जोड़ों में दर्द कई कारणों से होता है जैसे कि ऑस्टियोआर्थराइटिस (osteoarthritis), आमवातीय संधिशोथ (rheumatoid arthritis), गठिया, बुर्सा (bursa), टेन्डिटिस (tendinitis) या तनाव, मोच या अन्य चोट स्नायुबंधन (ligaments) को प्रभावित करते हैं। बुर्सा और टेंडन्स जोड़ों के आसपास होता है।    

यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है लेकिन घुटनों, कंधों और कूल्हों में यह परेशानी सबसे आम है। दर्द हल्के से गंभीर तक हो सकता है और एक या अधिक जोड़ों में सूजन और कठोरता के कारण यह समस्या उत्पन्न हो सकती है। गंभीर जोड़ों में दर्द, खासकर जब गठिया से संबंधित समस्या होती है तो इसके लिए उचित निदान और उपचार की आवश्यकता होती है।  

अगर आपके जोड़ों में दर्द, सूजन और लालिमा की वजह से रहता है या तीन दिनों से अधिक समय तक यह समस्या है तो आपको अपने डॉक्टर से भी परामर्श करना चाहिए। लेकिन, आप प्राकृतिक घरेलू उपायों की मदद से भी हल्के जोड़ों के दर्द से छुटकारा पा सकते हैं। (और पढ़ें - गठिया)

तो आज हम आपको जोड़ों के दर्द से जुड़े कुछ घरेलू उपाय बताने वाले हैं -

  1. जोड़ो के दर्द का घरेलू उपाय है मसाज - Massage for joint pain in Hindi
  2. जोड़ों में दर्द के लिए गर्म और ठंडे पानी के बैग का करें इस्तेमाल - Hot or cold compress for joint pain in Hindi
  3. जोड़ों के दर्द का घरेलू उपाय है मेथी के बीज - Fenugreek seeds for joint pain in Hindi
  4. जोड़ों का दर्द उपाय है हल्दी - Turmeric good for joint pain in Hindi
  5. जोड़ों के दर्द का घरेलू नुस्खा है सेब का सिरका - Apple cider vinegar benefits for joint pain in Hindi
  6. जोड़ों के दर्द का उपाय है लाल मिर्च - Cayenne pepper for joint pain in Hindi
  7. सेंधा नमक से करें जोड़ों के दर्द के लिए घरेलू उपाय - Epsom salt bath for joint pain in Hindi
  8. लहसुन है जोड़ो के दर्द का उपाय - Garlic for joint pain in Hindi
  9. जोड़ों के दर्द के लिए उपाय में अदरक है उपयोगी - Ginger good for joint pain in Hindi
  10. जोड़ों में दर्द के उपाय के लिए है बिच्छू बूटी फायदेमंद - Nettle for joint pain in Hindi

मसाज थेरेपी संचलन और सूजन को कम करके जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में मदद करती है। बल्कि कई अध्ययनों से पता चला है कि रोज़ाना मसाज करने से दर्द और कठोरता से राहत मिलती है। प्रभावित क्षेत्रों पर मसाज करने के लिए नारियल तेल, जैतून का तेल, सरसों का तेल, अरंडी का तेल या लहसुन का तेल आप गुनगुना करके इनसे अच्छे से मसाज कर सकते हैं।

Joint Pain Oil
₹494  ₹549  10% छूट
खरीदें

वैकल्पिक रूप से गर्म और ठंडे पानी का बैग लगाने से जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद मिलती है। हीट थेरेपी दर्द को कम करती है, रक्त के प्रवाह में वृद्धि करती है साथ ही मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द को दूर करने में राहत पहुँचाती है। कोल्ड थेरेपी सूजन को दूर करती है।

गर्म और ठंडे पानी के बैग का इस्तेमाल कैसे करें

  1. इस्तेमाल करने से पहले दोनों बैग को एक तौलिये में लपेट लें। सीधा त्वचा पर उनका इस्तेमाल न करें।
  2. तीन मिनट के लिए गर्म बैग को प्रभावित क्षेत्रों पर लगाएं।
  3. बैग को हटा लें और तभी गर्म बैग को प्रभवित क्षेत्रों पर एक मिनट के लिए लगा दें।
  4. इस प्रक्रिया को 15 से 20 मिनट तक दोबारा दोहराएं। और इस प्रक्रिया को रोज़ाना करें तब तक जब तक आपको आराम नहीं मिल जाता।

नोट - अगर आपके प्रभावित क्षेत्रों की त्वचा लाल, गर्म और जलने लग जाती है तो फिर से हीट थेरेपी का इस्तेमाल न करें। अगर आपको सर्कुलेटरी समस्याएं हैं तो कोल्ड थेरेपी का इस्तेमाल न करें।

मेथी अपने एंटीऑक्सिडेंट और सूजनरोधी गुणों की वजह से एक लोकप्रिय घरेलू उपाय है। यह खासकर गठिया से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद है।

मेथी के बीज का इस्तेमाल करने के दो तरीके

पहला तरीका -

  1. एक ग्लास गुनगुने पानी में एक चम्मच मेथी के बीज का सेवन करें।
  2. जब तक आपको सकारात्मक परिणाम न मिलें तब तक सुबह को इस उपाय को रोज़ाना करें।

दूसरा तरीका -

इसके अलावा एक चम्मच मेथी के बीज को रात भर के लिए भिगोकर रख दें और फिर सुबह उन्हें खा लें। 

(और पढ़ें - मेथी के फायदे और नुकसान)

हल्दी जोड़ों के दर्द के लिए एक प्रभावी आयुर्वेदिक उपाय है। इसमें मौजूद कर्क्यूमिन सामग्री सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है। एक रिसर्च ने हल्दी में मौजूद कर्क्यूमिन को इबुप्रोफेन (एक प्रकार की दवाई) से तुलना करके देखा कि कर्क्यूमिन घुटनों के जोड़ों में दर्द के लिए इबुप्रोफेन से काफी ज़्यादा प्रभावी है।

हल्दी का इस्तेमाल दो तरीको से करें

पहला तरीका -

  1. एक चम्मच हल्दी पाउडर और थोड़ा सा शहद एक गिलास गर्म दूध में मिलाएं।
  2. कम से कम कुछ दिनों के लिए इसे रोज़ पियें।

दूसरा तरीका -

  1. इसके अलावा आप 250 से 500 मिलीग्राम हल्दी कैप्सूल तीन बार रोज़ाना लें।
  2. तब तक लें जब तक आप परिणाम से संतुष्ट न हों जाएँ। 

(और पढ़ें - हल्दी के फायदे और नुकसान)

नोट - इन घरेलू उपायों को नियमित तौर पर लेने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें। हल्दी कई समस्याओं को और भी ज़्यादा बत्तर कर सकती है जैसे खून को पतला और पित्ताशय की थैली की समस्याओं को और भी ज़्यादा खराब कर सकती है।

Joint Capsule
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

सेब का सिरका जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करता है। यह जोड़ों और उत्तकों में मौजूद विषाक्त पदार्थों को निकालता है। इसकी क्षारीय प्रभाव के कारण यह गठिया से पीड़ित लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है। इसके साथ ही यह मैग्नीशियम, कैल्शियम, पोटेशियम और फास्फोरस जैसे खनिजों से भरपूर होता है।

सेब के सिरके का इस्तेमाल दो तरीकों से करें -

पहला तरीका -

  1. एक से तीन चम्मच कार्बनिक सेब साइडर सिरका और गर्म पानी के कप में थोड़ा सा शहद मिलाएं।
  2. इस मिश्रण को पूरे दिन में दो या तीन बार खाना खाने से पहले ज़रूर पियें।
  3. आप इस मिश्रण को रोज़ाना भी उपयोग कर सकते हैं क्योंकि ये जोड़ों के दर्द लके लिए ही नहीं पूरे स्वास्थ के लिए भी बेहद लाभदायक है।

दूसरा तरीका -

  1. इसके अलावा आप जैतून के तेल और सेब के सिरका का एक चम्मच मिलाकर एक साथ प्रभावित क्षेत्रों पर मसाज भी कर सकते हैं।
  2. जब तक प्रभाव चला नहीं जाता तब तक इसका उपयोग रोज़ाना करें।

(और पढ़ें - सेब के सिरके के फायदे और नुकसान

लाल मिर्च में कैप्सैसिन नामक कंपाउंड होता है जिसमे प्राकृतिक एनाल्जेसिक या दर्द से राहत देने वाले गुण मौजूद होते हैं। एक रिसर्च के मुताबिक लाल मिर्च से बना जेल अगर आप लगाते हैं तो 0.0125 प्रतिशत कैप्सैसिन पुरानी गठिया की बीमारी को कम कर कर देता।

लाल मिर्च का इस्तेमाल दो तरीकों से करें -

पहला तरीका -

  1. एक या आधा कप नारियल के तेल को गर्म कर लें।
  2. अब उसमे दो चम्मच लाल मिर्च पाउडर मिलाएं।
  3. अब इस मिश्रण को प्रभावित क्षेत्रों पर लगाएं।
  4. लगाने के बाद इस बीस मिनट के लिए ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें। फिर धो लें।
  5. इस मिश्रण का इस्तेमाल पूरे दिन में कई बार करने की कोशिश करें तब तक जब तक आपको आराम न मिल जाये।

दूसरा तरीका -

इसके अलावा आप कैप्सैसिन क्रीम का भी इस्तेमाल अपने प्रभावित क्षेत्रों पट कर सकते हैं।

(और पढ़ें - लाल मिर्च के फायदे और नुकसान)

नोट - लाल मिर्च प्रभावित क्षेत्रों पर जलन पैदा कर सकती है। इसलिए इसका इस्तेमाल चोट लगी जगह पर न करें।

सेंधा नमक पानी में डालकर नहाने से आपके शरीर में मैग्नीशियम त्वचा के माध्यम से अवशोषित हो जाता है। जोड़ों का दर्द भी अक्सर मैग्नीशियम के निम्न स्तर के साथ जुड़ा हुआ होता है। इसके अलावा मैग्नीशियम सूजन और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकलने में मदद करता है।

सेंधा नमक का इस्तेमाल कैसे करें -

  1. दो कप गर्म पानी में सेंधा नामक मिलाएं।
  2. लगभग 20 मिनट तक प्रभावित क्षेत्रों को इसमें डुबोकर रखें।
  3. इसका इस्तेमाल हफ्ते में तीन बार ज़रूर करें और तब तक करें जब तक आपको आराम नहीं मिल जाता।

(और पढ़ें - सेंधा नमक के फायदे और नुकसान

Joint Support Tablet
₹449  ₹695  35% छूट
खरीदें

लहसुन सल्फर और सेलेनियम से भरपूर होता है। लहसुन गठिया और जोड़ों के दर्द से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद होता है। सल्फर जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत पहुंचाने में मदद करता है और एक रिसर्च के मुताबिक सेलेनियम में एन्टिरहियूमैटिक प्रभाव होता है। इसके साथ ही गठिया के रोगियों के रक्त में सेलेनियम का स्तर गिर जाता है।

लहसुन का इस्तेमाल दो तरीकों से करें -

पहला तरीका -

  1. अपने आहार में कच्चा या पका हुआ लहसुन ज़रूर मिलाएं।
  2. इसके साथ ही आप रोज़ाना लहसुन की दो या तीन फाकें भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  3. अगर आपको लहसुन की गंध नहीं पसंद है तो आप इसकी जगह लहसुन का सप्लीमेंट भी इस्तेमाल कर सकते हैं (लेबल पर निर्देशों का पालन करें)।

दूसरा तरीका -

  1. इसके अलावा आप सरसों के तेल या तिल के तेल में दो लहसुन की फांकों को फ्राई कर सकते हैं।
  2. जब लहसुन आपका काला हो जाये तो उसे गैस पर से उतार लें और तेल को छान लें। (और पढ़ें – पेट में गैस के घरेलू उपचार)
  3. तेल को गुनगुना होने के लिए रख दें और फिर इस तेल से प्रभावित क्षेत्रों पर मसाज करें।
  4. मसाज करने के बाद उसे तीन घंटे के लिए ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें। फिर धो दें।
  5. इस मिश्रण का इस्तेमाल पूरे दिन में दो बार या तब तक करें जब तक आपको आराम नहीं मिल जाता।

(और पढ़ें - लहसुन के फायदे और नुकसान

अदरक जोड़ों के दर्द और मांसपेशियों के लिए एक बेहद प्राकृतिक उपाय है। इसमें मौजूद सुजनरोधी गुण जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करते हैं। एक रिसर्च के मुताबिक जिन रोगियों को घुटनों में दर्द होता है उनके लिए ये उपाय बेहद फायदेमंद होता है।

अदरक का इस्तेमाल दो तरीकों से कैसे करें -

पहला तरीका -

  1. अदरक की चाय ज़रूर पियें। इसके अलावा ताज़ा अदरक की जड़ें और अदरक का पाउडर अपने आहार में मिलाकर खा सकते हैं।
  2. अदरक की चाय बनाने के लिए, अदरक को छोटे छोटे टुकड़ों में काट लें।
  3. अब उन्हें पानी में दस मिनट के लिए गर्म करने के लिए रख दें।
  4. दस मिनट के बाद उसे छान लें।
  5. स्वाद बदलने के लिए आप उसमे शहद भी मिला सकते हैं।

दूसरा तरीका -

  1. इसके अलावा अदरक, हल्दी और मेथी के पाउडर को मिला सकते हैं।
  2. अच्छा परिणाम पाने के लिए इस मिश्रण का इस्तेमाल रोज़ सुबह और शाम ज़रूर करें।

(और पढ़ें - अदरक के फायदे और नुकसान

एक अध्ययन के मुताबिक बिछू बूटी थेरपी जोड़ों के दर्द को दूर करने में मदद करती है। हालांकि इस समस्या को कम करने का सटीक कारण अभी पता नहीं चल पाया नहीं है, यह माना जाता है कि इस जड़ी बूटी में सक्रिय यौगिक शामिल हैं जो सूजन को कम करते हैं। इसके अलावा यह बोरोन से समृद्ध होता है, जो स्वस्थ हड्डियों और जोड़ों के लिए आवश्यक है।

बिच्छू बूटी को इस्तेमाल करने के दो तरीके -

पहला तरीका -

  1. 10 से 15 मिनट के लिए गर्म पानी के कप में बिछू बूटी के पत्तों को डाल दें।
  2. इसके बाद मिश्रण को छान लें और चाय को पी लें। इस मिश्रण का इस्तेमाल पूरे दिन में तीन बार ज़रूर करें।

दूसरा तरीका -

  1. इसके अलावा आप बिच्छू के पत्तों को तीस सेकेंड के लिए प्रभावित क्षेत्रों पर लगा लें।
  2. इसका इस्तेमाल पूरे दिन में एक बार हफ्तेभर तक ज़रूर करें।
  3. इसके उपयोग से आपको असहजता महसूस होगी लेकिन जोड़ों के दर्द से आराम भी बहुत जल्द मिलेगा।

(और पढ़ें - बिच्छू बूटी के फायदे और नुकसान)

नोट - इस बूटी के इस्तेमाल से आपका रक्त पतला, ब्लड प्रेशर और शुगर (मधुमेह) की परेशानी हो सकती है।

जोड़ों में दर्द के घरेलू उपाय से जुड़े सवाल और जवाब

सवाल 4 साल से अधिक पहले

क्या जोड़ों के दर्द को ठीक करने के लिए सरसों के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं?

Dr. Manju Shekhawat MBBS , सामान्य चिकित्सा

जी हां, जोड़ों के दर्द की समस्या के लिए आप सरसों के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। सरसो के तेल में अजवाइन को हल्का गर्म करें फिर इससे दर्द वाले हिस्से पर मालिश करें। सरसो के तेल से मालिश करने से मांसपेशियों में अकड़न कम होती है और यह दर्द से निजात दिलाने में मदद करता है। आप नहाने से पहले धूप में बैठकर इस तेल से मालिश किया करें आपको अधिक लाभ होगा।

सवाल 4 साल से अधिक पहले

मेरे पति बहुत ज्यादा ओवर टाइम करते हैं और बहुत देर से घर आते हैं। उनको जोड़ों में बहुत दर्द होता है, कभी-कभी इसमें सूजन भी आ जाती है, मैं क्या करूं? क्या कपूर के तेल की मालिश से उनका दर्द ठीक हो सकता है?

Dr. R.K Singh MBBS , मधुमेह चिकित्सक

कपूर का इस्तेमाल दर्द और सूजन को कम करने के लिए किया जाता है। मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द एवं सूजन के इलाज के लिए कपूर का इस्तेमाल लंबे समय तक किया जा सकता है। इस तेल से ब्लड सर्कुलेशन में भी सुधार आता है। अगर आपको किसी भी अंग में दर्द हो रहा है और आप इस तेल से मालिश करते हैं तो आपकी स्थिति में काफी सुधार होगा। जिन लोगों को जोड़ों में दर्द की समस्या है उन्हें इस तेल का इस्तेमाल रोज करना चाहिए।

कपूर का तेल बनाने के लिए सबसे पहले कपूर को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ लें। इसके बाद एक पैन में नारियल तेल डालकर उसे पिघला लें। जब तेल पिघल जाए तो इसमें कपूर डालकर प्लेट से ढ़क दें और इसे रात भर के लिए छोड़ दें। अब सुबह इसे बोतल में भर लें। अब कपूर के तेल की कुछ बूंदे हथेलियों पर लेकर रब करें, ताकि हाथों में गर्माहट पैदा हो जाए। इसके बाद इससे प्रभवोत हिस्से की सर्कुलेशन मोशन (हाथों को गोल-गोल घुमाते हुए) में मसाज करें। इससे मसाज करने पर जोड़ों को न सिर्फ गर्माहट मिलेगी बल्कि इससे रक्त संचार (ब्लड सर्कुलेशन) भी बढ़ेगा और दर्द से आराम मिलेगा। इसके अलावा इसमें मौजूद गठिया रोधी गुण भी दर्द को दूर करने में मदद करते हैं।

सवाल 4 साल से अधिक पहले

जोड़ों के दर्द के लिए कौन-से तेल से मालिश करनी चाहिए?

Dr. Manju Shekhawat MBBS , सामान्य चिकित्सा

घरेलू नुस्खों में दर्द को कम करने के लिए अरंडी का तेल सबसे बेहतर है और यह आसानी से उपलब्ध भी है। अरंडी के तेल को तेज दर्द और सूजन से राहत दिलाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अरंडी के तेल में एंटी- इंफ्लामेट्री गुण होते है जो जोड़ों में दर्द, नसों में सूजन से राहत दिलाने में बहुत फायदेमंद है। अरंडी के तेल से जोड़ों की मालिश करने से दर्द से राहत मिलती है। आप एक सप्ताह में इसका एक या दो बार इस्तेमाल किया करें।

सवाल 4 साल से अधिक पहले

क्या तिल का इस्तेमाल जोड़ों के दर्द के लिए कर सकते हैं?

Dr. Ramraj MBBS , अन्य

तिल के बीज जिंक से भरपूर होते हैं और इसमें मौजूद अन्य मिनरल्स बोन मिनरल डेनसिटी (हड्डियों में मिनरल की मात्रा) पर सकारात्मक असर डालते हैं। तिल में मौजूद कॉपर को सूजन-रोधी गुणों के लिए जाना जाता है। इसमें रूमेटाइड आर्थराइटिस में होने वाले जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में असरकारी पाया गया है, यह हड्डियों और रक्त वाहिकाओं को भी स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसलिए आप जोड़ों में दर्द के लिए तिल के बीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

ऐप पर पढ़ें