ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर) - Breast Cancer in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

June 28, 2017

January 30, 2024

ब्रेस्ट कैंसर
ब्रेस्ट कैंसर

ब्रेस्ट कैंसर क्या है?

ब्रेस्ट कैंसर या स्तन कैंसर स्तनों की कोशिकाओं में बनने वाला कैंसर है।

ज्यादातर ब्रेस्ट कैंसर के कोई शुरुआती लक्षण नहीं होते हैं। स्तन कैंसर कई प्रकार के होते हैं, जिनमें से प्रत्येक कई प्रकार के लक्षण पैदा कर सकता है। फिर भी ब्रेस्ट में गांठ बनना, ब्रेस्ट की स्किन, साइज और आकार में परिवर्तन इसके आम लक्षण हैं।

आज ब्रेस्ट कैंसर की जांच, इलाज और इसके प्रति जागरूकता में काफी प्रगति हो चुकी है। इसकी वजह से स्तन कैंसर होने पर जीवित रहने की दर में वृद्धि हुई है, और इस बीमारी से जुड़ी मौतों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है।

भारत में ब्रेस्ट कैंसर 

स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाले इनवेसिव कैंसर (जो अन्य कोशिकाओं या ऊतकों में फ़ैल सकता है) में सबसे आम है। यह महिलाओं में होने वाले कैंसर का 16% और इनवेसिव कैंसर का 22.9% है। दुनियाभर में कैंसर के कारण होने वाली मृत्युओं में 18.2% स्तन कैंसर से होती हैं।

भारत के ज़्यादातर शहरों में ब्रेस्ट कैंसर सबसे आम प्रकार का कैंसर है और ग्रामीण क्षेत्रों में यह दूसरा सबसे आम प्रकार का कैंसर है। इन शहरों में, महिलाओं को होने वाले कैंसरों में 25% से 32% केस स्तन कैंसर के होते हैं।

ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर) के लक्षण - Breast Cancer Symptoms in Hindi

ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या हैं?

आम तौर पर, शुरूआती स्टेज पर स्तन कैंसर के कोई लक्षण नहीं पाए जाते। ट्यूमर का आकार छोटा हो सकता है (जो महसूस न हो पाए), हालांकि कोई भी असामान्यता मैमोग्राम में देखी का सकती है।

ट्यूमर होने का पहला संकेत ब्रेस्ट में गांठ ही होता है जो पहले वहाँ नहीं था। हालांकि हर गांठ कैंसर हो ये ज़रूरी नहीं, इसलिए गांठ महसूस होने पर अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

ब्रेस्ट कैंसर की पहचान क्या है?

स्तन कैंसर में निम्न लक्षण हो सकते हैं:

  • गांठ या ऊतकों का मोटा होना महसूस होना (जो अभी-अभी बना हो)
  • पूरे स्तन पर त्वच पर गुठलियां बनना या त्वचा का लाल होना 
  • पूरे स्तन या स्तन के कुछ हिस्से में सूजन 
  • निप्पल्स से स्तन के दूध के अलावा किसी और द्रव का स्त्राव 
  • निप्पल्स से खून निकलना
  • निप्पल्स या स्तन की त्वचा का छीलना
  • स्तन के आकार में अचानक और अस्पष्टीकृत परिवर्तन होना
  • स्तन की त्वचा में परिवर्तन 
  • बांह में सूजन या गांठ बनना
  • इनवर्टेड निप्पल्स (निप्पल्स का बाहर की तरफ न होकर अंदर की तरफ होना)

इनमें से कोई लक्षण होने का अर्थ यह नहीं है कि आपको स्तन कैंसर ही है। कोई भी लक्षण पाए जाने पर अपने डॉक्टर से अवश्य संपर्क करें।

क्या ब्रेस्ट कैंसर में दर्द होता है?

दोनों स्तनों में दर्द होना अधिकतर मामलों में ब्रैस्ट कैंसर का लक्षण नहीं होता है। हालांकि, अगर आपको दर्द केवल एक स्तन में ही है - और विशेष रूप से एक स्तन पर एक विशिष्ट स्थान में - तो इसकी जांच करवाने में देरी न करें।

"फोकल दर्द" (सिर्फ एक जगह होने वाला) का दोनों स्तनों में दर्द की तुलना में कैंसर का संकेत होने की संभावना अधिक होती है। यदि दर्द के साथ स्तन में गांठ या आपकी त्वचा या निप्पल परिवर्तन भी हो रहे हैं, तो भी आपको डॉक्टर से तुरंत जांच करवानी चाहिए।

फिर भी अगर आप ब्रेस्ट में दर्द को लेकर चिंतित हैं, तो डॉक्टर से फिजिकल एग्जाम करवा लें। आपके डॉक्टर यह निर्धारित कर सकेंगे कि आपको ब्रेस्ट कैंसर स्क्रीनिंग की आवश्यकता है या नहीं।

ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर) के कारण - Breast Cancer Causes in Hindi

ब्रेस्ट कैंसर कैसे होता है?

विशेषज्ञ स्तन कैंसर का सटीक कारण पता नहीं लगा पाए हैं। लेकिन शोधकर्ताओं ने हार्मोनल, जीवन शैली और पर्यावरणीय कारकों की पहचान की है जो आपके स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। संभवतः ब्रेस्ट कैंसर इन कारकों के एक काम्प्लेक्स मिक्स से होता है।

हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि कुछ लोग जिनको कोई जोखिम कारक नहीं है उन्हें ब्रेस्ट कैंसर क्यों होता है, और दूसरी तरफ जिन्हें ऐसे कई जोखिम कारक हैं, उन्हें स्तन कैंसर नहीं होता है।

निम्नलिखित कारक स्तन कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं -

  • उम्र बढ़ना या वृद्ध होना - महिला की उम्र बढ़ने से स्तन कैंसर होने का जोखिम भी बढ़ता है। महिलाओं में पाए जाने वाला स्तन कैंसर 80% से ज़्यादा स्थितियों में 50 से ज़्यादा उम्र की महिलाओं में होता है (मेनोपॉज़ के बाद)।
  • जेनेटिक्स - ज़्यादातर स्तन कैंसर आनुवंशिक नहीं होते।​ लेकिन अगर महिला के किसी करीबी रिश्तेदार को स्तन कैंसर या ओवरी कैंसर है या हो चुका है, तो उन्हें स्तन कैंसर होने का खतरा ज़्यादा होता है।
  • समय से पहले पीरियड्स शुरू होना - जिन महिलाओं में 12 की उम्र से पहले मासिक धर्म शुरू हो जाते हैं उनमें ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा थोड़ा बढ़ जाता है।
  • पहले कभी स्तन कैंसर हो चुका हो - जिन महिलाओं को पहले स्तन कैंसर हो चुका हो, भले ही वह नॉन-इनवेसिव (अन्य कोशिकाओं या ऊतकों तक न फैलने वाला), उनमें स्तन कैंसर होने का जोखिम अन्य महिलाओं की तुलना में ज़्यादा होता है।
  • पहले स्तन में गांठ की समस्या होना - जिन महिलाओं के स्तन पर कैंसररहित गांठें रह चुकी हों, उनमें कैंसर होने का खतरा अधिक होता है।
  • स्तन में सघन ऊतक - जिन महिलओं के स्तन ऊतक ज़्यादा सघन होते हैं उनमें स्तन कैंसर होने का जोखिम ज़्यादा होता है।
  • ज्यादा उम्र तक प्रग्नेंट न होना - 30 साल की उम्र के बाद पहला गर्भधारण करने या गर्भधारण न करने से भी स्तन कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है।
  • मेनोपॉज देर से शुरू होना - 55 की उम्र के बाद मेनोपॉज़ होने से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। 
  • शारीरिक रूप से सक्रिय न होना - जो महिलाएं ज़्यादा शारीरिक गतिविधियां नहीं करतीं उनमें स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। 
  • मोटापा - मोटापा कई बीमारियों के जोखिम को बढ़ा देता है। जिन महिलाओं का वज़न ज़्यादा है उनमें स्तन कैंसर होने की सम्भावना ज़्यादा होती है। 

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  • कॉम्बिनेशन हॉरमोन थेरेपी का प्रयोग - पांच साल से ज़्यादा समय तक मेनोपॉज़ में एस्ट्रोजन (Estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) का स्थान लेने के लिए होर्मोनेस की दवाएं लेने से भी स्तन कैंसर होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
  • गर्भनिरोधक दवाएं लेना - कुछ गर्भ-निरोधक दवाएं स्तन कैंसर होने का खतरा बढाती हैं। 
  • सिगरेट और शराब पीना - ऐसा पाया गया है कि मदिरा और धूम्रपान का अत्यधिक सेवन स्तन कैंसर होने की संभावनाएं बढ़ता है।

क्या ब्रेस्ट कैंसर फैलता है? - Can Breast Cancer Spread in Hindi?

कभी-कभी, ब्रेस्ट कैंसर शरीर के अन्य भागों में फैल जाता है। यह हमेशा नहीं होता है, लेकिन जब यह होता है, तो इसे "मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर" कहा जाता है।

मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर का इलाज नॉन-मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर से अलग होता है। परिणामस्वरूप, ऑन्कोलॉजिस्ट आमतौर पर नैदानिक ​​/ स्टेजिंग प्रक्रिया के दौरान कैंसर के फैलने (मेटास्टेसिस) के प्रमाण की जांच करते हैं।

ब्रेस्ट कैंसर कैसे फैलता है?

ब्रेस्ट कैंसर तब फैलता है जब कैंसर कोशिकाएं स्वस्थ ऊतकों पर आक्रमण करती हैं। ज्यादातर मामलों में, ब्रेस्ट कैंसर पहले प्रभावित स्तन के अन्य भागों में फैलता है, फिर पास के लिम्फ नोड्स में। यदि कैंसर कोशिकाएं लसीका प्रणाली तक पहुंच जाती हैं, तो वे शरीर के दूर के हिस्सों तक पहुंच सकती हैं।

ब्रेस्ट कैंसर कहाँ फैलता है?

ब्रेस्ट कैंसर फैलने के सबसे आम स्थानों में शामिल हैं:

  • फेफड़े
  • लिवर
  • हड्डियां
  • दिमाग

भले ही स्तन कैंसर दूर के अंग में फैल जाये, फिर भी इसे स्तन कैंसर ही वर्गीकृत किया जाता है। उदाहरण के लिए, अगर स्तन कैंसर फेफड़ों तक फैल चुका है, उसे मेटास्टैटिक स्तन कैंसर माना जाता है - फेफड़े का कैंसर नहीं।

ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर) से बचाव के उपाय - Prevention of Breast Cancer in Hindi

लाइफ स्टाइल में कुछ बदलावों से महिलाओं में स्तन कैंसर के होने के जोखिम से बचा जा सकता है। 

  • सिगरेट और शराब न पिएं - जो महिलाएं नियमित रूप से ज़्यादा मात्रा में मदिरा या धूम्रपान का सेवन करती हैं, उनमें स्तन कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। 
  • एक्सरसाइज करें - जो महिलाएं हफ्ते में पांच दिन नियमित तौर पर व्यायाम करती हैं, उनमें स्तन कैंसर होने का खतरा कम होता है।
  • सही डाइट लें - विशेषज्ञों का मानना है कि संतुलित और स्वस्थ आहार का सेवन करने से महिलाओं में स्तन कैंसर के जोखिम को टाला जा सकता है। 
  • मेनोपॉज़ के बाद हॉर्मोन थेरेपी - हॉर्मोन थेरेपी स्तन कैंसर होने के खतरे को कम करता है। मरीज़ को यह करवाने से पहले इसके फायदे और नुकसानों के बारे में चिकित्सक से परामर्श कर लेना चाहिए। 
  • स्वस्थ वजन बना कर रखें - शरीर का वज़न ज़्यादा होने से भी स्तन कैंसर होने का खतरा रहता है। स्वस्थ शारीरिक वजन बनाये रखने से इस खतरे से बचा जा सकता है।
  • स्तनपान करवाएं - जो महिलाएं स्तनपान करवा रही होती हैं उनमें अन्य महिलाओं के मुकाबले स्तन कैंसर होने का खतरा कम रहता है।

ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर) की जांच - Diagnosis of Breast Cancer in Hindi

ब्रेस्ट कैंसर की जांच कैसे की जाती है?

यह निर्धारित करने के लिए कि लक्षण स्तन कैंसर की वजह से हैं या स्तन की किसी अन्य परेशानी की वजह से हैं, डॉक्टर एक संपूर्ण शारीरिक जांच और अन्य कुछ टेस्ट्स करेंगे। निम्न टेस्ट्स की मदद से स्तन कैंसर का निदान किया जा सकता है:

  • ब्रेस्ट एग्जाम - डॉक्टर दोनों स्तन के असामान्य भागों की जांच करने के लिए एक संपूर्ण ब्रेस्ट एग्जाम करते हैं। डॉक्टर शरीर के अन्य अंगों की भी जांच कर सकते हैं जिससे ये पता लगाया जा सके कि लक्षण शरीर की किसी अन्य समस्या की वजह से तो नहीं हैं। 
  • मैमोग्राम - स्तन की सतह के नीचे देखने का सबसे अच्छा तरीका है मैमोग्राम नामक इमेजिंग टेस्ट। कई महिलाएं वार्षिक मैमोग्राम्स करवाती हैं जिससे जांच की जा सके कि उन्हें स्तन कैंसर तो नहीं है। अगर डॉक्टर को संदेह है कि आपको ट्यूमर या अन्य संदिग्ध परेशानी है, तो भी डॉक्टर मैमोग्राम करने के लिए कह सकते हैं। अगर मैमोग्राम में कोई असामान्यता पायी गयी हो तो, डॉक्टर अन्य टेस्ट्स करवाने के लिए भी कह सकते हैं।
  • अल्ट्रासाउंड - स्तन अल्ट्रासाउंड से स्तन ऊतकों की एक तस्वीर बन जाती है। अल्ट्रासाउंड में ध्वनि तरंगों का प्रयोग किया जाता है। अल्ट्रासाउंड की मदद से डॉक्टर को ट्यूमर या सिस्ट में अंतर करने में मदद मिलेगी। 
  • बायोप्सी - अगर मैमोग्राम और अल्ट्रासाउंड से कोई परिणाम न पाया गया हो, तो डॉक्टर संदिग्ध भाग का एक सैंपल लेकर उसका टेस्ट कर सकते हैं। सैंपल की मदद से कैंसर का पता लगाया जा सकेगा। इसे बायोप्सी कहते हैं।

ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर) का इलाज - Breast Cancer Treatment in Hindi

ब्रेस्ट कैंसर के इलाज का सबसे आम तरीका है स्तन कैंसर की सर्जरी। सर्जरी के अतिरिक्त, कीमोथेरेपी, विकिरण चिकित्सा या हॉर्मोन थेरेपी जैसे उपचार के तरीकों को भी अपनाया जा सकता है।

ब्रेस्ट कैंसर का उपचार किस पद्धति का प्रयोग करके किया जायेगा यह इस पर निर्भर करता है कि ब्रेस्ट कैंसर किस स्टेज पर है, ब्रेस्ट कैंसर कितना फैला है और ट्यूमर का आकार कितना बड़ा है। यह सब पता चल जाने के बाद आप अपने डॉक्टर के साथ उपचार के विकल्पों के बारे में चर्चा कर सकते हैं। 

ब्रेस्ट कैंसर की सर्जरी

स्तन कैंसर को हटाने के लिए कई प्रकार की सर्जरी की जाती हैं:

  • लम्पेक्टॉमी - इस प्रक्रिया द्वारा संदिग्ध या कैंसरग्रस्त भाग को निकाल दिया जाता है और आसपास के ऊतकों को उनकी जगह पर ही रहने दिया जाता है। 
  • मास्टेक्टॉमी - इस प्रक्रिया द्वारा सर्जन पूरा स्तन निकाल देते हैं। डबल मास्टेक्टॉमी में दोनों स्तन निकाले जाते हैं।

विकिरण चिकित्सा

कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए एक्स-रे की उच्च स्तरीय किरणों का प्रयोग किया जा सकता है। ज़्यादातर विकिरण चिकित्सा में शरीर के बाहर एक बड़ी मशीन का प्रयोग किया जाता है। 

कैंसर के उपचार के तरीकों में प्रगति की वजह से शरीर के अंदर कैंसर को विकीर्ण किया जा सकता है। इस प्रक्रिया को ब्रैकीथेरेपी कहा जाता है। इस प्रक्रिया को करने के लिए सर्जन रेडियो-एक्टिव सीड्स या पेलेट्स को शरीर के अंदर ट्यूमर के पास रखते हैं।

कीमोथेरेपी

कीमोथेरेपी एक दवा है जो कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर सकती है। कुछ मरीज़ सिर्फ कीमोथेरेपी ही करवाते हैं लेकिन इस प्रक्रिया का प्रयोग अक्सर उपचार के अन्य विकल्पों, खासकर सर्जरी, के साथ किया जाता है। 

कुछ स्थितियों में, सेक्टर सर्जरी से पहले कीमोथेरेपी करना उचित समझते हैं। इसका उद्देश्य यह होता है कि ट्यूमर को सिकोड़ा जा सके और सर्जरी ज़्यादा चीरकर या काटकर न करनी पड़े। कीमोथेरेपी के कई दुष्प्रभाव भी होते हैं जिनके बारे में मरीज़ को उपचार शुरू होने से पहले से पता होना चाहिए। 

हार्मोन थेरेपी

अगर स्तन कैंसर पर आपके हॉर्मोन्स का असर पड़ता हो, तो डॉक्टर हार्मोन्स को अवरुद्ध करने के लिए हार्मोन थेरेपी शुरू कर सकते हैं जिससे कैंसर के विकास को रोकने का प्रयास किया जाता है। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन महिलाओं में पाए जाने वाले दो ऐसे हॉर्मोन्स हैं जो स्तन कैंसर के ट्यूमर के विकास को बढ़ाते हैं। इन हॉर्मोस के उत्पादन को कम करने या रोकने की दवाएं लेने से कैंसर के विकास को कम किया जा सकता है। 

दवाएं

कुछ दवाओं से विशिष्ट असामन्यताओं और कैंसर कोशिकाओं के म्यूटेशंस पर हमला किया जा सकता है, जैसे HER2 प्रोटीन के उत्पाद अवरुद्ध किया जा सकता है। HER2 कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने में मदद करता है, इसलिए इस प्रोटीन को बनने से रोकने से कैंसर के विकास को रोका जा सकता है। 

ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर) के प्रकार - Types of Breast Cancer in Hindi

ब्रेस्ट कैंसर के कई प्रकार होते हैं। आपको किस प्रकार का कैंसर है इससे यह निर्धारित किया जाता है कि उपचार किस तरह से किया जायेगा। सबसे आम प्रकार के स्तन कैंसर निम्न हैं:

  1. डक्टल कार्सिनोमा इन सीटू (Ductal Carcinoma In Situ, DCIS): यह कैंसर का एक नॉन-इनवेसिव (Non-Invasive - जब कैंसर कोशिकाएं आसपास की कोशिकाओं या ऊतकों तक नहीं फैलती) अग्रगामी (Precursor; एक स्टेज या पदार्थ जिसमें से दूसरे का गठन होता है) है। अगर आपको DCIS है तो स्तन को लाइन करने वाले डक्ट्स बदल जाते हैं और कैंसरग्रस्त लगने लगते हैं। हालांकि लेकिन कैंसरग्रस्त कोशिकाओं की तरह ये स्तन ऊतक तक नहीं पहुंचे हैं।
     
  2. लोब्यूलर कार्सिनोमा इन सीटू (Lobular Carcinoma In Situ, LCIS): यह वो कैंसर है जो दूध बनाने बाली ग्रंथियों में विकसित होता है हालांकि यह अभी आसपास के ऊतकों तक नहीं फैला है।
     
  3. इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा (Invasive Ductal Carcinoma, IDC): यह सबसे आम प्रकार का स्तन कैंसर है। यह स्तन की दूध नलिकाओं (Milk Ducts) में उत्पन्न होकर आसपास के स्तन ऊतकों पर आक्रमण करता है। एक बार जब कैंसर दूध नलिकाओं से बाहर फ़ैल जाता है, फिर ये आसपास के ऊतकों और अंगों तक भी फ़ैल सकता है।
     
  4. इनवेसिव लोब्यूलर कार्सिनोमा (Invasive Lobular Carcinoma, ILC): यह पहले स्तन के लोब्यूल्स या दूध बनाने वाली ग्रंथियों में बनता है। अगर कैंसर का निदान ILC के रूप में हुआ है, तो इसका अर्थ ये है कि कैंसर अबतक आसपास के ऊतकों और अंगों तक फ़ैल चुका है। 

अन्य प्रकार के स्तन कैंसर इतने आम नहीं हैं:

  • इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर (Inflammatory Breast Cancer): इसमें कोशिकाएं लिम्फ नोड्स को अवरुद्ध कर देती हैं जिससे स्तन पूरी तरह स्त्रावित नहीं हो पाते। हालांकि, ट्यूमर बनाने के बजाय, IBC के कारण स्तन में सूजन हो जाती है, वे लाल लगने हैं और गरम महसूस हो सकते हैं। कैंसरग्रस्त स्तन छिला हुआ और मोटा लग सकता है, संतरे के छिलके के समान। यह प्रकार स्तन कैंसरों का सिर्फ एक प्रतिशत ही है।
     
  • ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर (Triple-Negative Breast Cancer): इस प्रकार के कैंसर का निदान होने के लिए ज़रूरी है कि ट्यूमर में निम्नलिखित तीनों लक्षण हों:
    • उसमें एस्ट्रोजन रिसेप्टर (Estrogen Receptors) न हों।
    • उसमें प्रोजेस्टेरोन रिसेप्टर (Progesterone Receptors) न हों।
    • उसकी सतह पर अतिरिक्त HER2 प्रोटीन (HER2 प्रोटीन स्तन कैंसर के विकास को बढ़ाता है) नहीं होने चाहिए। ​
    अगर ट्यूमर तीनों लक्षण दिखता है, तो उसे ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर कहते हैं। इस प्रकार का कैंसर ज़्यादा जल्दी फैलता और बढ़ता है। इस प्रकार के कैंसर का उपचार करना भी बहुत कठिन होता है।
     
  • निप्पल का पेजेट रोग (Paget Disease Of The Nipple): इस प्रकार का स्तन कैंसर ब्रेस्ट डक्ट्स में उत्पन्न होता है, लेकिन जैसे जैसे ये बढ़ता है, यह निप्पल की त्वचा और एरिओला को प्रभावित करता है। पेजेट रोग स्तन कैंसर के अन्य प्रकारों, जैसे DCIS या IDC के साथ भी हो सकता है। 
     
  • फिलोड्स ट्यूमर (Phyllodes Tumor): यह एक बहुत ही दुर्लभ प्रकार का कैंसर है जो स्तन के कनेक्टिव ऊतकों में होता है। 
     
  • वाहिकासार्कोमा (Angiosarcoma): जो कैंसर स्तन की रक्त वाहिकाओं या लिम्फ वाहिकाओं में होता है उसे वाहिकासार्कोमा कहते हैं। 

ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर) के चरण - Stages of Breast Cancer in Hindi

स्तन कैंसर की गंभीरता के मुताबिक उसे पांच स्टेज में बांटा जा सकता है। स्तन कैंसर के स्टेज का पता लगाने के लिए डॉक्टर को निम्न जानकारी होनी चाहिए -

  • कैंसर इनवेसिव है या नॉन-इनवेसिव - यानी कैंसर कोशिकाएं आसपास की कोशिकाओं या ऊतकों तक फैला है या नहीं
  • ट्यूमर कितना बड़ा है 
  • लिम्फ नोड्स शामिल हैं या नहीं
  • कैंसर अन्य किसी अंग तक फैला है या नहीं

स्तन कैंसर के पांच मुख्य स्टेज होते हैं:

  • स्टेज 0 - स्तन कैंसर डक्टल कार्सिनोमा इन सीटू (Ductal Carcinoma In Situ, DCIS) है। यह एक प्रकार की कैंसर से पूर्व होने वाली उत्पत्ति है। DCIS में कैंसर कोशिकायें स्तन के डक्ट्स में रहती हैं और आपस के ऊतकों तक नहीं पहुंची होतीं।
  • स्टेज 1 - स्टेज 1 ट्यूमर्स का आकार 2 सेंटीमीटर (cm) से बड़ा नहीं होता। इस स्टेज के कैंसर में लिम्फ नोड्स प्रभावित नहीं होते।
  • स्टेज 2 - इस स्टेज के स्तन कैंसर दो प्रकार के होते हैं। पहले प्रकार में, ट्यूमर का आकार 2 cm से बड़ा नहीं होता लेकिन कैंसर लिम्फ नोड्स तक फ़ैल जाता है। दुसरे प्रकार में, ट्यूमर का आकार 2 से 5 cm के बीच होता है लेकिन कैंसर लिम्फ नोड्स या आसपास के ऊतकों तक नहीं फैला होता।
  • स्टेज 3 - इस स्टेज में कई प्रकार के कैंसर हो सकते हैं। पहले में ट्यूमर का आकार 5 cm से बड़ा नहीं होता लेकिन यह कैंसर आसपास के ऊतकों या लिम्फ नोड्स तक फ़ैल चुका होता है। ऐसा भी हो सकता है कि कैंसर छाती या त्वचा तक फैला हो लेकिन लिम्फ नोड्स तक नहीं। अन्य प्रकार में ट्यूमर किसी भी आकर का हो सकता है और लिम्फ नोड्स तक फ़ैल सकता है (भले ही वे दूर हों)।
  • स्टेज 4 - इस स्टेज में ट्यूमर किसी भी आकार का हो सकता है और, ट्यूमर पास और दूर दोनों तरह के लिम्फ नोड्स तक फ़ैल चुका है।


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ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर) की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Breast Cancer in Hindi

ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर) के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

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टेस्ट का नाम


ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर) पर आम सवालों के जवाब

सवाल 4 साल से अधिक पहले

आपको कैसे पता चलेगा कि आपको ब्रेस्ट कैंसर है?

Dr Anjum Mujawar MBBS, MBBS , आकस्मिक चिकित्सा

ब्रेस्ट में कैंसर का पता लगाने के लिए आप खुद इसकी जांच कर सकते हैं। अगर जांच करते समय आपको ब्रेस्ट में गांठ जैसा महसूस होता है तो आप डॉक्टर से ब्रेस्ट की मैमोग्राफी करवा लें।

सवाल 4 साल से अधिक पहले

ब्रेस्ट कैंसर के मुख्य कारण क्या हैं?

Dr. Sangita Shah MBBS , General Physician

ब्रैस्ट कैंसर आपको जेनेटिक प्रॉब्लम, रेडिएशन के संपर्क में आने और उम्र बढ़ने के साथ भी हो सकता है।

सवाल 4 साल से अधिक पहले

क्या ब्रेस्ट कैंसर में दर्द होता है?

Dr. Haleema Yezdani MBBS , सामान्य चिकित्सा

जी नहीं, ब्रेस्ट कैंसर में दर्द नहीं होता है।

सवाल 4 साल से अधिक पहले

क्या तीसरे स्टेज का ब्रेस्ट कैंसर ठीक हो सकता है?

Dr. Manju Shekhawat MBBS , सामान्य चिकित्सा

तीसरे चरण में, ब्रेस्ट कैंसर बाहर तक फैल जाता है और इसे शुरुआती चरण की तुलना में ठीक करना ज्यादा मुश्किल होता है। जल्द इलाज शुरू कराने से तीसरे चरण के ब्रेस्ट कैंसर को ठीक किया जा सकता है लेकिन इसका इलाज मुश्किल होता है और इसे पूरी तरह से ठीक कर पाना भी कठिन होता है।