डायबिटीज वाले लोगों में हृदय रोग आम है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति को डायबिटीज है, तो उसमें हृदय रोग के विकसित होने का जोखिम अधिक होता है. डायबिटीक रोगियों को अन्य लोगों की तुलना में हृदय रोग होने का जोखिम दोगुना होता है. खासकर, टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में हृदय रोग गंभीर हो सकता है. टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में हृदय रोग मृत्यु का सबसे आम कारण हो सकता है. एक अध्ययन के अनुसार, डायबिटीज वाले 65 प्रतिशत लोग किसी न किसी प्रकार के हृदय रोग से पीड़ित होते हैं. सामान्य तौर पर मधुमेह वाले लोगों में स्ट्रोक का जोखिम भी अधिक होता है.

यहां दिए ब्लू लिंक पर क्लिक करें और डायबिटीज का आयुर्वेदिक इलाज जानें.

आज इस लेख में आप डायबिटीज और हृदय रोग के बीच संबंध के बारे में विस्तार से जानेंगे -

(और पढ़ें - डायबिटीज के लिए व्यायाम)

  1. क्या डायबिटीज हृदय रोग का कारण बनता है?
  2. डायबिटीज की वजह से होने वाले हृदय रोग के लक्षण
  3. टाइप 2 डायबिटीज से होने वाले हृदय रोग
  4. डायबिटीज में हृदय रोग का इलाज
  5. सारांश
क्या टाइप 2 डायबिटीज से हृदय रोग हो सकता है? के डॉक्टर

डायबिटीज में ब्लड में ग्लूकोज का स्तर अधिक हो जाता है. जब ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बढ़ता है, तो रक्त वाहिकाओं और नसों को नुकसान पहुंचने लगता है. ऐसे में कोरोनरी आर्टरी अवरुद्ध हो सकती है. कोरोनरी आर्टरी के अवरुद्ध होने पर हृदय में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की पूर्ति करने में रुकावट पैदा हो सकती है. इसी वजह से डायबिटीज होने पर हृदय रोग का जोखिम बढ़ जाता है. हृदय रोग की समस्या खासकर टाइप 2 डायबिटीज के मरीज को ज्यादा होती है. इसलिए, अगर किसी को डायबिटीज है, तो हृदय रोगों से बचने के लिए अपने ब्लड ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रण में रखना जरूरी होता है.

(और पढ़ें - डायबिटीज के लिए अच्छी दवा)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Madhurodh Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को डायबिटीज के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Sugar Tablet
₹899  ₹999  10% छूट
खरीदें

डायबिटीज रोगियों को हृदय रोग हो सकता है, लेकिन हृदय रोग के लक्षण इसकी गंभीरता के आधार पर अलग हो सकते हैं. डायबिटीज की वजह से होने वाले हृदय रोग के लक्षण इस प्रकार हैं -

(और पढ़ें - टाइप 2 डायबिटीज के चरण)

टाइप 2 डायबिटीज, हृदय रोगों का एक मुख्य कारण बन सकता है. इस स्थिति में धमनियां अवरुद्ध हो सकती हैं या फिर हृदय गति तक रुक सकती है. ऐसे में आपको डायबिटीज को कंट्रोल में रखना जरूरी हो जाता है. जानें, टाइप 2 डायबिटीज से होने वाले हृदय रोग -

एनजाइना

टाइप 2 डायबिटीज के रोगियों में एनजाइना रोग के लक्षण भी नजर आ सकते हैं. छाती में दर्द और दबाव महसूस होना, बांहों, पीठ या जबड़े में दर्द एनजाइना के लक्षण हो सकते हैं. इसके अलावा, एनजाइना होने पर सीने में भी दर्द हो सकता है. इस स्थिति में व्यक्ति को अपच की समस्या भी हो सकती है.

(और पढ़ें - डायबिटीज के लिए चुकंदर)

अतालता

अगर किसी व्यक्ति को टाइप 2 डायबिटीज होता है, तो उसमें अतालता होने का जोखिम भी बढ़ जाता है. अतालता तब होता है, जब हृदय गति या लय बंद हो जाती है. इस स्थिति में हृदय बहुत तेजी से धड़क सकता है या फिर फड़फड़ा सकता है. अतालता कार्डियक अरेस्ट का कारण भी बन सकता है. इस स्थिति में दिल धड़कना बंद हो जाता है.

(और पढ़ें - डायबिटीज स्ट्रोक का इलाज)

हार्ट अटैक

टाइप 2 डायबिटीज के लोगों में हार्ट अटैक आने का जोखिम भी काफी बढ़ जाता है. दरअसल, ऐसा थक्का बनने के कारण होता है. थक्का बनने पर हृदय की धमनियों में रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है. इस स्थिति में सीने में दर्द होना शुरू हो सकता है और हार्ट अटैक आ सकता है. इतना ही नहीं डायबिटीज वाले लोगों में साइलेंट हार्ट अटैक की आशंका भी अधिक होती है. 

(और पढ़ें - डायबिटीज में सोने के लिए टिप्स)

हार्ट फेलियर

टाइप 2 डायबिटीज में जब व्यक्ति का ब्लड शुगर लेवल, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक हो जाता है, तो इस स्थिति में हार्ट फेल हो सकता है. इस स्थिति में हृदय इतना कमजोर हो जाता है कि शरीर में पर्याप्त रक्त पंप नहीं कर पाता है. 

(और पढ़ें - टाइप 2 डायबिटीज के शुरुआती लक्षण)

कार्डियोमायोपैथी

अगर किसी की डायबिटीज नियंत्रण में नहीं आ रही है, तो उसे कार्डियोमायोपैथी नामक स्थिति से गुजरना पड़ सकता है. कार्डियोमायोपैथी में हृदय की मांसपेशियां मोटी और सख्त हो जाती हैं. इस स्थिति में हृदय सही तरीके से काम नहीं कर पाता है, जिसकी वजह से हार्ट फेलियर हो सकता है.

(और पढ़ें - टाइप 1 डायबिटीज के चरण)

हाई ब्लड प्रेशर

ब्लड प्रेशर बढ़ना टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में सबसे आम माना जाता है. हाई ब्लड प्रेशर तब होता है, जब रक्त आपकी रक्त वाहिकाओं की दीवारों के खिलाफ सामान्य से अधिक बल के साथ धक्का देता है. इस स्थिति में हृदय को सामान्य से अधिक काम करना पड़ता है, जिसकी वजह से रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है. टाइप 2 मधुमेह वाले अधिकतर लोगों में हाई ब्लड प्रेशर होता है.

(और पढ़ें - गाउट और डायबिटीज में संबंध)

डायबिटीज होने पर हेल्दी लाइफस्टाइल और डाइट को फॉलो करके हृदय रोगों से बचा जा सकता है. इसके अलावा, जरूरत महसूस होने पर डॉक्टर दवा भी सकते हैं -

लिराग्लूटाइड

लिराग्लूटाइड को इंजेक्शन के रूप में दिया जाता है. खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने वर्ष 2017 में टाइप 2 डायबिटीज और हृदय रोग वाले वयस्कों के लिए इसे लाभकारी बताया है. इस दवा को लेने से टाइप 2 डायबिटीज की वजह से होने वाले हार्ट अटैक और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है.

(और पढ़ें - शुगर में पनीर खाना चाहिए या नहीं)

Karela Jamun Juice
₹494  ₹549  10% छूट
खरीदें

एम्पाग्लिफ्लोजिन

एम्पाग्लिफ्लोजिन भी टाइप 2 डायबिटीज वाले हृदय रोगों का इलाज कर सकता है. यह दवा ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद कर सकती है. साथ ही हृदय रोगों का इलाज भी कर सकती है.

(और पढ़ें - शुगर का आयुर्वेदिक इलाज)

स्टेटिन

अगर किसी को टाइप 2 डायबिटीज की वजह से हृदय रोग के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो डॉक्टर स्टेटिन दवा दे सकते हैं. स्टेनिट हाई ब्लड शुगर, हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में सहायक हो सकती है.

(और पढ़ें - शुगर के लिए पतंजलि की दवाएं)

डायबिटीज वाले लोगों को अन्य लोगों की तुलना में हृदय रोग होने का जोखिम दोगुना होता है. वहीं, अगर टाइप 2 डायबिटीज है, तो हृदय रोग होने की आशंका अधिक हो सकती है. इस स्थिति में सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और थकान जैसे लक्षणों का अहसास हो सकता है, लेकिन जो लोग डायबिटीज होने पर सही जीवनशैली और डाइट को फॉलो करते हैं, वे हृदय रोग से अपना बचाव कर सकते हैं. वहीं, डॉक्टर भी डायबिटीज और हृदय रोगों का इलाज करने के लिए कुछ दवाइयां लिख सकते हैं.

(और पढ़ें - शुगर की होम्योपैथिक दवा)

Dr. Narayanan N K

Dr. Narayanan N K

एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
16 वर्षों का अनुभव

Dr. Tanmay Bharani

Dr. Tanmay Bharani

एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
15 वर्षों का अनुभव

Dr. Sunil Kumar Mishra

Dr. Sunil Kumar Mishra

एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
23 वर्षों का अनुभव

Dr. Parjeet Kaur

Dr. Parjeet Kaur

एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
19 वर्षों का अनुभव

ऐप पर पढ़ें