गर्मियां भला किसे परेशान नहीं करती। पशु-पक्षी, इंसान हर कोई गर्मी से बेहाल रहता है। धरती मानो आग का गोला बन जाती है। आसमान से आग बरस रही होती है कहीं पानी की किल्लत तो कहीं लू के थपेड़े सबसे अधिक कठिनाई का सामना गर्मी में ही करना पड़ता है। ऐसे में छोटे बच्चों पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है। शिशुओं की भाषा समझना जितना कठिन है उनकी देखभाल करना उतना ही चुनौतीपूर्ण होता है। आज हम इस लेख में बताएंगे की गर्मियों में छोटे बच्चों का ख्याल कैसे रखना चाहिए?

(और पढ़ें - गर्मियों में क्या खाना चाहिए)

गर्मियों में अपने बच्चे का ख्याल रखने के लिए आप निम्नलिखित तरीके अपना सकते हैं:

सही कपड़े चुनें: 

शिशुओं के लिए ऐसे कपड़े ही चुनें जो उन्हें गर्मियों में आराम दे सके। सिंथेटिक फाइबर जैसे कि नायलॉन, पॉलिएस्टर, रेयान से बने कपड़ों की तुलना में कॉटन के कपड़े पसीना सोखने में अधिक सक्षम होते हैं।

(और पढ़ें - ज्यादा पसीना आना रोकने के घरेलू उपाय)

बच्चों का आहार: 

बच्चों के आहार का ध्यान रखना सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है। उन्हें गर्मियों में ज्यादा तले - भुने खाद्य पदार्थ नहीं देने चाहिए क्योंकि इससे बच्चों का पेट भी खराब हो सकता है।(और पढ़ें - पेट के रोग के लक्षण)

  • बच्चे को खाने के साथ एक कप उबला दूध देना चाहिए।
  • जब कभी भी परिवार के साथ बाहर घूमने जाए तो पका हुआ खाना न ले जाकर फल और कुकीज आदि ले जाएं क्योंकि पका हुआ भोजन गर्मी में खराब हो सकता है।   
  • बच्चों को गर्मियों में ज्यादा तेल-मसाले आदि के इस्तेमाल से बना भोजन नहीं देना चाहिए।

पानी: 

गर्मियों के दौरान लिया जाने वाला अत्यधिक महत्वपूर्ण तरल पदार्थ पानी होता है।

  • बच्चा कितने समय में कितनी बार पेशाब जाता है, इस पर विशेष नजर रखें अगर थोड़े से भी डिहाइड्रेशन के लक्षण नजर आते हैं तो डॉक्टर से सम्पर्क करें। (और पढ़ें - पेशाब कम आने के कारण)
  • गर्मियों में बच्चों में डिहाइड्रेशन रोकने के लिए उन्हें करीब 300 से 350 ग्राम पानी पिलाना चाहिए।
  • मिनिरल वाटर का इस्तेमाल करते समय बोतल की सील को जरूर जांच लेना चाहिए।
  • जिस समय सबसे ज्यादा गर्मी होती है (10 से 5 का समय) बच्चों को घर से बाहर न जाने दें। 
  • बच्चों को सुबह जल्दी या शाम को देर से बाहर टहलाने ले जाएं।(और पढ़ें - सुबह की सैर के फायदे)

गर्मी के मौसम में पड़ने वाले चकत्ते:

  • गर्मी के दिनों में चेहरे, गर्दन, हाथ पर छोटे लाल चकत्ते पड़ना आम है। ऐसे में बच्चे को गुनगुने पानी से नहलाएं।(और पढ़ें - हाथ में दर्द के लक्षण)
  • बच्चों की त्वचा बहुत नाजुक होती है ऐसे में नहाने के लिए हल्के साबुन का इस्तेमाल करें।
  • गर्मियों में डायपर पहनाने से पड़ने वाले चकत्ते आम होते हैं ऐसे में जब तक जरूरत न हो शिशुओं को डायपर न पहनाएं। (और पढ़ें - डायपर रैश का इलाज)
  • बच्चों को तंग या बेहद टाइट कपड़े न पहनाएं।(और पढ़ें - त्वचा पर चकक्तों )

बच्चों को मच्छरों या कीड़ों से दूर रखें:

  • शिशुओं के लिए सही तरह का कीड़े भागने का स्प्रे उपयोग करें और मच्छरों को दूर रखें।(और पढ़ें - मच्छरों से छुटकारा पाने के उपाय)
  • प्राकृतिक चीजों से बने कीडे भगाने के स्प्रे बाजार में उपलब्ध हैं, उनका ही उपयोग करना चाहिए।(और पढ़ें - मच्छर के काटने पर क्या लगाएं)
  • कूलर का उपयोग किया जाता है, तो उसे नियमित रूप से साफ किया जाना चाहिए। मच्छरों या अन्य कीड़ों के प्रजनन को रोकने के लिए कूलर का पानी बदलते रहना चाहिए।

गर्मियों में बच्चों का अधिक ध्यान रखने की जरूरत होती है क्योंकि गर्मी में बच्चे जल्दी बीमार पड़ते हैं। ऐसे में ऊपर लिखे बिंदुओं का ध्यान रखकर बच्चों को चिलचिलाती गर्मी में भी स्वस्थ रखा जा सकता है। इसके अतिरिक्त अगर बच्चे को कोई तकलीफ होती है तो डॉक्टर से सम्पर्क करना ठीक रहेगा क्योंकि जब बात बच्चों की हो तब किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं करनी चाहिए। (और पढ़ें - गर्मी में लू से बचने के उपाय)

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