पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) एक सामान्य स्थिति है, जो किसी भी महिला में प्रजनन हार्मोंस के असंतुलित होने के कारण होती है. अक्सर इंफ्लेमेटरी पीसीओएस को गलती से एक अलग प्रकार का पीसीओएस समझ लिया जाता है, जबकि पीसीओएस को वास्तव में इस तरह वर्गीकृत नहीं किया जा सकता है. वहीं, कुछ शोध से पता चलता है कि पीसीओएस और सूजन में लिंक होता है. ब्लड टेस्ट के जरिए रिसर्च करने पर पाया गया है कि पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में सूजन का लेवल ज्यादा होता है.

आज इस लेख में आप विस्तार से जानेंगे कि इंफ्लेमेटरी पीसीओडी के कारण व इलाज क्या है -

आयुर्वेदिक वीमन हेल्थ सप्लीमेंट्स को खरीदने के लिए अभी ब्लू लिंक पर जाएं.

  1. इंफ्लेमेटरी पीसीओएस क्या है?
  2. क्रोनिक सूजन के कारण
  3. क्या क्रोनिक सूजन से पीसीओएस की समस्या हो सकती है?
  4. सूजन और पीसीओएस से होने वाली समस्याएं
  5. सूजन को कम करने के तरीके
  6. सारांश
इंफ्लेमेटरी पीसीओडी के डॉक्टर

पीसीओएस की समस्या सामान्य है, लेकिन इलाज असंभव है. इस समस्या के चलते मासिक धर्म चक्र पर असर पड़ता है और महिला के लिए गर्भधारण करना भी मुश्किल हो जाता है. पीसीओएस सीधे अंडाशय को प्रभावित करता है, जबकि ओव्यूलेशन और मासिक धर्म के लिए जरूरी हार्मोन - एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन अंडाशय से ही होता है. पीसीओएस से 5-15 प्रतिशत महिलाएं प्रभावित होती हैं. पीसीओएस के लक्षण कुछ इस प्रकार हाे सकते हैं -

  • अनियमित पीरियड्स - इसमें मासिक धर्म का न आना, बार-बार मासिक धर्म आना या बिल्कुल भी मासिक धर्म न होना शामिल हो सकता है.
  • ज्यादा बाल - इसे हर्सुटिज्म भी कहा जाता है. यह तब होता है जब आपके चेहरे, ठोड़ी, पैर या शरीर के अन्य हिस्सों पर सामान्य मात्रा से अधिक बाल होते हैं.
  • मुंहासे - पीसीओएस से पीड़ित महिला के चेहरे, छाती और पीठ के ऊपरी हिस्से पर मुंहासे होना आम है.
  • बालों का झड़ना - सिर के बाल पतले होकर झड़ना शुरू हो जाते हैं.
  • वजन बढ़ना - पीसीओएस से पीड़ित लोगों को अक्सर वजन कम करने में परेशानी होती है.
  • ओवरी सिस्ट - ये छोटे-छोटे सिस्ट तरल पदार्थ से भरी थैली होती हैं और ये एक या दोनों अंडाशय में बन सकते हैं.

कई मेडिकल रिसर्च में साबित हुआ है कि पीसीओएस और क्रोनिक सूजन के बीच सीधा संबंध होता है. पीसीओएस से पीड़ित लोगों के ब्लड में कुछ ऐसे मार्कर होने की अधिक संभावना होती है, जो सूजन की ओर संकेत देते हैं.

चोट लगने या वायरस का शिकार होने पर सूजन होना सामान्य है, जिसे इम्यून सिस्टम की ओर से परेशानी को ठीक करने की एक प्रक्रिया है, लेकिन अगर सूजन पुरानी या लंबे समय से है, तो इससे कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

(और पढ़ें - पीसीओएस के घरेलू उपाय)

Kanchnar Guggulu
₹315  ₹350  10% छूट
खरीदें

आमतौर पर ऑटोइम्यून कंडीशन के चलते क्रोनिक सूजन होती है- जैसे कि ल्यूपस और रूमेटाइड अर्थराइटिस. इस स्थिति में प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से शरीर के स्वस्थ टिश्यू को नुकसान पहुंचाने लगती है. क्रोनिक सूजन की समस्या कई महीनों या वर्षों तक रह सकती है. क्रोनिक सूजन के अन्य कारण निम्न प्रकार से हैं -

चंद्रप्रभा वटी को खरीदने के लिए ब्लू लिंक पर जाएं.

पीसीओएस होने के पीछे मुख्य कारण क्या है, इस बारे में वैज्ञानिकों के पास अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है. फिलहाल इसके पीछे आनुवंशिक और अन्य कारकों का संयोजन है, जो इस प्रकार है -

  • हाई एंड्रोजन - एंड्राेजन को पुरुष हार्मोन के रूप में जाना जाता है. पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में एंड्रोजन का स्तर सामान्य महिला व्यक्तियों की तुलना में अधिक होता है.
  • हाई इंसुलिन - पीसीओएस होने पर शरीर इंसुलिन प्रतिरोधी हो जाता है, जिसका मतलब यह है कि इस रोग से ग्रस्त महिला का शरीर इंसुलिन का उतना प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं करता है जितना कि उसे करना चाहिए. ऐसे में शरीर ज्यादा इंसुलिन का उत्पादन करता है.
  • अधिक सूजन - सी-रिएक्टिव प्रोटीन (सीआरपी) सहित ब्लड में कुछ बायोमार्कर को देखकर सूजन के स्तर को मापा जा सकता है. पीसीओएस वाली महिलाओं में सीआरपी स्तर सामान्य से अधिक होता है.

आयुर्वेदिक पुष्यानुग चूर्ण को खरीदने के लिए ब्लू लिंक पर तुरंत करें क्लिक.

पीसीओएस के साथ जुड़ी सूजन की समस्या कई स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बन सकती है, जैसे -

बांझपन

पीसीओएस हो, तो क्रोनिक सूजन के कारण महिला के लिए गर्भवती होना मुश्किल हो जाता है. सूजन के चलते अंडाशय की कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है. पीसीओएस ओव्यूलेशन में बाधा डाल सकता है, जिससे अंडाशय से स्वस्थ अंडा निकलने की संभावना कम हो जाती है. इसके चलते अंडे का इम्प्लांटेशन होना भी मुश्किल हो जाता है.

महिलाओं के लिए कई तरह से फायदेमंद अशोकारिष्ठ को आप यहां से ऑनलाइन खरीदें.

टाइप 2 डायबिटीज

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, पीसीओएस से पीड़ित आधी से अधिक महिलाओं को 40 वर्ष की आयु से पहले ही टाइप 2 डायबिटीज की समस्या हो जाती है. एक प्रमुख मेडिकल रिसर्च के अनुसार, पीसीओएस से ग्रस्त महिलाओं को टाइप 2 डायबिटीज होने की आशंका सामान्य महिलाओं की तुलना में चार गुना अधिक होती है. क्रोनिक सूजन, इंसुलिन प्रतिरोध और अधिक वजन मिलकर टाइप 2 डायबिटीज होने का कारण बनते हैं.

पत्रांगासव को इस्तेमाल करने से महिलाएं रह सकती हैं शारीरिक समस्याओं से दूर.

हृदय रोग

पीसीओएस से पीड़ित लोगों में हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है. ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, जो सूजन से संबंधित है, समय के साथ आपके दिल पर असर डाल सकता है. पीसीओएस से ग्रस्त महिला को हाई बीपी और स्ट्रोक होना भी आम माना गया है.

प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाने के लिए आज ही खरीदें फर्टिलिटी बूस्टर कैप्सूल.

शरीर में सूजन को कम करने से पीसीओएस से होने वाली जटिलताओं के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है. आइए, जानते हैं कि कैसे सूजन को कम किया जा सकता है -

पीसीओएस के लिए एंटी इंफ्लेमेटरी डाइट

एंटी इंफ्लेमेटरी डाइट लेने से पीसीओएस के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है. यह जरूरी नहीं कि एक तरह की डाइट सभी को फायदा पहुंचाए. इसलिए, अपने लिए एंटी इंफ्लेमेटरी डाइट चुनने से पहले आहार विशेषज्ञ की राय जरूर लें. साथ ही निम्न प्रकार के खाद्य पदार्थों से दूरी बनाकर रखें -

पीसीओएस का आयुर्वेदिक इलाज जानने के लिए कृपया यहां दिए ब्लू लिंक पर क्लिक करें.

व्यायाम

पीसीओएस की जटिलताओं को कम करने के लिए नियमित व्यायाम करना फायदेमंद हो सकता है. नियमित व्यायाम करने से सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है, इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार हो सकता है और वजन काे संतुलित बनाए रखने में मदद मिल सकती है. नियमित व्यायाम से टाइप 2 डाबिटीज और हृदय रोग का खतरा भी कम हो सकता है. रिसर्च कहती है कि सप्ताह में कम से कम 120 मिनट व्यायाम करना फायदेमंद हो सकता है. व्यायाम में इन्हें शामिल किया जा सकता है -

व्हाइट डिस्चार्ज का आयुर्वेदिक इलाज जानने के लिए कृपया यहां दिए ब्लू लिंक पर क्लिक करें.

सूजन कम करने के अन्य तरीके

कुछ अन्य तरीकों से भी शरीर में आई सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है. हालांकि, इन तरीकों के संबंध में कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, लेकिन संपूर्ण स्वास्थ्य में फायदेमंद साबित हो सकते हैं -

(और पढ़ें - पीसीओडी में क्या खाना चाहिए)

Kumariasava
₹382  ₹425  10% छूट
खरीदें

सूजन संबंधी पीसीओएस कोई विशिष्ट प्रकार का पीसीओएस नहीं है. पीसीओएस वाली अधिकतर महिलाओं में क्रोनिक सूजन का लेवल अधिक होता है. क्राेनिक सूजन और पीसीओएस के चलते कई शारीरिक समस्याएं जन्म ले सकती हैं, जैसे - टाइप 2 डायबिटीज व मोटापा आदि. हालांकि, पीसीओएस को पूरी तरह से ठीक तो नहीं किया जा सकता, लेकिन जीवनशैली में बदलाव लाकर पीसीओएस और सूजन के कारण होने वाली जोखिम समस्याओं को कम जरूर किया जा सकता है.

महिला बांझपन का आयुर्वेदिक इलाज जानने के लिए कृपया यहां दिए लिंक पर क्लिक करें.

Dr Amita

Dr Amita

प्रसूति एवं स्त्री रोग
3 वर्षों का अनुभव

Dr. Sheetal Chandorkar

Dr. Sheetal Chandorkar

प्रसूति एवं स्त्री रोग
6 वर्षों का अनुभव

Dr. Mandar Chavan

Dr. Mandar Chavan

प्रसूति एवं स्त्री रोग
28 वर्षों का अनुभव

Dr. Sunita Chavan

Dr. Sunita Chavan

प्रसूति एवं स्त्री रोग
28 वर्षों का अनुभव

ऐप पर पढ़ें
cross
डॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ