डायबिटीज के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ज्यादातर मामले टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज के होते हैं. डायबिटीज होने पर व्यक्ति को थकान, कमजोरी, बार-बार पेशाब आना जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा, स्किन से जुड़ी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है. वैसे भी स्किन समस्या को डायबिटीज का सबसे प्रमुख लक्षण माना गया है. टाइप 2 डायबिटीज होने पर एसेंथोसिस नाइग्रिकन्स व सोरायसिस जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.

आज इस लेख में आप जानेंगे कि टाइप 2 डायबिटीज होने पर कौन-कौन सी त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं व उनका इलाज क्या है -

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  1. टाइप 2 डायबिटीज व त्वचा संबंधी समस्या में लिंक
  2. टाइप 2 डायबिटीज से त्वचा संबंधी समस्या होने के लक्षण
  3. टाइप 2 डायबिटीज से त्वचा संबंधी समस्या होने के कारण
  4. टाइप 2 डायबिटीज से होने वाली त्वचा संबंधी समस्याएं
  5. टाइप 2 डायबिटीज में त्वचा संबंधी समस्याओं का इलाज
  6. सारांश
क्या टाइप 2 डायबिटीज से त्वचा संबंधी समस्या हो सकती है? के डॉक्टर

टाइप 2 डायबिटीज होने पर ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है. साथ ही शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति अच्छी तरह से प्रतिक्रिया नहीं दे पाती हैं. अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (एडीए) के अनुसार टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों को त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. आपको बता दें कि त्वचा की समस्याएं डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों में से एक होती हैं.

इतना ही नहीं अगर किसी व्यक्ति को पहले से ही कोई त्वचा रोग है और बाद में डायबिटीज भी हो जाती है, तो इससे स्किन प्रॉब्लम्स ट्रिगर हो सकती हैं. इसका मतलब यह है कि डायबिटीज त्वचा की समस्याओं को खराब कर सकती है. साथ ही नई स्किन प्रॉब्लम्स को भी पैदा कर सकती है.

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टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लगभग 97 प्रतिशत लोगों को त्वचा से जुड़ी समस्या का सामना करना ही पड़ता है. अगर किसी को डायबिटीज है, तो त्वचा से संबंधित समस्याओं के कुछ लक्षण महसूस हो सकते हैं -

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त्वचा संबंधी समस्याएं टाइप 2 डायबिटीज के शुरुआती संकेत हो सकते हैं. कुछ लोगों को तो प्रीडायबिटीज होने पर ही लाल चकत्ते निकलने लगते हैं. दरअसल, जब शरीर में ब्लड शुगर अधिक रहता है, तो कई समस्याएं पैदा होने लगती हैं. इसमें त्वचा संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं. इसके कई कारण हो सकते हैं -

रक्त प्रवाह का कम होना

डायबिटीज रोगियों में बढ़ा हुआ ब्लड शुगर का स्तर तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है. इसके साथ ही रक्त वाहिकाएं भी डैमेज होने लगती हैं. जब रक्त वाहिका और तंत्रिका तंत्र को क्षति पहुंचती है, तो रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है. इस स्थिति में स्किन में कोलेजन का स्तर कम हो सकता है. इसकी वजह से स्किन पर एजिंग के लक्षण नजर आ सकते हैं. स्किन हार्ड व झुर्रीदार दिख सकती है.

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सूजन

जब ब्लड शुगर का स्तर अधिक होता है, तो सूजन होने लगती है. त्वचा पर लंबे समय तक सूजन रहने की वजह से स्किन डल और बेजान दिखने लगती है, लेकिन जब डायबिटीज रोगियों में ब्लड शुगर का स्तर कंट्रोल में रहता है, तो सूजन कम हो सकती है.

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डिहाइड्रेशन

डायबिटीज के रोगियों को बार-बार पेशाब आता है. इसकी वजह से उनके शरीर में पानी की कमी होने लगती है. बॉडी डिहाइड्रेट हो जाती है, तो स्किन रूखी और बेजान नजर आने लगती है. साथ ही त्वचा खुरदरी व परतदार भी नजर आती है.

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टाइप 2 डायबिटीज में त्वचा से संबंधित समस्याएं होना आम होता है. इस स्थिति में त्वचा से जुड़ी निम्न समस्याएं हो सकती हैं -

सोरायसिस

टाइप 2 डायबिटीज में सोरायसिस भी हो सकता है. इसमें त्वचा पर पैच विकसित हो जाते हैं. यह खुजलीदार और पपड़ीदार हो सकता है. इस स्थिति में नाखून और स्कैल्प पर भी बदलाव दिखाई देता है.

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त्वचा संक्रमण

आपको बता दें कि टाइप 2 डायबिटीज के लोगों को त्वचा संबंधी समस्याओं का सामना तो करना ही पड़ता है. इसके साथ ही उन्हें स्किन इंफेक्शन का भी अनुभव करना पड़ सकता है. डायबिटीज रोगियों को अन्य लोगों की तुलना में अधिक बार स्किन इंफेक्शन हो सकता है. स्किन इंफेक्शन की वजह से हुए सूजन व घाव को भी ठीक होने में काफी समय लग सकता है.  

इसके अलावा, ग्रैनुलोमा एनुलारे, नेक्रोबायोसिस लिपोइडिका डायबिटीकोरम, जैंथिलास्मा व डायबिटिक अल्सर जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं. डायबिटीज से जुड़े अधिकतर त्वचा संबंधी रोग हानि रहित होते हैं, लेकिन ये दर्दनाक हो सकते हैं. डायबिटीज रोगियों को अपनी स्किन को सेफ रखने के लिए ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल में रखना जरूरी होता है.

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स्किन टैग्स

टाइप 2 डायबिटीज में रोगी को स्किन टैग्स से भी परेशान होना पड़ सकता है. इसमें टैग्स नरम होते हैं. ये त्वचा पर लटके हुए नजर आ सकते हैं. यह समस्या टाइप 2 डायबिटीज के लगभग 25 प्रतिशत लोगों को प्रभावित कर सकती है.

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डायबिटिक डर्मोपैथी

डायबिटिक डर्मोपैथी में त्वचा पर लाल, हल्के भूरे रंग के धब्बे या पैच दिखाई देने लगते हैं. ये धब्बे गोल होते हैं. अध्ययनों की मानें तो टाइप 2 डायबिटीज के लगभग 39 फीसदी लोगों में डायबिटिक डर्मोपैथी विकसित हो सकता है.

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ब्लिस्टर

टाइप 2 डायबिटीज रोगियों को ब्लिस्टर नामक स्किन डिसऑर्डर का भी सामना करना पड़ सकता है. इस स्थिति में त्वचा पर घाव विकसित होने लगते हैं. ये घाव पैरों और हाथों पर अधिक देखने को मिल सकते हैं. घाव बड़े और दर्द रहित होते हैं. 

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वैक्सी स्किन

टाइप 2 डायबिटीज में वैक्सी स्किन भी नजर आ सकती है. इसमें त्वचा मोटी, तंग और मोम जैसी दिखाई दे सकती है. यह हाथ और ऊपरी शरीर को अधिक प्रभावित कर सकती है.

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स्क्लेरेडिमा डायबिटीकोरम

टाइप 2 डायबिटीज के चलते स्क्लेरेडिमा डायबिटीकोरम भी हो सकता है. यह एक दुर्लभ स्थिति होती है. इसमें त्वचा मोटी होने लगती है. खासकर, पीठ और गर्दन के पीछे का हिस्सा.

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एसेंथोसिस नाइग्रिकन्स

टाइप 2 डायबिटीज में एसेंथोसिस नाइग्रिकन्स नामक स्किन प्रॉब्लम हो सकती है. इसमें त्वचा मोटी हो जाती है, त्वचा पर हाइपरपिगमेंटेड यानी धब्बे हो जाते हैं. ये भूरे व काले रंग के दिखाई दे सकते हैं. यह स्थिति आमतौर पर कमर, गर्दन के पीछे और बगल को प्रभावित करती है.

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टाइप 2 डायबिटीज में त्वचा संबंधी होने वाली समस्याओं का इलाज किया जा सकता है. इसके लिए डॉक्टर कुछ दवाइयां लेने की सलाह दे सकते हैं. साथ ही जीवनशैली की आदतों में बदलाव करना भी जरूरी होता है -

जीवनशैली में बदलाव

लाइफस्टइाल में छोटे-छोटे बदलाव करने से भी डायबिटीज के मरीज को त्वचा संबंधी समस्या में कुछ फायदा हो सकता है. ये बदलाव कुछ इस तरह से हैं -

  • गर्म पानी से नहाने से बचें. आप गुनगुने या ताजे पानी से नहा सकते हैं.
  • मॉइश्चराइजिंग, फ्रेगनेंस फ्री और कैमिकल फ्री साबुन का इस्तेमाल करें.
  • नहाने के बाद स्किन को मॉइश्चराइज जरूर करें.
  • स्किन को हाइड्रेट रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी जरूर पिएं.
  • घाव या चोट पर एंटीबायोटिक मलहम का इस्तेमाल करें.

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टैल्कम पाउडर

त्वचा से जुड़ी समस्याओं का इलाज करने के लिए टैल्कम पाउडर भी उपयोगी साबित हो सकता है. इस पाउडर का उपयोग करने से त्वचा की खुजली, जलन और रेडनेस कम हो सकती है. 

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दवाइयां

टाइप 2 में त्वचा से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने के लिए डॉक्टर कुछ दवाइयां भी लिख सकते हैं. इसके लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक्सएंटीफंगल दवाइयां लिख सकते हैं. साथ ही ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने के लिए भी दवा या इंसुलिन थेरेपी दे सकते हैं. इसके अलावा, कार्टिकोस्टेराइड भी लिख सकते हैं.

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ओवर-द-काउंटर क्रीम या मलहम

अगर किसी को टाइप 2 डायबिटीज में त्वचा से संबंधी समस्याएं परेशान कर रही हैं, तो इस स्थिति में आप ओवर-द-काउंटर का उपयोग कर सकते हैं. इसके लिए आप टॉपिकल एंटीफंगल या फिर स्टेरॉइड का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा, स्किन की ड्राईनेस को कम करने के लिए मॉइश्चराइजर का भी यूज किया जा सकता है.

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त्वचा संबंधी समस्याएं अकसर डायबिटीज का पहला संकेत हो सकती हैं. डायबिटीज वाले लोगों में जब ब्लड शुगर का स्तर अधिक होता है, तो त्वचा पर चकत्ते या घाव हो सकते हैं. डायबिटीज में व्यक्ति में त्वचा संक्रमण का खतरा भी काफी बढ़ जाता है. हालांकि डायबिटीज से जुड़ी त्वचा स्थितियां हानिरहित होती हैं. त्वचा की देखभाल करके और ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रण में रखकर इन समस्याओं को दूर किया जा सकता है. अगर टाइप 2 डायबिटीज में आपको त्वचा संबंधी समस्याएं हो रही हैं, तो आपको डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करना चाहिए.

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Dr. Narayanan N K

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