कान के रोग - Ear Disease in Hindi

Dr. Ajay Mohan (AIIMS)MBBS

October 08, 2018

September 06, 2023

कान के रोग
कान के रोग

परिचय

कान की कई अलग-अलग प्रकार की समस्याएं हैं। उदाहरण के लिए, कान का दर्द, कान में संक्रमण, ग्लू ईयर।

कुछ लोग कान की बीमारी के साथ ही पैदा होते हैं जबकि अन्य को समय के साथ धीरे-धीरे कान के रोग हो सकते हैं। संक्रमण और कैंसर भी श्रवण हानि का कारण बन सकते हैं।

कान की बीमारियां विशेष रूप से चिंताजनक होती हैं क्योंकि वे दर्द और असुविधा या यहां तक ​​कि गंभीर श्रवण हानि का कारण बन सकती हैं। कान की बीमारियों के लक्षणों को पहचानना उचित और तत्काल उपचार और आने वाली किसी भी जटिलता को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है।

हालांकि सभी प्रकार की कान रोगों में श्रवण हानि नहीं होती, कुछ प्रकार के कान के रोग और संक्रमणों से ऐसा हो सकता है - खासकर अगर

इनका इलाज नहीं किया जाता है। श्रवण हानि बहुत तेज़ आवाज़ या शोर, चोट, बुढ़ापे, वंशानुगत, और कुछ संक्रमण सहित कई अलग-अलग कारणों से हो सकती है।

कुछ कान के रोगों के परिणामस्वरूप बहरापन भी हो सकता है।

कान की बीमारियों के प्रकारों के बारे में अधिक जानने के लिए पढ़ना जारी रखें।

कान के रोग के प्रकार - Types of Ear Disease in Hindi

कान के रोग कितने प्रकार के होते हैं?

कान के रोग के आम प्रकार निम्नलिखित हैं:

  • मेनियर रोग : ये कान में द्रव की समस्या का परिणाम हो सकती है; इसके लक्षणों में टिनिटस और चक्कर आना शामिल है।
  • कान के कैंसर : कान के कैंसर आमतौर पर बाहरी कान की त्वचा पर होते हैं। कान के कैंसर कान के अंदर भी विकसित हो सकते हैं, लेकिन ये बहुत दुर्लभ होते हैं। विभिन्न प्रकार के कैंसर (कार्सिनोमा और मेलेनोमा) कान को प्रभावित कर सकते हैं। बेसल सेल कार्सिनोमा और मैलिग्नेंट मेलेनोमा कान के अंदर भी हो सकते हैं।
  • फोड़े : कान के कनाल में उगने वाला फोड़ा या चक्र अक्सर जीवाणु संक्रमण के कारण होता है। यह संक्रमण आमतौर पर त्वचा को क्षति के कारण शुरू होता है।
  • कणकवता (ओटोमाइकोसिस) : ओटोमाइकोसिस एक कवक के कारण होने वाला बाहरी कान के कनाल का संक्रमण है।
  • टिनिटस : टिनिटस आमतौर पर कान बजने से चित्रित होता है। 
  • कान का संक्रमण : कान का संक्रमण बैक्टीरिया के कारण होता है जो कान या ऊतक में टीयर के माध्यम से प्रवेश करता है।
  • दाब-अभिघात (Barotrauma) : बैरोट्रॉमा पानी या वायु दाब में बदलाव के कारण होने वाली कान की चोट होती है। यह आमतौर पर ऊंचाई में अचानक परिवर्तन (जैसे कि हवाई जहाज, स्कूबा डाइविंग या पहाड़ पर चढ़ना) के कारण अनुभव की जाती है।
  • वेस्टिबुलर न्यूराइटिस : वेस्टिबुलर न्यूराइटिस वायरल संक्रमण के कारण होने वाली आंतरिक कान की सूजन है।
  • प्रेस्बाइक्यूसिस (Presbycusis) : प्रेस्बाइक्यूसिस उम्र बढ़ने के परिणामस्वरूप होने वाली श्रवण हानि होती है। यह आम तौर पर 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों में होती है।
  • कोलेस्टेटोमा (Cholesteatoma) : कोलेस्टेटोमा मध्य कान में त्वचा की असामान्य वृद्धि को कहा जाता है।
  • बहरापन
  • कान में दर्द होना (ओटेलजिया)
  • कान बहना
  • कान के पर्दे में छेद होना
  • कान बंद होना
  • ओटाईटिस मीडिया: मध्य कान की सूजन जो संक्रमण के साथ या बिना कान में तरल पदार्थ का निर्माण करती है।
  • ग्लू ईयर : ये ओटिटिस मीडिया का एक गंभीर प्रकार है। कान के पर्दे के पीछे मध्य कान में मोटे या चिपचिपे तरल पदार्थ का दीर्घकालिक निर्माण, श्रवण शक्ति को नुकसान पहुंचाता है।
  • स्विमर्स ईयर: यह तब होता है जब गर्मी और नमी कान के अंदर की त्वचा की परत पर सूजन का कारण बनती है।

कुछ वयस्कों में ईयर वैक्स बनना भी एक समस्या हो सकती है।

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कान के रोग के लक्षण - Ear Disease Symptoms in Hindi

कान के रोग के लक्षण क्या हैं?

कान के रोगों के लक्षणों निम्नलिखित हो सकते हैं :

  • कान में दर्द होना
  • कान भरा हुआ लगना
  • कान बजना
  • कान बहना
  • जी मिचलाना
  • उल्टी
  • वर्टिगो
  • कान में खुजली होना
  • कान लाल पड़ना
  • लिम्फ नोड्स में सूजन
  • बुखार चढ़ना
  • चक्कर आना
  • कान में सीटी बजना या आवाज़ होना, कान में आवाज़ गूंजना
  • बहरापन
  • कान के कनाल में सूजन होना
  • कान की त्वचा उतरना
  • कान की त्वचा पर निशान पड़ना
  • कान में असुविधा महसूस होना
  • कान में से रक्त बहना
  • सुनने की शक्ति में कमी आना
  • फ्लू के समान लक्षण होना
  • ऑंख की पुतलियों का अनायास घूमना (अक्षितदोलन)

डॉक्टर को कब दिखाएं?

यदि आप उपरोक्त में से कोई भी लक्षण दखते या महसूस करते हैं तो डॉक्टर को तुरंत दिखाएं।

कान के रोग के कारण और जोखिम कारक - Ear Disease Causes in Hindi

 कान के रोग क्यों होते हैं?

कान के रोग के निम्नलिखित कारणों से हो सकते हैं :

  • किसी अवरोध या शारीरिक संबंधी असामान्यता के कारण कान से होने वाली तरल पदार्थ की निकासी
  • असामान्य प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया
  • टॉन्सिल होना 
  • जबड़े या साइनस के संक्रमण
  • बहुत शोर में होना
  • चोट लगना
  • अनुवांशिक कारण
  • मध्य कान में जीवाणु या वायरस होना
  • जुकाम होना
  • फ़्लू होना
  • एलर्जी होना
  • वायरल संक्रमण होना
  • सामयिक (टॉपिकल) दवाएं
  • आभूषण, सौंदर्य प्रसाधन या मेथाक्राइलेट ईयर प्लग पहनना
  • सिर में चोट लगना
  • आधासीसी (माइग्रेन) होना

कान के रोग का जोखिम बढ़ाने वाली वजहें क्या हैं? 

कान के रोग आमतौर पर छोटे बच्चों को ज्यादा होते हैं क्योंकि उनके कान में छोटे और संकीर्ण यूस्टाचियन ट्यूब होती हैं। जिन शिशुओं को बोतल से खिलाया जाता है उन्हें कान में संक्रमण ज़्यादा होता है। कान के रोग के जोखिम को बढ़ाने वाली अन्य वजहें निम्नलिखित हैं:

  • ऊंचाई में परिवर्तन
  • जलवायु परिवर्तन
  • सिगरेट के धुएं के संपर्क में आना
  • बच्चों में पैसिफायर का उपयोग
  • हाल में हुई कोई बीमारी
  • उम्र बढ़ना

कान के रोग से बचाव के उपाय - Prevention of Ear Disease in Hindi

कान के रोग से कैसे बचें?

कान की समस्याओं, विशेष रूप से कान के दर्द और कान बहने का उपचार स्वयं नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि, निम्नलिखित युक्तियाँ कान की समस्याओं को रोकने में मदद कर सकती हैं।

  • अपने कानों की सफाई के लिए कॉटन बड्स का उपयोग न करें। इस तरह की वस्तुओं के उपयोग से कान को नुकसान हो सकता है।
  • यदि आप स्विमर्स ईयर से ग्रस्त हैं, तो आपको कानों में पानी जाने से रोकने के लिए ईयर प्लग्स का उपयोग करना चाहिए।
  • यदि आप शोर वाले वातावरण में काम कर रहे हैं, तो कान को सुरक्षित रखने वाले उपकरणों का उपयोग करें।

कान के रोग का परीक्षण - Diagnosis of Ear Disease in Hindi

कान के रोग का परीक्षण कैसे होता है?

कान के रोग का परीक्षण निम्नलिखित तरीकों से किया सकता है : 

  • ऑटोस्कोप नामक एक उपकरण के साथ कानों की जांच
  • कान में से लिए गए तरल पदार्थ के नमूने की जांच
  • सिर का सीटी स्कैन
  • सुनने की क्षमता कि जाँच
  • रक्त परीक्षण
  • एमआरआई जैसे इमेजिंग टेस्ट का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

कान के रोग का इलाज - Ear Disease Treatment in Hindi

कान के रोग का इलाज क्या है?

कान के रोगों के केवल कुछ लक्षणों का इलाज किया जा सकता है। हो सकता है कि मूल समस्या का कोई इलाज न हो। बीमारी से होने वाली असुविधा को कम करने में मदद के लिए, मूत्रवर्धक दवाओं के साथ साथ उल्टी और मतली की दवाएं निर्धारित की जा सकती हैं। कान के रोग के आम उपचार में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • आहार परिवर्तन
  • तनाव प्रबंधन तकनीकें
  • एंटीबायोटिक्स
  • दर्द निवारक दवाएं
  • ऑपरेशन
  • डीकन्जेस्टेंट दवाएं
  • टॉपिकल एंटीफंगल
  • ओरल एंटीहिस्टामाइन्स
  • कान की प्लास्टिक सर्जरी
  • ध्वनि चिकित्सा
  • टीआरटी (टिनिटस रीट्रेनिंग थेरेपी)
  • श्रवण - संबंधी उपकरण
  • ऑटोप्लास्टी

डॉक्टर आपको ऑडियोलॉजिस्ट के पास भी भेज सकते हैं।

कान के रोग की जटिलताएं - Ear Disease Risks & Complications in Hindi

कान के रोग से होने वाली जटिलताएं क्या हैं?

कान के अधिकांश रोग लंबे समय तक चलने वाली जटिलताओं का कारण नहीं बनते।

कान के रोग से होने वाली कुछ गंभीर जटिलताएं निम्नलिखित हैं :

  • सुनने की क्षमता में कमी आना
  • स्थाई बहरापन
  • थकान
  • भावनात्मक तनाव
  • डिप्रेशन
  • चिंता
  • संक्रमण
  • बच्चों के बोलना सीखने में देरी
  • मास्टोडाइटिस (खोपड़ी में मास्टॉयड हड्डी में संक्रमण)
  • मेनिनजाइटिस
  • कान के पर्दे का क्षतिग्रस्त होना


संदर्भ

  1. Kaitesi Batamuliza Mukara. Prevalence of Middle Ear Infections and Associated Risk Factors in Children under 5 Years in Gasabo District of Kigali City, Rwanda. Volume 2017, Article ID 4280583, 8 pages https://doi.org/10.1155/2017/4280583.
  2. Michael Strupp and Thomas Brandt. Diagnosis and Treatment of Vertigo and Dizziness. Dtsch Arztebl Int. 2008 Mar; 105(10): 173–180. doi: [10.3238/arztebl.2008.0173
  3. National Institute on Deafness and Other Communication Disorders. [Internet]. U.S. Department of Health & Human Services; Hearing, Ear Infections, and Deafness.
  4. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Ear Disorders
  5. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Ear Infections

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कान के रोग की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Ear Disease in Hindi

कान के रोग के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।