आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम स्थित एक केमिकल प्लांट से जहरीली गैस लीक होने से पांच से सात लोगों के मारे जाने और 200 की तबीयत खराब होने की खबर है। मृतकों में एक बच्चा भी शामिल है। अन्य पीड़ितों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। राज्य के अधिकारियों ने बताया है कि घटना के बाद एंबुलेंस, दमकल और पुलिसकर्मी केमिकल प्लांट पहुंच गए हैं।

एनडीटीवी के मुताबिक, यह प्लांट 'एलजी पॉलीमर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड' नाम की कंपनी का है। अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि गैस लीक होने के बाद प्लांट के नजदीक गांव में रहने वाले लोगों को आंखों मे जलन और सांस लेने में दिक्कत होने लगी। इसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

इस बीच, ग्रेटर विशाखापट्टनम नगर निगम ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से घटना की जानकारी देते हुए बताया, 'गोपालपटनम स्थित एलजी पॉलीमर्स में गैस लीक होने की घटना का पता चला है। इलाके के आसपास रहने वाले लोगों से आग्रह है कि घरों से बाहर न निकलें।' इसके अलावा नगर निगम ने लोगों को हिदायत दी है कि वे नाक और मुंह को ढंकने के लिए गीले मास्क या कपड़े का इस्तेमाल करें।

इस घटना से जुड़े कुछ वीडियो मीडिया और सोशल मीडिया में सामने आए हैं। इन्हें देखकर घटनास्थल के हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है। वीडियो में कई लोगों को पीड़ितों की मदद करते और उन्हें एंबुलेंस में पहुंचाते दिख रहे हैं। कुछ अन्य वीडियो में करीब दस लोगों को सड़क पर पड़ा देखा जा सकता है। अभी यह नहीं कहा जा सकता कि वे बेहोश हुए हैं या उनकी मौत हो गई है।

एलजी पॉलीमर्स प्लांट का नाम पहले हिंदुस्तान पॉलीमर्स था, जिसे 1961 में स्थापित किया गया था। बाद में 1997 में दक्षिण कोरिया की एली चेम नाम की कंपनी ने इसे टेकओवर कर लिया, जिसके बाद प्लांट का नाम एलजी पॉलीमर्स इंडिया हो गया। इस प्लांट में पॉलीस्टरीन (हल्के प्लास्टिक का प्रकार) और एक्सपैंडेबल पॉलीस्टरीन बनाया जाता है, जिनका इस्तेमाल प्लास्टिक के उत्पाद बनाने में किया जाता है।

इस घटना से जुड़ी प्रारंभिक रिपोर्टों में बताया गया है कि संभवतः प्लांट से पॉलीविनाइल क्लोराइड (पीवीसी या विनाइल) का रिसाव हुआ है। प्लास्टिक के उत्पादों के निर्माण में इस पदार्थ का काफी ज्यादा इस्तेमाल होता है। लेकिन गैस के रूप में यह सिंथैटिक प्लास्टिक बहुत खतरनाक है, जिसके संपर्क में आने पर व्यक्ति की जान भी जा सकती है।

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