शरीर का तापमान सामान्य से अधिक होना बुखार कहलाता है। हालांकि आम तौर पर 98.6 डिग्री फ़ारेनहाइट या 37 डिग्री सेल्सियस सामान्य शारीरिक तापमान माना जाता है, लेकिन यह आंकड़े सार्वभौमिक रूप से (universally) लागू नहीं होते हैं। सामान्य शरीर का तापमान वयस्कों की तुलना में बच्चों के लिए अलग है और यह भिन्न-भिन्न व्यक्तियों के लिए भी भिन्न हो सकता है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) के अनुसार, जब बच्चों का शारीरिक तापमान 99.5 डिग्री फ़ारेनहाइट या 37.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक होता है तब वे बुखार से पीड़ित होते हैं। और जब वयस्कों का शारीरिक तापमान 99 से 99.5 डिग्री फ़ारेनहाइट या 37.2 से 37.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक होता है तब वे बुखार से पीड़ित होते हैं।

बुखार मूलतः बीमारी होने का लक्षण है। जब आपका शरीर किसी भी प्रकार के संक्रमण से लड़ रहा होता है तब बुखार आता है, जैसे फ्लू। (और पढ़ें - फ्लू के लक्षण, कारण, उपचार और दवा)

बुखार के अतिरिक्त कारण बच्चों में, कान का संक्रमण, मूत्र पथ संक्रमण, सूजन रोग, गैस्ट्रोएन्टेराइटिस (Gastroenteritis), ऑटोइम्यून विकार (Autoimmune disorders), कैंसर और खून के थक्कों आदि के प्रति रोग-प्रतिरक्षण क्षमता के विकास के परिणामस्वरूप उत्पन्न होते हैं। बदलता मौसम और अस्वच्छ जीवन शैली भी बुखार होने का एक कारण है।

बुखार के सामान्य लक्षणों में पसीना आना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, निर्जलीकरण, कमजोरी, कांपना और भूख की कमी आदि प्रमुख हैं। (और पढ़ें - निर्जलीकरण के लक्षण)

बुखार आना एक अच्छी बात है क्योंकि इस दौरान आपके शरीर में अन्य बीमारियों के प्रति इम्युनिटी विकसित होती है। लेकिन अगर आप बुखार से परेशान हो रहे हैं, तो शरीर ठंडा करने और बेहतर महसूस करने के लिए कुछ सरल और आसान घरेलू उपचार अपना सकते हैं।

यदि आपका बुखार 104 डिग्री फ़ारेनहाइट या 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है, तो यह खतरनाक हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। (और पढ़ें - बुखार में क्या खाना चाहिए)

बुखार को कम करने के कुछ आसान और घरेलू उपाय यानि Home Remedies for Fever in Hindi इस प्रकार हैं :

  1. बुखार के घरेलू उपाय हैं ठंडे पानी की पट्टियां - Bukhar kam karne ka upay hai cold water strips
  2. बुखार कम करने के घरेलु उपाय में करें तुलसी की पत्तियों का सेवन - Bukhar ka gharelu upay hai tulsi leaves
  3. बुखार कम करने के तरीके में अपनाएं सेब का सिरका - Bukhar kam karne ka tarika hai apple vinegar
  4. बुखार की देशी दवा है लहसुन - Bukhar ka gharelu nuskha hai garlic
  5. बुखार दूर करने के घरेलू नुस्खे में करें उपयोग किशमिश का - Bukhar ka gharelu upay hai raisins
  6. बुखार दूर करने का तरीका है अदरक - Bukhar se bachne ke upay ke liye kare ginger ka upayog
  7. बुखार से बचने का उपाय है पुदीने की पत्तिया - Bukhar dur karne ka tarika hai mint leaves
  8. बुखार दूर करने के घरेलू उपाय है अंडे का सफ़ेद भाग - Bukhar se chutkara paye egg white se
  9. बुखार से बचने का तरीका है हल्दी वाला दूध - Bukhar door karne ka upay hai haldi milk
  10. बुखार के लिए घरेलू उपचार है चन्दन - Bukhar kam kare chandan se

एक साफ़ कपड़े को नल के ठंडे पानी से भिगो कर निचोड़ लें और फिर बगल (armpits), पैरों, हाथों और जीभ का तापमान कम करने के लिए इससे स्पंज करें।

  1. इसके अलावा, आप ठंडे पानी से भीगे कपड़े की पट्टियां अपने माथे और गर्दन पर भी रख सकते हैं। कपड़े के टुकड़े को कुछ मिनट बाद नियमित रूप से बदलते रहना चाहिए। यह उपाय अधिक तेज़ बुखार को नियंत्रित करने में फायदेमंद होता है।
  2. आप शरीर को आराम देने के लिए गुनगुने पानी से स्नान भी कर सकते हैं। और जितना संभव हो उतना आराम करें क्योंकि यह शरीर की बीमारी से लड़ने में मदद करता है।

नोट: बहुत ठंडे पानी का उपयोग न करें क्योंकि इससे शरीर का आंतरिक तापमान बढ़ सकता है।

तुलसी बुखार को कम करने के लिए एक प्रभावी जड़ी बूटी है। यह बाजार में उपलब्ध कई तरह की एंटीबायोटिक दवाओं की तरह ही काम करती है। इसके गुण बुखार को तेज़ी से से कम करने में असरदार हैं।

  1. एक कप पानी में 20 तुलसी की पत्तियों और एक चम्मच घिसी हुई अदरक को उबाल लें। इसे तब तक उबालें जब तक यह घोल आधा न हो जाये। अब इसमें थोड़ा शहद मिलाकर तीन दिनों के लिए नियमित रूप से दिन में दो या तीन बार पियें।
  2. एक कप उबलते पानी में एक चौथाई चम्मच काली मिर्च और एक चम्मच तुलसी डालें। पांच मिनट बाद इसे छान कर पियें। जब तक आप पूरी तरह से ठीक न हो जायें तब तक दिन में दो से तीन बार इस मिश्रण को पियें।

(और पढ़ें - तुलसी के फायदे)

सेब का सिरका बुखार के लिए सस्ता और अत्यधिक प्रभावी उपाय है। यह बुखार को तेज़ी से कम करने में मदद करता है क्योंकि इसमें मौजूद अम्ल त्वचा से गर्मी निकालने का काम करते हैं। इसके अलावा, यह खनिज से भरपूर होता है और बुखार के कारण शरीर में होने वाली खनिज की कमी को पूरा भी करता है।

  1. आधा कप सिरका गुनगुने पानी में मिलायें। अब इस पानी में लगभग पांच से 10 मिनट तक नहायें। लगभग 20 मिनट बाद आप बेहतर महसूस करेंगे। शरीर का तापमान बढ़ने पर इस प्रक्रिया को दोबारा दोहरा सकते हैं।
  2. 1:2 के अनुपात में सेब के सिरके को ठंडे पानी में क्रमशः मिलायें। अब एक साफ़ कपड़े के टुकड़े को इसमें भिगोकर निचोड़ लें। अब कपड़े को माथे और पेट पर रखें। आप अपने पैरों के तलवों पर भी इसे लपेट कर रख सकते हैं। जब यह कपड़ा शारीरिक तापमान के कारण गर्म हो जाये तो इसे बदल दीजिये। बुखार कम हो जाने तक आवश्यकतानुसार इस प्रक्रिया को दोहराएं।
  3. एक गिलास पानी में दो चम्मच सेब का सिरका और एक बड़ा चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो या तीन बार पियें।

लहसुन की गर्म तासीर तेज़ बुखार को कम करती है। परिणामस्वरुप पसीना आता है जिससे शरीर से हानिकारक विषाक्त पदार्थ निकल जाते हैं। इसके अलावा, लहसुन में एंटिफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो शरीर की रोगों से लड़ने में मदद करता है। (और पढ़ें - लहसुन के फायदे)

  1. एक कप गर्म पानी में लहसुन की एक फांक (Garlic clove) को छोटा छोटा काटकर मिलायें। 10 मिनट के लिए गर्म करें और फिर छान कर पी लें। इसे दिन में दो बार पियें। आप निश्चित तौर पर अगले दिन बेहतर महसूस करेंगे।
  2. लहसुन की दो फांकों को पीस कर दो बड़े चम्मच जैतून के तेल के साथ गर्म करें। इस मिश्रण को दोनों पैरों के तलवों पर लगायें। पैरों पर महीन रेशमी कपड़ा लपेट लें और इसे रातभर लगा रहने दें। इस नुस्खे से कभी कभी बुखार एक रात में ही ठीक हो जाता है।

नोट: गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के बुखार के लिए लहसुन के उपचार नहीं करना चाहिए।

किशमिश, संक्रमण से लड़ने और बुखार को कम करने में शरीर की मदद करता है। ये फिनोलिक फाइटोन्यूट्रिएंट्स (Phenolic phytonutrients) से मिलकर बनी होती हैं जिनमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं। इसके साथ ही किशमिश बुखार में आपके शरीर के लिए टॉनिक की तरह कार्य करती है।

  1. एक घंटे के लिए या तब तक जब तक किशमिश नरम न हो जायें आधा कप पानी में 25 किशमिश भिगो दें।
  2. अब किशमिश को पानी में पीस दें और पानी को छान लें।
  3. अब इसमें आधा नीबू का रस मिलायें।
  4. जब तक आपका बुखार नहीं चला जाता, इस प्रक्रिया को दिन में दो बार दोहरायें।

अदरक शरीर से अतिरिक्त गर्मी निकालने में मदद करता है जो बुखार कम करने में सहायक होता है। इसके अलावा, अदरक एक प्राकृतिक एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल एजेंट है और प्रतिरक्षा प्रणाली में किसी भी प्रकार का संक्रमण होने से रोकता है। (और पढ़ें - अदरक के फायदे)

  1. गर्म पानी से भरे बाथ टब में एक बड़ा चम्मच अदरक पाउडर डालें और अच्छे से मिलाएं। इस पानी में 10 मिनट के लिए नहायें। शरीर को सुखाकर बिस्तर पर चले जायें और अपने आप को एक कंबल से पूरी तरह से कवर करें। जल्द ही आपको पसीना आने लगेगा और आपका बुखार उतर जाएगा।
  2. आधा चम्मच घिसी हुई अदरक को एक कप गर्म पानी में डालकर गर्म करें। कुछ मिनट बाद इसमें थोड़ा शहद मिलाएं और दिन में तीन या चार बार इस चाय का सेवन करें। (और पढ़ें - अदरक की चाय के फायदे)
  3. वैकल्पिक रूप में, आधा चम्मच अदरक का रस, एक चम्मच नींबू का रस और एक बड़ा चम्मच शहद मिलाकर इस मिश्रण को दिन में तीन या चार बार पियें।

पुदीने की पत्तियों के गुण शरीर को आंतरिक शीतलता प्रदान करते हैं। और यह शरीर के तापमान को कम किया जाएगा। यह शरीर की अतिरिक्त गर्मी कम करने में भी मदद करता है।

  1. एक कप गर्म पानी में एक चम्मच पुदीने की पत्तियों को पीसकर मिलायें। इसे 10 मिनट के लिए खौलने दें, अब इसे छान लें और घोल में थोड़ा शहद मिलायें। बेहतर परिणाम के लिए इस चाय को रोज़ दिन में तीन या चार बार पियें।
  2. दो कप पानी में एक मुट्ठी पुदीने की पत्तियां, आधा चम्मच काली मिर्च पाउडर, आधा चम्मच पीपली (long pepper) पाउडर और एक चम्मच अदरक पाउडर मिलाकर तब तक उबालें जब तक पानी आधा न हो जाये। इस घोल को तीन भागों में छान लें और दिन में तीन बार पियें।

(और पढ़ें - पुदीने के फायदे)

Allen A33 Fever Drop
₹175  ₹195  10% छूट
खरीदें

बुखार के दौरान शरीर का तापमान कम करने के लिए आप अंडे की सफेदी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। अंडे की सफेदी ठंडे जेल की तरह काम करती है जो शरीर की गर्मी को अवशोषित करता है।

  1. दो या तीन अंडे फोड़कर उसकी जर्दी निकाल दें।
  2. अंडे की सफेदी को फेंट लें।
  3. अब इसे एक पतले कागज़ या रुमाल में लीजिये।
  4. इस रुमाल को पैरों के तलवों पर लगायें।
  5. इस कपड़े को जगह पर रखने के लिए मोजे पहनें।
  6. जब कपड़ा गर्म हो जाये तो उसे बदल दें।
  7. जब तक बुखार ठीक न हो जाये इस प्रक्रिया को दोहराते रहें।

हल्दी बुखार को कम करने के लिए एक उत्कृष्ट घरेलू उपाय है। हल्दी में करक्यूमिन (Curcumin) नामक तत्व पाया जाता है। जिसमें एंटीवाइरल, एंटिफंगल, एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। यह इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाता है और शरीर की संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। यह बुखार की समयसीमा को और इससे होने वाली समस्याओं को कम करने में मदद करता है। (और पढ़ें - हल्दी दूध बनाने की विधि, फायदे और नुकसान)

  1. एक कप गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी और एक चौथाई चम्मच काली मिर्च पाउडर मिला लें।
  2. बुखार कम करने के लिए इस मिश्रण को दिन में दो बार पियें।

चंदन की ठंडी तासीर बुखार और सूजन को कम करने में मदद करती है। वास्तव में, चंदन शरीर और मन को शांति और शीतलता प्रदान करने में मदद करता है। यह बुखार में होने वाले सरदर्द में भी राहत पहुंचाता है।

  1. आधा चम्मच चन्दन पाउडर में थोड़ा पानी मिलाकर एक पेस्ट बना लें।
  2. इस पेस्ट को माथे पर लगायें।
  3. जब तक आपको राहत न मिले इस प्रक्रिया को दिन में कई बार दोहरायें।

नोट: वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले चंदन का उपयोग करें।

अन्य उपाय -

  1. निर्जलीकरण (Dehydration) से बचने के लिए संतरे का रस और अधिक मात्रा में पानी पियें।
  2. शरीर पर बहुत ठंडे पानी या बर्फ का उपयोग न करें।
  3. एक या दो दिनों तक पूरी तरह आराम करें।
  4. हरी पत्तेदार सब्ज़ियां खायें।
  5. फ्रिज की चीज़ों का उपयोग न करें।
  6. धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें। (और पढ़ें - धूम्रपान छोड़ने के सरल तरीके)

संदर्भ

  1. Janice E. Sullivan, Henry C. Farrar. Fever and Antipyretic Use in Children. American Academy of Pediatrics; March 2011, VOLUME 127 / ISSUE 3
  2. InformedHealth.org [Internet]. Cologne, Germany: Institute for Quality and Efficiency in Health Care (IQWiG); 2006. Fever in children: How can you reduce a fever?. 2009 Jul 30 [Updated 2016 Nov 17].
  3. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Fever
  4. Dr. Bernard Jensen. Empty Harvest. Penguin, 01-Jan-1995
  5. Sánchez-Valdéz E, Delgado-Aradillas M, Torres-Martínez JA, Torres-Benítez JM. Clinical response in patients with dengue fever to oral calcium plus vitamin D administration: study of 5 cases. Proc West Pharmacol Soc. 2009;52:14-7. PMID: 22128411
  6. Rennard BO, Ertl RF, Gossman GL, Robbins RA, Rennard SI. Chicken soup inhibits neutrophil chemotaxis in vitro.. 2000 Oct;118(4):1150-7. PMID: 11035691
  7. Marc Maurice Cohen. Tulsi - Ocimum sanctum: A herb for all reasons. 2014 Oct-Dec; 5(4): 251–259. PMID: 25624701
  8. Fathia Attia Mohammed , Elsayeda Ibrahim Ahmed. A Comparison of Vinegar Compresses vs. Cold Water& Water with Vinegar for treating of Fever at Tropical Hospitals. International Journal of Nursing Science 2012, 2(4): 38-46; DOI: 10.5923/j.nursing.20120204.03
  9. Fathia Attia Mohammed , Elsayeda Ibrahim Ahmed. A Comparison of Vinegar Compresses vs. Cold Water& Water with Vinegar for treating of Fever at Tropical Hospitals. International Journal of Nursing Science 2012, 2(4): 38-46; DOI: 10.5923/j.nursing.20120204.03
  10. Ministry of Health and Family Welfare. Introduction and Importance of Medicinal Plants and Herbs. Government of India
  11. Vijay Kumar and Johannes Van Staden. A Review of Swertia chirayita (Gentianaceae) as a Traditional Medicinal Plant. Front Pharmacol. 2015; 6: 308. PMID: 26793105
  12. Tamil Nadu Forest Plantation Corporation Limited. Sandal wood. Trichy, Tamilnadu, South India.
  13. B.B. Misra, S. Dey. Comparative phytochemical analysis and antibacterial efficacy of in vitro and in vivo extracts from East Indian sandalwood tree . 28 September 2012; https://doi.org/10.1111/lam.12005
  14. Biljana Bauer Petrovska and Svetlana Cekovska. Extracts from the history and medical properties of garlic. Pharmacogn Rev. 2010 Jan-Jun; 4(7): 106–110. PMID: 22228949
  15. Raal A, Volmer D, Sõukand R, Hratkevitš S, Kalle R. Complementary Treatment of the Common Cold and Flu with Medicinal Plants – Results from Two Samples of Pharmacy Customers in Estonia. PLoS One. 8(3):e58642. PMID: 23484045
  16. Better health channel. Department of Health and Human Services [internet]. State government of Victoria; Fever
ऐप पर पढ़ें