कान बजना (टिनिटस) - Tinnitus in Hindi

Dr. Abhishek GuptaMBBS

October 26, 2017

September 21, 2021

कान बजना
कान बजना

टिनिटस (कान बजना) क्या है?

टिनिटस (कान बजना) को कानों में घंटी बजने की सनसनी के रूप में जाना जाता है। यह आवाज किसी बाहरी शोर के न होने पर भी कानों में सीटी बजने की तरह हो सकती है। यह समस्या अस्थायी होती है, लेकिन कुछ मामलों में यह आपको लंबे समय तक व लगातार परेशान कर सकती है। यह कोई बीमारी नहीं है, लेकिन यह किसी अन्य समस्या की ओर इशारा करती है।

इसमें सुनने की क्षमता कमजोर हो सकती है और यह समस्या आपके एक कान या फिर दोनों ही कानों में हो सकती है। इसके कुछ मामलों में आवाज इतनी तेज होती है कि यह समस्या वास्तविक ध्वनि पर ध्यान केंद्रित कर पाने व सुनने की क्षमता को बाधित कर सकती है।

(और पढ़ें - बहरापन)

टिनिटस की समस्या कभी भी हो सकती है। यह कई बार अपने आप होती है और फिर खुद ही ठीक भी हो जाती है। यह स्पष्ट रूप से पता नहीं चल पाया है कि ऐसा क्यों होता है, लेकिन यह समस्या काफी हद तक सुनने की क्षमता को हानि पहुंचाती है।

कान बजने (टिनिटस) के प्रकार - Types of Ringing in ears (Tinnitus) in Hindi

टिनिटस (कान बजना) के प्रकार क्या है?

टिनिटस के दो प्रकार होते हैं:

  • सबजेक्टिव टिनिटस -
    वह टिनिटस है जिसे आप सुन सकते हैं। यह टिनिटस का सबसे सामान्य प्रकार है। यह आपको सुनाई देने के लिए जिम्मेदार नसों व ध्वनि को समझने वाले मस्तिष्क के भाग में हुई समस्याओं की वजह से होता है।
     
  • ऑबजेक्टिव टिनिटस -
    वह टिनिटस है जिसे डॉक्टर आपके कुछ परीक्षणों के आधार पर जान पाते हैं। दुर्लभ प्रकार का यह टिनिटस रक्त वाहिका व मध्य कान की हड्डी में उत्पन्न हुई समस्याओं के कारण होता है।
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कान बजने (टिनिटस) के लक्षण - Ringing in ears (Tinnitus) Symptoms in Hindi

टिनिटिस (कान बजना) से जुड़े लक्षण क्या हैं?

  • कान में तेजी से घंटियां बजना व तेज सिरदर्द, टिनिटस का एक सामान्य कारण होता है। (और पढ़ें - सिरदर्द का इलाज)
  • कान में झनझनाहट व हवा जैसी तेज ध्वनि होना भी इस समस्या में महसूस होता है। 
  • आवाज की तीव्रता कभी तेज तो कभी धीमी हो जाती है।  
  • रात में सोने से पहले जब कोई बाहरी शोर सुनाई नहीं देता है, तब टिनिटस की समस्या होने लगती है। 
  • यह समस्या कई बार अपने आप होती, तो यह कई बार ठीक भी हो जाती है, जबकि यह लगातार भी बनी रह सकती है। 
  • गंभीर मामलों में, कानों में बजने वाला शोर इतना तेज होता है कि यह रोज की गतिविधियों में बाधा उत्पन्न करने लगता है।

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(और पढ़ें - कान में दर्द के घरेलू उपाय)

कान बजने (टिनिटस) के कारण - Ringing in ears (Tinnitus) Causes in Hindi

कान क्यों बजते हैं?

स्पष्ट रूप से अब तक यह पता नहीं चला है कि टिनिटस क्यों होता है। लेकिन इस समस्या में काफी हद तक सुनने की क्षमता को हानि पहुंचती है।

टिनिटस समय के साथ धीरे-धीरे विकसित होती है, जबकि कुछ मामलों में यह समस्या अचानक भी हो जाती है।

कान बजने के सामान्य कारण इस प्रकार हैं -

  • आयु से संबंधित सुनने में परेशानी होना,
  • लगातार तेज आवाज सुनने के कारण अंदरूनी कान में हुई क्षति,  
  • कान में मैल हो जाना,
  • कान के बीच के हिस्से में होने वाला संक्रमण,
  • कान के बीच के हिस्से की हड्डी में असामान्य वृद्धि के कारण सुनने में परेशानी होना,
  • कान में पस बनना,
  • गंभीर चोट या संक्रमण के कारण कान के पर्दे में छेद हो जाना,
  • सर्दी में फ्लू व साइनस संक्रमण से नाक बंद होने पर कान में दबाव पड़ने के कारण।

टिनिटस (कान बजने) के कुछ दुर्लभ कारण -

निम्न कुछ दुर्लभ कारण हैं, जिनकी वजह से भी टिनिटस विकसित हो सकता है:

  • सिर की चोट
  • अचानक या बहुत जोर से आवाज होना, जैसे विस्फोट या गोलियों की आवाज।
  • एनीमिया - लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या कम होना, जो रक्त को पतला बना सकती है और इतनी तेजी से फैल सकती है जिससे यह ध्वनि उत्पन्न हो सकती है।
  • कान के सामने की स्थित वह जोड़ जहां पर खोपड़ी जबड़े को जोड़ती है। इस जगह पर मांसपेशियों व कुछ दवाओं के सेवन से होने वाली प्रतिक्रियाएं, जैसे- कीमोथेरेपी की दवाएं, एंटीबायोटिक और एस्पिरिन (उच्च मात्रा में) का सेवन करना।
  • ट्यूमर, जो कान के अंदर सुनाई देने के लिए जिम्मेदार तंत्रिकाओं को प्रभावित करता है।
  • उच्च रक्तचाप।
  • कान में धूल या किसी वस्तु को कान में डालने पर।
  • कम या अधिक सक्रिय थायराइड ग्रंथि।
  • डायबिटीज। (और पढ़ें - डायबिटीज के घरेलू उपाय)
  • पेजेट्स रोग - जिसमें हड्डियों को ठीक करने की क्षमता बाधित होती है।
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कान बजने (टिनिटस) से बचाव - Prevention of Ringing in ears (Tinnitus) in Hindi

टिनिटस (कान बजना) से कैसे करें अपना बचाव?

सुनाई देने की क्षमता को कम करने से बचने व टिनिटस से बचने के लिए आपको तेज आवाज के संपर्क में नहीं आना चाहिए। 

सुनने की क्षमता खोने से इस तरह बचें -

  • तेज आवाज वाले माहौल में जाने से पहले कानों की सुरक्षा का ध्यान दें। इसके लिए कानों में मफलर या इयरप्लग्स (Earplugs) का इस्तेमाल करें।
  • कान पर लगाकर इस्तेमाल करने वाले उपकरणों की आवाज को धीमी रख रखें।  

शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ्य होने से भी टिनिटस होने से नहीं रोका जा सकता, लेकिन पूर्ण रूप से स्वस्थ्य होने से इस समस्या की तीव्रता को सीमित कर सकते हैं। यह स्थिति शारीरिक व भावनात्मक रूप से लाभदायक होती हैं। इसके लिए आपको यह तरीके अपनाने होंगे -

कान बजने (टिनिटस) का परीक्षण - Diagnosis of Ringing in ears (Tinnitus) in Hindi

टिनिटस (कान बजना) का परीक्षणनिदान कैसे करें?

टिनिटस से पीड़ित व्यक्ति को इसके निदान के लिए डॉक्टर के पास जाकर कुछ परीक्षण कराने होते हैं और इस समस्या का मूल्यांकन करना होता है, ताकि इसके अंतर्निहित कारण को समझा जा सके।

चिकित्सा मूल्यांकन में टिनिटस के किसी भी दुर्लभ और जीवन के लिए खतरा बनने वाले कारणों पर विचार किया जाता है। इसके लिए आपको कान, नाक, और गले के विशेषज्ञ से मिलने की आवश्यक होती है।

इन महत्वपूर्ण सवालों के आधार पर इसके गंभीर कारणों का पता लगाया जा सकता है -

  • क्या इसमें सुनाई देने वाली आवाज स्थिर, रूक-रूक कर या कभी धीरे व तेज होती हैं?
  • सुनवाई देने में मुश्किल होना और चक्कर आना?
  • कान के पास दर्द होना व जबड़े के चटकने की आवाज का आना?
  • हाल ही में कोई बीमारी या कान के पास चोट लगना?
  • आपको तेज आवाज सुनने में परेशानी होना?

इस दौरान इन परीक्षणों को किया जाता है -

  • कान, सिर, गर्दन, और धड़ का पूरा परीक्षण,
  • सुनने की क्षमता का परीक्षण,
  • रक्त परीक्षण (ब्लड टेस्ट) एनीमिया व संक्रमण के लिए),
  • इमेजिंग का अध्ययन (कान में ट्यूमर और अन्य स्थिति की जांच के लिए सीटी स्कैन और एमआरआई स्कैन कराना)।

(और पढ़ें - लैब टेस्ट)

कान बजने (टिनिटस) का उपचार - Ringing in ears (Tinnitus) Treatment in Hindi

टिनिटस (कान बजना) का इलाज कैसे करें?

  • टिनिटस की समस्या अपने आप सही हो जाती है, खासकर जब वह हल्की हो या पिछले कुछ महीनों से हो रही हो। लेकिन अगर आप इस समस्या से ज्यादा परेशान हैं, तो कुछ उपायों को अपनाकर आप इसके लक्षणों को ठीक कर सकते हैं। 
  • सुनाई देने के लिए उपकरणों की सहायता से आप सुनने की शक्ति में सुधार कर सकते हैं और बेहतर जिंदगी जी सकते हैं। इन उपकरणों से आप टिनिटस की समस्या को भी कम कर सकते हैं। इसके अलावा टिनिटस के मरीजों को दवाओं व किसी विशेषज्ञ से इस बारे में परामर्श लेने से फायदा होता है।
  • संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (Cognitive behavioural therapy; रोग से संबंधित थेरेपी) मनोचिकित्सा का ही एक रूप है, जो टिनिटस से परेशान रोगी के लिए सहायक होती है।
  • टिनिटस आमतौर पर शांत वातावरण में अधिक परेशान करती है। ध्वनि थेरेपी (Sound therapy) इसमें एक अच्छा विकल्प होता है। ध्वनि थेरेपी के लिए स्मार्ट फोन, सीडी प्लेयर, एमपी 3 प्लेयर और रेडियो का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • टिनिटस की समस्या से परेशान लोगों को सोने में मुश्किल हो सकती हैं। अच्छी तरह से नींद लेने के लिए हमारे शरीर और मन को आराम की आवश्यकता होती है। टिनिटस वाले कई लोग अच्छी तरह से नींद ले पाते हैं, जबकि उनकी समस्या अच्छी तरह से नहीं सो पाने वालों से कुछ कम नहीं होती है। टिनिटस होने पर भी आराम से नींद लेने वाले लोगों की अपेक्षा नींद न आने वाले रोगियों को रात होते ही चिंता सताने लगती है। बेडरूम में हल्की आवाज में गाने चलाने से आप टिनिटस में भी बेहतर नींद ले सकते है।

सर्जिकल उपचार:

कुछ दुर्लभ मामलों में टिनिटस के उपचार के लिए सर्जिकल उपचार का सुझाव दिया जाता है। कान में ट्यूमर के मामले में या नसों में होने वाली विसंगतियों के कारण होने वाले टिनिटस में आपके पास सर्जिकल उपचार का ही विकल्प होता है।

  • वर्तमान में टिनिटस के इलाज के लिए विशेष रूप से कोई दवा उपलब्ध नहीं है। हालांकि टिनिटस के कारण होने वाले तनाव, चिंता व अवसाद से निपटने के लिए कई दवाएं मौजूद हैं।
  • जबड़े के जोड़ों की समस्या के कारण जब टिनिटस होता है, तो दांतों संबंधी उपचार करने से इसके लक्षणों में आराम पाया जा सकता है। दंत चिकित्सक इस समस्या का निदान कर उसको सही कर सकते हैं।
  • टिनिटस कई मामलों में कान के पर्दें के संपर्क में किसी उपकरण के आने, कान में अत्यधिक मैल होने व बालों के गिरने के कारण भी हो सकती है। कान, नाक और गले के विशेषज्ञ द्वारा इसके मैल को हटाने से इस समस्या के लक्षण कम हो सकते हैं।
  • अगर किसी दवा के साइड इफेक्ट के कारण टिनिटस हो, तो अपने डॉक्टर से संपर्क कर दवाओं को बदलने व उसकी मात्रा को कम करने पर विचार करें।
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टिनिटस होने के क्या जोखिम कारक होते हैं - Tinnitus Risk Factors in Hindi

टिनिटस होने क्या जोखिम कारक होते हैं?

इसमें शामिल है:

  • कार्यस्थल पर होने वाला तेज शोर,
  • हेडफोन का इस्तेमाल करना,
  • विस्फोटक सामग्री से होने वाला शोर,
  • धूम्रपान करना,
  • महिलाओं के मुकाबले पुरुषों का इससे ज्यादा प्रभावित होना,
  • बहरापन,
  • बढ़ती उम्र।


संदर्भ

  1. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Tinnitus.
  2. National Institutes of Health; National Institute on Deafness and Other Communication Disorders. [Internet]. U.S. Department of Health & Human Services; Tinnitus.
  3. Healthdirect Australia. Tinnitus. Australian government: Department of Health
  4. Byung In Han et al. Tinnitus: Characteristics, Causes, Mechanisms, and Treatments. J Clin Neurol. 2009 Mar; 5(1): 11–19. PMID: 19513328
  5. Better health channel. Department of Health and Human Services [internet]. State government of Victoria; Tinnitus.
  6. National Organization for Rare Disorders [Internet]; Tinnitus.

कान बजना (टिनिटस) के डॉक्टर

Dr. Manish Gudeniya Dr. Manish Gudeniya कान, नाक और गले सम्बन्धी विकारों का विज्ञान
8 वर्षों का अनुभव
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कान बजना (टिनिटस) की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Tinnitus in Hindi

कान बजना (टिनिटस) के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

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