हम सब जानते हैं कि विटामिन सी शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्य करता है, और मुख्य रूप से विटामिन सी इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए जाना जाता है। 

 
  1. विटामिन सी इम्यूनिटी को कैसे बढ़ाता है
  2. एलर्जी के लिए विटामिन सी कितना प्रभावी है?
  3. विटामिन सी किस तरह की एलर्जी में लाभकारी है?
  4. एलर्जी से बचने के लिए कितनी मात्रा में विटामिन सी लें ?
  5. विटामिन सी लेते समय सावधानियां
  6. विटामिन सी युक्त फल और सब्जियां
  7. सारांश

विटामिन सी को हमेशा से प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए जाना जाता है। यह श्वेत रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ा कर इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए लाभकारी है ताकि शरीर बेहतर तरीके से संक्रमण से लड़ सके। इसके अलावा, विटामिन सी शरीर में एंटीबॉडी और प्रोटीन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए जरूरी है ताकि शरीर में पाए जाने वाले हानिकारक पदार्थों को खत्म किया जा सके। यह आयरन के अवशोषण में भी सहायता करता है, जो पूरे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन और ऑक्सीजन परिवहन के लिए एक आवश्यक खनिज है। पर्याप्त विटामिन सी का सेवन सुनिश्चित करके, हम आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया को रोक सकते है। 

विटामिन सी केवल एक साधारण प्रतिरक्षा बूस्टर नहीं है। यह कोलेजन उत्पादन और त्वचा के स्वास्थ्य को अच्छा बनाने के साथ ही सूजन को कम करने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने तक कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। 

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इस बात के कुछ प्रमाण हैं कि विटामिन सी, जिसे एस्कॉर्बिक एसिड भी कहा जाता है, कुछ एलर्जी को ठीक करने में मदद कर सकता है। विटामिन सी एक प्राकृतिक एंटीहिस्टामाइन और एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि विटामिन सी एलर्जी से होने वाली  सूजन और अन्य संबंधित लक्षणों को कम कर सकता है।

शरीर में एलर्जी , इम्यून सिस्टम के कमजोर होने के कारण होती है और इम्यून सिस्टम को कमजोर करने का कारण एलर्जेन नामक वायरस का हमला है जो इम्यून सिस्टम से प्रतिक्रिया करता है और एलर्जी को बढ़ावा देता है।

अन्य प्रकार की एलर्जी भोजन से , पालतू जानवरों के बालों या रूसी से और कुछ प्रकार के प्रोटीन से हो सकती है।  अक्सर एलर्जी होने पर शरीर की कुछ कोशिकाएं सक्रिय हो जाती हैं और एलर्जी को रोकने में मदद करने के लिए हिस्टामाइन छोड़ती हैं। एलर्जी के लक्षण तब होते हैं जब आपका शरीर किसी एलर्जी के जवाब में हिस्टामाइन छोड़ता है। विटामिन सी एक प्राकृतिक एंटीहिस्टामाइन है जो कई छोटे अध्ययनों से पता चला है कि एलर्जी के लक्षणों को कम कर सकता है। लेकिन हिस्टामाइन के भी कुछ दुष्प्रभाव होते हैं।

हिस्टामाइन निम्नलिखित एलर्जी लक्षणों को ट्रिगर कर सकता है जैसे -

  • बहती नाक
  • छींक आना

  • लाल, पानी भरी आँखें

  • खुजली

  • खरोंच

  • दमा

  • उल्टी या दस्त

  • सूजन

  • एनाफिलेक्सिस, वायुमार्ग में सूजन

हल्की मौसमी या पर्यावरणीय एलर्जी के लिए, एंटीहिस्टामाइन दवाएं हिस्टामाइन और उसके प्रभावों को रोक सकती हैं  , लेकिन उनके अवांछित दुष्प्रभाव हो सकते हैं ।

इस के विपरीत विटामिन सी एंटीहिस्टामाइन दवाओं से अलग कार्य करता है, विटामिन सी, हिस्टामाइन रिसेप्टर्स को रोकने के बजाय हिस्टामाइन की मात्रा को कम करता है। शोध से पता चलता है कि किसी व्यक्ति द्वारा 2 ग्राम विटामिन सी लेने के बाद हिस्टामाइन का स्तर लगभग 38% कम हो सकता है। इस लिए विटामिन सी का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।  

एलर्जी या संक्रामक रोगों से पीड़ित 89 लोगों पर एक अध्ययन किया गया जिस में ये पाया गया कि जिन लोगों ने हर रोज करीब 7.5 ग्राम विटामिन सी का सेवन किया , उनके रक्त में लगभग 50% कम हिस्टामाइन था।  

एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि IV के माध्यम से 7.5 ग्राम विटामिन सी की खुराक लेने से  एलर्जी से पीड़ित 97% लोगों में नाक बहने, छींकने, खुजली, बेचैनी और नींद की समस्याओं जैसे एलर्जी के लक्षणों में कमी देखी गई।  

एलर्जी पर विटामिन सी के कितने प्रभाव हैं ? ये जानने के लिए अभी कुछ और शोधों की जरूरत है लेकिन इम्यून सिस्टम मजबूत रखने के लिए विटामिन सी बहुत जरूरी है।  

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हमारे शरीर में हर विटामिन सी के साथ ही और भी सभी तरह के विटामिन के ढेर सारे फायदे होते हैं। इन ही अद्भुत लाभों को एक साथ प्राप्त करने के लिए आजमाएँ - माई उपचार द्वारा निर्मित मल्टी विटामिन विद प्रो बायोटिक कैप्सूल 

 
 
 

विटामिन सी मौसमी या पर्यावरणीय एलर्जी के कारण होने वाले ऊपरी श्वसन लक्षणों को कम करता है। सामान्य रूप से पराग से होने वाली एलर्जी , फफूंद, धूल और पालतू जानवरों की रूसी शामिल हो सकती हैं।

इन एलर्जी के साथ, नाक या साइनस में हिस्टामाइन प्रतिक्रिया होती है, जिसके परिणामस्वरूप एलर्जिक राइनाइटिस होता है जिस से  - नाक बहना, छींक आना, नाक बंद होना और लाल, पानी वाली आँखें होना शामिल है । एलर्जी  फेफड़ों में भी प्रतिक्रिया उत्पन्न कर सकती है जिससे अस्थमा हो सकता है। 

विटामिन सी के एंटीहिस्टामाइन गुण एलर्जिक राइनाइटिस और अस्थमा को कम करने में मदद कर सकते हैं। कुछ शोधों से यह भी पता चलता है कि विटामिन सी के एंटीऑक्सीडेंट गुण फेफड़ों में कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव क्षति से बचाकर फेफड़ों के कार्य की रक्षा कर सकते हैं।  

मौसमी या पर्यावरणीय एलर्जी की तुलना में, खाद्य एलर्जी अधिक गंभीर प्रतिक्रिया पैदा करती है और पाचन तंत्र, त्वचा, आंखों और गले के साथ-साथ श्वसन पथ को भी प्रभावित कर सकती है। इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि विटामिन सी खाद्य एलर्जी को रोक सकता है या उसका इलाज कर सकता है। यदि आपके या आपके परिवार में किसी को पहले से ही भोजन से होने वाली एलर्जी का इतिहास रहा है तो ऐसे भोजन से बचना चाहिए जो प्रतिक्रिया का कारण बनता है। विटामिन सी मौसमी या पर्यावरणीय एलर्जी के इलाज में मदद कर सकता है, जिसमें एलर्जिक राइनाइटिस, साइनस कंजेशन और अस्थमा जैसे लक्षण होते हैं। 

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एलर्जिक राइनाइटिस से बचने के लिए डॉक्टर प्रतिदिन 2,000 मिलीग्राम विटामिन सी लेने की सलाह देते हैं। वैसे विटामिन सी के लिए अनुशंसित मात्रा पुरुषों के लिए 90 मिलीग्राम प्रति दिन और महिलाओं के लिए 75 मिलीग्राम प्रति दिन है। 

चूँकि यह विटामिन शरीर में संग्रहीत नहीं होता है, इसलिए विषाक्तता का जोखिम कम होता है। इस प्रकार, पूरक के रूप में विटामिन सी लेना सुरक्षित है और अगर मात्रा अधिक भी हो जाती है तो शरीर किसी भी अतिरिक्त मात्रा को मूत्र के माध्यम से उत्सर्जित कर देता है। 

लेकिन ये ध्यान रखने योग्य बात है कि कुछ लोगों के लिए, 2,000 मिलीग्राम से अधिक विटामिन सी की खुराक मतली, उल्टी या दस्त का कारण बन सकती है। इस लिए इन दुष्प्रभावों से बचने के लिए अनुशंसित ऊपरी सीमा 2,000 मिलीग्राम प्रति दिन है। इस लिए शुरुआत में थोड़ी मात्रा से शुरू करें और समय के साथ इस की मात्रा बढ़ाते जाएँ ताकि शरीर को भी विटामिन सी को अवशोषित करने के लिए पर्याप्त समय मिले। 

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  • यदि आपको कोई एलर्जी है जो गंभीर लक्षण पैदा करती है, तो अपने डॉक्टर से सलाह लेकर अन्य दवाओं का भी सेवन करें , केवल विटामिन सी पर निर्भर न रहें। हालाँकि, अन्य दवाओ के साथ विटामिन सी लेने के लिए आप अपने डॉक्टर से पूछ सकते हैं।  

  • ये ध्यान रखने योग्य बात है कि कई बार विटामिन सी विशेष रूप से विकिरण, कीमोथेरेपी और कुछ कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाओं के प्रभाव को कम कर सकता है। इस लिए अगर इस तरह की दवाइयों का सेवन आप कर रहे हों तो अपने डॉक्टर की सलाह से ही विटामिन सी का सेवन शुरू करें। 
  • विटामिन सी आयरन के अवशोषण को बढ़ाता है। अधिकांश लोगों के लिए यह कोई समस्या नहीं है। हालाँकि, कुछ असामान्य स्थितियों में हेमोक्रोमैटोसिस नामक स्थिति हो सकती है, जिसमें शरीर में बहुत अधिक आयरन जमा हो जाता है जो ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकता है ।

अंत में, यदि आपको किडनी से संबंधित कोई बीमारी या किडनी में पथरी होने का खतरा है तो  विटामिन सी की खुराक लेने में सावधानी बरतनी चाहिए क्यूंकी विटामिन सी का अधिक सेवन गुर्दे की पथरी को बढ़ा सकता है। 

विटामिन सी लेने के ढेरे सारे फायदे हैं लेकिन एक बार स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर के साथ फायदे और नुकसान पर चर्चा करना हमेशा एक अच्छा विचार है।

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  • पालक

  • खट्टे फल और जूस

  • कीवी फल

  • स्ट्रॉबेरीज

  • टमाटर और टमाटर का रस

विटामिन सी की खुराक, बायोफ्लेवोनॉइड्स के साथ और उसके बिना दवा की दुकानों और ऑनलाइन उपलब्ध हैं।

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विटामिन सी एलर्जी के जवाब में शरीर द्वारा उत्पादित हिस्टामाइन की मात्रा को कम करके एक प्राकृतिक एंटीहिस्टामाइन के रूप में कार्य करता है। यह एलर्जिक राइनाइटिस के कारण छींकने, नाक बहने, नाक बंद होने और आंखों से पानी आने जैसे हल्के लक्षणों को कम कर के फेफड़ों की कार्यप्रणाली को सुरक्षित रखने और अस्थमा के जोखिम को कम करने में भी मदद कर सकता है।

इसमें कोई संदेह नहीं है कि विटामिन सी सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। और कहीं न कहीं इस की कमी को पूरा करने के लिए आहार गुणवत्ता पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है, इस लिए फलों और सब्जियों जैसे विटामिन सी से भरपूर पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ अपने आहार में जरूर शामिल करें ।

 
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