विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 का कारण बने सार्स-कोव-2 वायरस के प्रसार को सीमित करने, रोकथाम और नियंत्रण के उपायों के तहत मास्क के उपयोग की सलाह दी है. अकेले एक मास्क भले ही पूरी तरह से कोविड 19 को फैलने में समर्थ न हो, लेकिन इसका सही तरीके से इस्तेमाल काफी हद तक कोविड वायरस से बचाव में मदद कर सकता है.

मेडिकल, नॉन-मेडिकल दोनों तरह के मास्क को जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल किया जा सकता है. घर से बाहर निकलते समय, ऐसे व्यक्ति से बात करते समय जो आपके साथ न रहता हो या कोविड मरीज की देखभाल के दौरान मास्क का इस्तेमाल जरूरी है.

मास्क को हमेशा हाथ धोकर बिना मास्क की लेयर को छुएं पट्टी से पकड़ कर पहनना चाहिए. मास्क पहनने से जहां आप कोविड-19 संक्रमण को कम कर सकते हैं, वहीं इससे ऑक्सीजन की कमी, सिरदर्द और थकान जैसे लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं.

(और पढ़ें - घर पर मास्क कैसे बनाएं)

आज इस लेख में विस्तार से जानेंगे मास्क क्यों पहनें, कौन-सा मास्क आपके लिए परफेक्ट है. मास्क कितनी तरह के होते हैं, कब किस मास्क का उपयोग करें. साथ ही मास्‍क के फायदे और नुकसान क्या हैं, इसके अलावा मास्क से जुड़ी अन्य सभी बातों के बारे में जानेंगे-

  1. मास्क कब पहना जरूरी है
  2. मास्क कब न पहनें
  3. मास्क पहनना क्यों जरूरी है?
  4. मास्क को सही तरीके से कैसे पहनें?
  5. मास्क के प्रकार
  6. फैब्रिक मास्क को कैसे साफ करें?
  7. फेस शील्ड कितनी उपयोगी है?
  8. क्या वैक्सीनेशन के दो डोज के बाद भी फेस मास्क पहनना जरूरी है?
  9. मास्क पहनने के फायदे
  10. मास्क पहनने के नुकसान
  11. सारांश
मास्क कब, क्यों, कैसे पहनें, प्रकार, फायदे और नुकसान के डॉक्टर

कोरोना वायरस, ओमिक्रोन और डेल्टा जैसे कोविड वेरिएंट से बचने के लिए, उनको फैलने से रोकने के साथ ही जीवन बचाने के लिए मास्क एक महत्वपूर्ण उपाय हो सकता है. आइए जानें, किन स्थि‍तियों में मास्क पहनना चाहिए- 

  • जिन क्षेत्रों में सार्स कोविड 2 वायरस के ट्रांसमिशन का खतरा होता है, टीकाकरण की स्थिति या पूर्व संक्रमण के इतिहास के बावजूद, नाक और मुंह को कवर करने वाले एक अच्छी फिटिंग मास्क पहनने की सिफारिश की जाती है, जो ऐसे व्यक्तियों के साथ बातचीत करते पहना जाना चाहिए जो उनके घर के सदस्य नहीं हैं. 
  • जब 1 मीटर की शारीरिक दूरी को बनाए रखना संभव नहीं है या जब मरीज अपनी देखभाल क्वारंटाइन होकर नहीं कर सकते तो पेशेंट्स द्वारा मास्क पहना जाना चाहिए.
  • यदि आपके क्षेत्र में कोरोना वायरस फैला हुआ है तो जब भी आप घर से बाहर निकलें या यात्रा के लिए जाएं तो आपको मास्क का प्रयोग करना चाहिए. 
  • यदि घर में कोई कोविड का मरीज है तो उसके पास जाने से पहले मास्क का उपयोग करें.
  • घर में बाहर से किसी का आगमन हुआ है तो उस समय मास्के का उपयोग करें.
  • किसी बाहरी व्यक्ति से बातचीत के दौरान मास्क का उपयोग करें. 
  • जब भी आप बाहरी क्षेत्रों के संपर्क में आएं या सार्वजनिक क्षेत्रों में जाएं तो मास्क पहनना जरूरी है.

निम्न तरह की अवस्था में मास्क को न पहने की सलाह दी जाती है-

  • मास्क किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा नहीं पहना जाना चाहिए जो बिना सहायता के मास्क को हटाने में असमर्थ हो, जिसमें शिशु और छोटे बच्चे, या सांस लेने में कठिनाई वाले व्यक्ति शामिल हों.
  • 5 वर्ष तक के बच्चों को मास्क नहीं पहनना चाहिए, जबकि 6 से 11 साल की उम्र के बच्चों को मास्क‍ पहनाते समय बच्चों की क्षमता, कोविड वायरस की तीव्रता जैसे मानकों का ध्यान रखकर मास्क पहनाने का निर्णय लेना चाहिए.
  • कमजोर प्रतिरक्षा वाले बच्चों या सिस्टिक फाइब्रोसिस या कैंसर जैसी कुछ गंभीर बीमारियों के साथ-साथ विकास संबंधी विकारों, अक्षमताओं या अन्य विशिष्ट स्वास्थ्य स्थितियों वाले किसी भी उम्र के बच्चों और व्यस्कों को मास्क पहनाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है. 
  • यदि आपकी या परिवार के किसी सदस्य की स्वास्थ्य की गंभीर स्थिति या विकलांगता होने पर मास्क पहनना मुश्किल हो, तो अपने डॉक्टर से सलाह लें कि आपके लिए सबसे अच्छा उपाय क्या है.
  • व्यायाम करते समय, ऐसी जगह चुनें जहां मास्क पहनने की जरूरत न हो, जैसे घर पर या ऐसी जगह जहां आप दूसरों से सुरक्षित शारीरिक दूरी बना सकें. 
  • खेल खेलते समय या शारीरिक गतिविधियां करते समय बच्चों और वयस्कों को मास्क नहीं पहनना चाहिए, ताकि इससे उनकी सांस लेने में कोई दिक्कत न हो. दरअसल, पसीना मास्क को गीला भी कर सकता है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है और कीटाणुओं का बढ़ना आसान हो जाता है.
  • एक व्यक्ति जिसके लिए मास्क पहनने से कार्यस्थल के स्वास्थ्य, सुरक्षा या काम में जोखिम पैदा हो.

(और पढ़ें - मास्क लगाकर व्यायाम करना सुरक्षित है?)

कोरोना वायरन के प्रसार को कम करने और जीवन बचाने के लिए मास्क एक महत्वपूर्ण उपाय हो सकता है. दरअसल, श्वसन की बूंदों के माध्यम से COVID-19 आसानी से फैल सकता है. आपस में बात करते हुए, गाते हुए, खांसते या छींकते समय ये बूंदे बाहर निकालती हैं. यदि कोई संक्रामक व्यक्ति है जिसे कोरोना वायरस के लक्षण नहीं है, उस व्यक्ति से बिना मास्क पहनें बातचीत करने से भी कोविड फैल सकता है. ऐसे में कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क पहनना जरूरी है. बेशक, मास्क आपको कोविड वायरस से 100 फीसदी नहीं बचा पाएगा लेकिन ये संक्रमण को होने से बचाने में महत्वकपूर्ण भूमिका निभा सकता है.

WHO के मुताबिक, मास्क का उपयोग करने के दौरान कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए, जैसे - मास्क किस उद्देश्य से पहना जा रहा है, क्या आप संक्रमित व्यक्ति के पास जा रहे हैं, अस्पताल जा रहे हैं या कोविड संक्रमित मरीज का इलाज कर रहे हैं या फिर उन सार्वजनिक जगहों पर जा रहे हैं जहां कोविड फैला हुआ है. उद्देश्य निर्धारित होने पर उसी हिसाब से मास्क का चयन जरूरी है. हर जगह मेडिकल मास्क या फ्रैबिक मास्क का उपयोग लाभदायक नहीं हो सकता. साथ ही मास्क की क्वालिटी, कोस्ट और उसका रख-रखाव क्या होगा ये सभी चीजें जानने के बाद ही मास्क का चयन करना आवश्यक है.

मास्क पहनना कभी-कभी असहज हो सकता है, लेकिन अपने और अपने आस-पास के लोगों को कोविड से बचाव और स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सही तरीके से मास्क पहनना, हटाना और उसकी देखभाल करना महत्वपूर्ण है. WHO ने मास्क के सही उपयोग पर कई सुझाव दिए हैं, जैसे - यदि आप मेडिकल मास्क पहन रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि यह ठीक से फिट बैठता है और यह इतना टाइट है कि आप सामान्य रूप से सांस ले सकें. डिस्पोजेबल मास्क का दोबारा इस्तेमाल न करें और जैसे ही यह गीला हो जाए इसे हमेशा बदल दें. फैब्रिक मास्क पहनते समय, मास्क लगाने और उतारने से पहले अपने हाथों को धोना सुनिश्चित करें और अपने मास्क की साफ-सफाई का ध्यान रखें. आइए विस्तार से जानें, मास्क पहनने का सही तरीका क्या है.

मास्क लगाते समय

  • हमेशा मास्क लगाने से पहले अपने हाथों को पानी और साबुन से अच्छीा तरह से धोएं या सैनिटाइज करें.
  • सुनिश्चित करें कि मास्क साफ है. गंदे या डैमेज मास्क न पहनें.
  • मुंह, नाक और चिन को पूरी तरह से ढकने के लिए मास्क को एडजस्ट करें, जिससे किनारों पर कोई गैप न रह जाए. चेहरे और मास्क के बीच किसी भी अंतराल को कम करने के लिए इसे सुरक्षित रूप से बांधें.
  • सुनिश्चित करें कि यह सांस लेने के लिए आरामदायक है.

मास्क पहनते समय

  • अगर मास्क गंदा या गीला हो जाए तो उसे बदल दें.
  • इसे पहनते समय मास्क की इंटरनल लेयर या आउटर लेयर को न छुएं. 
  • गंदे मास्क को धोने के लिए खुले में ना छोड़े बल्कि एक जिपलॉक बैग में रखें. 

मास्क उतारते समय

  • मास्क उतारने से पहले हाथ धोएं.
  • मास्क के सामने वाले हिस्से को छूने से बचें और इसके फीते से ही मास्क को पकड़कर उतारें. 
  • मास्क हटाने के बाद अपने हाथ धोएं.
  • फैब्रिक मास्क का उपयोग कर रहे हैं तो उसे हर बार धोएं.
  • मेडिकल मास्क या 3 प्लाई सर्जिकल मास्क को दोबारा इस्तेमाल ना करें. ये सिंगल यूज के होते हैं और इस्तेमाल के बाद इन्हें तुरंत घर से बाहर सुनिश्चित जगह पर फेंक देना चाहिए.

ध्यान रखने योग्य बातें जिसे नजरअंदाज न करें

  • मास्क को नाक और चिन के नीचे ना खींचें.
  • मास्क से चिन पूरी कवर होनी चाहिए. 
  • मास्क को पहनते समय या उपयोग करने के दौरान छूने से बचें. 
  • ढीला, गंदा, गीला, डैमेज या यूस्ड मास्क न पहनें.
  • बातचीत करने के लिए मास्क न हटाएं.
  • अपना साफ धुला हुआ या यूस्ड मास्क दूसरों के साथ शेयर न करें.
  • जब भी फ्रैबिक मास्क धोएं सुनिश्चित करें कि साबुन या डिटर्जेंट और गर्म पानी (कम से कम 60° सेंटीग्रेड/140° फारेनहाइट) से धोएं.

(और पढ़ें - कोविड-19 से बचाने में कौन है बेहतर- फेस मास्क या फेस शील्ड?)

कोविड 19 से बचने के लिए मास्क के चयन को लेकर लोगों को बहुत कन्फ्यूजन रहता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप अपने उद्देश्य के मुताबिक मास्क का चयन कर सकते हैं. जैसे यदि आपको कोविड नहीं है, लेकिन आपको सार्वजनिक क्षेत्रों में जाना है, तो आप फैब्रिक यानि नॉन मेडिकल मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं. यदि आप कोविड पेशेंट के संपर्क में हैं फिर चाहे वो घर पर हो या हॉस्पिटल में, तो आपको मेडिकल मास्क का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है. आइए विस्तार से जानें, मास्क के प्रकार के बारे में-

मेडिकल मास्क

यदि आपको या परिवार के किसी सदस्य को COVID-19 है या आप COVID-19 वाले किसी व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं, तो डब्ल्यूएचओ मेडिकल मास्क पहनने की सलाह देता है. इसके अलावा, निम्न अवस्था में भी मेडिकल मास्क पहनना चाहिए-

  • यदि आपमें COVID-19 के लक्षण हैं या आपको कोविड 19 होने का अंदेशा है, तो दूसरों की सुरक्षा के लिए मेडिकल मास्क पहना जाना चाहिए.
  • मेडिकल मास्क में KN95 मास्क, सर्जिकल मास्क और N95 पार्टिकुलेट रेस्पिरेटर जैसे कई मास्क मौजूद हैं.
  • डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, कोविड पॉजिटिव होने की आशंका होने पर रिपोर्ट का इंतजार किए बिना मेडिकल मास्क का इस्तेमाल करना शुरू कर देना चाहिए. 
  • उस कमरे में प्रवेश करते समय मेडिकल मास्क पहनें जहां कोविड रोगियों के संक्रमित होने का संदेह या पुष्टि हुई है.
  • मेडिकल मास्क के अलावा रेस्परेटर (बिना एक्सहेलेशन वॉल्व के साथ), N95, FFP2 या FFP3 मानकों वाले मास्‍क का COVID-19 रोगियों की देखभाल करते समय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा इनका उपयोग किया जा सकता है. 
  • यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड मेडिकल सिस्टम (यूएमएमएस) के विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि सभी व्यक्ति KN95 या N95 मास्क पहनें ताकि वे अपनी और अपने आसपास के सभी लोगों की सुरक्षा कर सकें, खासतौर पर आपके क्षेत्र में जब कोविड-19 बहुत ज्यादा फैला हो. 
  • N95 मास्क अमेरिकी मानकों को पूरा करते हैं और KN95 मास्क चीन द्वारा नियंत्रित होते हैं. इन मास्क में या तो ईयर लूप होते हैं जो कानों के पीछे फिट होते हैं या सिर के पीछे बांधे जाने वाली पट्टियां.
  • N95s और K95s को कई बार पहना जा सकता है. यदि वे डैमेज, गीले या गंदे हैं तो उन्हें फेंक देना चाहिए. साथ ही यदि आप उनके माध्यम से सांस नहीं ले पा रहे या इनमें एक्सहेलेशन वाल्व (exhalation valve) है तो उनका दोबारा इस्तेमाल ना करें.
  • एक्सहेलेशन वाल्व वाले मेडिकल मास्क को इस्तेमाल करने के लिए उनके ऊपर सर्जिकल मास्क पहनने से ही ये लाभकारी हो सकता है.

(और पढ़ें - कोविड से बचने के लिए मास्क लगाने का सही तरीका क्या है)

डिस्पोजेबल मेडिकल मास्क

डिस्पोजेबल मास्क को सर्जिकल मास्क या मेडिकल प्रोसीजर मास्क भी कहा जाता है. ये कागज और प्लास्टिक के संयोजन से बने होते हैं. डिस्पोजेबल मेडिकल मास्क जो मेडिकल मास्क मानकों EN 14683 टाइप I, ASTM F2100 लेवल 1, YY / T 0969, YY 0469 या इसके समकक्ष होने का अनुपालन करते हैं. कुछ ग्रुप्स को डिस्पोजेबल मेडिकल मास्क पहनने की भी सिफारिश की गई है क्योंकि यदि वे कोविड से संक्रमित होते हैं, तो उनके गंभीर रूप से बीमार होने और जान का जोखिम अधिक होता है. इन ग्रुप्स में शामिल हैं -

  • 60 या उससे अधिक उम्र के लोग.
  • किसी भी उम्र के ऐसे गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों वाले लोग, जिन्हें पुरानी सांस की बीमारी, हृदय रोग, कैंसर, मोटापा, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली और डायबिटीज मेलिटस हैं.
  • मांसपेशियों में दर्द, हल्की खांसी, गले में खराश या थकान जैसे हल्के लक्षणों वाले लोगों सहित कोई भी व्यक्ति जो अस्वस्थ महसूस कर रहा है.
  • कोई भी व्यक्ति जो COVID-19 परीक्षण के परिणाम की प्रतीक्षा कर रहा है या जिसने हाल ही में सकारात्मक परीक्षण किया है.
  • COVID-19 वाले रोगियों की किसी भी जगह देखभाल करने वाले लोगों को डिस्पोजेबल मेडिकल मास्क पहनना चाहिए.

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रियूजेबल नॉन-मेडिकल मास्क

इसे फैब्रिक मास्क या फेस कवरिंग भी कहा जाता है. इसके चयन में तीन मापदंड काम करते हैं - फिल्टरेशन, सांस लेने की क्षमता और फिट. यदि आप और आपका परिवार ऐसे स्थान पर रहते हैं जहां COVID-19 वायरस बहुत फैला हुआ है और उनमें कोई COVID-19 लक्षण नहीं हैं, तो नॉन-मेडिकल मास्क पहनने की सिफारिश की जाती है-

  • फैब्रिक मास्क या फेस कवरिंग कई तरह के आते हैं. इसे आप घर पर भी बना सकते हैं या किसी स्टोर में खरीद सकते हैं.
  • बाजार में उपलब्ध रियूजेबल नॉन-मेडिकल मास्क जो ASTM F3502 मानक या CEN वर्किंग एग्रीमेंट 17553 का अनुपालन करते हैं या एक नॉन-मेडिकल मास्क जो WHO के आवश्यक मापदंडों को पूरा करते हैं.
  • घर में बनाए जाने वाले फैब्रिक मास्क की प्रभावशीलता उपयोग किए जाने वाले कपड़े के प्रकार और परतों की संख्या पर निर्भर करती है. होममेड फैब्रिक मास्क में थ्री-लेयर स्ट्रक्चर की सलाह दी जाती है, जिसमें प्रत्येक लेयर एक फंक्शन प्रदान करती है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन नॉन-मेडिकल मास्क के लिए कुछ सिफारिशें करता है, जैसे -

  • मास्क  के अंदर की परत जो सीधे स्किन से टच होती है, कॉटन की होनी चाहिए.
  • मास्क की मिडल परत पॉलीप्रोपाइलीन जैसे मैटिरयल की होनी चाहिए. 
  • मास्क की बाहरी यानि सबसे ऊपरी परत पॉलिएस्टर या पॉलिएस्टर मिक्स होनी चाहिए.
  • आप जिस भी प्रकार के नॉन-मेडिकल मास्क को चुनें, उसे नाक, मुंह और चिन को ढंकना चाहिए और टाई से सुरक्षित होना चाहिए.
  • एक्जहेलेशन वाल्व यानि निकास वाल्व वाले मास्क को पहनने से बचना चाहिए क्योंकि ये वाल्व अनफिल्टर्ड हवा को बाहर निकलने देते हैं, जिससे वे COVID-19 जैसी बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए कम प्रभावी हो जाते हैं.
  • फैक्टरी निर्मित फैब्रिक मास्क को तीन आवश्यक मापदंडों से संबंधित न्यूनतम सीमाओं को पूरा करना चाहिए - फिल्टरेशन, सांस लेने की क्षमता और फिट.
  • मास्क में फिल्टर है या नहीं, इस पर ध्यान देने के बजाय, सुनिश्चित करें कि मास्क कपड़े की कई परतों से बना है, चेहरे पर कसकर फिट बैठता है और आपकी नाक और मुंह को पूरी तरह से ढकता है.

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उपयोग किए गए कपड़े के मास्क को साबुन या डिटर्जेंट से गर्म पानी (कम से कम 60 डिग्री सेल्सियस) के साथ दिन में कम से कम एक बार जरूर धोएं. अगर मशीन में धो रहे हैं, तो कपड़े के प्रकार के लिए सबसे उपयुक्त गर्म पानी उपयोग करें. मास्क को कम से कम 20 सेकंड के लिए स्क्रब करें और फिर ड्रायर से सुखाएं. अगर हाथ से धो रहे हैं, तो साबुन वाले गर्म पानी का इस्तेमाल करें. धोने के बाद मास्क को दोबारा पहनने से पहले पूरी तरह से सुखा लेना चाहिए. धुले हुए मास्क को साफ बैग में स्टोर करें.

फेस शील्ड आंखों की सुरक्षा प्रदान करने में मदद करती हैं, लेकिन जब श्वसन की बूंदों से सुरक्षा की बात आती है, तो वे मास्क के समान नहीं होते हैं. हालांकि, जिन लोगों को नॉन-मेडिकल मास्क पहनने में कठिनाई होती है, उनके लिए फेस शील्ड को एक विकल्प के रूप में माना जा सकता है, लेकिन डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, सिर्फ मेडिकल स्टाफ और रिसर्चर्स की आंखों की सुरक्षा प्रदान करने के लिए फेस शील्ड का उपयोग करते हैं. यदि फेस शील्ड का कोविड संक्रमण से बचाव के लिए उपयोग किया जाना है, तो चेहरे के किनारों और चिन के नीचे को कवर करने के लिए उचित डिजाइन की फेस शील्ड का ही उपयोग करें.

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पूरी तरह से वैक्सीनेशन के बाद भी यदि आप ऐसे क्षेत्र में हैं जहां COVID-19 के नए वेरिंएंट्स जैसे ओमिक्रोन, डेल्टा या आईएचयू के मामलों की संख्या अधिक है, तो मास्क पहनना चाहिए. पूरी तरह से वैक्सीनेशन तब माना जाता है जब आपको दूसरी डोज लगवाएं दो सप्ताह बीत जाएं. यूएस जैसे कई देशों में सार्वजनिक जगहों पर सभी को मास्क पहनना आवश्यक है.

स्वस्थ लोगों द्वारा मास्क के उपयोग के कुछ संभावित लाभ हैं. जैसे -

  • जब आप मास्क पहनते हैं तो आप खुद के साथ-साथ दूसरों की भी सुरक्षा करते हैं. मास्क सबसे अच्छा तब काम करता है जब हर कोई एक पहनता है. आपका मास्क आपके आस-पास के लोगों की सुरक्षा में मदद करता है.
  • COVID-19 मुख्य रूप से श्वसन बूंदों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. जब आप खांसते, छींकते हैं, बात करते हैं या गाते हैं तो श्वसन की बूंदें हवा में चली जाती हैं. फिर ये बूंदें आपके आस-पास के लोगों के मुंह या नाक में जा सकती हैं या वे इन बूंदों को अंदर ले जा सकती हैं. मास्क संक्रामक वायरल कणों से युक्त श्वसन बूंदों का प्रसार कम करने में मदद कर सकता है. 
  • आपकी सांस की बूंदों को दूसरों तक पहुंचने से रोकने में मदद करने के लिए मास्क एक आसान तरीका है. यानी आपके संक्रमित होने की संभावना को कम करता है. शोधों से पता चलता है कि नाक और मुंह पर पहने जाने पर मास्क बूंदों के स्प्रे को कम करते हैं.
  • आपको उस समय भी मास्क पहनना चाहिए, जब आप बीमार न हों. ऐसा इसलिए है, क्योंकि कई शोधों में पाया गया है कि COVID-19 वाले लोग जिनमें कभी भी लक्षण विकसित नहीं हुए वे मास्क ना पहनकर अन्य लोगों में वायरस फैला सकते हैं. यदि आप संक्रमित हैं लेकिन लक्षण नहीं दिखा रहे हैं तो मास्क पहनने से आपके आस-पास के लोगों की रक्षा करने में मदद मिलती है.
  • मास्क पहनना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जब आप उन लोगों के साथ घर के अंदर होते हैं, जिनके साथ आप नहीं रहते हैं और जब आप कम से कम 6 फीट अलग रहने में असमर्थ होते हैं, क्योंकि COVID-19 मुख्य रूप से उन लोगों के बीच फैलता है, जो एक-दूसरे के निकट संपर्क में हैं.
  • कपड़े का मास्क भी आपको कुछ सुरक्षा प्रदान करता है. यह आपको वायरस में सांस लेने से कितनी अच्छी तरह बचाता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि इस्तेमाल किए गए कपड़े और आपके मास्क को कैसे बनाया जाता है (जैसे कपड़े का प्रकार, कपड़े की परतों की संख्या और मास्क कितनी अच्छी तरह फिट बैठता है). रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र वर्तमान में इन कारकों पर शोध कर रहा है.
  • मास्क से कोविड के साथ-साथ टीबी और इन्फ्लूएंजा जैसी अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों के प्रसार को रोकने में भी मदद मिलती है.

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स्वस्थ लोगों द्वारा मास्क के उपयोग के संभावित नुकसान कुछ इस प्रकार हैं -

  • लंबे समय तक मास्‍क पहनने से सिर चकराना, सिरदर्द या सांस लेने में कठिनाई हो सकती है. अस्थमा या पुरानी श्वसन या सांस लेने की समस्याओं वाले व्यक्तियों समस्या महसूस होना, बेचैनी और घबराहट महसूस होना जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं.
  • चेहरे की त्वचा के घावों का विकास, त्वचा में जलन, खुजली, इरिटेंट डर्मेटाइटिस या मुंहासों का बिगड़ना खासतौर पर जब मास्क लंबे समय तक उपयोग किया जा रहा हो. लंबे समय तक मास्क के उपयोग बाद त्वचा विशेषज्ञों द्वारा पोस्ट-इंफ्लेमेटरी या पिगमेंटेड कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस कारण अस्थायी और स्थायी हाइपरपिग्मेंटेशन की बात कही गई है. 
  • मास्‍क पहनने से रक्त में ऑक्सीजन की कमी होना और थकान महसूस हो सकती है. शोधों में N95 मास्क पहनने पर रेस्पिरेटरी प्रोटेक्शन और कार्बन डाइऑक्साइड की वृद्धि देखी गई. घटते ऑक्सीजन सैचुरेशन और सांस लेने में कठिनाई देखी गई. साथ ही 60 फीसदी मामलों में सिरदर्द की समस्या भी देखी गई. 
  • शोधों में मास्क लंबे समय तक पहनने के कारण त्वचा के तापमान में 50% वृद्धि और थकान और बार-बार झपकी आना, नींद डिस्टर्ब होना जैसी समस्याएं देखी गई. 
  • आपको जानकर हैरानी होगी कुछ शोधों में मास्क के पहनने से हृदय गति में वृद्धि, मोटापे में वृद्धि भी देखी गई. साथ ही कार्डियोपल्मोनरी क्षमता (लो मैक्मिल ब्लड लैक्टेट प्रतिक्रिया) में हानि का अनुभव किया गया. एक शोध के अनुसार, सर्जिकल मास्क और N95 मास्क पहनने से कार्डियोपल्मोनरी क्षमता कम होने के कारण जीवन की गुणवत्ता भी कम हो सकती है.
  • मास्क लंबे समय तक पहनने से हाइपरकेपनिया (सीओ2 में वृद्धि) और हाइपोक्सिया (ओ2 में कमी) की ओर रक्त गैसों में बदलाव के अलावा, सामान्य शारीरिक प्रभावों के तहत मानसिक क्षमताओं को भी प्रभावित करता है. 
  • जिन लोगों का पैनिक डिसऑर्डर या डिमेंशिया, पैरानॉयड स्किजोफ्रेनिया यानि एंजायटी और पैनिक अटैक्स के साथ पर्सनैलिटी डिसऑर्डर का इलाज चल रहा है उनमें भ्रम, सोच-विचार में भटकाव देखा जा सकता है. ऐसे लोगों को मास्क की आवश्यकता के साथ सामंजस्य बिठाना मुश्किल होता है और मास्क पहनने में समस्याएं आ सकती हैं. 
  • बातचीत करने में कठिनाई, विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए जिनको सुनने में समस्या है या जिनकी सुनने की क्षमता कम है या जो लिप रीडिंग करते हैं. 
  • मसूड़े की सूजन, मुंह से दुर्गंध (सांसों की बदबू), कैंडिडिआसिस (कैंडिडा अल्बिकन्स के साथ म्यूकस मेम्ब्रैन का फंगल संक्रमण) और चिलाइटिस (होंठों की सूजन), जैसी समस्याएं मास्क के अत्यधिक और अनुचित उपयोग के लिए जिम्मेदार हैं. लार के प्रवाह में कमी और मास्क के नीचे खुले मुंह के माध्यम से सांस लेने में वृद्धि के कारण ओरल डिजीज जैसे ड्राई माउथ की समस्या हो सकती है. मुंह से सांस लेने से सतही निर्जलीकरण होता है और लार प्रवाह दर (एसएफआर) कम हो जाती है.
  • लंबे समय तक मास्क का इस्तेमाल राइनाइटिस का कारण बन सकता है. राइनाइटिस, जिसे कोरिजा भी कहा जाता है, नाक के अंदर म्यूकस मेम्ब्रैन की जलन और सूजन है. इसके सामान्य लक्षण भरी हुई नाक, बहती नाक, छींकना और नाक टपकना है.
  • यदि आप एक समय में कई घंटों तक मास्क के अंदर से सांस ले रहे हैं, तो आपका गला सूखा और खरोंच महसूस करना शुरू हो सकता है. एक शोध से पता चला है कि शुष्क नाक और गले में खराश प्रतिदिन घंटों मास्क पहनने के सामान्य दुष्प्रभावों में से है.

फेस मास्क COVID-19 का कारण बनने वाले कोरोना वायरस और उसके वेरिएंट्स के प्रसार को धीमा करने में मदद कर सकते हैं. कोविड 19 संक्रमण से बचने के लिए फेस मास्क के साथ-साथ वैक्सीनेशन, बार-बार हाथ धोना और शारीरिक दूरी सभी उपाय वायरस के प्रसार को धीमा करने में मदद कर सकते हैं. आप जब भी घर से बाहर निकले, कोविड मरीज के संपर्क में हों या घर में भी किसी ऐसे व्यक्ति से बात करें, जो आपके साथ न रहता हो, तो मास्क का इस्तेमाल करें. मास्क को पहनने और उतारने के दौरान हाथ धोना जरूरी है. मास्क को कभी छुएं नहीं सिर्फ उसके फीते से ही पकड़ कर उसे उतारें. मास्क  पहनने से आप खुद को और अपने आसपास के लोगों के संक्रमण से बचा सकते हैं.

(और पढ़ें - लगातार फेस मास्क पहनने से बढ़ रही दांत संबंधी परेशानियां)

अस्वीकरण- इस लेख में दी गई जानकारी प्रकाशन के समय सटीक है। हालांकि, जैसे-जैसे COVID-19 की स्थिति विकसित हो रही है, यह संभव है कि प्रकाशन के बाद से कुछ जानकारी और डेटा बदल गए हों। इसलिए, यदि आप इस लेख को इसके प्रकाशन के लंबे समय बाद पढ़ रहे हैं, तो हम आपको लेटेस्ट समाचार और जानकारी WHO और MoHFW से पाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। 

Dr Rahul Gam

Dr Rahul Gam

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Dr. Arun R

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संदर्भ

  1. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Frequently Asked Questions about Personal Protective Equipment
  2. Australian Government: Department of Heath [Internet]. Canberra, Australian Capital Territory. Coronavirus (COVID-19) information on the use of surgical masks
  3. World Health Organization [Internet]. Geneva (SUI): World Health Organization; Coronavirus disease (COVID-19) advice for the public: When and how to use masks
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