दें। 
  5. जब तक डेंटिस्ट दांतों के दर्द की गंभीरता को निर्धारित नहीं करते, तब तक पेन किलर लेने की जल्दी न करें।

दांत में दर्द में क्या खाना चाहिए? - What to eat during Toothache in Hindi?

दांत में दर्द के दौरान क्या खाना चाहिए?

दांत का दर्द आपके पूरे दिन को बिगाड़ देने के लिए काफी है। दांत के दर्द के अनुसार, हमेशा याद रखना चाहिए कि वे चीजें ना खाएं जो दांतों को नुकसान पंहुचाती हों और जिन चीजों के कारण दांतों में संवेदनशीलता उत्पन्न होती हो। ऐसी चीजें भी खाने से बचें जिनको ज्यादा चबाने की जरूरत पड़े, इसके अलावा नरम चीजों का सेवन किया जा सकता है।

दांत में दर्द के दौरान प्रयोग में लाए जाने वाले कुछ बेहतर खाद्य पदार्थ -

  1. सिका हुआ या उबला आलू: दांत में दर्द के रोगी के लिए यह सबसे बेहतर खाद्य पदार्थों में से एक है। इसको सबसे बेहतर भोजन कहा जाता है, इसको पकने में भी बहुत ज्यादा समय नहीं लगता। इसके अलावा आप इसे मन भरके खा सकते हैं, इससे पेट जल्दी भरता है और इसको पचाने के लिए शरीर को ज्यादा प्रयास करने की जरूरत नहीं पड़ती है। सिके हुए आलू कमजोर दांतों के लिए आदर्श होते हैं।
  2. सूप: दांतों के दर्द के दौरान किसी सूप का सेवन कर सकते हैं, बहुत सारी सब्जियां हैं जिनका का सूप दांत दर्द के दौरान एक बढ़िया विकल्प है, इसके अलावा चिकन और मछली का सूप आदि में से किसी भी सूप का सेवन किया जा सकता है। ये सभी दांत दर्द के दौरान सेवन की जाने वाली सबसे बेहतर सामग्री में से एक हैं। हालांकि, जब ये ठंडे हो जाएं तब ही इनका सेवन करना चाहिए।
  3. सैंडविच: दांत दर्द में खाने के लिए सैंडविच भी बहुत बढ़िया माना जाता है। नरम और क्रस्ट के बिना ब्रैड से बना सैंडविच, जिन व्यक्तियों के दांत में दर्द है उनके लिए बेहतर हो सकता है। नरम ब्रैड की सैंडविच में आप अंडे और पनीर की स्लाइस, पीनट बटर (मूंगफली का मक्खन) आदि शामिल कर सकते हैं।
  4. कॉटेज पनीर: दांत दर्द के दौरान भूख मिटाने का यह सबसे बढ़िया साधन हो सकता है। कॉटेज पनीर को अपने आप में एक बहुत बढ़िया कॉम्बो माना जाता है। इसे चबाने के लिए दांतों को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती। कॉटेज पनीर, दांत दर्द के दौरान भूख खत्म करने के लिए बेहतर तरीका हो सकता है।
  5. स्पैगेटी (Spaghetti): यह एक प्रकार की मैकरॉनी होती है। दांत दर्द के दौरान इसका सेवन करना भी बिना ज्यादा कष्ट उठाए भूख मिटाने का एहसास दिलाता है।
  6. आइसक्रीम: दर्द के दौरान आइसक्रीम स्वादिष्ट भोजन का एक बढ़िया विकल्प हो सकती है। आइसक्रीम को चबाने की भी जरूरत नहीं पड़ती, ऐसे में दर्द के दौरान इसे आराम से खाया जा सकता है। माना जाता है कि आइसक्रीम दांत दर्द से कुछ समय के लिए राहत दिला देती है।
  7. दही: दही को भी चबाने की जरूरत नहीं पड़ती और यह अपने आप में परिपूर्ण आहार भी है। दांत दर्द में दही का सेवन बहुत बढ़िया हो सकता है। दही और ऊपर बताए गए सिके आलू को मिलाकर भी बढ़िया और स्वादिष्ट भोजन तैयार किया जा सकता है।

रात के समय दांत का दर्द ज्यादा क्यों बढ़ जाता है? - Why is Toothache worse at night in Hindi?

रात के समय जब कोई लेटता है तो सिर की तरफ खून का बहाव ज़्यादा  हो जाता है.  शरीर के ऊपरी भाग में खून के बहाव की वजह से जबड़े के हिस्से में अधिक दर्द या दवाब का अनुभव होता है.

रात के समय दांत में ज़्यादा दर्द महसूस होने का एक कारण यह भी होता है कि रात को हमारा ध्यान बांटने के लिए और ज़्यादा कुछ नहीं होता। तो ऐसे में हमारा ध्यान दर्द की ओर अधिक जाता है, दर्द ज्यादा महसूस होता है, और इसकी वजह से नींद भी पूरी करना मुश्किल होता है.

दांत दर्द का टूथपेस्ट - Toothpaste for Toothache in Hindi

दांत के दर्द से राहत पाने के लिए डिसेन्सिटाइजिंग टूथपेस्ट का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसमें कुछ ऐसे तत्व होते हैं, जो नर्व में झनझनाहट पैदा करने से रोकते हैं. इसमें सबसे ज्यादा सक्रिय तत्व पोटेशियम नाइट्रेट होता है, जो दांत में मौजूद नसों के जरिए दर्द के सिग्नल को दिमाग तक पहुंचने से रोकता है. इस टूथपेस्ट को कुछ समय तक इस्तेमाल के बाद दांतों में संवेदनशीलता कम हो सकती है. इसके अलावा, डेंटिस्ट नरम ब्रिसल वाले टूथब्रश और कम एसिड या फ्लोराइड वाले माउथरिन्स को उपयोग करने की सलाह देते हैं.



संदर्भ

  1. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Toothaches
  2. healthdirect Australia. Toothache and swelling. Australian government: Department of Health
  3. Tara Renton. Dental (Odontogenic) Pain. Rev Pain. 2011 Mar; 5(1): 2–7. PMID: 26527224
  4. Nidirect [Internet]. Government of Northern Ireland; Toothache
  5. Perth Children's Hospital, Government of Western Australia, Department of Health [Internet] Dental - Toothache

दांत में दर्द की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Toothache in Hindi

दांत में दर्द के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।