चेहरे पर मुंहासे और दाग-धब्बों की समस्या होना आम होती है. वहीं, कुछ लोगों को त्वचा से जुड़ी गंभीर बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है, जिसे ठीक होने में समय लगता है. इसमें स्क्लेरोडर्मा भी शामिल है. स्क्लेरोडर्मा शरीर में अलग-अलग जगह त्वचा को प्रभावित कर सकता है. त्वचा की यह समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक देखने को मिल सकती है. दरअसल, स्क्लेरोडर्मा का कोई संपूर्ण इलाज भी उपलब्ध नहीं है, इसलिए यह समस्या जल्दी से ठीक नहीं होती है. 

आज इस लेख में आप स्क्लेरोडर्मा के लक्षणों को कम करने वाले घरेलू उपायों के बारे में जानेंगे -

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  1. स्क्लेरोडर्मा क्या है?
  2. स्क्लेरोडर्मा के लिए घरेलू उपाय
  3. सारांश
स्क्लेरोडर्मा का घरेलू इलाज के डॉक्टर

स्क्लेरोडर्मा कनेक्टिव टिश्यू का एक ऑटोइम्यून रोग है. ये फाइब्रोसिस और टिश्यू को मोटा बनाता है. इस स्थिति में त्वचा सख्त यानी कठोर हो जाती है. स्क्लेरोडर्मा में त्वचा पर पैच हो सकते हैं. हाथों और चेहरे पर लाल धब्बे व उंगलियों का मोटा होना भी स्क्लेरोडर्मा के लक्षण हो सकते हैं. स्क्लेरोडर्मा सिर्फ त्वचा ही नहीं, बल्कि कई मुख्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है. अगर आसान भाषा में समझना हो, तो स्क्लेरोडर्मा एक गंभीर बीमारी है. इसमें त्वचा पर एक्स्ट्रा कोलेजन का उत्पादन हो जाता है. ऐसे में सामान्य टिश्यू एक्स्ट्रा कोलेजन के साथ मिलकर मोटे टिश्यू में बदल जाते हैं. 

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वैसे तो स्क्लेरोडर्मा के इलाज के लिए कुछ दवाइयां उपलब्ध हैं, लेकिन इसका कोई संपूर्ण इलाज नहीं है. हालांकि, किसी भी दवा के सेवन से कोलेजन के उत्पादन को नहीं रोका जा सकता है, लेकिन कुछ उपचार और घरेलू उपायों की मदद से स्क्लेरोडर्मा के लक्षणों को कुछ हद तक कम किया जा सकता है -

फिजिकली एक्टिव रहें

स्क्लेरोडर्मा की समस्या को ठीक करने के लिए फिजिकली एक्टिव रहना जरूरी होता है. इसके लिए एक्सरसाइज और योग किया जा सकता है. एक्सरसाइज करने से शरीर फ्लैक्सिबल बनता है. साथ ही शरीर में ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ता है. फिजिकली एक्टिव रहने के कठोर त्वचा से छुटकारा मिल सकता है. आप रेंज-ऑफ-मोशन एक्सरसाइज की प्रैक्टिस कर सकते हैं. इस एक्सरसाइज की रेगुलर प्रैक्टिस करने से त्वचा और मसल्स हेल्दी रहती हैं.

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विटामिन-डी

स्क्लेरोडर्मा होने पर विटामिन-डी लेना फायदेमंद हो सकता है. दरअसल, 2016 में 51 रोगियों पर एक रिसर्च की गई. इस रिसर्च में स्क्लेरोडर्मा वाले रोगियों में विटामिन-डी की कमी पाई गई. इसलिए, अगर स्क्लेरोडर्मा की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो डॉक्टर की सलाह पर विटामिन-डी की खुराक ले सकते हैं. इसके अलावा, सुबह की धूप लेना भी अच्छा हो सकता है.

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विटामिन-ई

स्क्लेरोडर्मा रोगियों के लिए विटामिन-ई भी जरूरी होता है. दरअसल, विटामिन-ई में एंटी फाइब्रोटिक प्रभाव होता है. यह एक्स्ट्रा टिश्यू के विकास को रोकने में मदद कर सकता है. 2009 में स्क्लेरोडर्मा से प्रभावित 27 रोगियों पर रिसर्च की गई. इसमें पाया गया कि विटामिन-ई से युक्त जेल को लगाने से दर्द कम हो सकता है और हीलिंग प्रक्रिया तेज हो सकती है. इसलिए, डॉक्टर की सलाह पर विटामिन-ई का उपयोग किया जा सकता है.

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सनस्क्रीन लगाएं

वैसे तो सनस्क्रीन हर किसी को लगानी चाहिए. लेकिन जिन लोगों को स्क्लेरोडर्मा है, उन्हें सनस्क्रीन जरूर लगानी चाहिए. स्क्लेरोडर्मा के लक्षणों को कम करने के लिए सनस्क्रीन का यूज किया जा सकता है. इससे त्वचा धूप और सूरज की हानिकारक किरणों से बचती है.

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ईवनिंग प्रिमरोज ऑयल

रिसर्च में साबित हुआ है कि स्क्लेरोडर्मा के इलाज में ईवनिंग प्रिमरोज ऑयल उपयोगी हो सकता है. यह एक एसेंशियल ऑयल है, जो त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. इवनिंग प्रिमरोज तेल में गामा-लिनोलेनिक एसिड होता है, जो त्वचा की सूजन को कम करने में मदद कर सकता है. इस तेल को प्रभावित जगह पर लगाया जा सकता है.

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हार्टबर्न से बचें

स्क्लेरोडर्मा से पीड़ित मरीज को ऐसी दवाओं के सेवन से बचना चाहिए, जो गैस बनाती हैं और हार्टबर्न का कारण बनती हैं. इसके अलावा, देर रात कुछ भी खाने से बचना चाहिए. अगर स्क्लेरोडर्मा से ग्रस्त मरीज को गैस की समस्या है, तो वो डॉक्टर की सलाह पर एंटासिड का सेवन कर सकता है.

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त्वचा को ठंड से बचाएं

स्क्लेरोडर्मा होने पर त्वचा को ठंडे पानी और वातावरण से बचाकर रखें. अगर ठंडे एरिया में रहते हैं, तो दस्ताने पहनें और शरीर के तापमान को गर्म रखने की कोशिश करें. अगर बाहर किसी ठंडे इलाके में जा रहे हैं, तो जूते पहनें और चेहरे व सिर को गर्म कपड़ों से ढककर रखें.

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स्क्लेरोडर्मा एक त्वचा से संबंधित समस्या है. यह दुर्लभ बीमारी है, लेकिन जीवन के लिए कई जटिलताएं पैदा कर सकती है. यह समस्या हृदय, फेफड़ों और लिवर को क्षति पहुंचा सकती है. इसलिए, स्क्लेरोडर्मा का समय रहते इलाज करना जरूरी होता है. वहीं, रिसर्च की मानें तो वर्तमान समय में कोलेजन के अधिक उत्पादन को रोकने और स्क्लेरोडर्मा का कोई इलाज नहीं है. सिर्फ कुछ उपचार और घरेलू उपायों की मदद से इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है.

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