डिहाइड्रेशन या स्ट्रेस से कब्ज की समस्या होना आम बात है. कई बार कुछ दवाइयों और मेडिकल कंडीशन की वजह से भी कब्ज की समस्या हो जाती है. ऐसे में एक्यूप्रेशर जैसे प्राकृतिक इलाज के जरिए कब्ज से राहत मिल सकती है. शरीर के अलग-अलग एक्यूप्रेशर पॉइंट को दबाकर पाचन को दुरुस्त और बाउल मूवमेंट में सुधार लाया जा सकता है.

आइए, इस लेख में कब्ज को ठीक करने वाले एक्यूप्रेशर पॉइंट के बारे में जानते हैं -

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  1. कब्ज ठीक करने के एक्यूप्रेशर पॉइंट
  2. सारांश
कब्ज के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट के डॉक्टर

शरीर में 20 से ज्यादा प्रेशर प्वाइंट होते हैं, जिनमें से कुछ खास पॉइंट का इस्तेमाल करके अलग-अलग बीमारियों को ठीक करने में मदद मिलती है. ऐसे ही कुछ एक्यूप्रेशर पॉइंट का इस्तेमाल करके कब्ज को ठीक करने में मदद मिलती है. इन एक्यूप्रेशर पॉइंट के बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है -

SJ6

इस पॉइंट को सैन जिओ 6 के नाम से भी जाना जाता है, जो कब्ज को दूर करने के लिए इस्तेमाल होने वाला एक आम एक्यूप्रेशर पॉइंट है. यह पॉइंट निचले जिओ को स्टिमूलेट करता है, जिसमें बड़ी और छोटी आंत, किडनी और ब्लैडर शामिल है. SJ6 कलाई से 3 उंगली की चौड़ाई पर ऊपरी हिस्से में स्थित होता है. इस पॉइंट पर उल्टे हाथ के अंगूठे या तर्जनी उंगली से प्रेशर डालना होता है. 1 से 3 मिनट तक इस पर सर्कुलर मोशन में दबाव डालने की सलाह भी दी जाती है. इसी तरह दूसरे हाथ पर भी दबाव डालना होता है.

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ST25

यह पॉइंट पाचन तंत्र को संतुलित करने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है. यह कब्ज और डायरिया दोनों को ठीक करने में मददगार साबित हुआ है. यह प्रेशर पॉइंट नाभि के दाहिने व बाईं ओर दो उंगली की चौड़ाई की दूरी पर स्थित होता है. अंगूठे या तर्जनी उंगली की मदद से इस पॉइंट पर दबाव डालने के साथ ही 1 से 3 मिनट तक सर्कुलर प्रेशर भी डालना है. इसी तरह बाईं ओर भी दोहराना है.

SP15

यह एक्यूप्रेशर पॉइंट ST25 के पास स्थित होता है. यह पेरीस्टाल्सिस को स्टिमूलेट करने और ST25 के प्रभाव को दुरुस्त करने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है. नाभि के दाहिने और बाएं और 4 उंगली की चौड़ाई पर SP15 को पाया जा सकता है. यहां अंगूठे या तर्जनी उंगली की मदद से हल्के से दबाव डालना और 1 से 3 मिनट तक सर्कुलर मोशन में दबाव डालना पड़ता है. दाहिनी ओर ऐसा करने के बाद बाईं ओर भी ऐसे ही दोहराना है.

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LV3

यदि कब्ज के लक्षणों का कारण स्ट्रेस है, तो पैर में LV3 प्वाइंट पर दबाव डालकर उसे ठीक किया जा सकता है. कब्ज के लिए इस प्रेशर प्वाइंट के बारे में कहा जाता है कि यह लिवर को नियमित और स्ट्रेस से छुटकारा दिलाने में मददगार है. पैर के अंगूठे और दूसरी उंगली के बीच की सॉफ्ट स्किन पर यह प्वाइंट स्थित होता है. यहीं पर अंगूठी या तर्जनी उंगली की मदद से दबाव डालने के साथ ही सर्कुलर मोशन में हल्की मालिश करने की सलाह दी जाती है. ऐसा दोनों पैरों में करने से कब्ज से राहत मिलती है.

LI4

इसे प्रेशर प्वाइंट का इस्तेमाल स्ट्रेस को ठीक करने के लिए किया जाता है. जब इमोशनल स्ट्रेस की वजह से कब्ज की समस्या हो जाती है, तो इस पॉइंट पर प्रेशर डालने से आराम मिलता है. हथेली के ऊपरी हिस्से पर अंगूठे और तर्जनी उंगली के बीच की सॉफ्ट स्किन पर यह प्रेशर प्वाइंट स्थित होता है. यहां दूसरे हाथ के अंगूठे या तर्जनी उंगली से दबाव और हल्के से सर्कुलर प्रेशर डालने से स्ट्रेस और कब्ज दोनों से राहत मिलती है. इसी प्रक्रिया को दूसरे हाथ पर भी दोहराना है.

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KI6

यह एक्यूप्रेशर पॉइंट पैर में होता है, जिससे बाउल मूवमेंट को सुधारने में मदद मिलती है. यह पॉइंट द्रव्य के निर्माण को बढ़ावा देकर कब्ज को कम करने में मदद करता है. इस पॉइंट को टखने की हड्डी के के नीचे ढूंढा जा सकता है. यहीं पर अंगूठे और तर्जनी उंगली की मदद से दबाना और सर्कुलर मोशन में हल्की मालिश करनी है. इसी प्रक्रिया को दूसरे पैर पर भी दोहराने की सलाह दी जाती है.

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इन सभी एक्यूप्रेशर पॉइंट की मदद से कब्ज से आराम पहुंच सकता है. हालांकि, प्रेग्नेंसी, लंग, किडनी या दिल के रोग होने की स्थिति में एक्यूप्रेशर करने से पहले एक्यूप्रेशर स्पेशलिस्ट की सलाह जरूर लेनी चाहिए. यदि कोई रोग नहीं है, तो भी बिना किसी एक्यूप्रेशर स्पेशलिस्ट की मदद के एक्यूप्रेशर नहीं करना चाहिए, क्योंकि एक्यूप्रेशर के लिए सही पॉइंट पर सही दबाव डालने की जरूरत होती है.

Dr Jagdish Singh

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