सांस फूलने को डिस्पेनिया भी कहा जाता है। इस स्थिति में सांस लेने में दिक्कत और घुटन महसूस होती है। आमतौर पर, ऊंचाई पर जाने से ये समस्या होती है, लेकिन व्यक्ति की शारीरिक व मानसिक स्थिति के अनुसार सांस फूलने की दिक्क्त और भी कई कारणों से हो सकती है जैसे सीढ़ियां चढ़ना, भागना, चलना इत्यादि। सांस फूलने की समस्या अचानक हो सकती है या ये कुछ हफ्तों व महीनों में धीरे-धीरे भी विकसित हो सकती है।

मुख्य तौर पर, हृदय या फेफड़ों की समस्याओं के कारण सांस फूलने की समस्या होती है। ये दोनों अंग शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाते हैं और खून व ऊतकों से कार्बन डाइऑक्साइड निकालते हैं। ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड या हीमोग्लोबिन में किसी भी प्रकार का असंतुलन होने से शरीर की सामान्य कार्यप्रणाली पर प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा कई अन्य समस्याओं से भी सांस फूलने की समस्या हो सकती है, जैसे अस्थमा, सीओपीडी, एलर्जी, लो ब्लड प्रेशर, एनीमिया, दिल बढ़ना, कोरोनरी धमनी रोग और गले में कुछ फंसना।

होम्योपैथी में ऐसे उपचार मौजूद हैं, जिससे सांस फूलने की स्थिति का इलाज किया जा सकता है। ब्लाटा ओरिएंटलिस, इपिकाकुअन्‍हा, लोबेलिया इन्फ्लेटा और एंटीमोनियम टार्टारिकम ऐसी ही दवाएं हैं, जिन्हें व्यक्ति के लक्षणों के आधार पर चुना जाता है, ताकि उसके सामान्य स्वास्थ्य में सुधार आ सके।

  1. सांस फूलने के लिए होम्योपैथिक दवाएं - Sans fulne ki homeopathic medicine
  2. होम्योपैथी के अनुसार सांस फूलने के लिए आहार और जीवनशैली में बदलाव - homeopathy ke anusar Sans fulne ke liye khanpan aur jeevan shaili me badlav
  3. सांस फूलने के लिए होम्योपैथिक दवाएं और उपचार कितने प्रभावी हैं - Sans fulne ke liye homeopathic medicine kitni effective hai
  4. सांस फूलने के लिए होम्योपैथिक दवा के नुकसान और जोखिम - Sans fulne ke liye homeopathic medicine ke nuksan
  5. सांस फूलने के लिए होम्योपैथिक उपचार से संबंधित टिप्स - Sans fulne ke liye homeopathic treatment se jude tips
सांस फूलने की होम्योपैथिक दवा और इलाज के डॉक्टर

नीचे दी गई होम्योपैथिक दवाओं का इस्तेमाल सांस फूलने की समस्या के लिए किया जाता है :

आर्सेनिकम एल्बम 
सामान्य नाम : आर्सेनियस एसिड
लक्षण : ये दवा उन लोगों को सूट करती है, जो चिंता में रहते हैं और हर चीज में कमियां निकालते रहते हैं। ये उन लोगों में भी अच्छा उपाय है, जिन्हें ऐसा लगता है कि दवा लेने का कोई फायदा नहीं है क्योंकि वे ठीक नहीं होने वाले हैं। यह निम्नलिखित लक्षणों को भी ठीक कर सकती है :

  • कमजोरी
  • लेटने पर सांस लेने में दिक्कत
  • आधी रात को दम घुटने की समस्या होना
  • थकान होना
  • स्वास्थ्य संबंधी चिंता और डर होना
  • शरीर में जलन, जिसमें गर्मी से राहत मिलती है
  • सांस लेने में दिक्कत के कारण बेचैनी
  • श्वसन नलियों में जकड़न

ब्लाटा ओरिएंटलिस
सामान्य नाम : इंडियन कॉकरोच
लक्षण : ये दवा मोटे लोगों के लिए बहुत अच्छी है और ये नीचे दिए लक्षणों के लिए भी असरदार है :

  • एलर्जी के कारण सांस फूलना
  • ज्यादा परिश्रम करने से और नम जगहों से सांस फूलने की समस्या बढ़ जाना
  • सांस फूलने के कारण सीढ़ियां चढ़ने में दिक्कत होना
  • खांसी के कारण सांस फूलना
  • खांसी में बलगम आना

आइपेकाकुआना
सामान्य नाम : आइपेकाक-रूट
लक्षण : ये दवा हर उम्र व लिंग के लोगों के लिए असरदार है, लेकिन ये उन बूढ़े लोगों के लिए अधिक असरदार है, जिन्हें एम्फसीमा की समस्या है। आइपेकाकुआना जमे हुए बलगम को निकलने में भी मदद करती है। इसके अलावा यह निम्नलिखित लक्षणों को भी ठीक कर सकती है :

  • मतली और उल्टी से संबंधित सांस फूलने की समस्या
  • खुली खिड़कियों वाले कमरे में बैठने से समस्या ठीक होना
  • बहुत अधिक चिंता होना
  • छाती में भारीपन महसूस होना
  • बच्चों में चेहरे का नीला पड़ना
  • दम घुटने जैसा महसूस होना
  • लगातार खांसी होना
  • कभी-कभी नाक से खून आना

गर्म व नम मौसम में लक्षण बिगड़ते हैं और गर्मी बढ़ने पर यह बढ़ जाते हैं।

लोबेलिया इन्फ्लेटा
सामान्य नाम : इंडियन टोबैको
लक्षण : निम्नलिखित लक्षणों में इस दवा का उपयोग किया जाता है :

  • छाती में संकुचन महसूस होना
  • सीने में गांठ जैसा महसूस होना
  • सीने में दबाव महसूस होना, जो तेज चलने से बेहतर हो जाता है
  • पेट की समस्याओं के साथ सांस फूलना
  • लगातार खांसी होना
  • ठंडे और नम मौसम में लक्षण बिगड़ जाना
  • ठंडी हवा से सांस फूलने की समस्या बढ़ जाना

यह लक्षण शाम के समय और गर्मी से बेहतर हो जाते हैं।

एंटीमोनियम टार्टारिकम
सामान्य नाम : टार्टार एमेटिक
लक्षण : ये दवा बच्चों और बूढ़े लोगों को अधिक सूट करती है। निम्नलिखित लक्षणों की स्थिति में इस दवा का उपयोग किया जाता है :

  • श्वसन संक्रमण और ज्यादा बलगम बनने से संबंधित सांस फूलने की समस्या
  • चिड़चिड़ापन और अकेले रहने की इच्छा होना
  • लेटने से अधिक सांस फूलना
  • गर्मी के मौसम में लक्षण बढ़ना और पंखे से या खुली हवा में बेहतर होना
  • चेहरे का रंग फीका पड़ना या नीला होना
  • उनींदापन (सुस्ती)

नेट्रम सल्फ्यूरिकम
समान्य नाम : सलफेट ऑफ  सोडियम
लक्षण : नीचे दिए लक्षणों को ठीक करने के लिए इस दवा का उपयोग किया जाता है :

  • हर बार सर्दी जुकाम होने पर अस्थमा का अटैक होना
  • महिलाओं को पीरियड्स होने से पहले सांस फूलने की समस्या बढ़ जाना
  • खांसी के साथ छाती में दर्द और जकड़न, खासकर निचली दाईं तरफ
  • बलगम वाली खांसी
  • खांसी और सांस फूलने के कारण व्यक्ति को सीधे बैठने की आवश्यकता होना
  • छाती में दर्द, जो सीने पर दबाव डालने से बेहतर हो जाता है
  • शाम को 4 से 5 बजे के बीच और ठंडी व नम जगहों में लक्षण बढ़ जाना

कार्बो वेजीटेबिलिस
सामान्य नाम : वेजिटेबल चारकोल
लक्षण : नीचे दिए लक्षणों के लिए इस दवा का उपयोग किया जाता है :

  • सांस फूलने के कारण त्वचा नीली पड़ना
  • गंभीर खांसी
  • आवाज भारी होना
  • छाती में जलन होना
  • बलगम वाली खांसी और हल्का सा परिश्रम करने से भी सांस फूलना
  • घरघराहट और छाती में बलगम की आवाज आना
  • शाम के समय, खुली हवा में और खाने व बात करने के बाद लक्षण बढ़ जाना
  • शरीर के आवश्यक तरल पदार्थ निकलने के कारण जीवनशक्ति कम होना

पल्सेटिला प्रेटेंसिस
सामान्य नाम : विंडफ्लॉवर
लक्षण : ये दवा मुख्य रूप से महिलाओं के लिए है लेकिन यह निम्नलिखित स्थिति में भी मदद करती है :

  • सांस फूलने के कारण दम घुटना और चिंता होना
  • कम पीरियड्स होने के कारण या मौसम में थोड़ा सा भी बदलाव होने से सांस फूलना (और पढ़ें - पीरियड के कितने दिन बाद बच्चा ठहरता है)
  • सूखी खांसी होना, खासकर शाम और रात में
  • अत्यधिक खांसी होना, जिसके कारण व्यक्ति बैठ जाता है
  • छाती पर बहुत दबाव और भारीपन महसूस होना
  • खांसी करते समय थोड़ा पेशाब निकल जाना
  • सांस फूलने की समस्या दाईं साइड लेटने पर बढ़ जाना
  • लेटने पर दबाव महसूस होना
  • खुली हवा में लक्षण बेहतर हो जाना
  • बलगम निकालने से लक्षण बेहतर हो जाना

कैल्केरिया आर्सेनिकोसा
सामान्य नाम : आर्सेनाइट ऑफ लाइम
लक्षण : ये दवा उन महिलाओं के लिए अच्छी है, जो मोटापे से ग्रस्त हैं और जिन्हें रजोनिवृत्ति होने वाली है। हालांकि, ये सभी उम्र और लिंग के लोगों को दी जाती है। निम्नलिखित लक्षणों में भी इस दवा का असर होता है :

  • दिल की समस्याओं के कारण दम घुटना और सांस फूलना
  • हल्का सा भी हिलने-डुलने के कारण धड़कन तेज होना
  • दिल के क्षेत्र में जकड़न महसूस होना, जिससे रक्त परिसंचरण में समस्या होती है
  • चिंता होना

काली कार्बोनिकम
सामान्य नाम : कार्बोनेट ऑफ पोटैशियम
लक्षण : निम्नलिखित लक्षणों के लिए इस दवा का उपयोग किया जाता है :

  • लगातार और अत्यधिक कमजोरी
  • डिप्रेशन
  • छाती में तेज चुभन वाला दर्द
  • घूमने से दर्द बेहतर होना
  • पसीना आना, दर्द और कमजोरी
  • ब्रोंकाइटिस के साथ खांसी और सांस फूलना, जो रात को 2 से 3 बजे के बीच में बढ़ जाता है
  • घरघराहट व सांस फूलना, जो बैठने से और आगे झुकने से बेहतर हो जाता है
  • गंभीर चिंता और सांस फूलने के साथ धड़कन तेज होना
  • शरीर में अत्यधिक जलन होना
  • कमर दर्द के साथ गंभीर कमजोरी और अकड़न
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होम्योपैथिक उपचार के साथ आपको कुछ सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है, जिनके बारे में नीचे दिया गया है :

क्या करना चाहिए

  • शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ व फिट रहने के लिए रोजाना नियमित रूप से व्यायाम करें।
  • स्वस्थ, पौष्टिक और संतुलित आहार लें।
  • लंबे समय तक चलने वाली समस्याओं में ये जरूरी है कि आप अपने लक्षणों को लिखते रहें और डॉक्टर को उनके बारे में सही-सही जानकारी दें।
  • पर्याप्त आराम करें
  • व्यक्ति को वह सब खाने-पीने के लिए दें, जो उसका मन करे। ऐसा करने से रोगी को कुछ समय के लिए बेहतर महसूस होगा।

क्या नहीं करना चाहिए

  • होम्योपैथिक दवाओं को सीधी धूप और तेज गंध वाले पदार्थों से दूर रखें, क्योंकि इनसे दवा के कार्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
  • ऐसी कोई भी चीजे न लें, जिनसे दवा के कार्य पर दुष्प्रभाव हो सकता है, जैसे तेज गंध वाला खान-पान, जैसे कॉफीहर्बल चायशराबचॉकलेट, तेज मसालों वाला खाना और सॉस, आइसक्रीम जैसे ठंडे जमे पदार्थ।
  • सुस्ती भरी जीवनशैली न अपनाएं, एक्टिव रहने का प्रयास करें।

सांस फूलने के लिए होम्योपथिक उपचार का लक्ष्य समस्या के कारण को जड़ से ठीक करना होता है। होम्योपैथिक दवाओं के असर को देखने के लिए अस्थमा समेत कुछ एलर्जी विकार से ग्रस्त लोगों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि इन दवाओं से लक्षणों में काफी हद तक सुधार आया और व्यक्ति को अन्य दवाएं लेने की जरूरत कम हो गई।

आर्सेनिकम एल्बम, लोबेलिया इंफ्लैटा, कार्बो वेजीटेबिलिस और ब्लाटा ओरिएंटलिस जैसी होम्योपैथिक दवाओं से एलर्जी, अस्थमा और दिल की समस्याओं पर काफी लाभदायक असर देखा गया है।

बंद नाक के रोगियों पर ब्लाटा ओरिएंटलिस नामक उपाय के साथ शोध अध्ययन किया गया। इसमें पता चला कि व्यक्ति के शरीर में इओसिनोफिल (एक प्रकार की सफेद रक्त कोशिकाएं, जो एलर्जी और बंद नाक की समस्या में बढ़ जाती हैं) में काफी गिरावट आई। अध्ययनों से ये भी सिद्ध हुआ कि होम्योपैथिक दवाओं को मुख्य उपचार के साथ देने पर अस्थमा की गंभीरता भी कम हुई।

आर्सेनिकम एल्बम, नक्स वोमिका, पल्सेटिला प्रेटेंसिस, जेल्सीमियम, सार्सपरीला, सिलेशिया और नेट्रम म्यूरिएटिकम दवाएं एलर्जिक राइनाइटिस के लिए काफी असरदार है, जबकि आर्सेनिकम आयोडेटम, लैकेसिस, कैल्केरिया आर्सेनिका, कार्बो वेजीटेबिलिस और सिलेशिया दवाओं को अस्थमा में लेने की सलाह दी जाती है।

होम्योपैथिक दवाओं को बहुत ही कम मात्रा में दिया जाता है, इसीलिए इनका कोई दुष्प्रभाव अभी तक सामने नहीं आया है। हालांकि, किसी भी हालत में अपने आप होम्योपैथिक दवा नहीं लेनी चाहिए क्योंकि होम्योपैथिक डॉक्टर मरीज के लक्षणों के अलावा उसके शारीरिक, मानसिक और फैमिली हिस्ट्री की जांच करके उपाय निर्धारित करते हैं। यही वजह है कि इन उपायों को व्यक्तिगत उपाय भी माना जाता है। सटीक होम्योपैथिक ट्रीटमेंट से न सिर्फ लक्षणों में सुधार होता है बल्कि समग्र स्वास्थ्य बेहतर होता है।

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सांस फूलना एक ऐसा लक्षण है जो कई बीमारियों से संबंधित हो सकता है, खासकर फेफड़ों और दिल की समस्याओं से। इसी कारण, व्यक्ति की समस्या को पूरी तरह से ठीक करने के लिए उसके कारण को पहचानना और उसे ठीक करना बहुत महत्वपूर्ण है। सांस फूलने की समस्या के लिए होम्योपैथी में कई दवाएं हैं, जिनके बारे में ऊपर बताया गया है। ये दवाएं व्यक्ति के लक्षणों और उससे संबंधित अन्य कारक को ध्यान में रखते हुए निर्धारित की जाती हैं। अगर सही समय पर उचित दवा ली जाए, तो इससे आसानी व असरदार तरीके से सांस फूलने की समस्या को ठीक किया जा सकता है।

Dr. Rupali Mendhe

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होमियोपैथ
21 वर्षों का अनुभव

Dr. Rubina Tamboli

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7 वर्षों का अनुभव

Dr. Anas Kaladiya

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5 वर्षों का अनुभव

Dr. Prabhash Kumar Chaudhari

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होमियोपैथ
5 वर्षों का अनुभव

संदर्भ

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