अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर और जर्मनी की फार्मास्यूटिकल कंपनी बायोएनटेक के संयुक्त प्रयास से विकसित की गई कोविड-19 वैक्सीन बीएनटी162बी2 को लेकर बड़ी जानकारी आ रही है। खबर है कि ब्रिटेन में इस वैक्सीन के इस्तेमाल की स्वीकृति दे दी गई है। वैक्सीन की जांच की पुष्टि के बाद इसे इस्तेमाल के लिए मंजूरी दिए जाने के बाद ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने बताया है कि वैक्सीन को अगले हफ्ते से लोगों को लगाया जाना शुरू किया जाएगा। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन की सरकार ने इस बारे में एक बयान जारी कर कहा है, 'सरकार ने आज (बुधवार) स्वायत्त मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रॉडक्ट्स रेग्युलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) के फाइजर-बायोएनटेक की कोविड-19 वैक्सीन के इस्तेमाल के संबंध में दिए गए सुझाव को स्वीकार कर लिया है। यह टीका अगले हफ्ते से पूरे यूके में उपलब्ध कराया जाएगा।'

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रिपोर्ट में बताया गया है कि ब्रिटेन में वैक्सीन के इस्तेमाल से जुड़े नियम तय करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। यह समिति फैसला करेगी कि सबसे पहले किन विशेष समूहों को टीका लगाया जाएगा। हालांकि यह लगभग तय है कि सबसे पहले वैक्सीन स्वास्थ्यकर्मियों, बुजुर्गों और कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रति ज्यादा संवेदनशील लोगों को ही लगाई जाएगी। उधर, फाइजर ने कहा है कि ब्रिटेन में वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिलना कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक ऐतिहासिक क्षण है। फाइजर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ऐल्बर्टा बोर्ला ने कहा, 'यह अनुमति एक ऐसा लक्ष्य है, जिसे पाने के लिए हम तब से काम कर रहे हैं, जब हमने घोषणा की थी कि हमारी वैक्सीन (कोरोना वायरस के खिलाफ) जीत हासिल करेगी। हम एमएचआरए के सावधानीपूर्वक वैक्सीन की क्षमता का आंकलन करने और यूके के लोगों को सुरक्षित करने के लिए समय पर कार्रवाई करने की प्रशंसा करते हैं।'

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बता दें कि कुछ हफ्ते पहले ही फाइजर ने अपनी वैक्सीन को कोविड-19 की रोकथाम में 90 प्रतिशत से ज्यादा प्रभावी बताया था। उसके अलावा एक और अमेरिकी कंपनी मॉडेर्ना ने अपनी एमआरएनए1273 कोरोना वैक्सीन को कोविड-19 के खिलाफ 94 प्रतिशत से ज्यादा इफेक्टिव बताया है। ये दोनों ही वैक्सीन सार्स-सीओवी-2 वायरस के जेनेटिक मटीरियल की सिंथैटिक कॉपी से बनी हैं, जो शरीर में जाने के बाद कोशिकाओं में वायरस के एक टुकड़े की कई कॉपियां बना देती हैं। इससे कोशिकाएं असल कोरोना वायरस को रोकने के लिए अपेक्षित इम्यूनिटी जनरेट कर लेती हैं। वैक्सीन लगवाने वाला कोई व्यक्ति जब वास्तव में वायरस की चपेट में आता है तो इम्यून सिस्टम उसके खिलाफ सक्षण एंटीबॉडी विकसित कर लेता है।

उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन दुनिया का पहला देश बन गया है, जहां सरकार की तरफ से बीएनटी162बी2 को इस्तेमाल किए जाने की मंजूरी दी गई है। यहां के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने इसकी जानकारी देते हुए कहा है, 'मदद आने वाली है। एमएचआरए ने औपचारिक रूप से फाइजर/बायोएनटेक की कोविड-19 वैक्सीन को इस्तेमाल किए जाने की अनुमति दे दी है। एनएचएस (नेशनल हेल्थ सर्विस) अगले हफ्ते से वैक्सीनेशन प्रोग्राम के लिए तैयार है। यूके दुनिया का पहले देश है जहां (कोविड-19 के लिए) वैक्सीन को क्लिनिकली अप्रूव किया गया है।'

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें फाइजर की कोविड-19 वैक्सीन को यूके में मंजूरी मिली, अगले हफ्ते से वैक्सीनेशन प्रोग्राम होगा शुरू है

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