हृदय हमारे शरीर के सबसे अहम अंगों में से एक होता है. इसका स्वस्थ रहना जरूरी होता है. वहीं, कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हृदय को प्रभावित कर सकती है, जिसमें कोलेस्ट्रॉल भी शामिल है. कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर हृदय पर बुरा असर पड़ सकता है. यह हार्ट अटैक या स्ट्रोक का कारण बन सकता है. इसलिए, यह कहना बिल्कुल गलत नहीं है कि कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने पर हृदय रोगों का जोखिम भी बढ़ सकता है.

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आज इस लेख में आप कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोग के बीच के संबंध के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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  1. कोलेस्ट्रॉल क्या है?
  2. कोलेस्ट्रॉल से हृदय स्वास्थ्य कैसे प्रभावित होता है?
  3. कोलेस्ट्रॉल से होने वाले हृदय रोग
  4. कोलेस्ट्रॉल रोगियों के लिए हृदय रोग से बचने के लिए टिप्स
  5. सारांश
कोलेस्ट्रॉल व हृदय रोग के बीच क्या संबंध है? के डॉक्टर

कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार का पदार्थ है, जिसकी मदद से शरीर जरूरी सेल मेंब्रेन और हार्मोन बनाता है. कोलेस्ट्रॉल का निर्माण मुख्य रूप से लिवर में होता है. वहीं, कुछ खाद्य पदार्थों से भी कोलेस्ट्रॉल मिलता है. मांस व डेयरी प्रोडक्ट्स आदि से भी कोलेस्ट्रॉल प्राप्त हो सकता है.

कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार का होते हैं, एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल और एचडीएल यानी अच्छा कोलेस्ट्रॉल. एलडीएल कोलेस्ट्रॉल धमनियों का निर्माण या उन्हें ब्लॉक कर सकता है. इसके अलावा, गुड कोलेस्ट्रॉल रक्तप्रवाह से अन्य प्रकार के कोलेस्ट्रॉल को हटाने में मदद कर सकता है.

स्वस्थ रहने के लिए कोलेस्ट्रॉल का स्तर हमेशा 200 मिलीग्राम/डेसीलीटर से कम होना चाहिए. अगर इससे ज्यादा कोलेस्ट्रॉल का स्तर होता है, तो यह समस्या को बढ़ा सकता है.

(और पढ़ें - हृदय रोग के लिए आयुर्वेदिक दवा)

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जब शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल का स्तर अधिक हो जाता है, तो इस स्थिति में समस्याएं पैदा होना शुरू हो जाती हैं. एलडीएल का स्तर अधिक होने पर धमनियों में प्लाक नामक पदार्थ जमा होना शुरू हो जाता है, जो हृदय रोगों का कारण बन सकता है. 

जब यह प्लाक धमनियों में अच्छी तरह जम जाता है, तो इससे रक्त का प्रवाह रुक जाता है. ऐसे में यह प्लाक टूटकर धमनियों में थक्के बना देता है, जिससे हार्ट अटैक आ सकता है.

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अगर किसी व्यक्ति का कोलेस्ट्रॉल लेवल काफी बढ़ जाता है, तो उसे निम्न तरह के हृदय रोग होने की आशंका रहती है -

(और पढ़ें - हृदय रोग से बचने के उपाय)

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अगर किसी का कोलेस्ट्रॉल बढ़ गया है, तो उसे चिंता करने की जरूरत नहीं है. इस स्थिति में बस कुछ टिप्स को फॉलो करना जरूरी होता है. इससे कोलेस्ट्रॉल के बाद भी हृदय रोगों से बचा जा सकता है -

  • वजन को कंट्रोल में रखें.
  • सक्रिय जीवनशैली अपनाएं और योग व व्यायाम करें.
  • बैलेंस डाइट लें, जिसमें सब्जियोंफलों और साबुत अनाज को शामिल करें.
  • नट्स, सीड्स और फलियों का सेवन भी जरूर करें.
  • हेल्दी फैट चुनें. ट्रांस व सैचुरेटेड फैट से परहेज करें.
  • धूम्रपान व शराब से पूरी तरह से दूरी बनाएं.

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कोलेस्ट्रॉल हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ा सकता है. इससे हार्ट अटैक व स्ट्रोक जैसी समस्या हो सकती हैं. इसलिए, कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखना जरूरी है. इसके लिए अपनी डाइट में सभी पौष्टिक तत्वों को शामिल करें और नियमित रूप से व्यायाम व योग भी करें. ऐसा करने से हृदय रोग के जोखिम को काफी हद तक कम भी किया जा सकता है.

(और पढ़ें - कोलेस्ट्रॉल कम करने के घरेलू उपाय)

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