प्रोस्टेट कैंसर - Prostate Cancer in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

June 28, 2017

August 21, 2023

प्रोस्टेट कैंसर
प्रोस्टेट कैंसर

प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों की पौरुष ग्रंथि (प्रोस्टेट) में होने वाला एक कैंसर है। पौरुष ग्रंथि एक छोटी अखरोट के आकार की ग्रंथि है जो वीर्य उत्पादित करती है जिससे शुक्राणु ट्रांसपोर्ट होते हैं। 

प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों को होने वाला सबसे आम कैंसर है। यह आम तौर पर धीरे धीरे बढ़ता और शुरुआत में पौरुष ग्रंथि तक ही सीमित रहता है जहाँ ये कोई गंभीर नुक्सान नहीं पहुंचाता। 

प्रोस्टेट कैंसर का निदान शुरुआत में ही हो जाये तो (जब वो पौरुष ग्रंथि तक ही सीमित होता है) ऐसे में उपचार के सफल होने की ज़्यादा सम्भावना होती है। 

ज़रूरी नहीं है कि पौरुष ग्रंथि की कोई भी असामान्यता प्रोस्टेट कैंसर ही है। 

प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण - Prostate Cancer Symptoms in Hindi

अलग अलग लोगों में कैंसर के अलग अलग लक्षण पाए जाते हैं। कुछ पुरुषों में कोई भी लक्षण नहीं मिलते। प्रोस्टेट कैंसर के कुछ लक्षण निम्न हैं:

  1. मूत्रत्याग शुरू करने में परेशानी
  2. मूत्र का प्रवाह बाधित होना 
  3. बार बार पेशाब आना, खासकर रात में
  4. मूत्राशय को पूरी तरह से खाली करने में कठिनाई
  5. मूत्रत्याग करने में दर्द या जलन महसूस होना
  6. मूत्र या वीर्य में खून आना
  7. पीठ, कूल्हों या श्रोणि में दर्द जो ठीक न हो 
  8. स्खलन में दर्द

कोई भी लक्षण दिखने पर अपने डॉक्टर को अवश्य दिखाएं। ध्यान दें कि यह लक्षण कैंसर के अलावा किसी और असामान्यता के कारण भी हो साकेत हैं।

प्रोस्टेट कैंसर के कारण - Prostate Cancer Causes in Hindi

प्रोस्टेट कैंसर क्यों होता है?

यह स्पष्ट नहीं है कि प्रोस्टेट कैंसर किस कारण से होता है। डॉक्टर्स को इतना पता है कि प्रोस्टेट कैंसर प्रोस्टेट की कुछ कोशिकाओं में असामन्यता होने से शुरू होता है। असामन्य कोशिकाओं के डीएनए में म्यूटेशंस की वजह से सामान्य कोशिकाओं की तुलना में यह कोशिकाएं जल्दी बढ़ती और विभाजित होती हैं। इस वजह से असामन्य कोशिकाएं जीवित रहती हैं और अन्य नष्ट होती जाती हैं। ये असामान्य कोशिकाएं एक ट्यूमर बनाती हैं जो बढ़कर आसपास के ऊतकों पर हमला करता है।

कुछ असामान्य कोशिकाएं बढ़कर शरीर के अन्य अंगों में भी फ़ैल सकती हैं।

निम्न कारक प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं:

  • वृद्धावस्था - उम्र के साथ प्रोस्टेट कैंसर होने का जोखिम भी बढ़ता है। 
  • अनुवांशिक परेशानी - अगर आपके परिवार में किसी प्रोस्टेट कैंसर या ब्रैस्ट कैंसर है या रह चुका है, तो आपको प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा ज़्यादा है। 
  • मोटापा - मोटापे से ग्रस्त पुरुषों में इस बीमारी के ज़्यादा गंभीर होने की सम्भावना रहती है जिसका उपचार किया जाना मुश्किल हो जाता है।

प्रोस्टेट कैंसर से बचाव - Prevention of Prostate Cancer in Hindi

प्रोस्टेट कैंसर से कैसे बचें?

निम्न बातों का ध्यान रखकर प्रोस्टेट कैंसर होने की सम्भावना को घटाया जा सकता है। 

  • स्वस्थ आहार खाएं - ज़्यादा से ज़्यादा फल और सब्ज़ियां खाएं। फलों और सब्ज़ियों से कई विटामिन और खनिज मिलते हैं जो स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। वसा-युक्त भोजन का सेवन न करें। आप प्रोस्टेट कैंसर से आहार के माध्यम से बच सकते हैं या नहीं यह पूर्ण रूप से सिद्ध नहीं हुआ है। लेकिन स्वस्थ आहार से सम्पूर्ण स्वास्थ्य स्थिति को बेहतर करने में मदद मिलती है। 
  • व्यायाम करें - व्यायाम से स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। ऐसा पाया गया है कि जो पुरुष व्यायाम नहीं करते उनका पीएसए लेवल ज़्यादा होता है जबकि जो पुरुष व्यायाम करते हैं उनमें इसका कम जोखिम रहता है। 
  • स्वस्थ वज़न बनाये रखें - जिन पुरुषों का वज़न ज़्यादा होता है उनमें किसी भी बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। कोशिश करें कि आपका वज़न स्वस्थ बना रहे।
  • दवाएं - प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए कुछ दवाएं दी जा सकती हैं। हालांकि डॉक्टर के बिना कहे किसी भी दवा का सेवन न करें।

प्रोस्टेट कैंसर का परीक्षण - Diagnosis of Prostate Cancer in Hindi

डॉक्टर प्रोस्टेट कैंसर का निदान शारीरिक परीक्षण, स्वास्थ्य स्थिति और अन्य परीक्षणों के माध्यम से करते हैं। 

  • डिजिटल रेक्टल एग्जाम - यह प्रोस्टेट की जांच करने के लिए एक सामान्य टेस्ट है। प्रोस्टेट एक अंदरूनी अंग है इसलिए इसे सीधा नहीं देखा जा सकता। ऐसा करने के लिए डॉक्टर मलाशय द्वारा ऊँगली डालकर जांच करते हैं कि कहीं कोई ठोस गांठें तो नहीं महसूस हो रही।
  • प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन (पीएसए) - पीएसए प्रोस्टेट में बनने वाला एक प्रोटीन है। रक्त परीक्षण द्वारा पीएसए की जांच की जाती है। 
  • प्रोस्टेट बायोप्सी - बायोप्सी के लिए पौरुष ग्रंथि का एक छोटा हिस्सा निकाला जाता है और उसकी जांच की जाती है। अगर आपकी प्रोस्टेट बायोप्सी की गयी है तो, आपको एक "ग्लीसन स्कोर" दिया जाता है। स्कोर से यह पता चलता है कि पैथोलॉजिस्ट (रोग-विज्ञान विशेषज्ञ) ने प्रोस्टेट कैंसर की कोशिकाओं को किस श्रेणी में रखा है। 
  • अन्य परीक्षण - डॉक्टर आपको अन्य टेस्ट्स जैसे, एमआरआई (MRI) या सीटी स्कैन (CT Scan), करवाने के लिए भी कह सकते हैं।
Honvan Tablet
₹333  ₹351  5% छूट
खरीदें

प्रोस्टेट कैंसर का इलाज - Prostate Cancer Treatment in Hindi

प्रोस्टेट कैंसर के उपचार के कई प्रकार हैं जैसे सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी और हार्मोन थेरेपी। आपके लिए उपचार की किस पद्दति का प्रयोग किया जाना सही रहेगा यह आपकी स्थिति के अनुसार आप और आपके डॉक्टर तय करेंगे।

कुछ आम उपचार निम्न हैं:

  • सक्रियता से निगरानी रखना - इसमें नियमित रूप से प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन टेस्ट और डिजिटल रेक्टल एग्जाम करके प्रोस्टेट कैंसर को करीबी रूप से मॉनिटर किया जाता है। उपचार तब ही किया जाता है अगर कैंसर बढ़ने लगे या लक्षण दिखाने लगे।
  • सर्जरी - प्रोस्टेटेक्टमी प्रोस्टेट को हटाने के लिए किये जाने वाला ऑपरेशन है। रेडिकल प्रोस्टेटेक्टमी (Radical Prostatectomy) में प्रोस्टेट के साथ आसपास के ऊतकों को भी हटा दिया जाता है। 
  • रेडिएशन थेरेपी (विकिरण चिकित्सा) - इसमें कैंसर को मारने के लिए उच्च-ऊर्जा की किरणों का प्रयोग किया जाता है।
  • हॉर्मोन थेरेपी - इसमें जो हॉर्मोन्स कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने में मदद करते हैं उन्हें कैंसर कोशिकाओं तक पहुँचने से अवरुद्ध कर दिया जाता है। 
  • प्रोस्टेट कैंसर के उपचार की अन्य तकनीकें जिनपर अभी भी जांच की जा रही है निम्न हैं:
    • क्रायोथेरेपी - इसमें प्रोस्टेट कैंसर के अंदर या पास एक विशिष्ट प्रोब रखी जाती है जिससे कैंसर कोशिकाओं को फ्रीज़ (Freeze) किया जाता है और नष्ट किया जाता है। 
    • कीमोथेरेपी - विशिष्ट दवाओं का प्रयोग करके कैंसर को सिकोड़ा या नष्ट किया जाता है। दवाएं गोलियों के रूप में भी दी जा सकती हैं और नसों में भी डाली जा सकती हैं या दोनों तरह से भी दी जा सकती है।
    • बायोलॉजिकल थेरेपी - यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) के साथ काम करके कैंसर से लड़ने में मदद करता है और कैंसर के अन्य उपचारों से होने वाले प्रभावों को भी नियंत्रित करता है। प्रभावों का अर्थ है किसी भी उपचार या दवा के लिए शरीर द्वारा की गयी प्रतिक्रिया। 
    • हाई-इंटेंसिटी फोकस्ड अल्ट्रासाउंड - इस पद्धति द्वारा कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए उच्च-ऊर्जा वाली ध्वनि तरंगों का प्रयोग किया जाता है।

प्रोस्टेट कैंसर की जटिलताएं - Prostate Cancer Complications in Hindi

प्रोस्टेट कैंसर से निम्न जटिलताएं हो सकती हैं:

  • अन्य अंगों में फैलाव - प्रोस्टेट कैंसर अन्य अंगों जैसे मूत्राशय तक फ़ैल सकता है या रक्तप्रवाह या लिम्फ प्रणाली में जाकर हड्डियों या अन्य अंगों तक फ़ैल सकता है। प्रोस्टेट कैंसर अगर हड्डियों तक फ़ैल जाए तो इससे बहुत दर्द हो सकता है और हड्डियां भी टूट सकती हैं या उनको क्षति हो सकती है। एक बार कैंसर अन्य अंगों तक फ़ैल जाए तो भी इसका उपचार किया जा सकता है और इसे नियंत्रित किया जा सकता है लेकिन इसे पूरी तरह ठीक करना मुश्किल हो जाता है। 
  • मूत्र असंयमिता - प्रोस्टेट कैंसर और इसके उपचार, दोनों से ही मूत्र असंयमिता की परेशानी हो सकती है। 
  • स्तंभन दोष - प्रोस्टेट कैंसर या इसके उपचार से स्तंभन दोष की परेशानी हो सकती है। 

प्रोस्टेट कैंसर में परहेज़ - What to avoid during Prostate Cancer in Hindi?

निम्न खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें:

  1. रेड और प्रोसेस्ड मीट
  2. वसा-युक्त डेयरी उत्पाद
  3. शराब
  4. संतृप्त वसा युक्त खाद्य पदार्थ
Caluran CP Tablet
₹1046  ₹1090  4% छूट
खरीदें

प्रोस्टेट कैंसर में क्या खाना चाहिए? - What to eat during Prostate Cancer in Hindi?

आपकी डाइट (Diet; आहार) स्वस्थ होनी चाहिए और निम्न बातों का ध्यान दिया जाना आवश्यक है:

  1. आपका आहार मुख्यतः पौधों पर (यानि शाकाहारी) आधारित होना चाहिए। 
  2. ज़्यादा से ज़्यादा फल (जैसे अनार, अंगूर, सेब, संतरा आदि) और सब्ज़ियां (जैसे गाजर, टमाटर, मशरुम, ब्रोकली, पत्ता गोभी, आदि) खाएं। 
  3. डाइट फाइबर-युक्त होनी चाहिए। 
  4. वसा-युक्त भोजन का कम से कम सेवन करें। 
  5. शर्करा की मात्रा कम से कम रखें। 

प्रोस्टेट कैंसर के प्रकार - Types of Prostate Cancer in Hindi

प्रोस्टेट कैंसर के प्रकार से यह पता चलता है कि किस कोशिका में कैंसर शुरू हुआ है। प्रोस्टेट कैंसर निम्न प्रकार का होता है:

  • एसीनार एडेनोकार्सिनोमा - एडेनोकार्सिनोमा वो कैंसर हैं जो पौरुष ग्रंथि की ग्रंथि कोशिकाओं में बनता है। यह सबसे आम प्रकार का कैंसर है। प्रोस्टेट कैंसर के लगभग हर मरीज़ को यही कैंसर होता है। 
  • डक्टल एडेनोकार्सिनोमा - यह पौरुष ग्रंथि के ट्यूब्स की कोशिकाओं में बनता है। यह एसीनार एडेनोकार्सिनोमा से जल्दी फैलता है। 
  • ट्रांज़िशनल सेल कैंसर - यह मूत्र को शरीर से बाहर ले जाने वाली ट्यूब (Urethra; मूत्रमार्ग) की कोशिकाओं में बनता है। इस प्रकार का कैंसर मूत्र्याशय में शुरू होकर प्रोस्टेट तक फैलता है। 
  • स्क्वैमस सेल कैंसर - यह कैंसर प्रोस्टेट को कवर करने वाले फ्लैट सेल्स (कोशिकाओं) में बनता है। 
  • स्माल सेल प्रोस्टेट कैंसर - यह कैंसर छोटे राउंड सेल्स से बनता है। 

प्रोस्टेट कैंसर के चरण - Stages of Prostate Cancer in Hindi

डॉक्टर उपर्लिखित परीक्षणों का प्रयोग करके कैंसर के 'स्टेज' (Stage) का पता लगाते हैं। किस उपचार तकनीक का प्रयोग किया जाना है, यह कैंसर के स्टेज से तय किया जाता है।

प्रोस्टेट कैंसर के स्टेज निम्न हैं: 

  • स्टेज 1 - कैंसर बहुत छोटा होता है और पौरुष ग्रंथि तक ही सीमित होता है। 
  • स्टेज 2 - कैंसर पौरुष ग्रंथि में ही होता है लेकिन आकार बड़ा होता है। 
  • स्टेज 3 - कैंसर प्रोस्टेट के बाहर फ़ैल चुका है और वीर्य को ले जाने वाली ट्यूब्स तक फैला हो सकता है। 
  • स्टेज 4 - कैंसर लिम्फ नोड्स तक या शरीर के किसी अन्य अंग तक फ़ैल जाता है; लगभग 20-30% स्थितियां इस स्टैग की होती हैं। 
Calutide 50 Tablet
₹549  ₹578  4% छूट
खरीदें


संदर्भ

  1. Prostate Cancer Foundation, Santa Monica [Internet]; About Prostate Cancer
  2. National Health Service [Internet]. UK; Prostate cancer.
  3. Prostate Cancer Foundation of Australia [Internet]; What you need to know about prostate cancer
  4. National Cancer Institute [Internet]. Bethesda (MD): U.S. Department of Health and Human Services; Prostate Cancer—Patient Version
  5. National Cancer Institute [Internet]. Bethesda (MD): U.S. Department of Health and Human Services; Treatment Choices for Men With Early-Stage Prostate Cancer
  6. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Prostate Cancer
  7. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Prostate Cancer

प्रोस्टेट कैंसर की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Prostate Cancer in Hindi

प्रोस्टेट कैंसर के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।