भारत में प्रत्येक 20 लोगों में से एक व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार है। नेशनल मेंटल हेल्थ सर्वे 2015-2016 के मुताबिक करीब 15 प्रतिशत भारतीय युवाओं में एक या उससे अधिक मानसिक रोग के लक्षण देखे जाते हैं। कुछ चिकित्सकीय विशेषज्ञ मानते हैं कि शारीरिक तनाव के मुकाबले मानसिक तनाव ज्यादा गंभीर होता है। भारत में डिप्रेशन को सामान्य चिंता का ही एक रूप समझ लिया जाता है और इस स्थिति पर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता है। अनुमान है कि साल 2012 में भारत में 2,58,000 से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या की और इसमें सबसे ज्यादा संख्या 15 से 49 साल की आयु वर्ग के लोग थे।

ऐसा नहीं है कि इस स्थिति का कोई इलाज नहीं है, उचित इलाज की मदद से इस स्थिति को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। इतना ही नहीं घर पर नियमित रूप से व्यायाम करके भी डिप्रेशन के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। मैसाच्युसेट जनरल हॉस्पिटल में हार्वर्ड के शोधकर्ताओं द्वारा की गई एक ताजा स्टडी में भी यह पाया गया है कि रोजाना 30 से 35 मिनट तक व्यायाम करने से डिप्रेशन और चिंता के लक्षणों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इस संबंध में एक पेपर जरनल डिप्रेशन एंड एंग्जाइटी में छपा है। 

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क्या कहती है रिसर्च
रिसर्च में शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों के परिवार में किसी को पहले से डिप्रेशन है, उनमें आने वाले दो सालों में डिप्रेशन होने का खतरा अधिक होता है। गौरतलब है कि आनुवंशिक खतरे से ग्रस्त होने के बावजूद शारीरिक रूप से चुस्त व दुरुस्त लोगों में डिप्रेशन जैसे मानसिक विकार होने की आशंका कम हो जाती है।
इस रिसर्च को लेकर शोधकर्ता “कार्मेल चोई” का कहना है कि हमारा शोध इस बात की पुष्टि करता है कि जब बात डिप्रेशन की आती है तो अनुवांशिकता इसका मुख्य कारण नहीं होती, बल्कि जो लोग शारीरिक रूप से सक्रिय होते हैं, उनमें डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने की संभावना अधिक होती है।

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एक्सरसाइज और डिप्रेशन में संबंध
मेडिकल विशेषज्ञों के अनुसार रोजाना व्यायाम डिप्रेशन और चिंता को निम्न कारणों से दूर करता है-

  • एंडोर्फिन होते हैं स्त्रावित: 
    एंडोर्फिन और अन्य प्रकार के ब्रेन केमिकल्स बेहतर महसूस करवाने में मदद करते हैं।
  • मन की चिंताओं का दूर होना:
    रोजाना व्यायाम करने से मन की चिंताएं दूर होती हैं ताकि आप अपने जीवन से नकारात्मक विचारों को बाहर निकाल सकें। ये विचार डिप्रेशन और चिंता को बढ़ाते हैं।

रोजाना व्यायाम के कई मानसिक और भावनात्मक लाभ भी होते हैं, जो आपकी निम्न कार्यों में मदद कर सकते हैं -

  • आत्मविश्वास बढ़ना: 
    व्यायाम की चुनौतियों को पूरा करना, यहां तक कि छोटे-छोटे लक्ष्य हासिल करने से भी आत्मविश्वास बढ़ता है। रोजाना व्यायाम करने से शरीर स्वस्थ रहता है, जिसके कारण लोगों से मिलने पर खुद के बारे में अच्छा महसूस होता है।
     
  • अधिक लोगों से मेलजोल बढ़ता है: 
    व्यायाम करने से आपको अन्य लोगों से मिलने या उनसे मेलजोल बढ़ाने का मौका मिलता है।
     
  • स्वस्थ तरीके अपनाने से होता है लाभ: 
    कुछ ऐसे सकारात्मक कार्य करना, जिनसे डिप्रेशन और चिंता को कम किया जा सके, ये एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की तरफ पहला कदम होता है। शराब व अन्य नशीले पदार्थों की मदद से डिप्रेशन कम होगा, ऐसा सोचना बेहद गलत है क्योंकि इससे डिप्रेशन के लक्षण और खराब हो सकते हैं।

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किस तरह के व्यायाम से जल्दी दूर होगा डिप्रेशन
शोधकर्ताओं के अनुसार कठिन और हल्के दोनों प्रकार के व्यायाम जैसे कि एरोबिक्स, डांस और मशीनों से किया जाने वाला व्यायाम एवं कम तीव्रता वाले व्यायाम जैसे कि योग या स्ट्रेचिंग फायदेमंद रहती हैं। ये दोनों प्रकार के व्यायाम डिप्रेशन के लक्षणों को कम कर सकते हैं। रोजाना व्यायाम से व्यक्ति में 17 प्रतिशत तक डिप्रेशन कम होने की संभावना रहती है। डिप्रेशन से छुटकारा पाने के लिए हर सप्ताह कम से कम 4 घंटे व्यायाम करने की सलाह दी जाती है।

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