आपके लिए एक्सरसाइज शुरू करना काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। एक्सरसाइज के लिए समय का निर्धारण, संतुलित दिनचर्या और लक्ष्य निर्धारित करना उससे और ज्यादा मुश्किलों भरा हो सकता है। लेकिन इसमें मांसपेशियों की जकड़न और डाइट को जोड़ दें, तो इसे कायम रख पाना कठिन हो सकता है।

हो सकता है कि जिम जाने के बाद ब्रश करते समय आपकी बाजू में दर्द होने की वजह से आप बिस्तर से बाहर भी न निकलें। इस पर फिटनेस एक्सपर्ट्स का कहना है कि कई तरह की कठिन एक्सरसाइज करना, जो आपके शरीर के लिए नई होती है, उस दौरान मांसपेशियों में जकड़न होना एक सामान्य बात है। विशेषज्ञों की मानें तो जब हम एक्सरसाइज करते हैं तब शारीरिक रूप से मांसपेशियों के ऊपर थोड़ा ज्यादा दबाव पड़ता है। कई मामलों में अगर आप शरीर के किसी विशेष हिस्से की ज्यादा एक्सरसाइज कर लेते हैं तो आपको उस हिस्से की मांसपेशियों में जकड़न का अहसास होता है।

एक्सरसाइज के बाद इस तरह शुरू होती है मांसपेशियों में जकड़न
एक्सरसाइज के बाद मांसपेशियों में जकड़न आ जाती है, जिसे “डिल्येड ऑनसेट मसल्स सोरनेस” (डीओएमएम) के नाम से भी जाना जाता है। यह नई एक्सरसाइज शुरू करने, एक्सरसाइज में बदलाव या ज्यादा कठिन एक्सरसाइज करते समय या रोजाना की जाने वाली एक्सरसाइज की तीव्रता बढ़ाने से होती है।

जब आप सामान्य एक्सरसाइज से इतर कोई नई या कठिन एक्सरसाइज करते हैं तब आपकी मांसपेशियों के फाइबर्स में बेहद ही बारीक टूट-फूट होती है, जिसकी वजह से मांसपेशियों में जकड़न या अकड़न आ जाती है। कई बार लोग इसके पीछे लैक्टिक एसिड को वजह मान लेते हैं लेकिन वह इस प्रक्रिया में शामिल नहीं होता है। मांसपेशियों में जकड़न किसी भी एक्सरसाइज करने वाले व्यक्ति को हो सकती है।

यहां तक एक ऐसे व्यक्ति या एथलीट को भी, जो वर्षों से एक्सरसाइज कर रहा है। एक्सरसाइज करने वाले नए नवेले लोगों के लिए यह खतरे की घंटी हो सकती है, जिसमें फिट रहने की उनकी शुरुआती चाह को नुकसान पहुंच सकता है। इसमें अच्छी बात यह है कि जैसे-जैसे आपकी मांसपेशियां एक्सरसाइज की आदि हो जाती हैं, वैसे-वैसे यह जकड़न खत्म हो जाती है। यह जकड़न मांसपेशियों को एक्सरसाइज के अनुकूल ढालने की एक प्रक्रिया का हिस्सा होती है, जिसमें मांसपेशियों की सहनशक्ति और ताकत बढ़ती है।

इस प्रक्रिया में नई मांसपेशियों का निर्माण होता है। एक्सरसाइज करने से पहले अगर आप पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर नहीं जाते हैं या आपके शरीर में पानी की कमी रहती है तो आपकी मांसपेशियों में अकड़न या दर्द हो सकता है।
शरीर के सभी अंगो के सुचारू रूप से काम करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी है क्योंकि पर्याप्त पानी न मिलने पर यह काम करना बंद कर देते हैं। लोगों को इस बारे में पता होना चाहिए कि वह कितना पानी पी रहे हैं। रोजाना 6-8 ग्लास पानी की सलाह भी दी गई है। यदि गर्म मौसम या एक्सरसाइज करने से किसी व्यक्ति को ज्यादा पसीना आता है तो उसे सामान्य स्थिति के मुकाबले ज्यादा पानी पीने की जरूरत होगी।

कब तक परेशान करती है मांसपेशियों की जकड़न?
एक्सरसाइज के बाद मांसपेशियों में होने वाली यह जकड़न मुश्किल से तीन से पांच दिन तक रहती है। इसका दर्द मध्यम से लेकर कष्टदायक हो सकता है। आमतौर पर यह एक्सरसाइज के 1 या 2 दिन बाद होता है। इस स्थिति में होने वाले दर्द को किसी अन्य प्रकार के दर्द के समान नहीं समझा जाना चाहिए। एक्सरसाइज के दौरान आपको अत्याधिक दर्द, अचानक और बेहद ही तेजी से दर्द का अहसास हो सकता है, जो मांसपेशियों का एक खिंचाव या मोंच हो सकती है।

(और पढ़ें - मांसपेशियों में खिंचाव)

एक्सरसाइज के बाद मांसपेशियों से दूर रहेगी जकड़न
इस तरह की जकड़न को रोकने का सबसे बेहतर तरीका है कि आप किसी भी  नई एक्सरसाइज को धीरे-धीरे करना शुरू करें। इससे मांसपेशियों को नई एक्सरसाइज के अनुकूल बनने में समय मिलेगा, जिसे इस अकड़न को कम से कम किया जा सकेगा।

ऐसे बहुत की कम प्रमाण हैं, जिनमें यह बताया गया हो कि वॉर्मअप इस जकड़न को रोकने में कारगर साबित हुआ हो। लेकिन एक्सरसाइज से पहले वॉर्मअप करने से आपके चोटिल होने की संभावना कम हो जाती है और आपके प्रदर्शन में सुधार आता है।

हालांकि, कई लोगों का मानना है कि स्ट्रेचिंग करने से इस अकड़न से काफी हद तक निजात पाई जा सकती है लेकिन स्ट्रेचिंग के कई फायदे होने के बावजूद भी अभी ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि एक्सरसाइज से पहले और बाद में स्ट्रेचिंग करने से इसे रोकने या कम करने में मदद मिलती है।

यदि मांसपेशियों में जकड़न के लक्षण का करण पता है तो आपको डॉक्टर के पास जाइए, जो इसका इलाज करेगा। डॉक्टर मांसपेशियों के दर्द और असहजता को कम करने के लिए आपको एंटी इंफ्लेमेटरी दवा दे सकता है। ओवर-दि-काउंटर पेनकिलर दवाइयां सामान्यतः दर्द को कम करने का काम करती हैं, इसलिए यदि जरूरत पड़ी तो डॉक्टर आपको ज्यादा डोज वाली दवा दे सकता है।

यदि दवाइयों की वजह से मांसपेशियों में अकड़न हो रही है तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर दवा के डोज में फेरबदल करेगा या उसकी वैकल्पिक दवा दे सकता है। ज्यादातर मांसपेशियों में अकड़न के मामलों में राहत पाने के लिए कुछ आसान घरेलू उपाय अपनाए जा सकते हैं।

(और पढ़ें - एरोबिक्स एक्सरसाइज क्या है?

क्या कॉफी करेगी मांसपेशियों की अकड़न को ठीक?
कई अध्ययनों में पता चला है कि एक्सरसाइज से पहले कैफेन पीने से मांसपेशियों में होने वाली अकड़न और थकान को कम किया जा सकता है। इसको लेकर ‘जनरल ऑफ पेन’ एक अध्ययन प्रकाशित हुआ, जिसमें पता चला कि एक्सरसाइज से पहले कैफेन का इस्तेमाल करने वाले लोगों की मांसपेशियों में 48 प्रतिशत तक जकड़न कम हुई। सबकुछ बेहतर बनाने के अलावा कैफेन में एनाल्जेसिक (दर्द नाशक गुण) होता है, जिसके चलते इसमें ‘ओवर-दि-काउंटर पेन’ का दवाएं होती हैं। एक्सरसाइज से एक घंटा पहले दो कप कॉफी पीनी (कॉफी की मात्रा का इस्तेमाल जर्नल ऑफ पेन स्टडी में किया गया) चाहिए।

2014 की प्लोस वन रिसर्च में पता चला कि कॉफी पानी की तरह ही शरीर को हाइड्रेट रखती है, मांसपेशियों के दर्द का इलाज करते वक्त इस बात का ध्यान रखना जरूरी है। जर्नल ऑफ एथलेटिक ट्रेनिंग के मुताबिक, एक्सरसाइज के दौरान शरीर में पानी की कमी से मांसपेशियों जकड़न के लक्षण बढ़ सकते हैं।

मालिश और जकड़न का क्या है संबंध
2014 के एक अध्ययन में पता चला कि एक्सरसाइज के बाद मालिश करने से दर्द में महत्वपूर्ण रूप से कमी आती है। लंबे समय में नियमित रूप से मालिश करने से शरीर की मांसपेशियों की इस जकड़न से लड़ने की योग्यता बढ़ती है। 2015 में एक अन्य अध्ययन में पता चला कि गैर-मालिश की गई मांसपेशियों के मुकाबले मालिश की गई मांसपेशियों में रक्त वाहिकाओं की संख्या ज्यादा होती है, जिसके नतीजतन शरीर की रिकवरी में सुधार होता है। फिटनेस एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ‘किसी भी तरह की एक्सरसाइज करने के बाद मांसपेशियों में हल्की जकड़न आना एक सामान्य सी बात है।’ उनका का कहना है कि ज्यादातर मामलों में जकड़न एक्सरसाइज के शुरुआत में आती है।

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