कोविड-19 के इलाज और रोकथाम के लिए अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर और जर्मन फार्मा कंपनी बायोएनटेक द्वारा तैयार की गई वैक्सीन बीएनटी162बी2 फिलहाल बाकी सभी दावेदारों को पीछे छोड़ती दिख रही है। खबर है कि इस टीके को अमेरिका और दुनिया की प्रतिष्ठित ड्रग एजेंसी फूड एंड ड्रग एडिमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने भी कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ सक्षम बताया है। एफडीए ने कहा है कि वैक्सीन पहले शॉट के साथ ही दस दिनों के अंदर बीमारी के खिलाफ मजबूत इम्यून रेस्पॉन्स पैदा करती है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, एफडीए ने बकायदा इस तथ्य के साथ वैक्सीन से जुड़ी अन्य जानकारियों को प्रकाशित किया है।

गौरतलब है कि पिछले महीने फाइजर और बायोएनटेक ने घोषणा करते हुए दावा किया था कि उनकी कोविड वैक्सीन बीएनटी162बी2 कोरोना वायरस के इन्फेक्शन की रोकथाम में 95 प्रतिशत सक्षम है। कंपनी ने दो खुराक के तहत किए क्लिनिक ट्रायलों के परिणामों के आधार पर यह दावा किया था। अब एक तरह से एफडीए ने भी इसकी पुष्टि करते हुए वैक्सीन के पहले शॉट को ही मजबूत इम्यून रेस्पॉन्स पैदा करने वाला बताया है। अच्छी बात यह है कि बीमारी के खिलाफ प्रभावी रहते हुए वैक्सीन सभी आयु और वजन के लोगों के लिए सुरक्षित साबित हुई है। किसी भी ट्रायल में प्रतिभागियों में मामूली साइड इफेक्ट (दर्द, बुखार आदि) के अलावा कोई भी गंभीर दुष्प्रभाव नहीं दिखा है।

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वहीं, एफडीए को लेकर जानकारी आ रही है कि उसका वैक्सीन एडवाइजरी पैनल इस गुरुवार को फाइजर की वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दिए जाने के मुद्दे पर चर्चा करेगा। इस बीच कई मेडिकल एक्सपर्ट को यह चिंता रही है कि कोरोना वायरस वैक्सीनों से कुछ लोगों को अन्य लोगों की तुलना में बेहतर प्रोटेक्शन मिलेगा। यानी दूसरे लोग इनसे पर्याप्त रूप से प्रभावित हुए बिना वायरस के खतरे में रहेंगे। लेकिन फाइजर-बायोएनटेक और एफडीए की ओर से प्रकाशित ब्रीफिंग मटीरियल से संकेत मिलता है कि बीएनटी162बी2 के साथ ऐसी कोई दिक्कत नहीं है। यह टीका महिलाओं और पुरुषों समेत सभी नस्ल के लोगों के लिए समान रूप से प्रभावी है। इतना ही नहीं, वैक्सीन ने मोटापे से जूझ रहे और बुजुर्ग लोगों में भी इम्यून रेस्पॉन्स पैदा किया है, जिन्हें कोविड-19 के सबसे ज्यादा खतरे वाले लोगों की सूची में गिना जाता है।

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उधर, यूरोप में फाइजर द्वारा विकसित वैक्सीन को आम लोगों पर लगाने का अभियान मंगलवार को शुरू हो गया। यहां सबसे पहले एक 90 वर्षीय महिला को यह टीका लगाया गया है। इसके साथ ही मार्गरेट कीनन नाम की यह वृद्ध महिला ऐसी पहली व्यक्ति बन गई है, जिसे कोविड-19 की रोकथाम के लिए औपचारिक रूप से शुरू किए गए कार्यक्रम के तहत सबसे पहला टीका लगाया गया है। इस मौके पर यूके की चर्चित नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) ने कहा कि यह कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में एक ऐतिहासिक पल है।

वहीं, वैक्सीन लगवाने वाली महिला भी इस दौरान काफी उत्साहित नजर आईं। जिस अस्पताल में उन्हें टीका लगाया गया, वहां सभी लोगों ने उनका खड़े होकर और ताली बजाकर स्वागत किया। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, वैक्सीन लगने के बाद महिला ने कहा, 'मैं एनएचएस स्टाफ का कैसे धन्यवाद करूं, जिन्होंने मेरी बहुत ज्यादा देखभाल की है। मेरी हर किसी को यही सलाह है कि वह इसे (वैक्सीन) लगवाएं। अगर मैं 90 साल की उम्र में ऐसा कर सकती हूं तो आप भी कर सकते हैं।'

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें फाइजर की कोविड-19 वैक्सीन पहले शॉट में मजबूत इम्यून रेस्पॉन्स पैदा करती है: एफडीए है

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