रूमेटाइड आर्थराइटिस - Rheumatoid Arthritis in Hindi

Dr. Nadheer K M (AIIMS)MBBS

September 25, 2018

January 31, 2024

रूमेटाइड आर्थराइटिस
रूमेटाइड आर्थराइटिस

रूमेटाइड आर्थराइटिस क्या है?

यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपने ही शरीर के ऊतकों पर हमला करने लग जाती है। रुमेटाइड आर्थराइटिस जोड़ों की परतों को नुकसान पहुंचाता है, जिस कारण से उनमें दर्द और सूजन होने लग जाती है और अंत में इसके परिणामस्वरूप हड्डियां घिसना या जोड़ों में विकृति होने जैसी समस्याएं खड़ी हो जाती हैं। रूमेटाइड आर्थराइटिस से जुड़ी सूजन शरीर के अन्य भागों को भी नुकसान पहुंचा सकती है। गंभीर रुमेटाइड अर्थराइटिस के कारण शारीरिक विकलांगता जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

रुमेटाइट शरीर के दोनों तरफ के जोड़ों को एक साथ प्रभावित करता है, जैसे दोनों बाजू, दोनों कलाईयां या दोनों घुटने। और इसकी यही खासियत है जो इसको अन्य सभी प्रकार के अर्थराइटिस से अलग करती है। यह त्वचा, आंखें, फेफड़े, हृदय, खून या नसों को भी प्रभावित कर सकता है। पुरूषों से ज्यादा महिलाओं में आर्थराइटिस होता है। यह अक्सर मध्यम आयु वर्ग में शुरू हो जाता है, वृद्ध लोगों में यह बहुत आम होता है।

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रूमेटाइड आर्थराइटिस के लक्षण - Rheumatoid Arthritis Symptoms in Hindi

रूमेटाइड आर्थराइटिस के लक्षण क्या हो सकते हैं?

रूमेटाइड आर्थराइटिस के मुख्य लक्षण जोड़ों में दर्द सूजन व अकड़न होती है। यह कुछ अन्य सामान्य लक्षण व शरीर के अन्य भागों में सूजन भी दिखा सकता है।

लक्षण जो जोड़ों को प्रभावित करते हैं:

रूमेटाइड आर्थराइटिस आम तौर पर शरीर के जोड़ों को प्रभावित करता है, यह शरीर के किसी भी जोड़ो को परेशान कर सकता है। रूमेटाइड अक्सर पहले हाथों व पैरों में छोटे-छोटे जोड़ों को प्रभावित करता है।

  • दर्द:
    रूमेटाइड आर्थराइटिस से जोड़ों का दर्द जुड़ा ही होता है, यह दर्द आम तौर पर पीड़ा की तरह महसूस होता है। सुबह के समय या काफी देर तक आराम करने के बाद इसकी स्थिति और बदतर हो जाती है।
  • अकड़न:
    रूमेटाइड आर्थराइटिस से प्रभावित जोड़ो में कठोरता या अकड़न महसूस हो सकती है, जैसे अगर आपके हाथ रूमेटाइड से प्रभावित हो गए हैं, तो आप उंगलियों की पूरी तरह से मुट्ठी बंद नहीं कर पाएंगे। इसकी अकड़न सुबह के समय या काफी देर तक आराम करने के बाद और अधिक गंभीर हो जाती है। सुबह के समय की अकड़न अन्य प्रकार के ऑर्थराइटिस से जुड़ी हो सकती है, जिसे ओस्टियोआर्थराइटिस कहा जाता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण सुबह के समय जोड़ों में अकड़न होती है, जो लगभग 30 मिनट तक ही रह पाती है, लेकिन रूमेटाइड आर्थराइटिस के कारण होने वाली अकड़न ठीक होने में इससे ज्यादा समय लेती है।
  • सूजन, लालिमा और गर्म होना – रूमेटाइड आर्थराइटिस से प्रभावित जोड़ो में सूजन होने लग जाती है, जिस कारण से प्रभावित त्वचा लाल होने लगती है, और छूने से दर्द होता है।

अतिरिक्त लक्षण –

रूमेटाइड आर्थराइटिस से ग्रसित लोगों में अन्य कई प्रकार के सामान्य लक्षणों का अनुभव होत है, जैसे:

रूमेटाइड आर्थराइटिस से जुड़ी सूजन कभी-कभी शरीर के अन्य क्षेत्रों को प्रभावित करने वाली समस्याएं पैदा कर सकती है, जैसे:

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डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

अगर मरीज के जोडों में 6 महीनों से अधिक समय तक सूजन रही है, तो डॉक्टर उसे रूमेटोलोजिस्ट (एक गठिया विशेषज्ञ डॉक्टर) के पास भेज सकते हैं। ताकि निदान की पुष्टि की जा सके और उपचार जल्द से जल्द किया जा सके।

रूमेटाइड आर्थराइटिस के कारण - Rheumatoid Arthritis Causes in Hindi

रूमेटाइड आर्थराइटिस होने के क्या कारण हो सकते हैं?

रूमेटाइड आर्थराइटिस तब होता है, जब प्रतिरक्षा प्रणाली साइनोवियम (synovium) पर हमला करती है। साइनोवियम जोड़ों के चारों और झिल्ली की एक परत होती है।

साइनोवियम में सूजन आदि होने के परिणामस्वरूप अंत में कार्टिलेज (Cartilage) व जोड़ों के बीच की हड्डी नष्ट हो जाती है। (कार्टिलेज दो हड्डियों को जोड़ने वाले मजबूत तथा लचीले ऊतक होते हैं)

जोड़ों के एक साथ थाम कर रखने वाले टेंडन्स और लिगामेंट्स में खिंचाव आ जाता है, और वे कमजोर पड़ जाते हैं। ऐसे में धीरे-धीरे जोड़ अपने आकार और रेखा खो देते हैं।

(और पढ़ें - प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करने के उपाय)

रूमेटाइड आर्थराइटिस के विकसित करने वाले कुछ जोखिम कारक:

  • उम्र:
    यह किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ-साथ इसके होने की संभावना भी बढ़ती जाती है। रूमेटाइड आर्थराइटिस की शुरूआत होने की सबसे ज्यादा संभावना 60 साल के बाद होती है।
  • लिंग:
    रूमेटाइड आर्थराइटिस के नए मामले पुरूषों से ज्यादा महिलाओं में पाए जाते हैं।
  • पारिवारिक समस्या:
    यदि आपके परिवार के किसी सदस्य के रूमेटाइड आर्थराइटिस है, तो अन्य सदस्यों के लिए भी इसके विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है। (और पढ़ें - महिलाओं में पुरुषों से अधिक गठिया क्यों होता है)
  • धूम्रपान:
    सिगरेट आदि का सेवन करना रूमेटाइड आर्थराइटिस के विकसित होने के जोखिम को बढ़ा देता है, और रोग की स्थिति को और अधिक बदतर बना देता है। (और पढ़ें - सिगरेट के नुकसान)
  • बच्चे को जन्म देना:
    जिन महिलाओं नें कभी बच्चे को जन्म नहीं दिया उनमें रूमेटाइड विकसित होने के उच्च जोखिम हो सकते हैं।
  • जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं:
     उनके बच्चों में भी रूमेटाइड आर्थराइटिस विकसित होने का जोखिम काफी बढ़ जाता है।
  • मोटापा: 
    वजन ज्यादा होना या मोटापा बढ़ना रूमेटाइड आर्थराइटिस के जोखिम को बढा देता है।

(और पढ़ें - मोटापा का इलाज)

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रूमेटाइड आर्थराइटिस के बचाव के उपाय - Prevention of Rheumatoid Arthritis in Hindi

रूमेटाइड आर्थराइटिस की रोकथाम कैसे की जा सकती है?

जैसे कि रूमेटाइड आर्थराइटिस एक प्रतिरक्षा प्रणाली का विकार है, इसलिए इसकी रोकथाम करने का कोई तरीका नहीं है। हालांकि जीवनशैली संबंधी कुछ सावधानियां बरती जा सकती हैं?

  • स्वस्थ वजन बनाएं रखें:
    अगर आपका वजन ज्यादा है, तो शरीर का अनुचित तनाव उन जोडों पर पड़ता है, जो जोड़ शरीर का वजन उठाते हैं। इसलिए वजन कम करना बहुत जरूरी है। जिन लोगों का वजन सामन्य होता है उनके शरीर में दवाएं भी अच्छे से काम करती हैं। (और पढ़ें - वजन कम करने के लिए डाइट चार्ट)
  • कोलेस्ट्रॉल घटाने की कोशिश करें:
    रूमेटाइड अर्थाराइटिस से ग्रसित लोगों के लिए उनकी जिंदगी में ह्रदय संबंधी बीमारियों और स्ट्रोक आदि के जोखिम बढ़ जाते हैं। इसलिए एक अच्छा और संतुलित भोजन लेना और कोलेस्ट्रोल स्तर को कम रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है। (और पढ़ें - कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय)
  • धूम्रपान छोड़ने के कोशिश करें:
    कुछ प्रमाण बताते हैं कि, धूम्रपान करना रूमेटाइड आर्थराइटिस विकसित होने के जोखिम को बढ़ा सकता है। रूमेटाइड विकसित होने के बाद भी धूम्रपान करने से उसकी स्थिति और अधिक गंभीर हो जाती है। (और पढ़ें - धूम्रपान छोड़ने के घरेलू)
  • शारीरिक गतिविधियां:
    जोड़ों में गति बनाए रखने के लिए शारीरिक गतिविधियां जरूरी होती हैं। अगर रूमेटाइड अर्थराइटिस के कारण आस पास की मांसपेशियां कमजोर होने लगी हैं, तो व्यायाम उन्हें मजबूत करने में मदद कर सकता है। व्यायाम जिनमें मांसपेशियों में खिंचाव नहीं होता वे सबसे बेहतर व्यायाम होते हैं, जैसे स्विमिंग करना।

(और पढ़ें - व्यायाम करने का सही समय)

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रूमेटाइड आर्थराइटिस का निदान - Diagnosis of Rheumatoid Arthritis in Hindi

रूमेटाइड आर्थराइटिस का निदान कैसे किया जाता है?

रूमेटाइड आर्थराइटिस का निदान करने में समय लग सकता है, और नैदानिक ​​परीक्षणों निष्कर्षों की पुष्टि के लिए कई कई लैब टेस्ट करने की आवश्यकता पड़ सकती है।

निदान करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले आपके समस्या के लक्षण और पिछली मेडिकल जानकारियां पूछेंगे। इस दौरान डॉक्टर मरीजों के जोड़ों का भी परिक्षण करते हैं, इसमें लालिमा और सूजन और मांसपेशियों की मजबूती आदि की जांच करना शामिल होता है। डॉक्टर प्रभावित जोड़ों को छूकर उनकी गर्मी, छूने पर दर्द आदि की जांच करते हैं। (और पढ़ें - मांसपेशियों को मजबूत करने के उपाय)

कुछ इमेजिंग टेस्ट करने की आवश्यकता हो सकती है। ये टेस्ट बताते हैं कि रूमेटाइड नें कितनी क्षति पहुंचाई है, और क्षति कितनी गंभीर है।

ऐसे कुछ प्रकार के टेस्ट है जो डॉक्टरों की यह निर्धारित करने में मदद करते है कि मरीज को रूमेटाइड अर्थराइटिस है या नहीं। इन टेस्टों में निम्न टेस्ट शामिल होते हैं:

  • एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडी टेस्ट: 
    यह टेस्ट आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली में यह देखने के लिए किया जाता है कि क्या यह एंटीबॉडी का निर्माण कर रही है। रूमेटाइड अर्थराइटिस जैसी समस्याओं से प्रभावित होकर शरीर एंडीबॉडीज का निर्माण करने लगता है। (और पढ़ें - सीटी स्कैन कैसे करते हैं)
  • एरीथ्रोसाइट सेंडिमेंटेशन रेट: 
    यह टेस्ट शरीर में सूजन आदि के स्तर की जांच करने के लिए किया जाता है। इसका परिणाम डॉक्टर को सूजन की उपस्थिति या अनुपस्थिति के बारे में बताता है। हालांकि यह टेस्ट सूजन आदि का संकेत नहीं देता है। (और पढ़ें - मैमोग्राफी क्या है)
  • रूमेटाइड फैक्टर टेस्ट: 
    यह खून टेस्ट होते है, जो प्रोटीन की जांच करने के लिए किया जाता है, इस प्रोटीन को रूमेटाइड फैक्टर कहा जाता है। रूमेटाइड आर्थराइटिस से ग्रसित लोगों में यह फैक्टर पाया जाता है। (और पढ़ें - क्रिएटिनिन टेस्ट क्या है)
  • एंटी-सिट्रलीनेटेड प्रोटीन एंटीबॉडी टेस्ट (anti-CCP):
    इस टेस्ट उन एंटीबॉडी की जांच की जाती हैं, जो रूमेटॉइड आर्थराइटिस से जुड़े होते हैं। जिन लोगों में ये एंटीबॉडीज मिल जाते हैं आम तौर पर वो लोग इस रोग से ग्रसित होते हैं। (और पढ़ें - बीओप्सी टेस्ट कॉस्ट)
  • सी - रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट: 
    आपके शरीर में कहीं भी एक गंभीर संक्रमण या सूजन, सी रिएक्टिव प्रोटीन बनाने के लिए लिवर को ट्रिगर करती है। सी रिएक्टिव प्रोटीन का उच्च स्तर रूमेटाइड अर्थराइटिस से जुड़ा हो सकता है।

(और पढ़ें - संक्रमण का इलाज)

रूमेटाइड आर्थराइटिस का उपचार - Rheumatoid Arthritis Treatment in Hindi

रूमेटाइड आर्थराइटिस का उपचार कैसे किया जाता है?

रूमेटाइड आर्थराइटिस के लिए कोई इलाज नहीं है, रूमेटाइड आर्थराइटिस के उपचार का मुख्य लक्ष्य होता है:

  • जोड़ों में सूजन व लालिमा को कम करना,
  • दर्द से राहत दिलाना,
  • दर्द, जोड़ो में क्षति या विकृति के कारण किसी प्रकार की विकलांगता को कम करना।
  • जोड़ो की क्षति की रोकथाम करना या उनको कम करना।

(और पढ़ें - शारीरिक विकलांगता क्या है)

रूमेटाइड अर्थराइटिस के लिए दवाएं

इसके शुरूआती इलाज के दौरान डॉक्टर उन दवाओं को लिखते हैं, जिनके बहुत ही कम साइड इफेक्ट्स होते हैं। जैसे ही रोग बढ़ता है, शक्तिशाली दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है।

  • इम्यूनोसुप्रेसेंट्स (Immunosuppressants):
    ये दवाएं प्रतिरक्षा प्रणाली को दबा देती हैं। और जैसे कि रूमेटाइड आर्थराइटिस एक प्रतिरक्षा प्रणाली विकार होता है, इसलिए दवाओं की मदद से लक्षणों को कम किया जा सकता है। (और पढ़ें - बच्चों की इम्यूनिटी कैसे बढ़ाएं)
  • नॉन स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लामैट्री दवाएं (NSAIDs):
    इन दवाओं का प्रयोग दर्द को कम करने और साथ ही साथ सूजन आदि को कम करने के लिए किया जाता है। NSAIDs दवाएं रोग को बढ़ने से नहीं रोक सकती। इन दवाओं की उच्च खुराक लेने से या लंबे समय तक इनको लेने से ये जटिलताएं उत्पन्न कर सकती हैं। (और पढ़ें - सूजन कम करने के नुस्खे)
  • कोर्टिकोस्टेरॉयड (Corticosteroids):
    कॉर्टिकोस्टेरॉइड सूजन, दर्द को कम करने साथ-साथ जोड़ों में हो रही क्षति की गति को धीमा करने में काफी प्रभावशाली होती है। आमतौर पर इनको तब दिया जाता है जब NSAIDs दवाओं से कोई मदद ना मिल पाए। इन दवाओं से तेजी से आराम होने लगता है, और हफ्ते से महीने तक रहता है, जो लक्षणों की गंभीरता पर निर्भर करता है। (और पढ़ें - हड्डियों में दर्द क्यों होता है)
  • रोग-संशोधित एंटीरूमेटिक दवाएं (disease-modifying antirheumatic drugs):
    इनको DMARDs भी कहा जाता है। इनकी मदद से भी रोग की बढ़ती गति को धीमा किया जा सकता है, साथ ही जोड़ों और अन्य ऊतकों की स्थायी क्षति को रोकने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। अगर मरीज इन दवाओं को शुरूआत में ही लेने लग जाएं तो यह और अधिक प्रभावी बन सकती है। मरीज में लाभकारी लक्षण दिखाने में ये दवाएं 4 से  6 महीनें ले सकती हैं। अगर शुरूआती में भी यह काम करती ना दिखे तो भी ये दवाएं लेते रहना जरूरी होता है। इस दवा को लेने का कुल समय आम तौर पर अनिश्चित होता है।

(और पढ़ें - दवाओं की जानकारी)

ठंड और गर्मी से सेंकना:

मांसपेशियों में खिंचाव और दर्द होने पर गर्म चीजों से सेंकने से आराम मिलता है। गर्म पानी में नहाना या शॉवर लेना काफी फायदेमंद हो सकता है। कुछ लोगों को गर्म पैक का उपयोग करने से मदद मिलती है।

(और पढ़ें - त्वचा पर बर्फ लगाने के फायदे)

ठंडे से सेकने से भी दर्द हल्का हो सकता है। ठंडे द्वारा सेंकने से ठंडे का सुन्न करने का प्रभाव मांसपेशियों में ऐंठन को ठीक कर देता है। जिन मरीजों को सुन्नता आदि की समस्या है, उनको ठंड वाली प्रक्रिया का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ठंड से सेंकने वाले उपचारों में कोल्ड पैक्स, बर्फ मसाज और प्रभावित जोड़ों को ठंडे पानी में भिगोना आदि शामिल है।

(और पढ़ें - सिकाई करने के फायदे

सर्जरी:

अगर उपरोक्त सभी उपचार मदद करने में विफल हो जाते हैं, तो डॉक्टर क्षतिग्रस्त जोड़ों की मरम्मत करने के लिए सर्जरी करने पर विचार करते हैं। दर्द को कम करने या जोड़ों में किसी प्रकार की विकृति को ठीक करने के लिए उपचार के दौरान बीच में भी सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। 

(और पढ़ें - सर्जरी से पहले की तैयारी

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संदर्भ

  1. National Institutes of Health; [Internet]. U.S. National Library of Medicine. Rheumatoid arthritis.
  2. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Rheumatoid Arthritis (RA).
  3. National Health Service [Internet]. UK; Symptoms.
  4. Rheumatology Research Foundation [Internet]. Georgia: American College of Rheumatology. Rheumatoid Arthritis.
  5. Better health channel. Department of Health and Human Services [internet]. State government of Victoria; Rheumatoid Arthritis.

रूमेटाइड आर्थराइटिस की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Rheumatoid Arthritis in Hindi

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