यदि किसी व्यक्ति ने कभी चलते समय या अपने घुटने को मोड़ते समय चटकने की आवाज सुनी है, तो यह भविष्य में होने वाली किसी समस्या का संकेत हो सकता है। इस स्थिति को "नी पॉपिंग (knee popping)" कहा जाता है। वास्तव में, यह समस्या काफी आम है और इससे भयभीत होने की जरूरत नहीं है।

आमतौर पर जब जोड़ों में हवा भर जाती है तब घुटनों से ऐसी आवाज आती है। वैसे हवा सिर्फ घुटने के जोड़ों में ही नहीं भरती है, य​ह शरीर के किसी भी जोड़ में भर सकती है। डॉक्टर जोड़ों से आवाज आने की स्थिति का वर्णन करने के लिए 'क्रेपिटस' शब्द का उपयोग करते हैं।

कई बार आवाज इतनी धीमी होती है कि इससे कोई खतरा महसूस नहीं होता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि घुटने या किसी अन्य जोड़ से आनी वाली आवाज को अनदेखा करना चाहिए। यदि किसी की उम्र अधिक है, तो ऐसी स्थिति में मामूली आवाज भी जोखिम से भरी हो सकती है।

(और पढ़ें - घुटनों में दर्द के कारण)

  1. घुटने में आवाज के प्रकार - Types of cracking sound in knee
  2. घुटने में आवाज के कारण - Causes of cracking sound in knee
  3. नी क्रेपिटस का इलाज - Knee crepitus treatment
  4. घुटने की आवाज को कैसे रोकें - How to prevent cracking sounds in knee
घुटने से कट कट की आवाज आना के डॉक्टर

ज्यादातर डॉक्टर इस स्थिति के लिए क्रेपिटस टर्म का उपयोग करते हैं, यह टर्म आवाज की अवधि, उसकी आवृत्ति और जोर पर आधारित होती हैं और इन्हें निम्नलिखित प्रकार से सूचीबद्ध किया जा सकता है :

क्रैकिंग या पॉपिंग : जोड़ों में हवा के बुलबुलों के कारण क्रैकिंग या पॉपिंग की आवाज आती है।

  • पॉप : यह अचानक से होनी वाली तेज आवाज है, जो किसी चोट के कारण आती है। घुटने से आवाज आना एसीएल चोट (जांघ की हड्डी से पिंडली को जोड़ने वाले ऊतकों में खिंचाव व फटना) या मेनिस्कल टियर (अचानक और तेज घुमाव से घुटने की हड्डी के ऊतकों का फटना) का संकेत हो सकता है।
    बता दें, प्रत्येक घुटनों में जांघ की हड्डी और पिंडली की हड्डी के बीच के घर्षण को रोकने के लिए उपास्थि के दो रबड़ के टुकड़े होते हैं, जिन्हें मिनिस्कस नाम से जाना जाता है। जब ये किसी वजह से फट जाते हैं या इन्हें चोट आती है और हवा के बुलबुले बनने लगते हैं, जिस कारण घुटने को मोड़ने की कोशिश करने पर तेज दर्द होता है।
  • क्लंकिंग : इसमें एक बार और तेज चटकने की आवाज होती है। ऐसा तब होता है जब कोई व्यक्ति पैर की मुद्रा को अचानक से बदलता है और इस दौरान खिंचाव आ जाता है। 'टोटल नी ऑर्थोप्लास्टी' वाले लोगों में, क्लंकिंग तब होती है, जब घुटने की कैप जांघ की हड्डी के सॉकेट में फिट होती है। 'टोटल नी ऑर्थोप्लास्टी' एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें घुटने के किसी बीमारी के कारण उसकी जगह आर्टिफिशियल घुटने को लगाया जाता है।
  • क्लिकिंग : इसमें किसी कंप्यूटर के माउस क्लिक करने जैसी आवाज होती है, यह घुटने को मोड़ने के दौरान होती है। हालांकि, यह एक 'मिनिस्कस टियर' के कारण होता है।
  • ग्रिंडिंग या ग्रांटिंग : इस टर्म का उपयोग तब होता है जब घुटने के जोड़ से बार-बार स्क्रैचिंग की आवाज आती है। पेटेलोफेमोरल पेन सिंड्रोम और ऑस्टियोआर्थराइटिस वाले लोगों में इस तरह की आवाज आना बहुत आम है।

(और पढ़ें - घुटने की सूजन के कारण)

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घुटने से आने वाली आवाज को निम्न कारणों में विभाजित किया जा सकता है :

फिजियोलॉजिकल : जीवित प्रणाली में कार्यों और तंत्रों के वैज्ञानिक अध्ययन को फिजियोलॉजी कहा जाता है। फिलहाल, घुटने से फिजियोलॉजिकल साउंड आना कोई चिंता की बात नहीं है। आमतौर पर, ऐसा तब होता है जब जोड़ों की संरचनाएं आपस में रगड़ती हैं। वास्तव में, कोई भी 'फिजियोलॉजिकल नी पॉपिंग' का सही कारण नहीं जानता है, लेकिन घुटने से आवाज आने के कुछ संभावित शारीरिक कारण निम्नलिखित हो सकते हैं :

  • घुटने के जोड़ या इसके आस-पास के चिकने द्रव में गैस के बुलबुलों का फटना
  • घुटने के जोड़ में हवा के छोटे बुलबुले या खुली जगहों का गठन होना। इस सिद्धांत के अनुसार, जब दो ठोस सतह ऐसे लिक्विड में एक-दूसरे के करीब फंस जाती हैं, जिसमें गैस होती है, तो वे अलग होने की कोशिश करती हैं और जब वे अलग हो जाती हैं, तो ऐसे में हवा के बुलबुले बनने के साथ पॉपिंग की आवाज आती है।
  • स्नायुबंधन या जोड़ों की सहायक संरचनाओं का टूटने से घर्षण होता है और जब यह अचानक या असामान्य रूप से होता है, तो ऐसे में पॉपिंग की आवाज आती है।

पैथोलॉजिकल : पैथोलॉजी में रोग या चोट के कारणों और प्रभावों का अध्ययन किया जाता है। 'पैथोलॉजिकल नी क्रेपिटस' के तहत निम्नलिखित कारणों को शामिल किया गया है :

  • पैथोलॉजिकल प्लाइका : बहुत से लोगों को प्लाइका (ऊतकों का प्रभावित होना) की समस्या होने पर अपने घुटनों को मोड़ने पर आवाज आती है, ऊतकों की सूजन की वजह से भी घुटने में दर्द और पॉपिंग हो सकती है। घुटने के बार-बार मुड़ने से भी ऊतकों में सूजन की समस्या हो सकती है।
  • ऑस्टियोआर्थराइटिस : उम्र के साथ घुटने के जोड़ खराब और कमजोर होने लगते हैं, जो घुटने से आवाज आने का सबसे प्रमुख कारणों में से है।

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'फिजियोलॉजिकल नी पॉपिंग' के लिए किसी भी उपचार की आवश्यकता नहीं होती है और 'पैथोलॉजिकल नी पॉपिंग' के लिए आवाज के कारणों पर इलाज निर्भर है।

ज्यादातर मामलों में, लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए जीवनशैली में कुछ बदलाव, जोड़ों की मजबूती के लिए विशेष व्यायाम या गैर-सर्जिकल तरीकों को अपनाया जा सकता है।

घुटने की चोट के लिए सिकाई करने का सुझाव दिया जाता है। सर्जरी के माध्यम से प्लाइका और अल्सर को ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा घुटने की कैप जब आंशिक रूप से अपनी जगह से खिसक जाती है, तो ऐसी स्थिति को भी सर्जरी के जरिये ठीक किया जा सकता है।

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यदि किसी व्यक्ति को पहले से घुटने के जोड़ में आवाज आने की समस्या है और अगर यह अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थिति नहीं है, तो वह अपने घुटनों की स्वास्थ और 'पैथोलॉजिकल नी क्रेपिटस' को रोकने के लिए निम्न कार्य कर सकते हैं :

  • ऐसी एक्सरसाइज को रूटीन में शामिल करें, जो पिंडली की मांसपेशियों, इलिटिबिएल बैंड (थाइबोन से रगड़ने वाले संयोजी ऊतक) और कमर में खिंचाव ला सकती है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि वृद्ध लोगों को स्कॉट एक्सरसाइज (मांसपेशियों को मजबूत करने वाली एक्सरसाइज) बहुत धीमी नहीं करनी चाहिए, इससे उनके जोड़ों पर अनुचित दबाव पड़ता है।
  • वर्कआउट सेशन के बाद और एक्सरसाइज से पहले हमेशा वार्म-अप करें, इससे मांसपेशियों में खिंचाव आने का खतरा नहीं रहता है।
  • चोट से बचने के लिए अच्छे ब्रांड के जूते पहनें।
  • अगर कोई व्यक्ति मोटा या अधिक वजन वाला है, तो उसे अपना वजन कम करने की जरूरत है, इससे जोड़ों पर व्यर्थ का दबाव नहीं पड़ेगा।
  • यदि किसी को घुटने की समस्या है, तो दौड़ने या कूदने से बचने की कोशिश करें या इस बारे में डॉक्टर से परामर्श लें।

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संदर्भ

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