अपच, जिसे चिकित्सा शब्द में डिस्पेपसिया (dyspepsia) भी कहा जाता है, पेट में पाचन जूस के स्राव की समस्या के कारण होता है। आम तौर पर अपच मसालेदार, वसा युक्त या ज़्यादा खा लेने से भी होता है। गैस्ट्रोइफोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी; GERD), आंत सिंड्रोम, तनाव या चिंता, मोटापा, अल्सर, पेट संक्रमण, थायरॉयड रोग, धूम्रपान और कुछ दवाओं के कारण यह और भी बदतर हो सकता है।

(और पढ़ें - महिलाओं में थायराइड लक्षण)

अपच के कुछ लक्षण जैसे सूजन, गैस, पेट दर्द, ऊपरी पेट में जलन, अम्लीय स्वाद और उल्टी आदि शामिल हैं। आप अपने किचन में उपलब्ध सामग्रियों से भी अपच के लक्षणों से राहत प्राप्त कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, जैसे ही आपको अपच की समस्या शुरू होती है तो थोड़ा पानी पी लें इससे आपको गैस्ट्रिक pH को बढ़ाने में मदद मिलेगी। (और पढ़ें - पेट फूलने की समस्या से अगर छुटकारा चाहते हैं तो जरूर करें ये उपाय)

ऐसे कई और अन्य उपाय हैं जिनका इस्तेमाल आप अपच की समस्या के लिए कर सकते हैं। इसके अलावा गंभीर समस्या होने पर एक बार अपने डॉक्टर से भी जानकारी लें।

  1. अपच का घरेलू उपाय है सेब का सिरका - Apach ka gharelu upay hai apple vinegar in Hindi
  2. अपच का उपाय हैं सौफ के बीज - Apach ka upa hai fennel in Hindi
  3. अपच ठीक करने के उपाय करे अदरक से - Apach thik karne ka upay hai ginger in Hindi
  4. बदहजमी का उपाय है बेकिंग सोडा - Badhazmi ka upay hai baking soda in Hindi
  5. बदहजमी के लिए नुस्खा है अजवाइन इस्तेमाल - Badhazmi ka gharelu nuskha hai carom in Hindi
  6. अपच दूर करने के उपाय में करे हर्बल चाय का उपयोग - Apach dur karne ka tarika hai herbal tea in Hindi
  7. बदहजमी दूर करने का उपाय है जीरा - Badhazmi se chutkarat dilata hai cumin in Hindi
  8. बदहजमी दूर करे धनिया से - Badhazmi dur karne ka upay hai coriander in Hindi
  9. बदहजमी के घरेलू नुस्खे में करे तुलसी का प्रयोग - Badhazmi ke gharelu nuskhe me kare tulsi ka upyog in Hindi
  10. खट्टी डकार का उपाय है दालचीनी - Khatti dakar ka gharelu upay hai cinnamon in Hindi
  11. खट्टी डकार दूर करने के लिए टिप्स - Khatti dakar ke liye tips in Hindi

पाचन क्रिया को ठीक करने के लिए सेब के सिरके का अक्सर इस्तेमाल किया जाता है। इसमें मौजूद अल्कलाइज़िंग प्रभाव आपके अपच को दूर करने में मदद करता है। (और पढ़ें - पेट के गैस से राहत पाने के लिए कुछ जूस रेसिपी)

सेब का सिरका का इस्तेमाल कैसे करें -

  1. एक कप पानी में एक चम्मच कच्चा और बिना फ़िल्टर किया हुआ सेब का सिरका मिला दें।
  2. अब उसमे एक चम्मच कच्चा शहद मिलाएं।
  3. अब इस मिश्रण को अच्छे से मिलाने के बाद पूरे दिन में दो या तीन बार ज़रूर पियें। इससे आपको जल्द राहत मिलेगी।

(और पढ़ें - सेब के सिरके के नुकसान)    

Digestive Tablets
₹314  ₹349  9% छूट
खरीदें

मसालेदार या फैटी भोजन के कारण होने वाली अपच की समस्या के लिए सौंफ़ का बीज वास्तव में बहुत सहायक होता है। सौफ के बीज में वाष्पशील तेल होता है जो आपके मतली और पेट फूलने की समस्या को दूर करता है।

सौफ के बीज को इस्तेमाल करने के चार तरीके -

पहला तरीका

  1. सबसे पहले सौफ के बीज को भून लें फिर उसे पीसकर छान लें।
  2. अब इस पाउडर को आधा चम्मच पानी में मिला लें।
  3. फिर इस उपाय को पूरे दिन में दो बार ज़रूर इस्तेमाल करें।

दूसरा तरीका

  1. इसके अलावा आप सौफ की चाय भी पी सकते।
  2. दो चम्मच पिसे हुए सौफ के बीज एक कप गर्म पानी में मिला दें।

तीसरा तरीका

  1. अपच के लक्षणों को दूर करने के लिए एक भरी चम्मच सौफ के बीज को चबाएं। 

(और पढ़ें - सौंफ के फायदे)

अदरक पाचन जूस और एंजाइमों के प्रवाह को उत्तेजित करता है। अदरक आपके भोजन को पचाने में भी मदद करता है। अपच के लिए अदरक को प्रभावी उपाय माना जाता है। खासकर तब जब आप ज़्यादा खाना खा लेते हैं। ज़्यादा खाना खाने के बाद आप ताज़ा अदरक में कुछ नमक का छिड़काव करके उसे चबा सकते हैं। 

अदरक को इस्तेमाल करने के चार तरीके - 

पहला तरीका

  1. दो चम्मच अदरक का जूस, एक चम्मच नींबू का जूस और एक चुटकी नमक और कला नमक को मिला लें।
  2. अब इस मिश्रण को आप पानी के साथ या बिना पानी के पी सकते हैं।

दूसरा तरीका

  1. एक कप गर्म पानी में दो चम्मच अदरक का जूस और एक चम्मच शहद मिलाकर पी लें।

तीसरा तरीका

  1. आप घर पर बनी अदरक की चाय भी पी सकते हैं जिसकी मदद से आपको सूजन, ऐठन, गैस और पेट में दर्द जैसी समस्याएं नहीं होंगी।
  2. अदरक की चाय बनाने के लिए एक कप पानी में एक चम्मच पिसा हुआ अदरक डालें और उसे 5 से 10 मिनट तक उबलने के लिए रख दें।
  3. उबलने के बाद इस मिश्रण को पी लें। 

चौथा तरीका

  1. खाने में अदरक का इस्तेमाल आपका खाना स्वादिष्ट तो बनाएगा ही साथ ही पेट से जुडी समस्या भी कम होंगी। 

(और पढ़ें - अदरक के फायदे)

अपच पेट के एसिड की मात्रा ज़्यादा होने से भी होती है। बेकिंग सोडा इस समस्या के लिए सबसे सरल और प्रभावी उपाय है क्योंकि यह एक एंटासिड की तरह काम करता है। (और पढ़ें - पेट फूलने पर घरेलू उपचार)

बेकिंग सोडा का इस्तेमाल कैसे करें - 

  1. एक आधा ग्लास पानी में एक या आधा चम्मच बेकिंग सोडा मिलाएं।
  2. अब इस मिश्रण को पी लें।
  3. इसकी मदद से आपके पेट की सूजन और एसिड दूर करने में मदद मिलेगी। 

(और पढ़ें - बेकिंग सोडा के फायदे)

Probiotics Capsules
₹599  ₹770  22% छूट
खरीदें

कैरम बीज जिसे बिशप की घास या अजवाइन के रूप में भी जाना जाता है। अजवाइन में पचाने और कृत्रिम गुण मौजूद होते हैं जो आपके अपच और दस्त जैसी समस्याओं का इलाज करते हैं।

अजवाइन को इस्तेमाल करने के तीन तरीके -

पहला तरीका

  1. कुछ अजवाइन के बीजों और सूखी अदरक को एक साथ मिलाकर एक पाउडर तैयार कर लें।
  2. अब इस मिश्रण की एक चम्मच को काली मिर्च के साथ एक कप गर्म पानी में डालें और इस मिश्रण को पी जाएँ।
  3. इस मिश्रण का इस्तेमाल पूरे दिन में एक या दो बार ज़रूर करें।

दूसरा तरीका

  1. एक या आधा चम्मच अजवाइन के बीज को चबाएं।
  2. इससे आपको अपच की समस्या से राहत मिलेगी। 

(और पढ़ें - अजवाइन के फायदे)

ज़्यादा खाना खाने के बाद आप हर्बल चाय को ज़रूर पियें। इससे आपके अपच की समस्या दूर होगी।

हर्बल चाय का इस्तेमाल कैसे करें -

  1. एक कप गर्म पानी में हर्बल चाय के बैग को डुबो दें।
  2. अब इस मिश्रण को गर्म गर्म पी लें। (और पढ़ें - हर्बल चाय के फायदे)

पुदीने की चाय और कैमोमाइल चाय विशेष रूप से पेट को आराम देने के लिए और पेट से जुडी समस्यायों के लिए बहुत लाभदायक होती है।

जीरे को पाचन समस्याओं से संबंधित जैसे मतली, डायरिया, पेट फूलना, अपच आदि आयुर्वेदिक उपाय के रूप में उपयोग किया जाता रहा है। पाचन को राहत पहुंचाने के लिए ये पैंक्रियाटिक एंजाइमों के स्राव को उत्तेजित करता है।

जीरे को इस्तेमाल करने के दो तरीके - 

पहला तरीका

  1. एक चम्मच जीरे को भूनकर उसका पाउडर तैयार कर लें।
  2. अब एक चम्मच पाउडर को एक ग्लास पानी में डाल दें और उसे पी लें।

दूसरा तरीका

  1. पेट में भारीपन को ठीक करने के लिए, भुना हुआ जीरे का पाउडर और काली मिर्च की एक चम्मच को एक ग्लास मट्ठे में डालकर पी जाएँ।
  2. इस मिश्रण को कुछ दिनों के लिए पूरे दिन में दो या तीन बार ज़रूर पियें। 

(और पढ़ें - जीरे के फायदे और नुकसान)

धनिया एक बहुत प्रभावी मसाला है जो अपच का इलाज करता है क्योंकि यह पाचन एंजाइमों के उत्पादन को बढ़ावा देता है और पेट को आराम देने में भी मदद करता है।

धनिये का इस्तेमाल करने के दो तरीके -

पहला तरीका

  1. एक चम्मच भुने हुए धनिये के बीज को एक ग्लास मट्ठे में डालकर पी जाएँ।
  2. इस मिश्रण का इस्तेमाल पूरे दिन में एक या दो बार ज़रूर करें।

दूसरा तरीका

  1. पेट में जलन को कम करने के लिए ताज़ा धनिये के पत्ते का जूस निकाल लें।
  2. अब इस जूस का एक चम्मच एक ग्लास मट्ठे में डालकर पी जाएँ।
  3. इस मिश्रण का इस्तेमाल पूरे दिन में दो या तीन बार ज़रूर करें। 

(और पढ़ें - धनिये के फायदे और नुकसान)

तुलसी अपच और एसिडिटी के लिए एक उत्कृष्ट आयुर्वेदिक उपाय है। यह आँतों में बनने वाली गैस को राहत देने में भी मदद करती है। (और पढ़ें - पेट में गैस दूर करने के घरेलू उपाय)

तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल करने के दो तरीके -

पहला तरीका

  1. एक चम्मच तुलसी को एक कप गर्म पानी में मिलाएं और 10 मिनट के लिए उबलने को रख दें।
  2. इस चाय को पूरे दिन में तीन कप ज़रूर पियें।

दूसरा तरीका

  1. सबसे पहले 5 या 6 तुलसी की पत्तिया, एक चौथाई समुंद्री नमक और थोड़ा काली मिर्च पाउडर को दो या तीन चम्मच दही में मिला दें।
  2. अब इस मिश्रण को पूरे दिन में दो या तीन बार ज़रूर पियें। 

(और पढ़ें - तुलसी के फायदे और नुकसान)

ये मसाला आपके अपच की समस्या में बहुत मददगार साबित होगा। दालचीनी पाचन प्रक्रिया में मदद करती है और सूजन से भी राहत दिलाती है।

दालचीनी का इस्तेमाल कैसे करें –

पहला तरीका 

  1. दालचीनी चाय बनाने के लिए एक या आधा चम्मच दालचीनी पाउडर को एक कप गर्म पानी में मिलाएं।
  2. अब इसे कुछ मिनट के लिए उबलने को रख दें।
  3. इस मिश्रण को गर्म गर्म पी जाएँ। 

(और पढ़ें - दालचीनी के फायदे और नुकसान)

ये घरेलू उपाय अपच के लक्षणों को कम करने में मदद करेंगे। हालाँकि अगर आपको पेट में अधिक दर्द और अत्यधिक उल्टी होती है तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।

अपच की समस्या से जुड़े कुछ ज़रूरी सुझाव इस प्रकार हैं -

  1. छोटे छोटे टुकड़ों में और अधिक बार भोजन खाएं।
  2. धीरे - धीरे खाएं।
  3. बेहद मसालेदार और फैटी खाद्य पदार्थों से बचें।
  4. भोजन के तुरंत बाद न लेटें।
  5. शराब के सेवन को कम करें।
  6. धूम्रपान बंद करें।
  7. तनाव से बचें
  8. नियमित रूप से व्यायाम करें और स्वस्थ वजन बनाए रखें। (और पढ़ें - एक्सरसाइज के फायदे)
  9. पेट को परेशान करने वाली दवाएं बदलने के बारे में अपने चिकित्सक से बात करें।

संदर्भ

  1. Babaeian, Mahmoud. et al. Herbal Remedies for Functional Dyspepsia and Traditional Iranian Medicine Perspective. Iran Red Crescent Med J. 2015 Nov; 17(11): e20741. PMID: 26734483
  2. Bodagh, Mehrnaz Nikkhah. et al. Ginger in gastrointestinal disorders: A systematic review of clinical trials. Food Sci Nutr. 2019 Jan; 7(1): 96–108. PMID: 30680163
  3. Thavorn, Kednapa. et al. Efficacy of turmeric in the treatment of digestive disorders: a systematic review and meta-analysis protocol. Syst Rev. 2014; 3: 71. PMID: 24973984
  4. Quandt, Sara A. et al. Home Remedy Use Among African American and White Older Adults. J Natl Med Assoc. 2015 Jun; 107(2): 121–129. PMID: 26543255
  5. Harvard Health Publishing: Harvard Medical School [Internet]. Harvard University, Cambridge. Massachusetts. USA; Apple cider vinegar… for heartburn?.
  6. Mahboubi, Mohaddese. Foeniculum vulgare as Valuable Plant in Management of Women's Health. J Menopausal Med. 2019 Apr; 25(1): 1–14. PMID: 31080784
  7. Biswas N.N., Sahab S., Ali M.K. Antioxidant, antimicrobial, cytotoxic and analgesic activities of ethanolic extract of Mentha arvensis L.. Asian Pacific Journal of Tropical Biomedicine, October 2014; 4(10): 792-797.
  8. Choudhury R.P., Kumar A., Garg A.N. Analysis of Indian mint (Mentha spicata) for essential, trace and toxic elements and its antioxidant behaviour. Journal of Pharmaceutical and Biomedical Analysis, 7 June 2006; 41(3): 825-832.
  9. Saha D., Paul S., Hosen S.M.Z., Emran T.B. and Rahim Z.B. Role of Ayurvedic formulation in digestion. International Research Journal of Pharmacy and Pharmacology, August 2012; 2(8): 187-192.
  10. Cohen M.M. Tulsi - Ocimum sanctum: A herb for all reasons . Journal of Ayurveda and Integrative Medicine, October-December 2014; 5(4): 251–259. PMID: 25624701
  11. Pandey G. and Madhuri S. Pharmacological activities of Ocimum Sanctum (Tulsi): A review. International Journal of Pharmaceutical Sciences Review and Research, November–December 2010; 5(1): 61-66
ऐप पर पढ़ें